Monday 25 September 2017


सेवा भाव से बढ़ कर और कुछ नहीं
विश्वविद्यालय के  फार्मेसी संस्थान  में सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय  फार्मेसी दिवस का आयोजन किया गया। संस्थान के विद्यार्थियों ने  स्वच्छ रहे -स्वस्थ रहे  का नारा लगाते हुए परिसर  में प्रभातफेरी निकाली। प्रभातफेरी के कुलपति आवास पहुंचने पर मानव स्वास्थ्य के लिए फार्मासिस्ट की भूमिका विषयक   गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों को सम्बोधित करते  हुए कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव ने कहा कि 
  सेवा भाव से बढ़ कर और कुछ नहीं है। हमारी संस्कृति में सर्वं दुःख को समाप्त करने की प्रार्थना है।आप सभी भविष्य के होने वाले फार्माशिष्ट हैं। यही अपेक्षा है कि समाज में सभी के लिए चिकित्सा सेवा उपलब्ध रहे ।  उन्होंने कहा  कि स्वस्थ समाज से ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होता है।  आपके  द्वारा निर्मित की गई औषधि मानव जीवन को और बेहतर बनाएगी। इस अवसर पर प्रो ए के श्रीवास्तव , डॉ राजीव कुमार, डॉ नृपेंद्र  सिंह, डॉ विजय बहादुर मौर्य, डॉ विनय वर्मा, डॉ आशीष गुप्ता, डॉ धर्मेंद्र सिंह, डॉ सुरेंद्र सिंह, डॉ  आलोक दास, डॉ झांसी मिश्रा, डॉ किरण सिंह सहित विद्यार्थी उपस्थित रहे।


हर मानव का गांव धरोहर, उत्पादन का मार्ग गांव है
पूविवि : दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष 



 विश्वविद्यालय के संकाय भवन के   कांफ्रेंस हॉल में सोमवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष के तहत विश्वविद्यालय में हुए विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों  को प्रमाण पत्र  देकर सम्मानित किया गया l इस अवसर पर मुख्य अतिथि शिक्षाविद डॉ राम मोहन सिंह ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने अपना पूरा जीवन  गरीब, दलित और वंचित  समाज के उत्थान में लगाया  l उन्होंने कहा कि एकात्म मानववाद का दर्शन देकर पंडित दीन  दयाल उपाध्याय ने देश को एक नई दिशा दी l विशिष्ट अतिथि प्राचार्य  डॉ सत्येंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि  पूंजीगत व्यवस्था का विरोध कर देश के अंतिम व्यक्ति का चिंतन करने वाले  वह पहले महापुरुष थे।  इस अवसर पर  पोस्टर प्रतियोगिता में प्रियंका सिंह प्रथम , निलेश गुप्ता द्वितीय ,  साक्षी त्रिपाठी तृतीय, वाद- विवाद प्रतियोगिता में मिर्जा मदासर हुसैन प्रथम,  त्यागी नाथ यादव द्वितीय,  रामकुमार यादव तृतीय,काव्य पाठ  प्रतियोगिता में आकांक्षा श्रीवास्तव  प्रथम ,अंकिता तिवारी  द्वितीय व गौरव तृतीय, निबंध प्रतियोगिता में  मनीषा गुप्ता प्रथम, रूद्र सेठ द्वितीय,   शीतला  त्रिपाठी तृतीय एवं  स्लोगन प्रतियोगिता में प्रवीण कुमार प्रजापति  प्रथम, पीयूष  कुमार मौर्य  द्वितीय  तथा  निलेश गुप्ता को  तृतीय स्थान पाने पर प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया गया  l जनसंचार विभाग की छात्रा आकांक्षा श्रीवास्तव ने पंडित दीन  दयाल उपाध्याय के जीवन पर आधारित स्वरचित रचना हर मानव का गांव धरोहर, उत्पादन का मार्ग गांव है को प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।  
कार्यक्रम संयोजक डॉक्टर मानस पांडे ने स्वागत आभार डॉ राजेश शर्मा एवं संचालन डॉ अमित वत्स ने किया। इस अवसर पर डॉ मनोज मिश्र , डॉ एस पी तिवारी ,डॉ अवध बिहारी सिंह ,डॉ सुनील कुमार ,डॉ दिग्विजय सिंह राठौर ,डॉ प्रदीप कुमार,ऋषि श्रीवास्तव सहित   विद्यार्थी उपस्थित रहे।  

