Monday 25 December 2017

पीयू के फार्मेसी निदेेशक का निधन


शोक में डूबा परिसर
कुलपति समेत विश्वविद्यालय परिवार ने दी श्रद्धांजलि

विश्वविद्यालय  परिसर स्थित फार्मेसी संस्थान के निदेशक प्रोफ़ेसर ए के श्रीवास्तव (59) का रविवार की रात 11 बजे हृदयाघात  से  निधन हो गया। प्रोफेसर श्रीवास्तव पूर्वांचल विश्वविद्यालय में 2012 से निदेशक पद पर कार्यरत रहे। गाजीपुर जनपद के मूल निवासी रहे प्रोफेसर श्रीवास्तव बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से बी फार्मा, एम फार्मा की पढ़ाई की थी। उन्होंने पीयू में नियुक्ति के  पूर्व कई फार्मा कंपनियों में अपनी सेवाएं दी थी।  विश्वविद्यालय के फार्मेसी संकाय को नई दिशा प्रदान करने में प्रोफेसर श्रीवास्तव का अतुलनीय योगदान रहा। ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए जागरूकता अभियान एवं कई निशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन कराने में बड़ी भूमिका निभाई थी। प्रोफेसर एके श्रीवास्तव  परिवार में पत्नी, बेटे और एक बेटी को  छोड़ गए हैं।
प्रोफ़ेसर श्रीवास्तव के निधन पर मौके पर पहुंचे  विश्वविद्यालय के कुलपति ने श्रद्धासुमन अर्पित कर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि प्रो  श्रीवास्तव का निधन विश्वविद्यालय के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने फार्मेसी संस्थान को उच्चतम शिखर पर पहुंचाने में हरसंभव योगदान दिया । विश्वविद्यालय में उनके  प्रयासों के प्रति मैं अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में प्रोफेसर बीबी तिवारी, डॉ अजय द्विवेदी, डॉ मानस पांडेय ,राकेश यादव , डॉ बी डी शर्मा, डॉ राजकुमार सोनी, डॉ संतोष कुमार, डॉ मनोज मिश्र, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ राजीव कुमार, विनय वर्मा, धर्मेंद्र सिंह, विजय बहादुर मौर्य, अमलदार यादव, अवधेश श्रीवास्तव, संजय श्रीवास्तव, राजनारायण सिंह, राजेश सिंह,सुरेंद्र सिंह, विद्युत मल समेत विश्वविद्यालय के  छात्र, शिक्षक एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

Thursday 21 December 2017

दो परिवारों को जोड़ती है बेटियां


विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान के शोध एवं नवाचार केंद्र में बाल विवाह की रोकथाम, लिंग आधारित भेदभाव एवं हिंसा विषयक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह आयोजन यूनिसेफ एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित  हुआ। कार्यशाला में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेविकाओं को समाज को  लिंग भेद एवं महिला हिंसा के प्रति जागरुक करने के लिए प्रशिक्षित किया गया। 
 उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि समन्वयक एनएसएस राकेश यादव ने कहा कि बेटियां समाज की रीढ़ है और दो परिवारों को जोड़ने का काम करती हैं। स्वस्थ समाज तभी बन सकता है जब स्त्रियों को सम्मान मिले। उन्होंने कहा कि समाज में लिंग असमानता व हिंसा को रोकने के लिए सबसे पहले हमें स्वयं जागरूक होना पड़ेगा। 
विशिष्ट अतिथि अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ अजय द्विवेदी ने कहा कि आज मानसिक परिवर्तन लाने की जरूरत है। बाल विवाह जैसी कुरीतियों को समाज से हटाने में युवा बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं। 
इसी क्रम में कार्यक्रम अधिकारी डॉ रियाज अहमद ने महिला हिंसा, बाल अधिकार व लिंग भेदभाव के विविध आयामों पर अपनी बात रखी। 
अध्यक्षीय संबोधन में इंजीनियरिंग संकाय के अध्यक्ष डॉ ए के श्रीवास्तव ने कहा कि अगर हमारे अंदर एक अच्छा चरित्र विकसित होगा तो लिंग असमानता स्वयं समाप्त हो जाएगी। फॉर्मेसी संस्थान की शिक्षिका झांसी मिश्रा ने बाल विवाह व महिला सशक्तिकरण पर  अनुभवों को साझा करते हुए महिला के जीवन की मार्मिक कहानी सुनाई। प्रशिक्षण कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा अधिकारों एवं कानूनों की जानकारी दी। संयोजक कार्यक्रम अधिकारी डॉ विनय वर्मा ने संचालन किया। प्रशिक्षण कार्यशाला में  डॉ सुरजीत यादव,डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ आशीष गुप्ता, डॉ अलोक दास  समेत राष्ट्रीय सेवा योजना के  सेवक सेविकाएं उपस्थित रहे। 

Wednesday 13 December 2017

भाषण प्रतियोगिता में ऋचा प्रथम




29 दिसंबर को लखनऊ में होंगी सम्मानित
संकाय भवन में आयोजित हुई विश्वविद्यालय स्तरीय प्रतियोगिता

विश्वविद्यालय के संकाय भवन के कांफ्रेंस हॉल में मंगलवार को स्वराज्य मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा विषय पर विश्वविद्यालय स्तरीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
 उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद के निर्देश पर विश्वविद्यालय द्वारा यह प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें जनपद में प्रथम स्थान पाने वाले विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। भाषण प्रतियोगिता में डीसीएसके पीजी कॉलेज मऊ की छात्रा ऋचा पांडे को प्रथम स्थान मिला। अपने भाषण में ऋचा ने कहा कि समाज सुधार मरम्मत की तरह नहीं होना चाहिए बल्कि हनुमान की संजीवनी की संजीवनी की तरह होना चाहिए।लोकमान्य तिलक से लेकर अन्ना हजारे के अभियानों पर अपनी बात रखी।
 हडिया पीजी कॉलेज इलाहाबाद की छात्रा मीनाक्षी मिश्रा का द्वितीय एवं गाजीपुर पीजी कॉलेज की छात्रा सलोनी यादव को तृतीय स्थान मिला। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सामाजिक विज्ञान संकाय के अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह ने लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के व्यक्तित्व पर अपने विचार व्यक्त किए। विश्वविद्यालय स्तर पर प्रथम स्थान पाने वाली छात्रा ऋचा पांडे को महान चिंतक एवं राष्ट्रवादी विचारधारा के संवाहक लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के सम्मान में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 29 दिसंबर को लखनऊ में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम के संयोजक अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉक्टर अजय द्विवेदी ने प्रतिभागियों को  बधाई दी।निर्णायक मंडल में डॉ मनोज मिश्र, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ सुनील कुमार शामिल रहे।

Monday 11 December 2017

डॉ लालजी सिंह के निधन पर शोक


प्रख्यात वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ लालजी सिंह के निधन पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने गहरा दुख व्यक्त किया है. शोक संदेश में उन्होंने कहा कि डॉ लालजी सिंह के निधन से विज्ञान के क्षेत्र में एक अपूरणीय क्षति हुई है. वह राष्ट्र  के लिए एक धरोहर थे। 
वहीं परिसर के विज्ञान संकाय में शोक सभा आयोजित कर डॉक्टर लाल जी सिंह जी को शिक्षक कर्मचारी एवं विद्यार्थियों ने श्रद्धांजलि दी। जनसंचार विभाग के प्राध्यापक डॉ मनोज मिश्र ने उनके जीवन वृत्त पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉक्टर अजय द्विवेदी, डॉक्टर बी डी शर्मा, डॉ राम नारायण,डॉ मनोज मिश्र, डॉ राजेश शर्मा,डॉ एस पी तिवारी, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर,डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ सुभाष, डॉ सुधीर उपाध्याय, श्याम त्रिपाठी, आनंद सिंह,                                                                 आशुतोष सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे.

