Friday 28 August 2015

राजभवन लखनऊ - खिलाड़ी सम्मान समारोह

                                            
22 खिलाड़ी, प्रशिक्षक एवं टीम मैनेजर सम्मानित
वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर द्वारा राजभवन लखनऊ के गांधी सभागार में शुक्रवार को खेल दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित ‘‘खिलाड़ी सम्मान समारोह’’ में कुलाधिपति एवं राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्री राम नाईक ने विश्वविद्यालय के 22 खिलाडि़यों, उनके प्रशिक्षक एवं टीम मैनेजर को स्वर्ण और रजत पदक से सम्मानित किया।

 इस अवसर पर अपने सम्बोधन उन्होंने  कहा कि  खेल के प्रति जो आस्था और लगन  हॉकी  के जादूगर मेजर ध्यानचंद की थी वैसी ही आस्था आपको आज खेल के साथ -साथ जीवन के हर क्षेत्र में दिखाने की जरुरत है। खिलाडी खेल के मैदान में चोटिल होकर जो सीख लेता है वह सीख उसे जीवन में कठिनाइयों से लडने की शक्ति देती है। उन्होंने कहा कि  विगत वर्ष भी मैंने राजभवन में इसी स्थान पर आपके विश्वविद्यालय के 17 खिलाडि़यों को खेल में स्वर्णपदक से अलंकृत किया था। मुझे खुशी है कि इस बार मैंने 22 खिलाडि़यों को सम्मानित किया है। स्वर्ण एवं रजत पदक से अलंकृत होने वाले युवा साथियो को मैं शुभाशीष के साथ उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। साथ ही अपेक्षा करता हूं, कि आप अपने जीवन मूल्यों, आदर्शों एवं सद्कार्यों द्वारा  अपने कॉलेज, विश्वविद्यालय, गांव, जनपद, प्रदेश एवं देश के गौरव को हमेशा बढ़ाते रहेंगे। विश्वविद्यालय एक ऐसा शैक्षणिक केन्द्र है, जहां विद्यार्थियों को न केवल शिक्षा, अपितु उनके जीवन में नये-नये आयाम विकसित करने का अवसर दिया जाता है। आप विश्वविद्यालय में  रहकर अपनी प्रतिभा को निखार सकते हैं, आगे बढ़ सकते है। विश्वविद्यालय आपको अवसर अवश्य प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को केवल किताबी कीडा नहीं होना है। विभिन्न क्षेत्रों में कठिन परिश्रम कर आप आगे जा सकते है। स्वामी विवेकानंद जी से प्रेरणा लेकर आप अपने विचार की शक्ति एवं संस्कृति से पूरी दुनिया में भारत को आगे रख सकते है। विवेकानंद जी ने अपने शिकागो उदबोधन से पूरी दुनिया को भारतीय संस्कृति से परिचित कराया था। 

उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी मिली  कि विगत वर्ष यहां पर सम्मानित हुए खिलाडि़यों को अपने महाविद्यालयों एवं गांवों में बहुत अधिक आशीर्वाद, स्नेह एवं सम्मान मिला । इस प्रोत्साहन का नतीजा है कि इस वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर इस विश्वविद्यालय ने क्रिकेट में प्रथम एवं हाॅकी (पुरूष) में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त कई अन्य प्रतियोगिताओं में स्वर्णपदक प्राप्त किये। मुझे प्रसन्नता है कि वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के  विश्वविद्यालयों में खेल के क्षेत्र में अग्रणी स्थान पर है।
समारोह में स्वागत करते हुए वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल नें कहा कि  इस विश्वविद्यालय के पुरा विद्यार्थियों ने पठन-पाठन, कला, साहित्य, विज्ञान, वाणिज्य, प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपना प्रमुख स्थान बनाया है। इस प्रतिस्पर्धा के युग में किसी भी विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है कि उसे उत्तम कक्षायें, प्रयोगशाला, पुस्तकालय के अतिरिक्त शिक्षण से इतर, गतिविधियों में भी भाग लेने का अवसर मिले। विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न क्रीड़ा, एनएसएस, रोवर्स एवं रेंजर की प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन कर, विद्यार्थियों को उनके व्यक्तित्व विकास का पूर्ण अवसर प्रदान किया जाता है। सत्र 2014-2015 में खेलों के अतिरिक्त विश्वविद्यालय की दोनों टीम रोवरिंग एवं रेंजरिंग में प्रदेश में प्रथम स्थान पर रही। इस वर्ष 26 जनवरी की गणतंत्र परेड में एन.एस.एस. के एक विद्यार्थी ने भाग लिया। सत्र 2015-16 से संस्कृति एवं कला से जुड़ी प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन करने की योजना है। विद्यार्थियों को उच्च कोटि के प्रशिक्षण हेतु न केवल महाविद्यालयों के अध्यापक, अपितु वाह्य प्रशिक्षकों की भी सहायता लेते हुए उत्तम कोटि के उपकरणों एवं स्टेडियम की व्यवस्था से विश्वविद्यालय में खेलकूद का एक स्तरीय वातावरण निर्मित किया गया है।