Saturday 23 September 2017

विश्वविद्यालय में युवा संसद



 विश्वविद्यालय के कांफ्रेंस हाल में 14 वीं राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता का आयोजन संसदीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश के क्रम में कांफ्रेंस हाल में शनिवार  को किया गया। मुख्य अतिथि जौनपुर के पूर्व सांसद विद्यासागर सोनकर, विशिष्ट अतिथि संसदीय कार्य मंत्रालयभारत सरकार के नामित समन्वयक   गुरुग्राम हरियाणा के  डा. अनुपम कुरलवाल , प्राचार्य डॉ ब्रजेन्द्र  सिंह एवं अध्यक्ष डॉ अजय प्रताप सिंह  रहे।
युवा संसद की कार्यवाही प्रारम्भ होने पर स्पीकर बनी विश्वविद्यालय की छात्रा साक्षी त्रिपाठी   ने सभी सांसदों का सदन में स्वागत किया एवं सदन को सुचारू रूप से चलाने का आग्रह किया। तत्पश्चात  सेक्रेटरी  जनरल नैंसी सोनी   द्वारा नवनिर्वाचित सांसद नफीस अहमद   एवं नौशाद आलम  को शपथ ग्रहण दिलायी गयी। पूर्व मुख्यमंत्री  जयललिता के आकस्मिक निधन पर शोक जताते हुए स्पीकर, प्रधानमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष ने अपनी संवेदना व्यक्त की। प्रधानमंत्री द्वारा इसके बाद अपने नये मंत्रियों का परिचय सदन से कराया। प्रश्नकाल की शुरूआत करते हुए स्पीकर ने सांसद सावन साहू  को आमंत्रित किया। सावन साहू  ने नकल माफियाओं पर नकेल लगाने  पर मानव संसाधन विकास मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया।    सांसद बने छात्र सादिक शकील  ने प्रश्न किया कि  देश के राष्ट्रीय पशु बाघ के संरक्षण के मामले में सरकार  ने क्या कदम                                                            उठाये हैं। इसका जवाब देते हुए वन मंत्री  बने दिव्यांशु तिवारी   ने कहा कि देश में बाघों के संरक्षण  पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि  2016  में  बाघों की संख्या 2500  पहुंच गई है। 
सदन में प्रतिपक्ष के नेता की भूमिका अदा कर रहे राहुल मौर्या  ने विश्वविद्यालयों में अनावश्यक मुद्दों पर बहस ,नारेबाजी को रोकने पर  पर  अपनी बात रखी। जिसका जवाब देते हुए गृह मंत्री की भूमिका में मोहम्मद फैज़ान अंसारी   ने कहा कि यह केवल कुछ चंद लोगों की कारस्तानी है जो मीडिया की नज़र में आकर चर्चित होना चाहते हैं। ऐसे सभी विश्वविद्यालयों से तत्संबंध  में सरकार  ने रिपोर्ट तलब की है। ।    
युवा संसद प्रतियोगिता में स्पीकर की भूमिका में विश्वविद्यालय की छात्रा साक्षी त्रिपाठी , डिप्टी स्पीकर की भूमिका में सैफुल्लाह सिद्दीकी , प्रधानमंत्री की भूमिका में रूप शंकर  मिश्र , गृह मंत्री की भूमिका में मोहम्मद फैज़ान अंसारी , वित्त मंत्री के रूप में मनीषा श्रीवास्तव, रक्षा मंत्री की भूमिका में तनशीत  अहमद ,मानव संसाधन मंत्री की भूमिका में प्रियम्बदा सिंह, भूतल परिवहन मंत्री के रूप में वैभव श्रीवास्तव ,  रेल मंत्री के रूप में अमन कुमार गुप्ता   सहित अन्य विभागों के  मंत्री बने एवं  लोकसभा सांसद  के रूप  में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने अपनी-अपनी भूमिका को प्रस्तुत किया। इनमें से रेल मंत्री बने विद्यार्थी अमन कुमार गुप्ता  को प्रथम,मानव संसाधन विकास मंत्री प्रियम्बदा सिंह को द्वितीय ,स्टाम्प ड्यूटी मंत्री बनी शिवानी पांडेय को तृतीय, वित्त मंत्री मनीषा श्रीवास्तव को चतुर्थ ,लोक सभा अध्यक्ष की भूमिका का निर्वहन करने वाली साक्षी त्रिपाठी को पंचम एवं नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में रहे छात्र राहुल मौर्या को   षष्टम पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा निर्णायक मंडल के प्रमुख संसदीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार के नामित समन्वयक   गुरुग्राम हरियाणा के  डा. अनुपम कुरलवाल और पूर्व सांसद विद्यासागर सोनकर ने की । इस अवसर पर 14 वीं राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले सभी विद्यार्थियों को  मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। प्रतियोगिता की समाप्ति पर  सभी उपस्थित प्रतिभागियों,शिक्षकों ,मुख्य अतिथि एवं उपस्थित सभी अतिथियों ने स्वच्छ भारत के लिए स्वच्छता शपथ ली। 