Wednesday 6 December 2017

पूर्वांचल विश्वविद्यालय की टीम हुई विजेता

 
बर्धमान विश्वविद्यालय की टीम उप विजेता 
 वित्त अधिकारी एम के सिंह ने खिलाडियों को दी ट्राफी 

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में चल रही पूर्वी जोन अंतर विश्वविद्यालयीय खो खो पुरुष प्रतियोगिता में पूर्वांचल विश्वविद्यालय की टीम अंकों के आधार पर विजेता एवं बर्धमान विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल उपविजेता हुई।
समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि वित्त अधिकारी एम के सिंह ने खिलाड़ियों को ट्रॉफी प्रदान कर उत्साहवर्धन किया उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि खिलाड़ी सदैव अनुशासन में अपने जीवन को व्यतीत करते है और अन्य से सदैव अलग नजर आते हैं।03 पश्चिम बंगाल की टीमों के अखिल भारतीय प्रतियोगिता में चयन होने पर बधाई दी।
कुलसचिव संजीव सिंह,अध्यक्ष मेजर डॉ एस पी सिंह, खेल सचिव डॉ शेखर सिंह, आयोजन सचिव डॉ प्रशांत राय ने  भी खिलाड़ियों को संबोधित किया। भारतीय विश्वविद्यालय संघ के पर्वेक्षक महेंद्र कुमार ने सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय को बधाई दी। पांच दिवसीय प्रतियोगिता में पूर्वी क्षेत्र के 25 विश्वविद्यालय की टीमों ने भाग लिया था। अंतिम दिन के चार मैच आयोजित हुए अंको के आधार पर पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रथम, पश्चिम बंगाल का बर्धमान विश्वविद्यालय द्वितीय, नार्थ बंगाल विश्वविद्यालय तृतीय एवम विद्यासागर विश्वविद्यालय चतुर्थ स्थान प्राप्त किया। मैसूर में होने वाली अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालयीय प्रतियोगिता में भाग लेंगी। कार्यक्रम का संचालन अशोक कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉ विजय तिवारी, डॉ  दिग्विजय सिंह राठौर,डॉ देवेंद्र सिंह, रजनीश सिंह, अमलदार यादव,संजय श्रीवास्तव,पी के कौशिक समेत तमाम लोग उपस्थित रहे।

शोधगंगा पर पीयू तीसरे स्थान पर पहुंचा

 विश्वविद्यालय की सभी थीसिस ऑनलाइन है उपलब्ध 

विश्वविद्यालय यूजीसी  के पोर्टल शोधगंगा पर देश में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। विश्वविद्यालय के सभी शोध ग्रंथ अब ऑनलाइन पढ़े जा सकते हैं।  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा शोध गंगा एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया गया जिस पर शोध ग्रंथ  को अपलोड किया जाता है। इस पर अपलोड होने के बाद इंटरनेट के माध्यम से कोई भी शोध ग्रंथों को पड़ सकता है।  विश्वविद्यालय के विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय द्वारा पुरानी थीसिस को स्कैन कर डिजिटल रूप प्रदान किया गया और उसे शोधगंगा की वेबसाइट पर पूरी सूचना के साथ अपलोड कर दिया गया है।  
देश के 310 विश्वविद्यालय शोध गंगा पर पंजीकृत हैं। इस पोर्टल पर पहले स्थान पर कोलकाता विश्वविद्यालय है जिसकी 10705 थीसिस अपलोड है।   दूसरे स्थान पर सावित्री फुले पुणे विश्वविद्यालय जिसकी 8873 अपलोड है।  वही  पूर्वांचल विश्वविद्यालय की 7523 थीसिस ऑनलाइन अपडेट हो चुकी हैं। उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों  में पूर्वांचल के अलावा कोई विश्वविद्यालय नहीं है। वही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय चौथे स्थान पर है।  मानद पुस्तकालय अध्यक्ष डॉक्टर मानस पांडे ने बताया कि विश्वविद्यालय की सभी थीसिस  ऑनलाइन अब शोधगंगा पर ऑनलाइन पढ़ी जा सकती है।इससे शोध करने वालों को लाभ मिलेंगा। 

Friday 1 December 2017

शोधार्थी ईमानदारी से करे शोध -गीतिका सरीन

 
उत्कृष्ट शोध पत्र लेखन के लिए कार्यशाला  का आयोजन 
     पूविवि के विश्वेश्वरैया सभागार में  शुक्रवार  को उत्कृष्ट शोध पत्र लेखन के लिए कार्यशाला  का आयोजन किया गया।कार्यशाला में शोध पत्र लेखन की बारीकियों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। यह आयोजन विश्वविद्यालय  के विवेकानन्द केन्द्रीय पुस्तकालय एवं स्प्रिंगर नेचर  इंडिया दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
    कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ दिल्ली की  गीतिका सरीन ने कहा  कि  शोध पत्र लेखन में नैतिक एवं सामाजिक पक्षों का  ध्यान रखा जाना  चाहिए। शोध का विषय  समाज को परिवर्तन देने वाला  हों। नवोन्मेष पर विशेष  ध्यान देते हुए कॉपी -पेस्ट से बचें। शोधार्थी साहित्यिक चोरी और नकली जर्नल्स से बचते हुये ईमानदारी से शोध कार्य पूर्ण करें। ज्ञान एवं समाज के विकास के लिए शोध बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि शोध के समय परिकल्पना बहुत प्रमुख होती है, हम क्या सोचते है, अन्य लोग क्या सोचते है और फिर इसी बुनियाद पर शोध प्रारम्भ होता है। उन्होंने कहा कि  स्तरीय शोध पत्रिका में शोध पत्रों का प्रकाशन लेखकों को वैश्विक छवि बनाने में मदद करता है। ऐसे में लेखकों को शोध पत्र लेखन की तकनीकी जानकारी होना आवश्यक है।आज के दौर में आवश्यकतानुसार अंग्रेजी भाषा को सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शोध पत्र समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में बड़ी भूमिका अदा करते हैं। शोध पत्र लेखन में गुणवत्ता, अच्छी भाषा शैली, नया विषय एवं क्षेत्र विशेष को ध्यान में रखना चाहिए। 
उद्घाटन सत्र के अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कुलपति प्रो.डॉ राजाराम यादव ने   कहा कि शोध पत्र लेखन में शब्दों के चयन एवं सारांशिका बेहतर शोध पत्र लेखन के आधार बिंदु हैं। सरांशिका में ही गागर में सागर होना चाहिए।  उन्होंने कहा कि उत्कृष्ट शोध लेखन से ही बेहतर ज्ञान का संचार संभव है। आज की कार्यशाला  बेहतर शोध पत्र लेखन में मददगार साबित होगी।उन्होंने शोधार्थियों से कहा कि शोध एक खोजपूर्ण और तथ्यपरक व्याख्या है। इसका प्रस्तुतिकरण  और भी महत्वपूर्ण है। लेखन एक कला है। शोध लेखन उसका उच्चतम बिंदु है। वैश्विक स्तर पर कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते हमारा ज्ञान सदैव समतुल्य होना आवश्यक है। किसी भी शिक्षक एवं विद्यार्थी के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह सदैव अपने ज्ञान को अपडेट करते रहे।
    स्प्रिंगर इण्डिया के क्षेत्रीय प्रबंधक कुंज  वर्मा  ने कहा कि यह कार्यशिविर लेखकों के कौशल विकास के लिए एक अवसर प्रदान करता है। स्प्रिंगर नेचर का  यह प्रयास है कि देश की बौद्धिक संपदा में उत्तरोत्तर वृद्धि हो। शोध पत्र लेखन के क्षेत्र में भारत, यूरोप व एशिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ रहा है।
    आए हुए प्रतिभागियों का स्वागत मानद पुस्तकालय अध्यक्ष डा. मानस पाण्डेय, संचालन डा. विद्युत मल्ल ने  किया।  कार्यशाला में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के  शिक्षकों,शोधार्थियों के साथ गया ,फैज़ाबाद ,आजमगढ़ ,लखनऊ,गोरखपुर जौनपुर से आये हुए प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर प्रोफ़ेसर बीबी तिवारी,डॉ अजय द्विवेदी ,डॉ अजय प्रताप सिंह ,डॉ मनोज मिश्र ,डॉ सौरभ पाल ,डॉ दिग्विजय सिंह राठौर ,डॉ सुधीर उपाध्याय ,डॉ रुश्दा आज़मी, डॉ अवध बिहारी सिंह,डॉ सुनील कुमार ,डॉ शैलेश प्रजापति ,विनय वर्मा सहित विद्यार्धी उपस्थित रहे।   