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व सचिव क्रीडा परिषद डॉ देवेन्द्र सिंह ने खेल परिषद की वार्षिंक प्रगति आख्या प्रस्तुत की। समारोह की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्जवलित कर की गयी। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने राष्ट्रगान प्रस्तुत किया। समारोह का संचालन  कुलसचिव डा. बीके पाण्डेय एवं क्रीडा परिषद के अध्यक्ष डा. शिवशंकर सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर लेडी गवर्नर माननीया कुंडा नाईक, प्रमुख सचिव कुलाधिपति सुश्री जूथिका पाटणकर, सचिव राज्यपाल चन्द्रप्रकाश, प्रो वी के सिंह, कार्यपरिषद, वित्त समिति एवं खेलकूद परिषद के सदस्यगण,  वित्त अधिकारी एमके सिंह, उपकुलसचिव संजय कुमार, डॉ राजीव प्रकाश सिंह, डॉ अनिल प्रताप सिंह, डॉ राम आसरे शर्मा, डॉ लालजी त्रिपाठी, डॉ मानस पाण्डेय, डॉ प्रदीप कुमार,डॉ एच सी पुरोहित, डॉ मनोज मिश्र, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अवध बिहारी सिंह, , डॉ अमित वत्स, डॉ रजनीश भास्कर, सुरजीत यादव, डॉ संतोष कुमार, राम जी सिंह, डॉ के एस तोमर, डॉ पी के कौशिक सहित विश्वविद्यालय शिक्षक एवं राजभवन के अधिकारीगण शामिल रहे।



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हे मां मदर टेरेसा दिल हो सबका तेरे जैसा...

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में मदर टेरेसा की जयंती पर हुए विविध कार्यक्रम


 राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा बुधवार को संगोष्ठी भवन में भारत रत्न मदर टेरेसा की जयंती के अवसर पर विविध कार्यक्रम आयोजित किये गये। राष्ट्रीय सेवा योजना के कैडेटों को विभिन्न क्षे्रत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित भी किया गया। परिसर में स्थिति मदर टेरेसा की मूर्ति पर माल्यार्पण कर कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने उन्हें नमन किया। संगोष्ठी भवन में आयोजित संगोष्ठी एवं सांस्कृतिक समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने सम्बोधन में कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि व्यक्ति महान तब होता है जब वह दूसरों के लिए कुछ करें और एक समूह को जागृत करे। मदर टेरेसा ने वंचितों की सेवा स्वयं की एवं एक बड़ा वर्ग सेवा के लिए तैयार किया जो भारत ही नहीं विश्व के कई देशों में आज समाज के लिए अपना योगदान दे रहा है। विद्यार्थियों के लिए मदर टेरेसा प्रेरणा की स्रोत है।
राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डा. एम. हसीन खान ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े स्वयंसेवक, स्वयंसेविकाओं का धर्म सेवा है। आज का दिन सेवा के प्रति समर्पण का दिन है। मदर टेरेसा का कृतित्व एवं व्यक्तित्व कैडेटों में सदैव ऊर्जा का संचार करता रहेगा। अध्यक्षीय सम्बोधन में पूर्व प्राचार्य लालजी त्रिपाठी ने कहा कि विद्यार्थी अपने अंदर सेवा का भाव पैदा करें और समाज में लोगों को जागृत करने का कार्य कर अपना जीवन सार्थक करें, मदर टेरेसा को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी। कैडेट शबनम एवं ज्योति ने एनएसएस का लक्ष्यगीत प्रस्तुत किया। डा. अजय विक्रम सिंह ने मदर टेरेसा पर कविता हे मां मदर टेरेसा दिल हो सबका तेरे जैसा... प्रस्तुत की। कुसुमलता सोनकर ने लोकगीत प्रस्तुत कर लोगों को भाव विभोर कर दिया।
कार्यक्रम में गणतंत्र दिवस दिल्ली के परेड में सहभागिता के लिए बलवंत यादव, युवा महोत्सव असम, नेशनल एडवेंचर कैम्प असम, छात्र संसद पुणे सहित विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने वाले कैडेटों को कुलपति ने सम्मानित किया।
जयंती के अवसर पर रंगोली, पोस्टर प्रदर्शनी के साथ एक छात्र एक पेड़ योजना अन्तर्गत पौधरोपण भी किया गया। संचालन डा. अजय विक्रम सिंह ने किया। इस अवसर पर डा. राजकुमार सोनी, डा. संतोष कुमार, डा. मनोज मिश्र, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. हुमा, डा. अमरेंद्र सिंह, डा. राजश्री, डा. मधुलिका समेत विभिन्न जनपदों के कार्यक्रम अधिकारी एवं स्वयंसेविकाएं मौजूद रहे।


Saturday 15 August 2015

अपने कर्त्तव्य पालन से हम विश्वविद्यालय,समाज और देश की प्रगति में दे सकते हैं अपना अमूल्य योगदान- प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल

ध्वजारोहण करते कुलपति प्रोफ़ेसर पीयूष रंजन अग्रवाल  
स्वतंत्रता दिवस के पवन अवसर पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय  के सरस्वती सदन पर कुलपति प्रोफेसर पीयूष रंजन अग्रवाल नें ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर ज्ञात -अज्ञात अमर शहीदों  और सेनानियों को नमन करते हुए उन्होंने सभी को स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनायें और बधाई दी। उन्होंने कहा कि जिन महापुरुषों नें हमें आज़ादी दिलानें में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया आज  हम उनके   बताये मार्ग पर जीवन पर्यन्त चलने का  संकल्प लें।   महात्मा जी नें हमें सत्य-अहिंसा का मार्ग दिखाया। अपने जीवन में इसे  उतार कर हम भारत को ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। १९४७ से चली आज़ादी की इस  यात्रा में हमनें बहुत सी उपलब्धियां हासिल की हैं। शिक्षा के  प्रसार में विश्वविद्यालय  समाज  में लाइट -हाउस की तरह है। हमें इस देश के युवाओं को एक रोशनी दिखानी है जिससे वे आगे अपनी समस्त बाधाओं को पार कर सकें। उन्होंने कहा कि  आज सूचना -प्रौद्योगिकी नें बड़ी तेज़ी से हमें पूरी दुनिया से जोड़ा हैं। जैसे -जैसे  हमें नई सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं वैसे ही हमारी अपेक्षाएं भी बदल रही हैं। सामाजिक संरचना  -आर्थिक परिदृश्य सभी  कुछ बहुत तेज़ी से बदलाव की ओर है। इन अपेक्षाओं के अनुरूप विश्वविद्यालयों को भी तैयार होना होगा। आज विश्वविद्यालय समाज में मार्गदर्शक की भूमिका में हैं। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी आज पुरानी पीढ़ी को नेतृत्व दे रही है। इसलिए उच्च शिक्षा के प्रसार में विश्वविद्यालयों से बहुत अपेक्षाएं हैं। हमें इन इन उम्मीदों -अपेक्षाओं पर खरा उतरना होगा तथा अपना सर्वोच्च देना होगा। अपने कर्त्तव्य पालन से  हम विश्वविद्यालय,समाज और देश की प्रगति में अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं। संबोधन  के पूर्व कुलपति प्रोफेसर पीयूष रंजन अग्रवाल नें २२ पूर्व सैनिकों  को उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मानित किया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ बी.के. पाण्डेय ,वित्त-अधिकारी एम.के. सिंह ,उप कुलसचिव संजय कुमार सहित विश्वविद्यालय के समस्त प्राध्यापक ,अधिकारी ,कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। 
सम्बोधित करते कुलपति प्रोफ़ेसर पीयूष रंजन अग्रवाल 

