Tuesday 27 September 2022

साइकिल चलाकर शिक्षकों ने लिया परिसर को हरा-भरा बनाने का संकल्प : ट्रस्ट ने भेंट की ट्राइसिकल और साइकिल

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर को हरा भरा बनाने की मुहिम पहले से चल रही है। इसके तहत परिसर में विभिन्न संस्थाओं ने एक ट्राइसिकल और सात साइकिल भेंट की है, ताकि परिसर में घूमने के लिए साइकिल का उपयोग किया जा सके। मंगलवार को इसका शुभारंभ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य किया।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. मौर्य ने कहा कि परिसर में ज्यादा से ज्यादा साइकिल का उपयोग होगा तो परिसर प्रदूषणमुक्त होगा। इससे विश्वविद्यालय परिवार के लोग का जहां स्वास्थ्य अच्छा होगा वहीं परिसर हरियाली से खिलाखिला उठेगी। उन्होंने शिक्षकों और कर्मचारियों से अपील की है कि वह परिसर को हरा-भरा बनाने का संकल्प लें। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारियों ने साइकिल चलाकर इस अभियान की शुरुआत की। यह साइकिल गेट पर गार्ड के पास रहेगी। इसका उपयोग कोई भी अपना परिचय पत्र जमाकर कर सकता है। ट्राइसिकल को सीवीके चैरिटेबल ट्रस्ट तेलियाबाग वाराणसी और साइकिल को क्षमा ट्रस्ट, रोवर्स रेंजर, समता फाउंडेशन, प्रियदर्शनी अशोक चैरिटेबिल ट्रस्ट जौनपुर ने विश्वविद्यालय को भेंट की है। इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय कुमार राय, सहायक कुलसचिव अमृतलाल, अजीत सिंह, श्रीमती बबिता सिंह, डा. अमित वत्स, प्रो. अविनाश पार्थीडेकर, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. प्रदीप कुमार, डा. मनोज मिश्र, डॉ जाह्नवी श्रीवास्तव, डा. सुनील कुमार, डा. सुशील कुमार, डा. अनुराग मिश्र, डा. प्रमोद कुमार कौशिक, डा. लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, रामगोपाल आदि उपस्थित थे।

Monday 26 September 2022

सबको जोड़ती है भाषा की मिठासः कुलपति

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में हुआ विविधता में एकता कार्यक्रम  
जौनपुर । वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में सोमवार को विविधता में एकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजनI सरकार के सेवा पखवारा के तहत किया गया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर निर्मला एस मौर्य ने कहा कि हमारी भाषा में जो मिठास है वह कहीं नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति ने विविधता का सम्मान किया तभी देश में एकता कायम है। उनका मानना है कि भाषा माला के मोती की तरह होती है और बीच में लाकेट उसकी संस्कृति का काम करती है। अगर सभी मोती एक ही धागे में है तो लाकेट का भी सम्मान है। कहने का अभिप्राय यह है कि विविध भाषाओं की एकता ही संस्कृति को मजबूत बनाती है। कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि भारतीय संस्कृति का व्यवहार हमें विविधता में एकता का संदेश देती है। यह सबको जोड़ना सिखाती है। इसमें सबको आत्मसात करने की क्षमता है। यहीं हमें विश्वगुरू बनने का मार्ग दिखाती है।

वित्त अधिकारी संजय कुमार राय ने कहा कि जो संस्कृति विकसित होती है वह भूगोल के साथ आगे बढ़ती है, जिस देश की संस्कृति सबको आत्मसात करने की हो वहीं देश सम़ृद्ध होने के साथ ताकतवर भी होता है।

इसके पूर्व मुक्तांगन परिसर में व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें 28 प्रांतों के व्यंजन तैयार किये गए थे। इसके बाद देश के दो दर्जन से अधिक प्रांतों के विभिन्न राज्यों की संस्कृति का मनमोहक नृत्य विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किया। नाट्य मंचन के द्वारा भी प्रतिभागियों ने विविधता में एकता का संदेश दिया। कार्यक्रम में बाल कलाकारों की प्रस्तुति ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर पुस्तकालय प्रभारी विद्युत मल्ल ने बंगला में स्वागत किया। प्रो. राजेश शर्मा समेत कई लोगों ने विभिन्न भाषाओं में अपनी प्रस्तुति कर लोगों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया।   
कार्यक्रम का संचालन सहसमन्वयक डॉ.जाह्नवी श्रीवास्तव, अतिथियों का स्वागत डॉ मनीष कुमार गुप्ता ने और धन्यवाद ज्ञापन मीडिया प्रभारी डॉ सुनील कुमार ने किया।
इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, सहायक कुलसचिवगण अमृत लाल, अजीत सिंह, श्रीमती बबिता सिंह, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. वंदना राय, प्रो. अजय द्विवेदी प्रो. राजेश शर्मा, प्रो.देवराज सिंह, प्रो. संदीप सिंह, डॉ राजकुमार, डॉ मनोज मिश्र,  डॉ. संतोष कुमार,  डॉ. प्रमोद यादव, डॉ रसिकेश, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. चंदन सिंह, डॉ नितेश जायसवाल, डॉ. श्याम कन्हैया सिंह  डॉ सुजीत चौरसिया, सुश्री अन्नू त्यागी, डॉक्टर धीरेंद्र चौधरी, डॉ डा. विनय वर्मा, डा. लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, रामगोपाल, डॉ. इन्द्रेश गंगवार, विद्युत मल्ल आदि उपस्थित थे।