युवा संसद में विश्वविद्यालय के छात्रों को किरदार निभाते देख पूर्व सांसद विद्यासागर सोनकर ने बहुत शुभकामनाएं दी। अपने उद्बोधन में  उन्होंने कहा कि भविष्य के सांसद, राजनेता एवं समाज सुधारक है समाज की बेहतरी एवं देश की प्रगति के लिए अभी से कार्य करना प्रारम्भ करें। उन्होंने कहा  कि आपके सकारात्मक गतिविधियों का लाभ समाज एवं देश के सामान्य नागरिक को भी मिले। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ अजय प्रताप सिंह  ने विद्यार्थियों की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा मुझे विश्वास है कि हमारे विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने आज एक नया मुकाम हासिल किया है। विशिष्ट अतिथि प्राचार्य डॉ ब्रजेन्द्र  सिंह ने विद्यार्थियों से यह अपेक्षा की कि विधायी प्रक्रिया जैसी होनी चाहिए उसी व्यवहार की अपेक्षा उनसे सदैव रहेगी । संसद में सकारात्मक भूमिका की प्रतीक्षा देश करता है। उसी भाव से आप सभी अपना लक्ष्य हासिल करें।  कार्यक्रम में उपस्थित  अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक डा0 मानस पाण्डेय एवं संचालन डा0 अमित वत्स  द्वारा किया गया। दर्शक दीर्घा में डॉ राजेश शर्मा ,डॉ मनोज मिश्र , डॉ आशुतोष सिंह ,डॉ सुरजीत यादव , डा. दिग्विजय सिंह राठौर सहित विद्यार्थी उपस्थित रहे। 

Wednesday 20 September 2017

DAINIK JAGRAN


ग्राम विकास एवं मानव एकात्मवाद पर हुई प्रतियोगिताएं

विश्वविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती वर्ष के अंतर्गत बुधवार को अंत्योदय, ग्राम विकास एवं मानव एकात्मवाद विषयपर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें परिसर पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
फार्मेसी संस्थान में पोस्टर, संकाय भवन में परिचर्चा, कविता पाठ, प्रबंध अध्ययन संकाय में स्लोगन लेखन एवं  विश्वेश्वरैया हाल में निबंध लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया । 
कार्यक्रम के सहसमन्वयक डॉ राजेश शर्मा ने बताया कि प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले प्रतिभागियों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय  के जन्मदिवस पर 25 सितंबर को पुरस्कृत किया जाएगा। 
प्रतियोगिता की विभिन्न गतिविधियों में डॉ मानस पांडे, डॉ राम नारायण, डॉ मनोज मिश्र, डॉ अजय द्विवेदी,डॉ रजनीश भास्कर, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अवधबिहारी सिंह ,डॉ सुनील कुमार , डॉ जे पी लाल,धर्मेंद्र सिंह, आलोक दास, डॉ रुश्दा आज़मी   समेत तमाम शिक्षक मौजूद रहे।

 मानव श्रृंखला बना दिया स्वच्छता का संदेश

विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ द्वारा बुधवार को स्वच्छता अभियान के अंतर्गत परिसर इकाई के स्वयंसेवक सेविकाओं को कार्यक्रम समन्वयक राकेश कुमार यादव ने स्वच्छता शपथ दिलवाई।
कार्यक्रम समन्वयक राकेश कुमार यादव ने कहा कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क काम करता है अगर हम अपनी सोच में स्वच्छता को रखेंगे तो हमें सदैव सकारात्मक उर्जा मिलती रहेगी।उन्होंने कहा कि आज हमें प्रण करने की जरूरत है कि कोई ऐसा कोई कृत्य नहीं करेंगे जिससे समाज में गंदगी फैले।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक सेविकाओं  ने राष्ट्रीय सेवा योजना भवन परिसर में साफ-सफाई की।इसके पश्चात भारत सरकार द्वारा निर्धारित स्वच्छता शपथ ली। कार्यक्रम अधिकारियों के साथ विद्यार्थियों ने एनएसएस भवन से विश्वविद्यालय के मुख्य  द्वार तक मानव श्रृंखला बनाकर स्वच्छता का संदेश दिया।कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी विनय कुमार वर्मा ने किया । इस अवसर पर डॉक्टर मनोज मिश्र,डॉक्टर दिग्विजय सिंह राठौर, सुधीर सिंह, पूजा सक्सेना, रघुनंदन, ज्ञानेश पाराशरी, रामजी सिंह समेत  तमाम लोग मौजूद रहे।