Friday 24 November 2017

साम्प्रदायिक सदभाव के लिए हुई प्रतियोगिताएं

रंगोली, चार्ट का  कुलपति ने किया अवलोकन 

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में शुक्रवार को राष्ट्रीय सांप्रदायिक  सदभाव प्रतिष्ठान गृह मंत्रालय के निर्देश पर  सांप्रदायिक  सदभाव के लिए प्रबंध अध्ययन संकाय भवन में विविध प्रतियोगिताएं  आयोजित की गई। जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।  
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने विद्यार्थियों द्वारा निर्मित रंगोली, स्लोगन, कोलाज एवं पेंटिंग का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थी सदैव सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखेगें ।बिना सदभाव के कोई भी देश आगे नहीं बढ़ सकता। ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है। संयोजक डॉ अजय द्विवेदी ने कहां कि  हमारा नैतिक दायित्व है कि हम सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने में अपना योगदान दें।राष्ट्रीय सांप्रदायिक सदभाव प्रतिष्ठान की तरफ से दिए गए स्टीकर 'सांप्रदायिक सद्भाव' को लोगों को लगाया गया।  
राष्ट्रीय सांप्रदायिक सदभाव पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें  आकांक्षा को प्रथम, मोजिज को द्वितीय, लक्ष्मी को तृतीय स्थान मिला। पेंटिंग प्रतियोगिता में सूरज एवं साक्षी को प्रथम, रश्मि एवं योगिता को द्वितीय, साक्षी एवं सुरभि को तृतीय स्थान मिला। स्लोगन लेखन में शिप्रा को प्रथम, दिलीप को द्वितीय, आकांक्षा को तृतीय स्थान मिला, कोलाज में शिवानी को प्रथम पुरस्कार मिला। रंगोली प्रतियोगिता में मुस्कान सक्सेना ग्रुप को प्रथम, श्रीजल साहू, प्रियंका के ग्रुप को द्वितीय, शिवम प्रिंस, शिवि ग्रुप को तृतीय स्थान मिला। नृत्य प्रतियोगिता में सृष्टि को प्रथम, शिवानी व सुरभि को द्वितीय एवं अश्वनी को तृतीय स्थान मिला।  वाद- विवाद प्रतियोगिता सांप्रदायिक सद्भाव के लिए भी आयोजित की गई। विभिन्न गतिविधियों का समन्वय डॉ रसिकेश, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ पूजा सक्सेना, डॉ सुरेंद्र सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉ मानस पांडे, डॉ अविनाश पाथर्डीकर,डॉ मुराद अली, डॉ सुशील कुमार, डॉ राजेश, अबू सालेह, डॉ के एस तोमर समेत लोग मौजूद रहे।











Wednesday 22 November 2017

राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह - स्वास्थ शिविर का आयोजन


पूर्वांचल विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान द्वारा राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह अंतर्गत स्वास्थ शिविर का आयोजन किया गया। स्वास्थ शिविर में फार्मेसी संस्थान के समस्त छात्र, शिक्षक, कर्मचारी एवं विश्वविद्यालय के समस्त सुरक्षा कर्मियों के  रोगों की जाच एवं निदान किया गया। इसके  बाद विश्वविद्यालय के पास के गाव देवकली में फार्मेसी संस्थान के शिक्षक विद्यार्थी एवं चिकित्सकों ने जाकर ग्राम प्रधान के सहयोग से ग्रामीणों का निशुल्क हेमोग्लोबिन, रक्तजाच, बुखार, सुगरजाच, बी.पी., लम्बाई, वजन आदि की जांच हुई। जाचोंपरान्त ग्रामीणों के  रोगों का निदान भी किया गया। डॉ अब्दुर्रहमान ने बस्ती के लोगों को स्वस्थ रहने की सलाह दी। ज्यादातर महिलाओं के रक्त जांच में हीमोग्लोबिन की कमी पाई गई। डॉक्टर की सलाह पर ऐसे लोगों को आयरन एवं आवश्यकतनुसार दवाओं का वितरण किया गयाI फार्मेसी संस्थान के विद्यार्थियों ने भी डॉ अब्दुर्रहमान के दिशा निर्देशन में प्राथमिक चिकित्सा से सम्बन्धित बहुत कुछ सीखा I फार्मेसी संस्थान के निदेशक प्रो ए. के. श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों द्वारा  ग्रामीणों के लिए लगाए गए  चिकित्सा एवं स्वास्थ्य जांच शिविर की सराहना की और कहा कि  अपने  आस पड़ोस से ही सबसे पहले  सेवा प्रारंभ करनी चाहिए। कार्यक्रम का संयोजन शिक्षक एवं कार्यक्रम अधिकारी  विनय वर्मा ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ अजय द्विवेदी, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. पूजा सक्सेना,  डॉ. विवेक पाण्डेय,  ऋषि श्रीवास्तव डॉ. आलोक दास, डॉ. झाँसी मिश्रा, आशीष गुप्ता, डॉ. धर्मेंन्द्र सिंह, विजय बहादुर मौर्या, ज्ञानेश पराशारी, चंद्रेस शर्मा, शांति प्रकाश मिश्र, , हेमंत कुमार दुबे, ब्रिजेश कुमार सिंह एवं छात्र,छात्राए उपस्थित रहे I