Saturday 24 September 2022

अत्याधुनिक टेक्निकल सेल का उद्घाटन किया कुलपति ने

सारी सुविधाएं ऑनलाइन कर दी गई: अमरेंद्र सिंह

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संकाय भवन स्थित टेक्निकल सेल के अत्याधुनिक कार्यालय का उद्घाटन शनिवार को कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने किया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि  टेक्निकल सेल में अब विद्यार्थियों  की समस्याओं का त्वरित निस्तारण किया जाएगा। इससे किसी भी विद्यार्थी को अपनी समस्या के लिए बार-बार कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।  टेक्निकल सेल के प्रभारी डॉ अमरेंद्र सिंह ने कहा कि सारी सुविधाएं ऑनलाइन कर दी गई है। मार्कशीट, सर्टिफिकेट, पुनर्मूल्यांकन, स्क्रुटनी की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन कर दिया गया है , ताकि कार्य में पारदर्शिता हो और विद्यार्थियों की समस्याओं का तत्काल समाधान हो सके।
इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय कुमार राय, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, सहायक कुलसचिव दीपक सिंह, अजीत सिंह, प्रो. वंदना राय, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर,प्रो.अशोक श्रीवास्तव, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. प्रदीप कुमार,‌ प्रो. संदीप सिंह,  प्रो.रजनीश भास्कर, प्रो. नुपुर तिवारी, डॉ.संतोष कुमार, डॉ. मनीष प्रताप सिंह, डॉ.राजकुमार, डॉ.मनीष गुप्ता, डॉ मनोज मिश्र, डॉ.प्रमोद कुमार, डॉ.रसिकेश, सुनील कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ.धीरेंद्र चौधरी, डॉ.अमित वत्स, डॉ.पुनीत धवन, डॉ. मंगला यादव, प्रवीण कुमार सिंह, अभिषेक सिंह, धर्मेंद्र सिंह, डॉ पीके कौशिक,सतीश सिंह, अंकुर, श्रीमती मीना, लाल बहादुर आदि उपस्थित थे।

विदेशों में हिंदी की बढती लोकप्रियता :विश्व भाषा के रूप में हिंदी के बढ़ते कदम -एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी - दिनांक 23 सितम्बर 2022

एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी 
दिनांक 23 सितम्बर 2022

विदेशों में हिंदी की बढती लोकप्रियता :विश्व भाषा के रूप में हिंदी के बढ़ते कदम 



















 

Thursday 22 September 2022

हुनरमंद को विश्वविद्यालय आगे बढ़ाएं: सांसद सीमा द्विवेदी

कौशल विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र में सिलाई मशीन आपरेटर प्रशिक्षण का हुआ उद्घाटन
जौनपुर । वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कौशल विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र में सिलाई मशीन आपरेटर प्रशिक्षण का उद्घाटन मंगलवार को राज्यसभा सांसद श्रीमती सीमा द्विवेदी के कर कमलों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि श्रीमती सीमा द्विवेदी ने कहा कि कौशल हर व्यक्ति में होता है आज इसे पहचान कर उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना कौशल विकास का उद्देश्य है। विश्वविद्यालय ऐसे लोगों की पहचान कर उनके हुनर का सम्मान कर उन्हें  आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि परिवार के भरण पोषण का माध्यम बने कौशल विकास। ये ब्लॉक स्तर पर शुरू करके कार्यक्रम को सफल बनाएं ताकि लोकल फार वोकल के बढ़ावा मिले।
बतौर अध्यक्ष कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि कौशल विकास में  विश्वविद्यालय हर संभव मदद करेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय काम पर विश्वास रखता है हमारे में अगर चाह है तो हम हर काम को अंजाम दे सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि पीएमजी कामर्स एज लिमिटेड भदोही के प्रबंध निदेशक  डॉ. प्रतीक सिंह ने कहा
कि विश्वविद्यालय के कौशल विकास के माध्यम से आसपास के क्षेत्रों में रोजगार का विकास किया जा रहा है। सबको आत्मनिर्भर बनाने और अपना उद्योग शुरू करने के लिए कई योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि पीएमजी ग्रुप इसमें प्रशिक्षणार्थियों का सहयोग करेगी।
कौशल विकास मिशन के जिला समन्वयक राजीव कुमार सिंह ने कहा कि कौशल है तो कदर है। सबको हुनर सबको काम सरकार की योजना का लाभ उनको मिल सके। उन्होंने कहा कि शार्टकम ट्रेनिंग के माध्यम से रोजगार के अवसर का प्रयास किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कौशल विकास को इसीलिए महत्व दिया गया ‌है।
कौशल विकास एवं प्रशिक्षण केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. राजकुमार ने प्रगति आख्या प्रस्तुत की। साथ ही कौशल विकास की गतिविधियों और उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेगा।
वित्त अधिकारी संजय कुमार राय ने स्वागत भाषण, संचालन डॉक्टर जाह्नवी श्रीवास्तव और धन्यवाद ज्ञापन सुनील कुमार ने किया।
इस अवसर पर प्रो. अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. रजनीश भास्कर, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. गिरधर मिश्र, डॉ सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ.लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, संतोष उपाध्याय, सहायक कुलसचिव श्रीमती बबिता सिंह, दीपक सिंह आदि शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित थे।