Monday 11 September 2017

तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन


विश्वविद्यालय में चल रही ग्रोथ ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन द कैंपस ऑफ पूर्वांचल यूनिवर्सिटी विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का रविवार को समापन हुआ। समापन सत्र में देश के विभिन्न भागों से आये हुए  प्रतिभागियों को कुलपति प्रोफेसर डॉ. राजाराम यादव ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।  इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस  राष्ट्रीय कार्यशाला ने  विश्वविद्यालय में विज्ञान एवं तकनीकी के पाठ्यक्रमों के विकास एवं स्थापना की दिशा में   बड़ी भूमिका का निर्वहन किया  है।  उन्होंने देश के विभिन्न भागों से आए हुए अतिथियों को  सहभागिता के लिए उनका  धन्यवाद ज्ञापित किया।

 रविवार को आयोजित  सत्र में निस्केयर सीएसआईआर नई दिल्ली के निदेशक डॉ मनोज कुमार पटैरिया ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी की जानकारी को आम जन तक ले जाने का प्रयास सतत चले रहने चाहिए। विज्ञान संचार के लिए  स्थानीय भाषा एवं स्थानीय लोंगो की उपयोगिता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि  वैज्ञानिक साक्षरता एवं न्यूनतम विज्ञान की जानकारी और समझ विकसित कर के ही हम विज्ञान प्रसार के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।उन्होंने कहा कि स्वच्छ पेय जल का सेवन हमें अस्सी प्रतिशत बीमारियों से बचाता है।हमारे परंपरागत ज्ञान में पेय जल को  सूती कपड़े से छान कर पीने की परम्परा रही है। महंगे वाटर प्यूरीफायर की जगह हम परम्परागत आजमाए गए  तरीकों को अपनाकर बहुत सारी बीमारियों से बच सकते हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की  दैनिक जीवन में अहम भूमिका है। विज्ञान संचार से लोगों के जीवन स्तर को बदला जा सकता है। 

 काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजेंद्र कुमार सिंह ने क्लीन एनर्जी मेटेरियल एंड डिवाइसेस   विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आज उर्जा का संरक्षण करने की जरूरत है इसके साथ ही पर्यावरण को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन द्वारा शीघ्र ही  उर्जा के लिए  हमें नए स्रोत  प्राप्त होंगे।
  
राजस्थान विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ सी.एस. पति त्रिपाठी ने नैनो मैटेरियल  फॉर रिन्यूवल एनर्जी एंड वाटर प्यूरिफिकेशन पर व्याख्यान दिया।  उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उर्जा व  जल का   संकट गहराने जा रहा है।  हम आर ओ  वाटर का प्रयोग करते हैं जो कि बहुत शुद्ध पानी है। लेकिन इस इस से पानी की बर्बादी बहुत होती है।  आज नैनो मैटेरियल के माध्यम से जल की बर्बादी के बिना जल का शुद्धिकरण किया जा सकता है। 
 शहडोल से आए डॉक्टर गिरधर माथंकर  ने कहा कि विश्वविद्यालय में विज्ञान और तकनीकी के विकास के लिए इको फ्रेंडली कैंपस बनाने की जरूरत है।  आईटी का इस्तेमाल करके यहां की कार्य संस्कृति  में सुधार लाया जा सकता है।  उन्होंने गोमूत्र एवं नीम के उपयोग के बारे में बताया। 

केंद्रीय विश्वविद्यालय सारनाथ के   डॉ. प्रवीण प्रकाश ने कहा कि प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत में चित्रकला बहुत ही समृद्ध रही है।  आज भारतीय सांस्कृतिक धरोहर में सांस्कृतिक पाठ्यक्रम  शुरू करने की जरूरत है। इससे भारतीय संस्कृति , इतिहास व कला के बारे में सही ज्ञान प्राप्त होगा  और सुदृढ़ सांस्कृतिक दृष्टिकोण बनेगा। 

 पुणे के  प्रो वीए  तभाने एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर केपी सिंह ने भी विषय पर अपने विचार रखे। 
अंतिम सत्र  में  डिप्लोमा इन फार्मेसी, एम फार्मा, होम्योपैथिक, गौ  विज्ञान व फाइन  आर्ट्स  विषयों के प्रारंभ करने पर चर्चा हुई।  जिसमें डॉ. मनोज पटैरिया , डॉ ए के श्रीवास्तव, प्रो  वीए  तभाने  , डॉ गिरधर माथंकर, डॉ वाई पी  कोहली, डॉ पुनीत सिंह  एवं डॉ अजय द्विवेदी ने विचार विमर्श किया। 

विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ पीसी  पातंजलि ने पहले सत्र की अध्यक्षता की एवं संचालन प्रो बीबी  तिवारी ने किया। 

 इस अवसर पर डॉ अरविंद कुमार तिवारी, डॉ युधिष्ठिर यादव,डॉ अलोक गुप्त,डॉ देवराज सिंह ,प्रियंका अवस्थी ,डॉ प्रमोद यादव,डॉ अनिल यादव ,डॉ गिरिधर मिश्र,डॉ धर्मेंद्र सिंह ,डॉ राजीव प्रकाश सिंह,डॉ. समर बहादुर सिंह, डॉ. विजय कुमार सिंह,डॉ ए के श्रीवास्तव, डॉ. देवराज सिंह, डॉ. अजय प्रताप सिंह,  डॉ राजकुमार सोनी, डॉ. संतोष कुमार सहित प्रतिभागी मौजूद रहे। 

Saturday 9 September 2017

ग्रोथ ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी विषयक कार्यशाला--- दूसरा दिन


विश्वविद्यालय में आयोजित ग्रोथ ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी विषयक  कार्यशाला के दूसरे दिन विशेषज्ञों ने  परिचर्चा सत्र में अपनी बात रखी। एमएससी  के पाठ्यक्रम निर्माण एवं  आधारभूत संरचना के विकास पर चर्चा हुई। विश्वेसरैया  हाल में इंदिरा गांधी सेंटर फॉर एटानामिक  एनर्जी कला पक्कम  के प्रोफेसर पी पलानीचामी  ने अल्ट्रासाउंड की  प्रारंभिक जानकारी देते हुए उसके अनुप्रयोगों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज के समय अल्ट्रासाउंड आधारित पीजो इलेक्ट्रिक  डिवाइस का उपयोग हो रहा है।  अल्ट्रासाउंड के द्वारा अनाज के आकार व गुणवत्ता की जांच की जा रही है। पदार्थों का परीक्षण अल्ट्रासाउंड के द्वारा बिना स्वरूप परिवर्तन के संभव हो पाया है।  उन्होंने कहा कि अब सब्जियों के उत्पादन में कीटनाशकों की जगह नीम से निर्मित जैविक  कीटनाशकों का प्रयोग हो रहा है।  इससे सब्जियों की गुणवत्ता में वृद्धि हुई है।  पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्राकृतिक उत्पादों का उपयोग बड़े पैमाने पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में कई वनस्पतियों में जैविक खेती  को बढ़ावा देने की क्षमता है। ओएनजीसी के पूर्व महाप्रबंधक डॉक्टर पी के मिश्रा ने कहा कि किसी देश के अधोपतन के लिए आइटम बम या महामारी का उतना योगदान नहीं होगा जितना   उस देश की शिक्षा व्यवस्था के विनष्ट हो जाने पर।  उन्होंने कहा कि उत्पादों के उपभोग के क्षेत्र में भारत एशिया का तीसरा तीसरा सबसे बड़ा देश है जो पेट्रोलियम का उत्पादन व शोध कर रहा है। आने वाले समय में इसका और भी विस्तार होगा। उन्होंने भारत में पेट्रोलियम कंपनियों पर भी अपनी बात रखी। 
विज्ञान भारती के प्रदेश अध्यक्ष वाई पी  कोहली ने कहा की परंपरागत ज्ञान- विज्ञान को विज्ञान व तकनीकी के नए शोध कार्यों से जोड़ा जाए। हमें आम आदमी के दहलीज तक हम विज्ञान का प्रकाश लेकर जाना  हैं।  उन्होंने जौनपुर क्षेत्र के मक्के व मूली के उत्पादों के संरक्षण एवं विक्रय को आर्थिक विकास से जोड़कर  अपनी बात रखी। 
 आईआईटी  खड़कपुर  के डॉक्टर मेहरवान ने बिना दर्द के इंजेक्शन तकनीक के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि नैनो तकनीकी की सहायता से त्रिआयामी प्रिंटिंग के जरिए मरीजों को दर्द मुक्त  तरीके से इंजेक्शन देना संभव हो सका है।  इस क्षेत्र में हम बड़े स्तर पर काम कर रहे हैं। इस अवसर पर डॉक्टर मनोज पटैरिया, डॉक्टर वी ए तभाने , डॉक्टर शबाना शेख, डॉक्टर लोकेंद्र कुमार, डॉक्टर गिरिधर  ,प्रोफेसर रंजना प्रकाश, प्रोफेसर रामकृपाल, डॉक्टर देवराज सिंह, डॉक्टर शिवाकांत शुक्ला आदि उपस्थित रहे
कार्यशाला के द्वितीय सत्र में एमएससी भौतिकी ,रसायन एवं गणित विषय के पाठ्यक्रमों पर चर्चा की गई। इसके साथ ही कंप्यूटर  एप्लीकेशन में पीजी डिप्लोमा एवं बीसीए पाठ्यक्रम तैयार करने पर मंथन हुआ। इस सत्र में  प्रोफ़ेसर राम कृपाल,प्रो बलिराम एवं डॉ सत्यदेव ने  अपने विचार रखे ।तकनीकी सत्र को सबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के   पूर्व कुलपति डॉ पीसी पातंजलि ने कहा कि  विज्ञान एवं तकनीकी को   धरातल पर लाये बगैर   विकास की बात बेमानी है। उन्होंने कहा  कि  क्षेत्र विशेष की भावना का   सम्मान करते हुए पाठ्यक्रम में हिंदी भाषी विद्यार्थियों का ध्यान रखा जाय। उन्होंने समय की मांग को देखते हुए और भी विश्वविद्यालयों की स्थापना पर बल दिया। सत्र की अध्यक्षता लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो आर पी सिंह ने की।  कार्यशाला के अध्यक्ष प्रो बीबी तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
 






