Monday 25 December 2017

पीयू के फार्मेसी निदेेशक का निधन


शोक में डूबा परिसर
कुलपति समेत विश्वविद्यालय परिवार ने दी श्रद्धांजलि

विश्वविद्यालय  परिसर स्थित फार्मेसी संस्थान के निदेशक प्रोफ़ेसर ए के श्रीवास्तव (59) का रविवार की रात 11 बजे हृदयाघात  से  निधन हो गया। प्रोफेसर श्रीवास्तव पूर्वांचल विश्वविद्यालय में 2012 से निदेशक पद पर कार्यरत रहे। गाजीपुर जनपद के मूल निवासी रहे प्रोफेसर श्रीवास्तव बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से बी फार्मा, एम फार्मा की पढ़ाई की थी। उन्होंने पीयू में नियुक्ति के  पूर्व कई फार्मा कंपनियों में अपनी सेवाएं दी थी।  विश्वविद्यालय के फार्मेसी संकाय को नई दिशा प्रदान करने में प्रोफेसर श्रीवास्तव का अतुलनीय योगदान रहा। ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए जागरूकता अभियान एवं कई निशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन कराने में बड़ी भूमिका निभाई थी। प्रोफेसर एके श्रीवास्तव  परिवार में पत्नी, बेटे और एक बेटी को  छोड़ गए हैं।
प्रोफ़ेसर श्रीवास्तव के निधन पर मौके पर पहुंचे  विश्वविद्यालय के कुलपति ने श्रद्धासुमन अर्पित कर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि प्रो  श्रीवास्तव का निधन विश्वविद्यालय के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने फार्मेसी संस्थान को उच्चतम शिखर पर पहुंचाने में हरसंभव योगदान दिया । विश्वविद्यालय में उनके  प्रयासों के प्रति मैं अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में प्रोफेसर बीबी तिवारी, डॉ अजय द्विवेदी, डॉ मानस पांडेय ,राकेश यादव , डॉ बी डी शर्मा, डॉ राजकुमार सोनी, डॉ संतोष कुमार, डॉ मनोज मिश्र, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ राजीव कुमार, विनय वर्मा, धर्मेंद्र सिंह, विजय बहादुर मौर्य, अमलदार यादव, अवधेश श्रीवास्तव, संजय श्रीवास्तव, राजनारायण सिंह, राजेश सिंह,सुरेंद्र सिंह, विद्युत मल समेत विश्वविद्यालय के  छात्र, शिक्षक एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

Thursday 21 December 2017

दो परिवारों को जोड़ती है बेटियां


विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान के शोध एवं नवाचार केंद्र में बाल विवाह की रोकथाम, लिंग आधारित भेदभाव एवं हिंसा विषयक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह आयोजन यूनिसेफ एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित  हुआ। कार्यशाला में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेविकाओं को समाज को  लिंग भेद एवं महिला हिंसा के प्रति जागरुक करने के लिए प्रशिक्षित किया गया। 
 उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि समन्वयक एनएसएस राकेश यादव ने कहा कि बेटियां समाज की रीढ़ है और दो परिवारों को जोड़ने का काम करती हैं। स्वस्थ समाज तभी बन सकता है जब स्त्रियों को सम्मान मिले। उन्होंने कहा कि समाज में लिंग असमानता व हिंसा को रोकने के लिए सबसे पहले हमें स्वयं जागरूक होना पड़ेगा। 
विशिष्ट अतिथि अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ अजय द्विवेदी ने कहा कि आज मानसिक परिवर्तन लाने की जरूरत है। बाल विवाह जैसी कुरीतियों को समाज से हटाने में युवा बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं। 
इसी क्रम में कार्यक्रम अधिकारी डॉ रियाज अहमद ने महिला हिंसा, बाल अधिकार व लिंग भेदभाव के विविध आयामों पर अपनी बात रखी। 
अध्यक्षीय संबोधन में इंजीनियरिंग संकाय के अध्यक्ष डॉ ए के श्रीवास्तव ने कहा कि अगर हमारे अंदर एक अच्छा चरित्र विकसित होगा तो लिंग असमानता स्वयं समाप्त हो जाएगी। फॉर्मेसी संस्थान की शिक्षिका झांसी मिश्रा ने बाल विवाह व महिला सशक्तिकरण पर  अनुभवों को साझा करते हुए महिला के जीवन की मार्मिक कहानी सुनाई। प्रशिक्षण कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा अधिकारों एवं कानूनों की जानकारी दी। संयोजक कार्यक्रम अधिकारी डॉ विनय वर्मा ने संचालन किया। प्रशिक्षण कार्यशाला में  डॉ सुरजीत यादव,डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ आशीष गुप्ता, डॉ अलोक दास  समेत राष्ट्रीय सेवा योजना के  सेवक सेविकाएं उपस्थित रहे। 