राष्ट्रीय हिंदी सप्ताह समापन समारोह

 वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रो राजेंद्र सिंह रज्जू भैया संस्थान के आर्यभट्ट सभागार में राष्ट्रीय हिंदी सप्ताह समारोह के अंतर्गत आयोजित प्रतियोगिताओं  में स्थान प्राप्त प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी एवं कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य ने प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर उत्साहवर्धन किया।
समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी ने कहा कि हमारी मातृभाषा हिंदी है और जब हम हिंदी में एक दूसरे से बात करते हैं तो जो प्रेम उमड़ता है वह दूसरी भाषा में नहीं है। नारी की शोभा बिंदी से और देश की शोभा हिंदी से है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में हिंदी भाषा की बड़ी भूमिका रही है हिंदी की रचनाओं से जो संदेश प्रेषित किए गए उनसे क्रांति पैदा हुई।
कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य ने कहा कि राष्ट्रीय हिंदी सप्ताह की विविध गतिविधियां निश्चित तौर पर विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में बड़ी भूमिका अदा करेगी।  अतिथियों का स्वागत जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर मानस पांडे ने किया। राष्ट्रीय हिंदी सप्ताह के संयोजक डॉ आलोक गुप्ता ने गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
कार्यक्रम का संयोजन डॉ विनय वर्मा एवं संचालन  ने किया। इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय कुमार राय, प्रोफेसर देवराज सिंह, प्रो वंदना राय, प्रोफ़ेसर प्रदीप कुमार,डॉ राजकुमार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ.दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ गिरिधर, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ अन्नू त्यागी समेत शिक्षक विद्यार्थी उपस्थित रहे.

सभी बुराइयों की जड़ है नशाः अन्नू त्यागी

विद्यार्थियों को नशा मुक्ति की शपथ दिलाई गई

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संकाय भवन में राज्य में नशा मुक्ति अभियान को क्रियान्वित किए जाने के तहत बुधवार को बीएएलएलबी के विद्यार्थियों को नशा नहीं करने की शपथ दिलाई गई।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर की नोडल अधिकारी और मनोविज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर अन्नू त्यागी ने नशे को सभी बुराइयों की जड़ बताया। कहा कि इससे व्यक्ति हीं नहीं उसका पूरा परिवार प्रभावित होता है। नशा किसी भी प्रकार का हो वह नशा अपने परिवार को अपने पड़ोस को अपने समाज को खत्म करने की ओर ले जाता है, इसलिए हमें समाज में इस जागरूकता अभियान को मजबूती के साथ चलाना है। जनसंचार विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर और विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डा. सुनील कुमार ने कहा कि नशा उस दीमक की तरह है जो हमारी संस्कृति और सामाजिक ताना-बाना को अंदर-अंदर चाल देती है, इसलिए हमारे विद्यार्थियों की जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने परिवार के साथ-साथ पास पड़ोस को भी नशा करने से रोकें और उन्हें नशा ने होने वाले रोग और नुकसान के बारे में बताएं। दतोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान के निदेशक मंगला प्रसाद ने कहा कि नशीले पदार्थों के सेवन करने से विभिन्न प्रकार की बीमारियां जन्म लेती हैं जिससे समाज में लोगों को शारीरिक और आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने इसके दुष्प्रभावों पर विस्तार से प्रकाश डाला। विद्यार्थियों को शपक्ष छात्र प्रद्यम त्रिपाठी ने दिलाई। इस अवसर पर शिक्षक राजित सोनकर, डा. प्रमोद कुमार, डा. राहुल राय, डा. अंकित कुमार, डा. दिनेश सिंह आदि उपस्थित थे।