Monday 20 November 2017

ग्रेजुएट एंप्लॉयबिलिटी पर उमानाथ सिंह इंजीनियरिंग संस्थान में व्याख्यानमाला

विश्वविद्यालय के उमानाथ सिंह इंजीनियरिंग संस्थान में ग्रेजुएट एंप्लॉयबिलिटी कार्यक्रम के तहत आई आई टी  लखनऊ के प्रोफेसर बी के सिंह नएवं  आईआईटी बीएचयू के प्रोफेसर एसपी तिवारी ने विद्यार्थियों को गेट की परीक्षा के दृष्टिगत इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग एवं मैकेनिकल इंजीनियरिंग विषयों में सारगर्भित व्याख्यान दिया। 
प्रोफेसर एसपी तिवारी ने अपने व्याख्यान के तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए इस विषय के मौलिक सिद्धांतों पर चर्चा की।  थर्मोडायनेमिक्स एवं एप्लाइड मैकेनिक्स के विषयों एवं थ्योरी ऑफ मशीन जैसे जटिल विषयों की प्रारंभिक मौलिक नियमों पर प्रकाश डाला। इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विषय पर विश्वसरैया सभागार में अपना व्याख्यान देते हुए प्रोफेसर वी के सिंह ने  बताया कि कैसे इलेक्ट्रॉनिक्स में माइक्रोचिप, ऑपरेशनल एंपलीफायर एवं माइक्रो इलेक्ट्रोनिक्स परिपथ  कार्य करते हैं। वक्ताओं ने  ने गेट परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों पर भी बातचीत की।  इस व्याख्यान से चतुर्थ वर्ष के बीटेक छात्रों को गेट परीक्षा में फायदा होगा। यह कार्यक्रम तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन प्रोजेक्ट तीन  के अंतर्गत आयोजित किया गया था। 
समन्वयक प्रोफेसर बीवी तिवारी ने छात्र त्राओं को गेट के लिए गहन अध्ययन करने की सलाह दी.इस अवसर पर मनीषा यादव, वर्तिका, विशाल,तुषार समेत छात्र-छात्राएं मौजूद रहे.

स्वास्थ्य के क्षेत्र में फार्मासिस्टों की बड़ी भूमिका- डॉ अजय

राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह का हुआ शुभारंभ 

पूर्वांचल विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान के शोध एवं नवाचार केंद्र में सोमवार को राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह का शुभारंभ हुआ।  
उद्घाटन सत्र में सामाजिक विज्ञान संकाय के अध्यक्ष डॉक्टर अजय प्रताप सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में फार्मासिस्टों की बड़ी भूमिका है।   फार्मासिस्टों के कारण आज नई दवाओं का विकास संभव हो पाया है और आम आदमी को सही दवाएं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि  विद्यार्थी अपनी योग्यता और पैशन के हिसाब से  कार्य क्षेत्र का चुनाव करें। 
विशिष्ट अतिथि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व महा प्रबंधक  डीके श्रीवास्तव ने कहा कि फार्मेसी के छात्रों के लिए रोजगार की तमाम संभावनाएं हैं। आज के दौर में फार्मेसी का कोई छात्र बेरोजगार नहीं है। आने वाले समय में और मांग बढ़ेगी।
अध्यक्षता करते हुए मानव संसाधन विकास विभाग के अध्यक्ष डॉ अविनाश पाथर्डीकर में विद्यार्थियों को रोजगार एवं व्यक्तित्व विकास से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से बताया।फार्मेसी सप्ताह के पहले दिन बीएसडी पब्लिक स्कूल गुरैनी  जौनपुर के विद्यार्थियों ने फार्मेसी संस्थान के प्रयोगशालाओं, संग्रहालय, पुस्तकालय, स्टेडियम एनएसएस भवन एवं कक्षाओं का अवलोकन किया।  शिक्षकों द्वारा उन्हें दवा से जुड़ी तमाम जानकारियां दी गई। फार्मेसी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर ए के श्रीवास्तव ने सप्ताह के विषय 'दवाओं के बारे में फार्मासिस्ट से जाने पर' अपनी बात रखी।  संचालन शिक्षक एवं कार्यक्रम अधिकारी डॉ विनय वर्मा एवं डॉ झाँसी मिश्रा ने आभार व्यक्त किया इस अवसर पर दिग्विजय सिंह राठौर,डॉ धर्मेंद्र सिंह, आशीष गुप्ता, सुधा श्रीवास्तव, शशि प्रजापति समेत छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। 

कैंपस सलेक्शन में चार विद्यार्थियों का हुआ चयन



पूर्वांचल विश्वविद्यालय में संपन्न हुए रोजगार दक्षता विकास कार्यशाला में विश्वविद्यालय के चार विद्यार्थियों का कैंपस सेलेक्शन हुआ है। इनका चयन लाइमैन सॉल्यूशन लखनऊ के द्वारा किया गया है।
केंद्रीय ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल की निदेशक प्रोफेसर रंजना प्रकाश ने बताया कि बी टेक कंप्यूटर विज्ञान के छात्र रूपशंकर मिश्र का फाइनल चयन एवं इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन के राज श्रीवास्तव, जनसंचार की छात्रा आकांक्षा श्रीवास्तव, एमबीए एच आरडी  के छात्र शाश्वत का प्रथम चरण में चयन हुआ है। जिनको तीन माह का प्रशिक्षण देकर नियुक्ति पत्र दिया जायेगा। कंपनी के द्वारा इन्हें 30000 तक प्रतिमाह वेतन का प्रस्ताव दिया गया है।
प्रोफेसर रंजना प्रकाश ने कहा कि विश्वविद्यालय का ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को रोजगार की जरूरतों के हिसाब से तैयार करने एवं प्लेसमेंट के लिए विभिन्न कंपनियों से लगातार संपर्क स्थापित कर रहा है। आने वाले समय में कैंपस सलेक्शन के लिए कई कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा।

Saturday 18 November 2017

साक्षात्कार के गुर सिखाए

 
पूर्वांचल विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल द्वारा संगोष्ठी भवन में छात्रों में रोजगार दक्षता के विकास के लिए आयोजित कार्यशाला के दूसरे दिन ग्रुप डिस्कशन एवं साक्षात्कार के गुर सिखाए गए। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने कहा कि इस प्रशिक्षण में जो भी विद्यार्थी आए हैं वह प्रशिक्षकों द्वारा बताई गई बातों को अपनाएं और उसके अनुरुप अपने को तैयार करें।
केंद्रीय प्लेसमेंट सेल के अध्यक्ष प्रोफेसर रंजना प्रकाश ने कहा कि यह प्रशिक्षण विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में सहायक होगा। आने वाले समय में विश्वविद्यालय के  विद्यार्थियों के लिए  इस तरह के और भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।विशिष्ठ अतिथि डॉ  के के तिवारी रहे।
कार्यशाला के दूसरे दिन विशेषज्ञ मोक्षदा सिंह, निवेदिता सिंह एवं मुख्य ट्रेनर अंकित सिंह ने विद्यार्थियों का ग्रुप बनाकर माक ग्रुप डिस्कशन एवं साक्षात्कार कराया और उन्होंने इसकी बारीकियों से अवगत कराया। साक्षात्कार एवं ग्रुप डिस्कशन का वास्तविक  माहौल तैयार करा कर  विद्यार्थियों को ट्रेनिंग दी गई। प्रशिक्षकों ने कहा कि हमें कंपनी की जरूरतों को ध्यान में रखकर आज अपने को तैयार करने की जरूरत है। इंजीनियरिंग संकाय की शिक्षिका वंदना सिंह ने भी प्रशिक्षण दिया।इस अवसर पर प्रोफेसर बीबी तिवारी, डॉ अविनाश पाथर्डीकर, डॉ रसिकेस, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ सुनील कुमार, श्याम त्रिपाठी समेत विभिन्न विभागों के विद्यार्थी मौजूद रहे।