Friday 8 September 2017

'ग्रोथ ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन द यूनिवर्सिटी कैंपस' विषयक कार्यशाला


विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में शुक्रवार को 'ग्रोथ ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन द यूनिवर्सिटी कैंपस' विषयक कार्यशाला का उद्घाटन हुआ। उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रोफ़ेसर कृष्ण लाल ने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसा रोड मैप तैयार करें जो यहां से निकलने वाले छात्रों को देश के निर्माण से जोड़े।

 उन्होंने कहा कि आज गुणवत्तायुक्त शिक्षा का सवाल है इस दिशा में देश के विश्वविद्यालयों को ठोस कदम उठाने की जरूरत है। 2011 की जनगणना में साक्षरता 74 प्रतिशत थी अभी भी 30 करोड़ भारतीय शिक्षा से  दूर है  जिनके लिए हम लोगों को काम करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि उपनिषद में विज्ञान को परिभाषित किया गया है 'विज्ञानम् आनंदम ब्रह्म' विज्ञान में जो अंतिम आनंद है वही ब्रह्म है।  यह हमारे लिए महामंत्र है जिसे सदैव चित्त  में रखना चाहिए।


विज्ञान भारती दिल्ली  के महासचिव डॉ ए  जय कुमार ने कहा कि यह कार्यशाला विश्वविद्यालय के सपने को साकार करेगी। समाज निर्माण में विश्वविद्यालयों की बड़ी भूमिका है। आज वैश्विक स्तर पर एक नए क्षेत्र का निर्माण हो रहा है। भारत में पहली बार राजनीतिक चिंतक व विद्वान मिलकर मेक इन इंडिया  के लिए काम कर रहे हैं।

विशिष्ट अतिथि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भौतिकी के पूर्व अध्यक्ष प्रोफ़ेसर बीके अग्रवाल ने कहा कि आज देश की प्रगति के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में विशेषज्ञों की आवश्यकता है। शिक्षा जगत को इस पर गहनता से विचार करने की जरूरत है। नवोन्मेष तभी होंगे जब गहन अध्ययन होगा। आज विशेषज्ञ वही बन सकता है जिसे अपने क्षेत्र के समस्त आयामों का ज्ञान हो। उन्होंने कहा कि चीन में लक्ष्य बना कर लोग काम कर रहे हैं और दूसरे देशों को सस्ते दर पर वस्तुएं उपलब्ध करा रहे हैं।इस दिशा में हमें भी चिंतन करने की जरूरत है।

कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर राजाराम यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय में बेसिक साइंस होना आवश्यक है जब तक बेसिक साइंस की पढ़ाई व शोध नहीं होगा तब तक आगे की कल्पना  नहीं की जा सकती।तीन  दिनों की कार्यशाला में देश के विभिन्न हिस्सों से आए हुए वैज्ञानिक मिलकर एक ऐसा प्रस्ताव तैयार करेंगे जिसे राज्य एवं  केंद्र सरकारों के पास भेजा जाएगा और भविष्य में इन पाठ्यक्रमों को विश्वविद्यालय में संचालित किया जाएगा।  शोध को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय में पोस्ट डॉक्टोरल फ़ेलोशिप प्रारम्भ की गई है। उन्होंने आए हुए विशेषज्ञों का परिचय कराया। 