विद्यार्थियों ने सॉफ्टवेयर डिजाइनिंग के नए तरीके सीखे

इंजीनियरिंग संस्थान में स्टूडेंट क्लब की शुरुआत 

 वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय में गुरुवार के दिन प्रोग्रामिंग के क्षेत्र मे एक नई शुरुआत हुई । इंजीनियरिंग संकाय के कंप्यूटर साइंस विभाग के बच्चों और शिक्षकों द्वारा गूगल डेवलपर स्टूडेंट्स क्लब की शुरुआत की गयी ।  सॉफ्टवेयर डिजाइनिंग के क्षेत्र में विद्यार्थियों ने कोडिंग के माध्यम से डिजाइनिंग के नए तरीके सीखे।इस क्लब का पहला कार्यक्रम विश्वस्वरैया हाल मे हुआ । इस अवसर पर गरिमा पांडेय ने कंम्युनिटी के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला |
 कार्यक्रम मे पूरे एक साल में होने वाले सभी स्किल्स के बारे में अभिषेक तिवारी ने जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में बच्चों से सवाल जवाब मे यत्नदीप दुबे और अवनीश दुबे ने मिलकर उत्तर दिया और कम्युनिटी से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम को इंजीनियरिंग संकाय के डीन प्रो. बी बी. तिवारी और कंप्यूटर साइंस विभाग के हेड डॉ संजीव गंगवार द्वारा सॉफ्टवेयर  बनाया गया । इस कार्यक्रम में कंप्यूटर साइंस विभाग के शिक्षक अशोक कुमार यादव, डॉ दिव्येंदु मिश्रा, दीप्ति पांडेय, रविकांत यादव, संतोष यादव, सुनील यादव ,ज्ञानेंद्र पाल और छात्र भास्कर उपाध्याय, आदित्य पांडेय, रचित भरद्वाज,विनीत रौशन,मिली श्रीवास्तव और लगभग  सभी विभाग के 100 विधार्थी उपस्थित रहे |

Monday 19 September 2022

टी.बी. मुक्त भारत अभियान में पीयू रहेगा साथ: प्रो. निर्मला एस. मौर्य

करंजाकला स्वास्थ्य केंद्र पर 45 क्षय रोगियों को दिया गया पौष्टिक आहार

करंजाकला स्वास्थ्य केंद्र के सभागर में सोमवार को माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के निर्देश पर क्षय रोग जागरूकता एवं पौष्टिक आहार वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बतौर अध्यक्ष वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की  कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान में विश्वविद्यालय परिवार अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड काल की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद विश्वविद्यालय परिवार ने पूर्व में 66 क्षय रोगियों को गोद लेकर उनके स्वस्थ होने तक पूरी देखभाल की है। पुनः 779 क्षय रोगियों को गोद लेकर उनके स्वस्थ होने में लगातार मदद की जा रही है और आज 72 क्षय रोगियों को गोद लिया गया। टीबी की बीमारी को सावधानी और सही इलाज से मात दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सेवा से बढ़कर और कोई धर्म नही है। हम सभी सेवाभाव और उचित उपचार से प्रदेश और देश को 2025 तक टीबी मुक्त करेंगे। इस अवसर पर उन्होंने 45 क्षय रोगियों को पौष्टिक आहार का वितरण भी किया।

कुलसचिव महेंद्र कुमार ने सभी क्षय रोगियों को समय से दवा एवं पौष्टिक आहार लेने के लिए प्रेरित किया और कहा कि हमारा विश्वविद्यालय परिवार परहित सरिस धर्म नहिं भाई, पर पीड़ा सम नहिं अधमाई की भावना से आपके साथ है।

समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना डॉ राकेश कुमार यादव ने पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और अभी तक विश्वविद्यालय द्वारा क्षय रोगियों के लिए किए गए कार्यों को विस्तार से बताया। कार्यक्रम को प्रो. मानस पांडेय ने भी संबोधित किया। संचालन डॉ सुशील अग्रहरी और धन्यवाद ज्ञापन प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ विवेक ने किया। इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक वी.एन.सिंह, प्रो. सुरजीत यादव, डॉ. मनोज मिश्र, सहायक कुलसचिव श्रीमती बबिता सिंह, डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ राकेश कुमार बिंद, डॉ लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, डॉ अमित वत्स, डॉ विनय कुमार वर्मा, राजीव श्रीवास्तव, प्रमोद यादव, रवि कांत पांडेय, सर्वेश यादव, संदीप कुमार यादव आदि उपस्थित रहे।