सम्बोधित करते कुलपति प्रोफ़ेसर पीयूष रंजन अग्रवाल 



पूर्व सैनिक को सम्मानित करते कुलपति प्रोफ़ेसर पीयूष रंजन अग्रवाल 



स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उपस्थित  विश्वविद्यालय परिवार 

Tuesday 4 August 2015

सभी के साथ समान व्यवहार करती है प्रकृति: कुलपति

                                 एक छात्र एक पेड़ अभियान अन्तर्गत विश्वविद्यालय परिसर में हुआ पौधरोपण

विश्वविद्यालय परिसर में मंगलवार को एक छात्र एक पेड़ अभियान की शुरूआत कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने पौधरोपण कर की। नये सत्र में पर्यावरण संरक्षण के लिए विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारियों ने छात्रों के साथ पौधरोपण कर प्रकृति के प्रति जुड़ने का संकल्प दिलाया।
अभियान की शुरूआत करते हुए कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि प्रकृति सभी मानवों के साथ एक प्रकार का व्यवहार करती है। हमें जीवन के लिए पानी, हवा प्रकृति द्वारा ही प्राप्त होती है। प्रकृति उदार और ईमानदार है जो सहज सबके लिए उपलब्ध है। हमने अपने दैनिक जीवन में प्रकृति से बहुत कुछ लिया है। हमारा नैतिक दायित्व होता है कि प्रकृति को हम कुछ लौटायें। पौधरोपण कर हम इस नेक कार्य को हम कर सकते है। उन्होंने पौधरोपण करने वाले छात्रों से अपील की कि आज रोपित किये जाने वाले पौधों को गोद लेकर अपना नाम जोड़े और उसकी सेवा करते रहे।
कुलसचिव डा. बीके पाण्डेय ने कहा कि इस अभियान में जिन विद्यार्थियों ने पौधरोपण किया है उन्होंने एक पुनीत कार्य किया है। अब उनकी जिम्मेदारी है कि अगली पीढ़ी को हरा भरा पौधा सौंपकर जाय। वित्त अधिकारी एमके सिंह ने कहा कि वृक्षों के बिना जीवन संभव नहीं है। मानव को तपती गर्मी में वृक्ष की छांव ही राहत देती है। 

एक छात्र एक पेड़ अभियान के समन्वयक प्रो. बीबी तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय में पिछले वर्ष इस अभियान की शुरूआत हुई थी। इस वर्ष विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने इस सोच को पूरे देश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को अपने यहां संचालित करने के लिए कहा है। 
पौधरोपण अभियान के अन्तर्गत चरक छात्रावास, डा. सीवी रमन छात्रावास एवं विश्वकर्मा छात्रावास के समीप 350 पौधे लगाये गये। इनमें आम, जामुन, आंवला, अमरूद, ढिठोर, मौलश्री, नीम, कटहल आदि के पौधे शामिल थे। 

कार्यक्रम का संयोजन सुरजीत यादव, संचालन डा. एचसी पुरोहित एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. मानस पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर डा. अविनाश पार्थडिकर, डा. बीडी शर्मा, डा. मनोज मिश्रा, डा. आशुतोष सिंह, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. केएस तोमर, डा. सुनील कुमार, सुशील कुमार प्रजापति, डा. धर्मेंद्र सिंह, डा. विनय वर्मा, सुबोध पाण्डेय सहित विभिन्न संकायों के विद्यार्थी मौजूद रहे।