कार्यशाला के अध्यक्ष प्रो बीबी तिवारी ने स्वागत भाषण एवं डॉक्टर राजकुमार सोनी ने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर संतोष कुमार ने किया। इस अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो आर पी सिंह एवं कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति  प्रो कीर्ति सिंह मंचासीन रहे। तकनीकी सत्रों में विशेषज्ञों ने अपनी  बात रखी.प्रो वी के अग्रवाल ने ग्रेफीन की गुणवत्ता एवं महत्व तो बताया। लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो आर पी  सिंह ने  प्रशासनिक, शिक्षकों एवं छात्रों की गुणवत्ता सुधार पर बात की। दिल्ली के  प्रो नीरज खरे ने सामाजिक जरूरतों के मद्देनजर विश्वविद्यालय में बेसिक साइंस के पाठ्यक्रमों को खोलने की बात की। 

कार्यशाला  में देश के विभिन्न भागों से आये हुए विषय विशेषज्ञ निदेशक निस्केयर-सीएसआईआर डॉ मनोज कुमार पटैरिया , प्रो सुनीता मिश्राप्रोफेसर रंजना प्रकाशप्रो  राम कृपाल,प्रोपी.एस यादव,प्रो  पीके मिश्राप्रो  वी  ताभाने डॉ लोकेंद्र कुमार, डॉ युधिष्ठिर यादव,डॉ  अंबेशदीक्षित,प्रो  पी पालानिचमी,डॉ वी राजेंद्रन,प्रो राजीव कुमार,प्रोफेसर नीरज खरेडॉ सीएस पतित्रिपाठी,डॉ  देवराज सिंह, डॉ  गिरिधर मिश्रा एवं  डॉ  प्रमोद यादव आदि ने प्रतिभाग किया  । 

Tuesday 5 September 2017

शिक्षक दिवस समारोह मनाया गया




वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में शिक्षक दिवस मनाया धूम धाम से मनाया गया.परिसर  में स्थापित सर्वपल्ली डॉ  राधाकृष्णन की प्रतिमा पर शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने माल्यार्पण का उन्हें नमन किया।सामाजिक विज्ञान संकाय के अध्यक्ष डॉ अजय प्रताप सिंह ने कहा कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन के आदर्श हमें आज भी प्रेरणा देते है.विद्यार्थियों के बिना शिक्षक का कोई अस्तित्व नहीं है. जनसंचार विभाग के शिक्षक डॉ मनोज मिश्र ने कहा कि गुरु और शिष्य एक दूसरे के पूरक है और हर गुरु की एक चाह होती है कि उसके  शिष्य उससे आगे जाएँ। इस अवसर पर डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ सुनील कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर डॉ राजेश शर्मा, डॉ एस पी तिवारी,डॉ आशुतोष सिंह,डॉ कार्तिकेय शुक्ला,विनय वर्मा, ऋषि श्रीवास्तव समेत विद्यार्थीगण मौजूद रहे. 

विश्वविद्यालय के विकास पर राष्ट्रीय कार्यशाला

देश के वैज्ञानिकों का होगा संगम ,करेंगे मंथन 

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के  परिसर में 8 से 10 सितंबर  ' ग्रोथ ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन कैंपस ऑफ पूर्वांचल यूनिवर्सिटी 'विषयक  तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.  डॉ. राजाराम यादव के निर्देशन और  प्रयास से  इस कार्यशाला में देश के जाने -माने  वैज्ञानिक और शिक्षाविद प्रतिभाग कर रहे हैं। 

इस राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्देश्य विश्वविद्यालय परिसर में खुलने वाले नए पाठ्यक्रमों के लिए प्रस्तावित  पाठ्यक्रम पर  विचार विमर्श , रोजगार परक पाठ्यक्रमों के बढ़ावा दिए जाने जैसे बिंदुओं पर गहन विमर्श होगा। कार्यशाला में पारित प्रस्ताव को अनुमति एवं आर्थिक सहायता प्राप्ति  हेतु शासन को प्रेषित किया जायेगा। सीएसआईआर नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक प्रो एस.के  जोशी ,भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान नई दिल्ली के  प्रो विक्रम कुमार,  भौतिकी विभाग इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष  प्रो. बाल कृष्ण अग्रवाल,लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं  प्रख्यात वैज्ञानिक प्रो आर पी सिंह,  बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के पूर्व कुलपति  प्रो रमेश चंद्रा  सहित देश के प्रमुख संस्थानों से  लगभग 50 वैज्ञानिक एवं ख्यातिलब्ध प्रोफ़ेसर इस कार्यशाला में प्रतिभाग  करेंगे।  कार्यशाला के सफल सञ्चालन के लिए गणित विभाग के विभागाध्यक्ष   डॉ.  राजकुमार  को संयोजक , भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार को सह संयोजक , विभागाध्यक्ष रसायन विभाग डॉ अशोक कुमार श्रीवास्तव को आयोजन सचिव  और इंजीनियरिंग संस्थान के संकायाध्यक्ष प्रो. बी बी तिवारी  को कार्यशाला का अध्यक्ष बनाया गया  हैं। 