Sunday 18 September 2022

पीयू के तीन शिक्षकों को मिला रिसर्च ग्रांट

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) भौतिकीय अध्ययन एवं शोध संस्थान के रसायन विज्ञान के दो शिक्षकों डॉ. दिनेश कुमार वर्मा व डॉ. मिथिलेश यादव और नैनोसाइंस सेंटर के वैज्ञानिक डॉ. सुजीत कुमार चौरसिया को कॉउंसिल ऑफ़  साइंस  एंड  टेक्नोलॉजी, उत्तर प्रदेश (यू.पी.सी.एस.टी) द्वारा क्रमशः 12-12 लाख रुपये प्रोजेक्ट के अन्तर्गत शोध कार्य के लिए मिला है। इस रिसर्च ग्रांट की अवधि तीन वर्षों की होगी। डॉ. दिनेश कुमार वर्मा, ग्रैफीन के नैनोकम्पोजिट से नैनो-लुब्रीकेंट तैयार करेंगे। इस विकसित नैनो लुब्रीकेंट का उपयोग वाहनों/मशीनों के इंजन में फिसलने वाली मेटैलिक सतहों के बीच घर्षण एवं घिसाव के कारण उत्पन्न गर्मी तथा मैटेलिक क्षति को कम करने में किया जायेगा। डॉ. वर्मा ने बताया कि विकसित लुब्रीकेंट पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ बहुत सस्ते होंगे तथा इनके उपयोग से वाहनों/मशीनों को चलाने की लागत बहुत कम हो जायेगी और इंजन खराब होने का खतरा नहीं रहेगा उसकी समय सीमा बढ़ जाएगी। इससे पहले डॉ. वर्मा, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (बी. एच. यू.), वाराणसी, में नैनो-लुब्रीकेंट के क्षेत्र में रिसर्च कर चुके हैं।

वही डॉ. मिथिलेश यादव "जैव आधारित खाद्य फिल्म से खाद्य पदार्थों के पैकेजिंग" के विषय पर शोध करेंगे। पैकेजिंग में खाद्य बायोफिल्म का प्रयोग, पेट्रोकेमिकल पॉलिमर के उपयोग को कम करता है जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों और उत्पादों के लिए उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग के साथ-साथ पर्यावरण की चिंताओं  को ध्यान में रखते हुए, बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग सामग्रियों का उपयोग उत्पाद की गुणवत्ता बनाए रखने में कर सकते हैं। खाद्य जैव-फिल्में, विभिन्न उत्पादों के शेल्फ लाइफ को बढ़ाती है। चूंकि जैव आधारित खाद्य पैकेजिंग फिल्में, रसायनों और प्लास्टिक के बजाय जैव-स्रोतों (पौधे और शैवाल) पुनर्नवीनीकरण सामग्री से बनाई जाती है, इसलिए वे पर्यावरण के लिए बेहतर होती है। सक्रिय पैकेजिंग खाद्य फिल्मों को तैयार करने के लिए आवश्यक तेलों को अक्सर बायोपॉलिमर में शामिल किया जाता है जो बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं और इस तरह भोजन को खराब होने से बचा सकते हैं। डॉ. यादव  इससे पहले दक्षिण कोरिया और ताइवान में बायो-पॉलीमर बेस्ड थिन-फिल्म का निर्माण करके खाद्य पैकेजिंग के क्षेत्र में उपयोग कर चुके हैं।  
इसी क्रम में, रज्जू भइया संस्थान में स्थित नैनो-साइंस सेंटर के वैज्ञानिक डॉ. सुजीत कुमार चौरसिया, पॉलीमर व बायोमास के अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग करके सुपरकैपेसिटर बनायेंगे, जिनका उपयोग मोबाइल, लैपटॉप, से लेकर इलेक्ट्रिक कारों तक में किया जा सकता है। डॉ. चौरसिया ने बताया कि इस सुपरकैपेसिटर को भविष्य में बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल में बैटरी के स्थान पर इस्तेमाल किया जा सकेगा जो बहुत ही कम टाइम में चार्ज हो जाता है और इसका उपयोग बहुत देर तक किया जा सकता है। डॉ. चौरसिया इससे पहले यूनिवर्सिटी ऑफ़ वारमिआ, पोलैंड व दिल्ली विश्वविद्यालय में पॉलीमर बेस्ड हल्के एवं लचीले कम्पोजिट पदार्थ का निर्माण करके सोडियम-आयन रिचार्जेबल बैटरी व सुपरकैपेसिटर सम्बंधित शोध कार्य कर चुके है।
इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने तीनों शिक्षकों को बधाई दी तथा यह उम्मीद जताई की भविष्य में रज्जू भैया संस्थान विज्ञान क्षेत्र में पूर्वांचल विश्वविद्यालय को विश्व पटल पर स्थापित करेगा। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो. देवराज सिंह, डॉ. प्रमोद कुमार यादव, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. नितेश जायसवाल, डॉ. अजीत सिंह, डॉ. श्याम कन्हैया सिंह, डॉ.आशीष वर्मा, डॉ. श्रवण कुमार, डॉ. दीपक मौर्य, डॉ. काजल कुमार डे, डॉ. धीरेन्द्र कुमार चौधरी, डॉ. अलोक वर्मा, सौरभ कुमार सिंह, संदीप वर्मा समेत विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षकों ने बधाई दी।