Friday 17 November 2017

छात्रों रोजगार दक्षता के विकास के लिए दो दिवसीय कार्यशाला


पूर्वांचल विश्वविद्यालय  के  ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट  सेल द्वारा संगोष्ठी भवन में छात्रों रोजगार दक्षता के विकास के लिए  दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें लखनऊ की संस्था लाइमैन सॉलूशन  ने  छात्र छात्राओं को प्रशिक्षण  दिया। 
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में सुश्री मोक्षदा सिंह , सी ई ओ, निवेदिता सिंह, निदेशक, लाइमेंन सॉल्यूशंस एवं मुख्य ट्रेनर, श्री अंकित सिंह ने विद्यार्थियों को रिक्रूटमेंट के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। उन्होंने विद्यार्थियों को नौकरी के लिए रोजगार के समय इंटरव्यू के विविध पहलुओं से अवगत कराया। इसके साथ ही कैसे इंटरव्यू की तैयारी करें इस पर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि नियोक्ता सदैव एक बेहतर अभ्यर्थी की तलाश में रहता है किसी भी छात्र को अपने ज्ञान के साथ साथ विभिन्न परिस्थितियों से निपटने की कला भी आनी चाहिए। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता इंजीनियरिंग संकाय के  प्रोफेसर बीबी तिवारी ने की एवं अतिथियों का स्वागत  केंद्रीय ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ की अध्यक्षाप्रोफेसर रंजना प्रकाश ने किया ।
प्रथम दिवस के द्वितीय सत्र में कार्यकारी निदेशिका सुश्री मोक्षदा सिंह ने इंटरव्यू के समय पहनने वाले परिधान, बॉडी लैंग्वेज एवं अपने आप को इंट्रोड्यूज करने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। 
इस अवसर डॉ अविनाश पाथर्डीकर, डॉ अजय द्विवेदी, डॉ आशुतोष सिंह, डॉ मुराद अली, डॉ राजेश कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अभिनव श्रीवास्तव, डॉ कमलेश मौर्या, समेत समस्त संकायों के अंतिम वर्ष के छात्र एवं छात्राए उपस्थित थे।

Tuesday 14 November 2017

विश्वविद्यालय में अंतर महाविद्यालयीय एथलेटिक पुरुष एवं महिला प्रतियोगिता शुरू

 

*कुलपति ने कहा असफलता को सफलता की कुंजी बनाएं

*1500 मीटर दौड़ में शिवेंद्र और सविता प्रथम

 विश्वविद्यालय के एकलव्य स्टेडियम में बुधवार को 29 वीं अंतर महाविद्यालयीय एथलेटिक पुरुष एवं महिला प्रतियोगिता का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ राजाराम यादव ने किया। बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कहा कि खेल की भावना सफलता की ओर ले जाती है। जीवन में कभी असफलता से निराश ना हो असफलता को सफलता की कुंजी बनाएं। उन्होंने चयनकर्ताओं से अपील की कि  खेल प्रतिस्पर्धाओं में  एक बेहतर खिलाड़ी का चयन करें जिससे वह दूर तक सफर कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखा सके। 
कुलपति प्रोफ़ेसर यादव ने विभिन्न महाविद्यालयों के खिलाड़ियों द्वारा मार्च पास्ट की सलामी ली।उन्होंने धावक दुरगेन्द्र को मसाल सौंपी।
खेलकूद परिषद के अध्यक्ष डॉ सत्येंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों ने देश में विश्वविद्यालय का मान बढ़ाया है।खेलकूद परिषद के पूर्व सचिव देवेंद्र सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया एवं आयोजन सचिव डॉ राजकुमार सोनी ने आख्या प्रस्तुत की।संचालन अशोक सिंह एवं अनिल अस्थाना ने किया।
पहले दिन दौड़ एवं जंप की प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। 1500 मीटर की  पुरुष एवं महिला प्रतियोगिता की फाइनल दौड़ हुई। 1500 मीटर पुरुष दौड़ में मोहम्मद हसन पीजी कॉलेज के शिवेंद्र प्रथम, स्वर्गीय चंद्रशेखर जी कॉलेज गाजीपुर के अमन द्वितीय एवं डीडीयू महाविद्यालय गाजीपुर के सुजीत कुमार ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
1500 मीटर महिला दौड़ में मोहम्मद हसन पीजी कॉलेज की सविता ने प्रथम हंडिया पीजी कॉलेज इलाहाबाद की सोनी कुमारी ने द्वितीय एवं सल्तनत पीजी कॉलेज की सुप्रिया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।इसके साथ ही 100 मीटर की प्रथम हिट प्रतियोगिता हुई।
लॉग जम्प प्रतियोगिता में पुरुष वर्ग में हड़िया पी जी कॉलेज के इरफान प्रथम स्थान, मोहम्मद हसन कॉलेज के सावन शर्मा द्वितीय स्थान, आर बी एस पी जी कॉलेज गोहाना के रामपति को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। वहीं लॉग जंप महिला प्रतियोगिता में सल्तनत बहादुर पीजी कॉलेज बदलापुर की कीर्ति सिंह को प्रथम, नूरुद्दीन महाविद्यालय की प्रियंका यादव को द्वितीय एवं  पीजी कॉलेज सैदपुर की सलोनी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
गोला फेंक पुरुष प्रतियोगिता में हड़िया पीजी कॉलेज के रामचंद्र को प्रथम, दुर्गेश प्रताप को द्वितीय एवं विपिन को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। गोला फेंक महिला प्रतियोगिता में मोहम्मद हसन पीजी कॉलेज की नीरज कुमारी को प्रथम, सल्तनत बहादुर पीजी कॉलेज की शिवानी को द्वितीय, पीजी कॉलेज सैदपुर की कंचन को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर वित्त अधिकारी एमके सिंह, प्रोफेसर बीबी  तिवारी, कुलसचिव संजीव सिंह, डॉ ए के श्रीवास्तव, डॉ वीरेंद्र विक्रम यादव, राकेश यादव, डॉ राम आसरे शर्मा, डॉ देवेंद्र प्रताप सिंह, डॉ अजय द्विवेदी, डॉ आलोक सिंह डॉ विजय तिवारी, डॉक्टर संतोष कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, आलोक दास, डॉ अवध बिहारी सिंह, अमलदार यादव,डॉ सुधीर उपाध्याय, शैलेश प्रजापति, प्रवीण सिंह, धर्मेंद्र सिंह, विनय वर्मा,रजनीश सिंह समेत विभिन्न महाविद्यालयों के खिलाड़ी, प्रशिक्षण,शिक्षक एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