Monday 4 September 2017


शोध गंगा अपलोड में पीयू प्रदेश में पहले पायदान पर


यूजीसी के प्रोजेक्ट शोधगंगा की वेबसाइट पर पीएचडी थीसिस अपलोड के मामले में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रदेश में नंबर एक  पर आ गया है। जानकारी देते हुए शोध गंगा प्रोजेक्ट के विश्वविद्यालय समन्वयक  डॉ. विद्युत मल  ने बताया कि शनिवार तक कुल  2368 शोध प्रबंध वेबसाइट पर अपलोड कर विश्वविद्यालय प्रदेश में शीर्ष पर  है।  प्रदेश में दूसरे  स्थान पर चौधरी  चरण सिंह विश्ववद्यालय मेरठ  और तीसरे स्थान पर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झाँसी है। उन्होंने बताया कि अभी 5692 पीएचडी थीसिस शोधगंगा  वेबसाइट पर अपलोड होना बाकी है। जिसे  एक माह के अंदर पूरा कर लिया जायेगा।  शीघ्र ही पीएचडी थीसिस अपलोड के मामले में पूर्वांचल विश्वविद्यालय  देश में कोलकाता विश्वविद्यालय के बाद दूसरे  स्थान पर  होगा । विदित हो कि  शोधगंगा प्रोजेक्ट में अब तक देश के 295 विश्वविद्यालयों द्वारा 158158 पीएचडी थीसिस को  वेबसाइट पर अपलोड किया जा चुका है।  शोधगंगा वेबसाइट इंटरनेट पर सर्व सुलभ है जो कि शोधार्थियों , शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ विषय के प्रति रुझान रखने वाले सभी जिज्ञासुओं  के ज्ञानवर्धन के  लिए बहुत उपयोगी है। 

Friday 1 September 2017

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में स्वच्छता पखवारे की हुई शुरुआत

 
विश्वविद्यालय में मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देश के क्रम में  शुक्रवार को स्वच्छता पखवारे की शुरुआत हुई ।विश्वविद्यालय के मुक्तांगन में आयोजित शुभारंभ  कार्यक्रम में  विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव ने कहा कि सरस्वती को अपने अंदर बैठाना है तो गन्दगी को साफ कर कमल खिलाना होगा।स्थाई रूप से स्वच्छता के संस्कार को अपने जीवन में स्थापित करे. इससे सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी जो आपके जीवन लक्ष्य को पूरा करेगी। 
अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो बी बी तिवारी ने कहा कि जो विद्यार्थी स्वच्छता में अपना जीवन जीते है वो सदैव अनुशासित होते है.इस पखवारे में विद्यार्थियों से बढ़ चढ़ कर योगदान के लिए अपील की.कार्यक्रम के संयोजक डॉ बीडी शर्मा ने पखवारे में होने वाले कार्यक्रमों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि यह अभियान 1  सितम्बर से 15 सितम्बर तक  पीयू परिसर सहित महाविद्यालयों में  चलेगा। पहले दिन उद्घाटन के बाद विद्यर्थियों और शिक्षकों ने मुक्तांगन में साफ़ सफाई की. इसके साथ ही परिसर के  विभागों में साफ़ सफाई की गई.इस पखवारे में परिसर के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर भी साफ सफाई कर स्वच्छता  का सन्देश दिया जायेगा। महाविद्यालयों में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारियों को स्वच्छता पखवारे के लिए विश्वविद्यालय के एनएसएस सेल द्वारा दिशा निर्देश जारी किये गए है. 

इस अवसर पर डॉ ए के श्रीवास्तव,डॉ अजय प्रताप सिंह,डॉ मनोज मिश्र, डॉ अजय द्विवेदी, डॉ राकेश यादव,डॉ प्रदीप कुमार, डॉ  दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ राज कुमार सोनी, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ विनय वर्मा,डॉ के एस तोमर,अमलदार यादव, डॉ इंद्रेश गंगवार, डॉ संजय श्रीवास्तव,एम एम भट्ट समेत विद्यार्थीगण मौजूद रहे.