Thursday 15 September 2022

तकनीकी के दौर में मशीनें बताएंगी अपनी जरूरत: प्रो. देवेन्द्र सिंह

भगवान है सबसे बड़ा अभियंता : प्रो. निर्मला एस. मौर्य
साइबर अपराधियों से सचेत रहें  : एस.एस. उपाध्याय
उमानाथ सिंह इंजीनियरिंग संस्थान ने मनाया इंजीनियर्स डे

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में गुरुवार को इंजीनियर्स डे के अवसर पर रज्जू भैया संस्थान के आर्यभट्ट सभागार में  संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय था आत्मनिर्भर भारत में इंजीनियरों की भूमिका। इस अवसर पर बतौर  मुख्य वक्ता उत्तर प्रदेश राज्यपाल के पूर्व लीगल एडवाइजर एस एस उपाध्याय ने कहा कि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्वेश्वरैया जी की क्रांति को भुलाया नहीं जा सकता उनके प्रयास से देश  विकास की राह पर है। कहा कि जितने भी अच्छे शोध हुए हैं वे अभाव में हुए हैं। उनका रिश्ता गांव से ही रहा है। उन्होंने साइबर क्राइम पर विस्तार से प्रकाश डाला और इससे बचने के उपाय भी बताएं। साइबर अपराध से बचने के लिए अपने पासवर्ड और अन्य गोपनीय चीज किसी से शेयर नहीं करें। साइबर अपराधियों से बचने के लिए सचेत रहने की जरूरत है.
आईआईटी बीएचयू के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर देवेंद्र सिंह ने कहा इंजीनियरिंग की पढ़ाई मातृभाषा में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग की शुरुआत पॉलिसी और कानून से होती है । बिजली इंजीनियर बनाता है लेकिन बेच नहीं सकता, बेचने के लिए कानून बना है। कहा कि  होम एरिया नेटवर्क में मशीनें बोलेंगी कब, क्या इसकी जरूरत है।  यह सूचना इंटरनेट के माध्यम से आपके पास जाएगी। टेक्नोलॉजी के मामले में हम विश्व में कहीं पीछे नहीं है।  उन्होंने कहा कि बिजली की कीमत पर समाज का नजरिया सकारात्मक हो नहीं तो यह अधिक लोगों की पहुंच से दूर हो जाएगी।
इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि सबसे बड़ा अभियंता भगवान है, जिसने सृष्टि की रचना की। रामायण, महाभारत के समय भी इंजीनियर थे, जिन्होंने पुष्पक विमान बनाया था। एम विश्वेश्वरैया ने राष्ट्र निर्माण में काफी अहम योगदान दिया था। उन्होंने भारत के बांधों, जलाशयों और जल विद्युत परियोजना के निर्माण में अहम भूमिका अदा की थी। संकायाध्यक्ष प्रो बीबी तिवारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वेश्वरैया जी के जीवन पर प्रकाश डाला। प्रो.संदीप सिंह ने  विषय प्रवर्तन किया।  शिक्षकों ने संस्थान में स्थापित मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया जी के मूर्ति पर माल्यार्पण किया। इंजीनियरिंग संस्थान में विज्ञान प्रदर्शनी, विज्ञान क्विज, पोस्टर प्रस्तुतीकरण, एक्सटेंपोर रंगोली और भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का संचालन शेफाली, धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अशोक कुमार श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर प्रो.वंदना राय, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो.देवराज सिंह, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. रवि प्रकाश, प्रो. प्रदीप कुमार, डॉ. राजकुमार, डॉ. मनोज मिश्र, डा. गिरधर मिश्र,. संतोष कुमार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ संजीव गंगवार, डॉ अमरेंद्र कुमार सिंह, डॉ प्रवीण कुमार सिंह ज्योति प्रशांत सिंह, पूनम सोनकर, प्रीति शर्मा, जया शुक्ला आदि  उपस्थित रहीं।

Wednesday 14 September 2022

हिंदी की खुशबू विदेशों में भी: प्रो. निर्मला एस मौर्य


 वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय में बुधवार को हिंदी दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. विश्वविद्यालय २० सितम्बर तक राष्ट्रीय हिंदी सप्ताह समारोह का मना रहा है. इसमें विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे. 