Wednesday 13 December 2017

भाषण प्रतियोगिता में ऋचा प्रथम




29 दिसंबर को लखनऊ में होंगी सम्मानित
संकाय भवन में आयोजित हुई विश्वविद्यालय स्तरीय प्रतियोगिता

विश्वविद्यालय के संकाय भवन के कांफ्रेंस हॉल में मंगलवार को स्वराज्य मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा विषय पर विश्वविद्यालय स्तरीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
 उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद के निर्देश पर विश्वविद्यालय द्वारा यह प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें जनपद में प्रथम स्थान पाने वाले विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। भाषण प्रतियोगिता में डीसीएसके पीजी कॉलेज मऊ की छात्रा ऋचा पांडे को प्रथम स्थान मिला। अपने भाषण में ऋचा ने कहा कि समाज सुधार मरम्मत की तरह नहीं होना चाहिए बल्कि हनुमान की संजीवनी की संजीवनी की तरह होना चाहिए।लोकमान्य तिलक से लेकर अन्ना हजारे के अभियानों पर अपनी बात रखी।
 हडिया पीजी कॉलेज इलाहाबाद की छात्रा मीनाक्षी मिश्रा का द्वितीय एवं गाजीपुर पीजी कॉलेज की छात्रा सलोनी यादव को तृतीय स्थान मिला। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सामाजिक विज्ञान संकाय के अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह ने लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के व्यक्तित्व पर अपने विचार व्यक्त किए। विश्वविद्यालय स्तर पर प्रथम स्थान पाने वाली छात्रा ऋचा पांडे को महान चिंतक एवं राष्ट्रवादी विचारधारा के संवाहक लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के सम्मान में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 29 दिसंबर को लखनऊ में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम के संयोजक अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉक्टर अजय द्विवेदी ने प्रतिभागियों को  बधाई दी।निर्णायक मंडल में डॉ मनोज मिश्र, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ सुनील कुमार शामिल रहे।

Monday 11 December 2017

डॉ लालजी सिंह के निधन पर शोक


प्रख्यात वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ लालजी सिंह के निधन पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने गहरा दुख व्यक्त किया है. शोक संदेश में उन्होंने कहा कि डॉ लालजी सिंह के निधन से विज्ञान के क्षेत्र में एक अपूरणीय क्षति हुई है. वह राष्ट्र  के लिए एक धरोहर थे। 
वहीं परिसर के विज्ञान संकाय में शोक सभा आयोजित कर डॉक्टर लाल जी सिंह जी को शिक्षक कर्मचारी एवं विद्यार्थियों ने श्रद्धांजलि दी। जनसंचार विभाग के प्राध्यापक डॉ मनोज मिश्र ने उनके जीवन वृत्त पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉक्टर अजय द्विवेदी, डॉक्टर बी डी शर्मा, डॉ राम नारायण,डॉ मनोज मिश्र, डॉ राजेश शर्मा,डॉ एस पी तिवारी, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर,डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ सुभाष, डॉ सुधीर उपाध्याय, श्याम त्रिपाठी, आनंद सिंह,                                                                 आशुतोष सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे.