Monday 13 November 2017

शिक्षक समाज की अच्छाइयों को पहचाने

विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संस्थान में चल रही तीन दिवसीय कार्यशाला का रविवार को समापन हुआ।तीसरे दिन काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ अमरेंद्र कुमार ने कहा कि शिक्षक समाज की अच्छाइयों को पहचाने एवं स्वयं पर लागू करें। उन्होंने दूसरे के प्रति व्यवहार एवं स्त्री पुरुष के भावनात्मक संबंधों पर विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने कहा कि आज के परिवेश में बच्चों को मनोविज्ञान की शिक्षा देने की आवश्यकता है ताकि उसमे मैत्री, करुणा और दया की भावना उत्पन्न हो। उन्होंने कहा कि आज अधिकांश लोगों की मानसिकता धन अर्जित करने की हो गई है जिसके फलस्वरुप भारत की संस्कृति का अधोपतन हो रहा है। इस पर आज के परिवेश में चिंतन करने की आवश्यकता है।समापन सत्र में डीन प्रो बीबी तिवारी एवं डॉ रजनीश भास्कर ने अतिथियों को स्मृति चिंह भेंट किया। प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया। कार्यशाला में डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ यू आर  प्रजापति, डॉ प्रवीण सिंह, शैलेश प्रजापति, डॉ सुधीर सिंह, जया शुक्ला समेत इंजीनियरिंग के शिक्षक मौजूद रहे।
मौलिक अधिकारों के प्रति सचेत करे शिक्षक 
कार्यशाला के दूसरे दिन आई.आई.टी. बी.एच.यू. से आये श्री योगेश कुमार सिंह ने अपनी बातें रखी। उन्होंने कहा  कि जीने के लिये स्वस्थ्य शरीर, भयमुक्त, शिकायत मुक्त एवं व्यवस्था में भागीदारी का होना जरूरी है। समाज में गरीबी, अमीरी और समृद्धि पर चर्चा की गयी। उन्होंने कहा कि छात्रों में ऐसे गुणों का विकास करना चाहिए जिसमें छात्र अपने सभी मौलिक अधिकारों और जिम्मेदारी के प्रति सचेत रहें और अभावमुक्त, समृद्धि पूर्वक जीवन को व्यतीत करें। कार्यशाला के दूसरे दिन  स्वव्यवस्था पर चर्चा की गयी। कार्यक्रम का संचालन संस्थान की संकायाध्यक्ष प्रो0 बी0वी0 तिवारी धन्यवाद ज्ञापन डाॅ रजनीश भाष्कर ने दिया। कार्यशाला में डाॅ अमरेन्द्र सिंह, डाॅ जे0पी0 लाल, डाॅ यू0आर0 प्रजापति,डाॅ प्रवीण कुमार सिंह, डाॅ शैलेश कुमार प्रजापति, डाॅ दीप प्रकाश, डाॅ प्रशान्त यादव, डाॅ ज्ञानेन्द्र कुमार पाल,  तुषार श्रीवास्तव, अर्चना सिंह आदि लोग मौजूद रहें।

Sunday 12 November 2017

तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन

पूर्वांचल विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संस्थान में चल रही तीन दिवसीय कार्यशाला का रविवार को समापन हुआ।तीसरे दिन काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ अमरेंद्र कुमार ने कहा कि शिक्षक समाज की अच्छाइयों को पहचाने एवं स्वयं पर लागू करें। उन्होंने दूसरे के प्रति व्यवहार एवं स्त्री पुरुष के भावनात्मक संबंधों पर विस्तार से चर्चा की।उन्होंने कहा कि आज के परिवेश में बच्चों को मनोविज्ञान की शिक्षा देने की आवश्यकता है ताकि उसमे मैत्री, करुणा और दया की भावना उत्पन्न हो। उन्होंने कहा कि आज अधिकांश लोगों की मानसिकता धन अर्जित करने की हो गई है जिसके फलस्वरुप भारत की संस्कृति का अधोपतन हो रहा है . इस पर आज के परिवेश में चिंतन करने की आवश्यकता है।समापन सत्र में डीन प्रोफेसर बीबी तिवारी एवं डॉ रजनीश भास्कर ने अतिथियों को स्मृति चिंह भेंट किया। प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया। कार्यशाला में डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ यू आर  प्रजापति, डॉ प्रवीण सिंह, शैलेश प्रजापति, डॉ सुधीर सिंह, जया शुक्ला समेत इंजीनियरिंग के शिक्षक मौजूद रहे।

Saturday 11 November 2017

स्मॉग का मानव स्वास्थ्य पर पड़ा बुरा असर




फोटो केमिकल स्मॉग के विभिन्न आयामों पर मंथन कार्यक्रम का हुआ आयोजन 
पर्यावरण विज्ञान विभाग में हुआ कार्यक्रम 

विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा फोटो केमिकल स्मॉग के विभिन्न आयामों पर मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने उत्तर भारत में छाई धुंध स्मॉग के कारण, निवारण एवं बचाव पर अपनी बात रखी।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग के शिक्षक डॉ राजेश शर्मा ने कहा कि आज के दौर में हमें मूलभूत आवश्यकताओं को सीमित करने की जरूरत है। इन दिनों छाई धुंध से मानव के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा है। जिससे कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है। 
माइक्रोबायोलॉजी के शिक्षक डॉक्टर एस सी तिवारी ने कहा कि यह एक चिंतनीय पर्यावरण का  विषय है। जिसका निस्तारण मानव अपने दैनिक क्रियाकलापों में बदलाव करके कर सकता है। इस स्मॉग पर नियंत्रण के लिए सरकार को पर्यावरण सुरक्षा के लिए नई नीति बनानी होगी। फार्मेसी विभाग के शिक्षक सुरेंद्र सिंह ने स्मॉग के कारण मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव और उपचार के बारे में बताया।पर्यावरण विज्ञान विभाग के शिक्षक डॉक्टर सुधीर उपाध्याय ने स्मॉग बनने के वैज्ञानिक एवं भौगोलिक कारणों पर विस्तार से अपनी बात रखी। 
उन्होंने कहा कि  सड़कों के किनारे अशोक के पेड़, नदियों के किनारे वेटलैंड सिस्टम को विकसित करने की जरूरत है। 
डॉ विवेक पांडे ने कहा कि उद्योगों से निकलने वाले जहरीले गैस को कम करने के लिए सरकार को कड़े नियम बनाने पड़ेंगे। 
डॉ अवध बिहारी सिंह ने कहा कि ऐसे  क्षेत्र में लोग भी पीड़ित हैं जिनका इसके उत्पादन में कोई दोष नहीं है यह दुखद है। मंथन कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर कार्तिकेय शुक्ला ने किया। विषय प्रवर्तन डॉ मनोज मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ दिग्विजय सिंह राठौर।इस अवसर पर विभिन्न विभागों के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
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मौलिक अधिकारों के प्रति सचेत करे शिक्षक 