हिंदी दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में कुलपति प्रो निर्मला एस मौर्य ने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है. इस भाषा  की  खुशबू  आज पूरे विश्व में फ़ैल रही है. देश ही नहीं विश्व के तमाम देशों में हिंदी बोलने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों में हिंदी भाषा की पढ़ाई हो रही है.उन्होंने अपनी विदेश यात्राओं के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि विदेश में अगर कोई हिंदी में बात करें तो और गर्व होता है.
विशिष्ट अतिथि टीडी कॉलेज जौनपुर की प्रो. वंदना दूबे ने कहा कि हिंदी जनमानस की भाषा है। यह इतनी समृद्ध है कि हर भाषा को स्वीकार कर उदारता का संदेश देती है। उन्होंने कहा कि अनुवाद के कारण हिंदी साहित्य निरंतर समृद्ध हो रही है. हिंदी के साहित्य जहां दूसरी भाषा में अनुदित हो रहे है वही दूसरी भाषा के साहित्य हिंदी में उपलब्ध हो रहे है. विभिन्न भाषाओं के विद्वानों को मिलकर काम करना होगा.
विश्वविद्यालय के शिक्षक प्रो. मानस पाण्डेय,  प्रो. रवि प्रकाश, डॉ. मनोज मिश्र एवं डॉ. रसिकेश ने काव्य पाठ किया. इसके साथ ही नीतीश दूबे, सुमित सिंह एवं विवेक पाण्डेय ने प्रस्तुति दी. वित्त अधिकारी संजय कुमार राय, कुलसचिव महेंद्र कुमार ने विचार व्यक्त किये. अतिथियों का स्वागत संयोजक डॉ. आलोक गुप्ता, संचालन डॉ दिग्विजय सिंह राठौर एवं धन्यवाद् ज्ञापन डॉ. सुनील कुमार ने किया. 
इस अवसर पर प्रो अजय द्विवेदी, प्रो देव राज, प्रो बीडी शर्मा, प्रो रजनीश भास्कर, प्रो राम नारायण, डॉ विनय वर्मा, प्रो नूपुर तिवारी, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ गिरिधर मिश्र, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ मनोज पाण्डेय, अमृत लाल, बबिता सिंह,  डॉ विद्युत् मल समेत शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे.

Saturday 10 September 2022

जनसंचार में रोजगार के लिए तकनीकी ज्ञान, भाषा पर हो अच्छी पकड़- प्रो. अनिल उपाध्याय

जनसंचार विभाग में संगोष्ठी का हुआ आयोजन

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में शनिवार को जनसंचार के क्षेत्र में रोजगार के अवसर विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल कुमार उपाध्याय ने कहा कि तकनीकी ने जनसंचार और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपार संभावनाओं को जन्म दिया है। इस क्षेत्र में रोजगार की तलाश करने वालों को आधुनिक तकनीक के साथ-साथ भाषा पर अच्छी पकड़ रखनी चाहिए। 

इसी क्रम में उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व मुख्य संपादक अरुणेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि मीडिया के क्षेत्र में बहुत तेजी से बदलाव आ रहे हैं , कार्य दायित्व भी बदले हैं। संस्थानों द्वारा मल्टी स्किल लोगों की मांग की जा रही है। वैश्विक घटनाओं पर न्यूज़ के साथ-साथ व्यूज भी विकसित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि रिपोर्टिंग की तकनीक में भी परिवर्तन आया है तथ्यों के साथ साथ उसके प्रस्तुतीकरण का भी ध्यान देना होगा।

डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष डॉ. विजयेंदु चतुर्वेदी ने कहा कि इंटरनेट ने रोजगार की अपार संभावनाएं विकसित की है। आज यूट्यूब और सोशल मीडिया आय के स्रोत हो गए हैं। इनकी बारीकियों को समझना होगा।जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने अतिथियों का स्वागत एवं संचालन डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने किया। इस अवसर पर डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अवध बिहारी सिंह, डॉ. चंदन सिंह, समेत विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे।


Wednesday 7 September 2022

राष्ट्रीय शिक्षा नीति से होगा सर्वांगीण विकास- उच्च शिक्षा राज्य मंत्री

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने पांच दिवसीय कार्यशाला का किया शुभारम्भ 

गुरुकुल की याद दिलाती है एनईपी- कुलपति 


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में बुधवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति : कार्यान्वयन, चुनौतियां एवं समावेशी समाधान विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र का शुभारंभ उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती रजनी तिवारी ने किया। यह आयोजन विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता सुनश्चयन प्रकोष्ठ द्वारा  किया जा रहा है ।
उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती रजनी तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति रोजगारपरक, संस्कारयुक्त  और व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करने वाली है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति बच्चे को पढ़ाई से दबाव मुक्त करके उसके मन के अनुरूप  शिक्षा ग्रहण करने का अवसर उपलब्ध करा रही है. इस नीति में बेरोजगारी को दूर करने का फार्मूला निहित  है इसके परिणाम दूरगामी है और इसका भविष्य उज्ज्वल है।