Wednesday 6 December 2017

पूर्वांचल विश्वविद्यालय की टीम हुई विजेता

 
बर्धमान विश्वविद्यालय की टीम उप विजेता 
 वित्त अधिकारी एम के सिंह ने खिलाडियों को दी ट्राफी 

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में चल रही पूर्वी जोन अंतर विश्वविद्यालयीय खो खो पुरुष प्रतियोगिता में पूर्वांचल विश्वविद्यालय की टीम अंकों के आधार पर विजेता एवं बर्धमान विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल उपविजेता हुई।
समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि वित्त अधिकारी एम के सिंह ने खिलाड़ियों को ट्रॉफी प्रदान कर उत्साहवर्धन किया उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि खिलाड़ी सदैव अनुशासन में अपने जीवन को व्यतीत करते है और अन्य से सदैव अलग नजर आते हैं।03 पश्चिम बंगाल की टीमों के अखिल भारतीय प्रतियोगिता में चयन होने पर बधाई दी।
कुलसचिव संजीव सिंह,अध्यक्ष मेजर डॉ एस पी सिंह, खेल सचिव डॉ शेखर सिंह, आयोजन सचिव डॉ प्रशांत राय ने  भी खिलाड़ियों को संबोधित किया। भारतीय विश्वविद्यालय संघ के पर्वेक्षक महेंद्र कुमार ने सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय को बधाई दी। पांच दिवसीय प्रतियोगिता में पूर्वी क्षेत्र के 25 विश्वविद्यालय की टीमों ने भाग लिया था। अंतिम दिन के चार मैच आयोजित हुए अंको के आधार पर पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रथम, पश्चिम बंगाल का बर्धमान विश्वविद्यालय द्वितीय, नार्थ बंगाल विश्वविद्यालय तृतीय एवम विद्यासागर विश्वविद्यालय चतुर्थ स्थान प्राप्त किया। मैसूर में होने वाली अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालयीय प्रतियोगिता में भाग लेंगी। कार्यक्रम का संचालन अशोक कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉ विजय तिवारी, डॉ  दिग्विजय सिंह राठौर,डॉ देवेंद्र सिंह, रजनीश सिंह, अमलदार यादव,संजय श्रीवास्तव,पी के कौशिक समेत तमाम लोग उपस्थित रहे।

शोधगंगा पर पीयू तीसरे स्थान पर पहुंचा

 विश्वविद्यालय की सभी थीसिस ऑनलाइन है उपलब्ध 

विश्वविद्यालय यूजीसी  के पोर्टल शोधगंगा पर देश में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। विश्वविद्यालय के सभी शोध ग्रंथ अब ऑनलाइन पढ़े जा सकते हैं।  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा शोध गंगा एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया गया जिस पर शोध ग्रंथ  को अपलोड किया जाता है। इस पर अपलोड होने के बाद इंटरनेट के माध्यम से कोई भी शोध ग्रंथों को पड़ सकता है।  विश्वविद्यालय के विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय द्वारा पुरानी थीसिस को स्कैन कर डिजिटल रूप प्रदान किया गया और उसे शोधगंगा की वेबसाइट पर पूरी सूचना के साथ अपलोड कर दिया गया है।  
देश के 310 विश्वविद्यालय शोध गंगा पर पंजीकृत हैं। इस पोर्टल पर पहले स्थान पर कोलकाता विश्वविद्यालय है जिसकी 10705 थीसिस अपलोड है।   दूसरे स्थान पर सावित्री फुले पुणे विश्वविद्यालय जिसकी 8873 अपलोड है।  वही  पूर्वांचल विश्वविद्यालय की 7523 थीसिस ऑनलाइन अपडेट हो चुकी हैं। उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों  में पूर्वांचल के अलावा कोई विश्वविद्यालय नहीं है। वही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय चौथे स्थान पर है।  मानद पुस्तकालय अध्यक्ष डॉक्टर मानस पांडे ने बताया कि विश्वविद्यालय की सभी थीसिस  ऑनलाइन अब शोधगंगा पर ऑनलाइन पढ़ी जा सकती है।इससे शोध करने वालों को लाभ मिलेंगा। 