विश्वविद्यालय  के इंजीनियरिंग संस्थान में शिक्षकों के लिये तीन दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन आई.आई.टी. बी.एच.यू. से आये श्री योगेश कुमार सिंह ने अपनी बातें रखी। उन्होंने कहा  कि जीने के लिये स्वस्थ्य शरीर, भयमुक्त, शिकायत मुक्त एवं व्यवस्था में भागीदारी का होना जरूरी है। समाज में गरीबी, अमीरी और समृद्धि पर चर्चा की गयी। उन्होंने कहा कि छात्रों में ऐसे गुणों का विकास करना चाहिए जिसमें छात्र अपने सभी मौलिक अधिकारों और जिम्मेदारी के प्रति सचेत रहें और अभावमुक्त, समृद्धि पूर्वक जीवन को व्यतीत करें। कार्यशाला के दूसरे दिन  स्वव्यवस्था पर चर्चा की गयी। कार्यक्रम का संचालन संस्थान की संकायाध्यक्ष प्रो0 बी0वी0 तिवारी धन्यवाद ज्ञापन डाॅ रजनीश भाष्कर ने दिया। कार्यशाला में डाॅ अमरेन्द्र सिंह, डाॅ जे0पी0 लाल, डाॅ यू0आर0 प्रजापति,डाॅ प्रवीण कुमार सिंह, डाॅ शैलेश कुमार प्रजापति, डाॅ दीप प्रकाश, डाॅ प्रशान्त यादव, डाॅ ज्ञानेन्द्र कुमार पाल,  तुषार श्रीवास्तव, अर्चना सिंह आदि लोग मौजूद रहें।

Friday 10 November 2017

नोटबंदी के परिणाम अच्छे आने लगे है


नोटबंदी के एक  साल विषयक परिचर्चा का आयोजन 

 
पूर्वांचल विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान के  शोध एवं नवाचार केंद्र में व्यावसायिक अर्थशास्त्र विभाग द्वारा शुक्रवार को नोटबंदी के एक  साल विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में विद्यार्थियों ने नोटबंदी के पक्ष-  विपक्ष में अपनी बात रखी।इसके साथ ही अपने अनुभवों को भी साझा किया। 
परिचर्चा में विभागाध्यक्ष डॉक्टर मानस पांडे ने कहा कि नोटबंदी के परिणाम सुखद आने लगे हैं शुरूआती दिनों में भले परेशानी हुई हो लेकिन आज लोगों को बचत, खर्च और विनियोग के प्रति सजग किया है। देश की जीडीपी भी बढ़ी है।परिचर्चा में छात्रा प्रीति शुक्ला ने कहा कि थोड़ी परेशानी के बाद अगर देश का लाभ हो तो कोई बुरी बात नहीं है।छात्र कृष्णा ने कहा कि नोटबंदी से चुनाव में कालेधन का प्रयोग नहीं हो पाया और सही तरीके से चुनाव हुआ। इग्नू के छात्र अभिषेक मौर्या ने कहा कि कालाबाजारी, भ्रष्टाचार और आतंकवाद फैलाने वालों की नोटबंदी से कमर टूटी है। 

छात्रा दिव्या ने नोटबंदी के 1 साल के बाद की स्थिति को सामान्य बताया।  छात्र सूरज चौहान ने कहा कि नोटबंदी के दौरान उसके पिता के व्यवसाय पर बुरा प्रभाव पड़ा लेकिन अब स्थिति बेहतर है।  किशन सिंह ने कहा कि विदेशों में पड़ी हमारी मुद्रा  भारत को वापस आ गई । इसके साथ ही छात्र आकाश कुशवाहा सादिक, शुभम तिवारी, शिवानी पांडे, नितिन, सूरज, लक्ष्मी मौर्या ,गौरव शुक्ला, निशिकांत यादव, सार्थक श्रीवास्तव, नक्की हसन रिजवी, अवंतिका श्रीवास्तव आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।  परिचर्चा का संचालन डॉ सु सिंह ने किया इस अवसर पर डॉक्टर दिग्विजय सिंह राठौर डॉ आशुतोष सिंह समेत प्रबंधन अध्ययन संकाय के विभिन्न विभागों की छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। 
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 शिक्षकों के लिये तीन दिवसीय कार्याशाला शुरू 
विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संस्थान में शिक्षकों के लिये तीन दिवसीय कार्यशाला शुक्रवार को प्रारम्भ हुई. इसका आयोजन तकनीकी शिक्षा उन्नयन कार्यक्रम के अंतर्गत किया गया। आई.आईटी. बी.एच.यू. वाराणसी के आचार्य डॉ अमरेन्द्र कुमार ने परिवार, समाज और प्रकृति में शिक्षक के महत्व के बारे में जानकारी दी। डॉ अमरेन्द्र कुमार ने कहा कि आजकल की दिनचर्या में हर व्यक्ति अपनी मौलिक स्वभाव को छोड़कर, बाहरी  वातावरण से बहुत ज्यादा प्रभावित है। फलस्वरूप् छात्रों से लेकर शिक्षकों में भी आत्मविश्वास कम हुआ है। कार्याशाला के माध्यम से शिक्षकों में अपने मौलिक स्वभाव को पहचानने क लिये आवश्यकीय बिन्दुओं पर बात हुई। शिक्षा से समाज की अपेक्षाओं पर भी कार्याशाला में चर्चा हुई। शिक्षा के माध्यम से ही हर मानव सुखी हो सकता ,हर परिवार समृद्धि पूर्वक जी सकता है। समाज युद्ध मुक्त हो सकता है, और मानव, प्रकृति में संतुलित। भागीदारी कर सकता है। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 रजनीश भाष्कर ने किया और डॉ ए0 के0 श्रीवास्तव ने  स्वागत किये।धन्यवाद ज्ञापन डॉ शैलेश कुमार प्रजापति ने दिया।इस कार्यक्रम में श्री योगेश कुमार सिंह, डॉ संतोष कुमार , डॉ राजकुमार, डॉ रितेश बरनवाल, डॉ प्रवीण सिंह, डॉ सुधीर सिंह आदि मौजूद रहें।


Wednesday 8 November 2017

संस्कृति को बचाने में पत्रकार की भूमिका अहम् - प्रो ओम प्रकाश


क्षेत्रीय पत्रकारिता का नया दौर विषयक संगोष्ठी का हुआ आयोजन 


 विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा बुधवार को संकाय भवन के कांफ्रेंस हॉल में क्षेत्रीय पत्रकारिता का नया दौर विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।
संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि मदन मोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के निदेशक प्रोफेसर ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि वैश्वीकरण एक सपना है लेकिन क्षेत्रीयता यथार्थ है। वैश्वीकरण के नाम पर क्षेत्रीय संस्कृति लुप्त हो रही है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय पत्रकारिता के माध्यम से इस दौर में स्थानीय मुद्दे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच रहे हैं। आज गांव देहात में नवाचार करने वाले को मीडिया में जगह मिल रही है। क्षेत्रीय पत्रकार तकनीक से लैस होकर बेहतर काम कर रहा है मीडिया  तकनीकी के बिना कोई भी पत्रकार काम नहीं कर सकता।  उन्होंने कहा कि नए दौर में हम खो न जाए इसलिए नव मीडिया के माध्यम से विरासत व अतीत को बचाने में क्षेत्रीय पत्रकारों को आगे आना होगा। 
संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के प्रोफेसर श्रीकांत सिंह ने कहा कि  क्षेत्रीय पत्रकारों को क्षेत्र के विकास एवं क्षेत्र की भावनाओं को समझ कर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय पत्रकारिता ऐसी समस्याओं को उठाए जो क्षेत्र विशेष से जुड़ी हुई हो अगर उस क्षेत्र विशेष के लोगों की बात उठाई जाएगी तो क्षेत्रीय पत्रकारिता का उद्देश्य पूर्ण होगा।
अध्यक्षता करते हुए संकायाध्यक्ष डॉ अजय प्रताप सिंह ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में तकनीकी के कारण बहुत तेजी से बदलाव आया है आने वाले समय में क्षेत्रीय पत्रकारिता के क्षेत्र में और भी बदलाव देखे जाएंगे। डॉ मनोज मिश्र ने क्षेत्रीय पत्रकारिता के विभिन्न आयामों पर अपने विचार रखे वहीं  डॉक्टर अवध बिहारी सिंह में विषय प्रवर्तन किया।
संगोष्ठी के संयोजक डॉक्टर दिग्विजय सिंह राठौर ने अतिथियों का स्वागत  एवं डॉ सुनील कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन जनसंचार विभाग की छात्रा आकांक्षा श्रीवास्तव ने किया। अतिथियों को पर्यावरण के प्रति संदेश देते हुए पौध भेंट किया गया। इस अवसर पर डॉ रुश्दा आजमी, डॉ दयानंद उपाध्याय, सुधाकर शुक्ला, पंकज सिंह समेत राज कॉलेज जौनपुर, मोहम्मद हसन डिग्री कॉलेज की छात्र छात्राएं उपस्थित रहीं।