विशिष्ट अतिथि केंद्रीय विश्वविद्यालय गुजरात के प्रो. जे पी एन मिश्र ने कहा कि शिक्षा का मतलब नौकरी नहीं संस्कार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा ज्ञान के लिए नहीं व्यक्तित्व विकास के लिए है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति की जरूरत क्यों पड़ी, इस पर विस्तार से प्रकाश डाला।
अध्यक्षीय उद्बोधन में  कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भानुमती का पिटारा है। यह हमें गुरुकुल की याद दिलाती है। उन्होंने विद्या, शिक्षा और ज्ञान को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि परंपरागत शिक्षा को राष्ट्रीय शिक्षा नीति में महत्व दिया गया है। आईक्यूएसी सेल के समन्वयक प्रो. मानस पांडेय ने अतिथियों का स्वागत किया।
कार्यशाला की रूपरेखा छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो.  अजय द्विवेदी ने रखी। अतिथियों का  परिचय कार्यशाला के सह संयोजक डॉ मनोज पांडेय एवं नितेश जायसवाल ने कराया.संचालन डॉ. मनोज मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन प्रो.बीबी तिवारी ने किया। कुलपति प्रो निर्मला एस मौर्य ने मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती रजनी तिवारी को स्मृति चिन्ह,अंगवस्त्रम, गतिमान पत्रिका एवं स्वरचित गर्भ संस्कार पुस्तक भेंट की.
इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय राय परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, सहायक कुलसचिवगण, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. वंदना राय, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. देवराज सिंह, प्रो रजनीश भास्कर, शिक्षक संघ के अध्यक्ष विजय सिंह महामंत्री राहुल सिंह, एनएसएस समन्वयक राकेश यादव, डॉ. दिनेश तिवारी, सह संयोजक मनोज पांडेय, प्रो नूपुर तिवारी, प्रो. एसके पाठक, प्रो. रमेश मणि तिवारी, डा. विजय तिवारी, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. राजकुमार,  डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर,डॉ. रसिकेश, डॉ. गिरधर मिश्र, डॉ मनीष प्रताप सिंह, डॉ. प्रमोद कुमार समेत तमाम लोग उपस्थित रहे.






Monday 5 September 2022

जो सबसे सीखता है वहीं है शिक्षक: प्रो. निर्मला एस. मौर्य

पीयू में आयोजित हुआ शिक्षक सम्मान पर्व

अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया सम्मानित 

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर  शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन  किया गया। 
शिक्षक सम्मान समारोह में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि सच्चा शिक्षक वहीं है जो सबसे सीखता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक को दीपक की तरह होना चाहिए जो खुद जलकर दूसरों को रोशन करे। शिक्षक व्यक्ति का ही नहीं पूरे राष्ट्र का निर्माता होता है।उन्होंने कबीर की साखी के माध्यम से गुरु की महत्ता को रेखांकित किया और सर्वपल्ली राधाकृष्णन के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।
कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि अंधेरे से उजाले की ओर ले जाने वाला और भटके को रास्ता दिखाने वाला ही गुरु है। 
वित्त अधिकारी संजय कुमार राय ने कहा कि शिक्षकों के लिए चुनौती भरा समय है। उन्हें शिक्षा के तकनीकी प्रक्रिया से भी लड़ना है। इसके पूर्व डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर डाक्यूमेंट्री दिखाई गई। इस अवसर कई  शिक्षकों ने अपने विचार व्यक्त किए।शिक्षक सम्मान समारोह के नोडल अधिकारी प्रो. अजय द्विवेदी ने समारोह की प्रस्तावना रखा।  सह नोडल अधिकारी  डॉ मनोज कुमार पांडेय  ने स्वागत किया।
कार्यक्रम का संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. देवराज सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो वंदना राय, प्रो अजय द्विवेदी, प्रो राम नारायण, प्रो अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो देवराज सिंह, प्रो. संदीप कुमार सिंह, प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. नुपूर तिवारी, प्रो. रवि प्रकाश, प्रो. मुराद अली, डॉ. संतोष कुमार, डॉ प्रमोद यादव, डॉ रसिकेश, डॉ. मनीष गुप्ता, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ सुनील कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ श्याम कन्हैया सिंह, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ अवध बिहारी सिंह, समेत समस्त उपस्थित शिक्षकों को सम्मानित किया गया।