Friday 1 December 2017

शोधार्थी ईमानदारी से करे शोध -गीतिका सरीन

 
उत्कृष्ट शोध पत्र लेखन के लिए कार्यशाला  का आयोजन 
     पूविवि के विश्वेश्वरैया सभागार में  शुक्रवार  को उत्कृष्ट शोध पत्र लेखन के लिए कार्यशाला  का आयोजन किया गया।कार्यशाला में शोध पत्र लेखन की बारीकियों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। यह आयोजन विश्वविद्यालय  के विवेकानन्द केन्द्रीय पुस्तकालय एवं स्प्रिंगर नेचर  इंडिया दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
    कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ दिल्ली की  गीतिका सरीन ने कहा  कि  शोध पत्र लेखन में नैतिक एवं सामाजिक पक्षों का  ध्यान रखा जाना  चाहिए। शोध का विषय  समाज को परिवर्तन देने वाला  हों। नवोन्मेष पर विशेष  ध्यान देते हुए कॉपी -पेस्ट से बचें। शोधार्थी साहित्यिक चोरी और नकली जर्नल्स से बचते हुये ईमानदारी से शोध कार्य पूर्ण करें। ज्ञान एवं समाज के विकास के लिए शोध बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि शोध के समय परिकल्पना बहुत प्रमुख होती है, हम क्या सोचते है, अन्य लोग क्या सोचते है और फिर इसी बुनियाद पर शोध प्रारम्भ होता है। उन्होंने कहा कि  स्तरीय शोध पत्रिका में शोध पत्रों का प्रकाशन लेखकों को वैश्विक छवि बनाने में मदद करता है। ऐसे में लेखकों को शोध पत्र लेखन की तकनीकी जानकारी होना आवश्यक है।आज के दौर में आवश्यकतानुसार अंग्रेजी भाषा को सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शोध पत्र समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में बड़ी भूमिका अदा करते हैं। शोध पत्र लेखन में गुणवत्ता, अच्छी भाषा शैली, नया विषय एवं क्षेत्र विशेष को ध्यान में रखना चाहिए। 
उद्घाटन सत्र के अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कुलपति प्रो.डॉ राजाराम यादव ने   कहा कि शोध पत्र लेखन में शब्दों के चयन एवं सारांशिका बेहतर शोध पत्र लेखन के आधार बिंदु हैं। सरांशिका में ही गागर में सागर होना चाहिए।  उन्होंने कहा कि उत्कृष्ट शोध लेखन से ही बेहतर ज्ञान का संचार संभव है। आज की कार्यशाला  बेहतर शोध पत्र लेखन में मददगार साबित होगी।उन्होंने शोधार्थियों से कहा कि शोध एक खोजपूर्ण और तथ्यपरक व्याख्या है। इसका प्रस्तुतिकरण  और भी महत्वपूर्ण है। लेखन एक कला है। शोध लेखन उसका उच्चतम बिंदु है। वैश्विक स्तर पर कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते हमारा ज्ञान सदैव समतुल्य होना आवश्यक है। किसी भी शिक्षक एवं विद्यार्थी के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह सदैव अपने ज्ञान को अपडेट करते रहे।
    स्प्रिंगर इण्डिया के क्षेत्रीय प्रबंधक कुंज  वर्मा  ने कहा कि यह कार्यशिविर लेखकों के कौशल विकास के लिए एक अवसर प्रदान करता है। स्प्रिंगर नेचर का  यह प्रयास है कि देश की बौद्धिक संपदा में उत्तरोत्तर वृद्धि हो। शोध पत्र लेखन के क्षेत्र में भारत, यूरोप व एशिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ रहा है।
    आए हुए प्रतिभागियों का स्वागत मानद पुस्तकालय अध्यक्ष डा. मानस पाण्डेय, संचालन डा. विद्युत मल्ल ने  किया।  कार्यशाला में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के  शिक्षकों,शोधार्थियों के साथ गया ,फैज़ाबाद ,आजमगढ़ ,लखनऊ,गोरखपुर जौनपुर से आये हुए प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर प्रोफ़ेसर बीबी तिवारी,डॉ अजय द्विवेदी ,डॉ अजय प्रताप सिंह ,डॉ मनोज मिश्र ,डॉ सौरभ पाल ,डॉ दिग्विजय सिंह राठौर ,डॉ सुधीर उपाध्याय ,डॉ रुश्दा आज़मी, डॉ अवध बिहारी सिंह,डॉ सुनील कुमार ,डॉ शैलेश प्रजापति ,विनय वर्मा सहित विद्यार्धी उपस्थित रहे।