बायोकेमिस्ट्री विभाग- फ्रेशर पार्टी

विश्वविद्यालय के बायोकेमिस्ट्री विभाग के वरिष्ठ विद्यार्थियों द्वारा कनिष्ठ विद्यार्थियों को बुधवार को फ्रेशर पार्टी दी गई। इस अवसर पर विभाग के शिक्षकों के साथ विद्यार्थियों ने केक काटा व सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
डॉ एस पी तिवारी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में अगर कुछ भी नहीं बन पाए तो एक अच्छा इंसान जरूर बनना चाहिए। डॉक्टर सुधांशु शेखर यादव ने कहा कि वरिष्ठ विद्यार्थियों को सदैव अपने कनिष्ठ विद्यार्थियों का ध्यान रखना चाहिए। डॉ प्रभाकर सिंह ने गीत प्रस्तुत कर विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। जनसंचार विभाग के प्राध्यापक डॉक्टर अवध बिहारी सिंह ने कहा कि शिक्षा के दौरान अनुशासित रहने से किसी भी विद्यार्थी की एक अलग छवि बनती है और यह अनुशासन उसे उसकी मंजिल तक पहुंच जाता है। इस अवसर पर डॉ विवेक पांडे डॉ कार्तिकेय शुक्ला श्याम त्रिपाठी समेत विद्यार्थीगण मौजूद रहे।

Tuesday 7 November 2017

विद्यार्थियों ने अपने हाथों से बनाए मिट्टी के बर्तन


प्रो द्विवेदी ने ड्रोन उड़ाकर  समझायी तकनीकी 
विश्वविद्यालय के उमानाथ सिंह इंजीनियरिंग संस्थान में  मंगलवार को प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए कुम्हार द्वारा चाक  पर मिट्टी के बर्तन बनाने की कला प्रदर्शित की गई।  विद्यार्थियों ने भी अपने हाथों से कई मिट्टी के बर्तन बनाएं और इस कला से रूबरू हुएl 
तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित इस कला के प्रदर्शन का उद्देश्य आज की पीढ़ी को अपनी विरासत जोड़  कर रखना था।  कुम्हार विजयशंकर एवं सुनील कुमार ने मैकेनिकल वर्कशॉप के बाहर मेटी, गुल्लक ,गमला,  कुल्हड़, घड़ा आदि निर्मित कर दिखायाl विद्यार्थी अपने हाथों से बर्तन बनाकर काफी खुश दिखेl इस अवसर पर इंजीनियरिंग संकाय के प्रोफेसर बी. बी. तिवारी ने कहा आज समाज में प्लास्टिक का प्रचलन तेजी से बढ़ गया है जो  मानव के साथ-साथ पशु पक्षियों के लिए भी घातक हो गया हैl उन्होंने कहा विद्यार्थी अपने कौशलता के माध्यम से मिट्टी के उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा सकते हैंl 
विश्वेसरैया हॉल में विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर सी.के. द्विवेदी ने इमबेडेड सिस्टम पर अपना व्याख्यान दियाl उन्होंने इमबेडेड तकनीकी से बने ड्रोन को उड़ा  दिखाया। वही इंजीनियरिंग संस्थान में आयोजित रंगोली प्रतियोगिता में 8 टीमों ने भाग लिया जिसमें पर्यावरण संरक्षण, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ,सोशल मीडिया आदि विषयों पर रंगोली के माध्यम से अपनी सृजन क्षमता प्रदर्शित की।इस प्रतियोगिता में मोनिका पाल प्रथम ,निधि यादव द्वितीय और काजल चौबे की टीम तृतीय स्थान प्राप्त कियाl

विद्यार्थियों के बीच तालमेल विश्वविद्यालय के लिए जरुरी - कुलपति


प्रवेशण  कार्यक्रम 'संगम 2017' का हुआ आयोजन

विश्वविद्यालय के उमानाथ सिंह इंजीनियरिंग संस्थान के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए सोमवार को संगोष्ठी भवन में प्रवेशण  कार्यक्रम संगम 2017 का आयोजन किया गया।
तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन के अंतर्गत आयोजित प्रवेशण  कार्यक्रम 'संगम 2017' के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने कहा दिया विश्वविद्यालय एक परिवार है जिसमें सभी को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए। जो विद्यार्थी विश्वविद्यालय में  नव प्रवेशित है उनका वरिष्ठ विद्यार्थी ध्यान रखें और उनके लिए एक अच्छा माहौल तैयार करने में अपना योगदान दें।  कनिष्ठ और  वरिष्ठ छात्रों के बीच बेहतर तालमेल किसी विश्वविद्यालय के लिए बहुत आवश्यक है।  उन्होंने अगर हम नहीं देश के काम आए, धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा  .......  देशभक्ति  गीत भी विद्यार्थियों को सुनाया। संकायाध्यक्ष प्रोफेसर बीबी  तिवारी ने कहा कि यह एक सुदृढ़ परंपरा है कि वरिष्ठ विद्यार्थी कनिष्ठ विद्यार्थी के लिए एक बेंचमार्क प्रस्तुत करें ताकि कनिष्ठ छात्र उन मानकों का अनुशीलन करें। इस अवसर पर डॉ राजकुमार सोनी ने भी अपने विचार रखें।
संगम 2017 में सांस्कृतिक एवं अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। विभिन्न प्रतियोगिताओं में नीतीश बिंद्रा, सैयद इकबाल, आलोक कुमार मिश्रा ,हरिशंकर प्रजापति, शालिनी, रुचि उपाध्याय, काजल चौबे एवं रियांशी  सिंह ने प्रथम स्थान प्राप्त किया जिन्हें  पुरस्कृत किया गया। स्वागत डॉ रजनीश भास्कर एवं डॉ संतोष कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
इस अवसर पर वित्त अधिकारी एम  के सिंह, कुलसचिव संजीव सिंह, डॉ ए के श्रीवास्तव, डॉ आलोक सिंह, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, दीप प्रकाश, सत्यम उपाध्याय, अर्पणा, जया शुक्ला, अभ्युदय सिंह, कीर्ति गुप्ता,अंकित यादव,अनुष्का, संजना, कृति, वीर, साक्षी, आरती,प्रकृति, अनुराग, तुषार, सुनिधि, शैफाली, आंनद समेत शिक्षक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।