Tuesday 6 October 2015

झंकार प्रतियोगिता-पुरस्कार वितरण कार्यक्रम


विश्वविद्यालय के झंकार प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को संगोष्ठी भवन में पुरस्कृत किया गया.परिसर के विद्यार्थियों के कला कौशल को निखारने के लिए रंगोली, पेंटिंग, कोलाज़, नृत्य, गायन,नाटक, वाद- विवाद आदि प्रतियोगिताएँ ३०

सितम्बर से ६ अक्टूबर तक आयोजित की गई थी.इन प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़ कर अपनी कला प्रदर्शित की.

पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में कुलपति प्रो पीयूष रंजन अग्रवाल ने विद्यार्थियों से कहा कि आप अध्ययन के पश्चात जीवन की एक  नई पारी की शुरुआत करेंगे। कैरियर के कैनवास पर आपको स्वयं रंग भरना है. झंकार ने आपके जीवन में एक नया रंग भर दिया है. एक  सप्ताह की  प्रतियोगिता में जो सौहार्द और टीम भावना विकसित हुई है वो आपके भविष्य निर्माण में मददगार होगी।

समापन समारोह में विभिन्न प्रतियोगिता  प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान पाने वाले प्रतिभागियों को कुलपति प्रो पीयूष रंजन अग्रवाल, कुलसचिव डॉ बी के पाण्डेय,वित्त अधिकारी एम के सिंह और प्रो डी डी दुबे ने पुरस्कृत किया।  रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम सौम्या, सृष्टि द्वितीय श्रवण, पूर्णिमा, शमी तृतीय विशाखा, फरजाना,निशा ,सुमन फेस पेंटिंग में प्रथम श्याली,सत्यम द्वितीय अनवर, सौरभ तृतीय अभिनव, रजत मेंहदी में प्रथम निवेदिता, दिव्या द्वितीय जया, सोनाली तृतीय श्वेता, सना कोलाज़ में प्रथम अपराजिता द्वितीय दीपक तृतीय शशिकला एकल नृत्य में प्रथम स्नेहलता,निहारिका द्वितीय शिप्रा तृतीय स्वाति समूह नृत्य में प्रथम   साइन ग्रुप द्वितीय माइक्रोबायोलॉजी ग्रुप तृतीय कोमल ग्रुप एकल गायन में प्रथम लाल बहादुर द्वितीय  प्रिया  तृतीय अनम  समूह गायन में प्रथम अमर भारती ग्रुप  द्वितीय कुमार पार्थ ग्रूप   तृतीय त्रिमूर्ति ग्रुप नाटक में प्रथम उड़ान ग्रुप द्वितीय   माइक्रोबायोलॉजी ग्रुप  तृतीय बायोटेक ग्रुप मूक अभिव्यक्ति में प्रथम सेवन स्टार ग्रुप (मुकेश कुमार तिवारी, बिरेन्द्र सिंह, नेहा,आदर्श,विनय,विशाल,पंकज ) वाद- विवाद में साक्षी प्रथम,ख़ुशी द्वितीय    प्रांशु और  रूपशंकर तृतीय स्थान प्राप्त किया। 

सांस्कृतिक सचिव डॉ एच सी पुरोहित ने प्रतियोगिता की रिपोर्ट प्रस्तुत की.इस अवसर पर डॉ अविनाश पर्थिडकर ने स्वागत एवं डॉ आशुतोष सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ वंदना राय,  डॉ संगीता साहू, डॉ एस पी तिवारी,डॉ राजेश शर्मा,डॉ रजनीश भास्कर डॉ प्रदीप कुमार,, डॉ मनोज मिश्र,डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ सुनील कुमार, डॉ रुश्दा आज़मी,डॉ कार्तिकेय शुक्ल, डॉ के एस तोमर  समेत विद्यार्थीगण मौजूद रहे.  

नाटक प्रतियोगिता


विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अन्तर्गत झंकार प्रतियोगिता के छठें दिन सोमवार को संगोष्ठी भवन में नाटक प्रतियोगिताएं हुई। प्रतिभागियों ने नाटक के माध्यम से हंसाया, रूलाया और वहीं दूसरी ओर बहुत सारे सामाजिक मुद्दों पर सोचने को विवश भी कर दिया।

बतौर मुख्य अतिथि वित्त अधिकारी एमके सिंह ने कहा कि नाटक, साहित्य और समाज से जुड़ा व्यक्ति ही सफल हो सकता है। ऐसी विधाओं से जुड़े लोगों में जो प्रतिभा होती है वह उन्हें अन्य से अलग पंक्ति में खड़ा करती है। आज विद्यार्थियों ने जिस तरीके से नाटकों की प्रस्तुति कर मुद्दे उठाये है वह मर्मस्पर्शी है। नाटकों में आज के समाज की सच्ची तस्वीर दिखती है। 
जनसंचार विभाग के प्राध्यापक डा. मनोज मिश्र ने कहा कि नाटक भारतीय परम्परा में लम्बे समय से जीवित है। नाटक अभी भी जनसंवाद के दृष्टिकोण से आम लोगों में बहुत लोकप्रिय माध्यम है। रामलीला रासलीलाएं नाटक के सशक्त स्वरूप है जो समाज में आज भी विद्यमान है। 

संगोष्ठी भवन में नाटक, मूक अभिव्यक्ति, हांस्य नाटिका की कुल 13 प्रस्तुतियां हुई। बाॅयोटेक्नोलाॅजी 
विभाग के विद्यार्थियों द्वारा एक कदम स्वच्छता की ओर नाटक में स्वच्छता के विभिन्न मुद्दों को उठाया गया। ‘मेरी पहचान’ नाटक में उड़ान ग्रुप ने महिला करें सपना साकार का संदेश दिया। ‘उफ! ये टेक्नोलाॅजी’ नाटक में मोबाइल के बढ़ते प्रयोग से परिवार में बढ़ते तनाव को बड़े रोचक ढंग से प्रस्तुत किया। इसमें वाचक की भूमिका एहसान हाश्मी ने निभायी। यह दोनों नाटक जनसंचार विभाग के विद्यार्थी शायली मौर्य, मूलचन्द्र द्वारा लिखित थे। बाॅयोकमेस्ट्री के विद्यार्थियों ने ‘पानी रे पानी तेरा रंग कैसा’ नाटक में समाज के विविध रंगों को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। एमबीए के विद्यार्थियों ने भारतीय फौजी, एमबीई ने दहेज प्रथा, माइक्रोबाॅयोलाॅजी ने सर्व शिक्षा अभियान, मैनेजमेंट ने मास्टर जी के मास्टर माइंड, बाॅयोकमेस्ट्री के सब्सट्रैक्ट ग्रुप ने एंजाइम, एमएपी ग्रुप ने कन्या भ्रूण हत्या व सौतेली मां नाटक का मंचन हुआ। वहीं सेवन स्टार ग्रुप ने मूक अभिव्यक्ति के माध्यम से ट्रिब्यूट टू सोल्जर की प्रस्तुति की। एक हास्य नाटिका की भी प्रस्तुति हुई। 

प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में डा. एसपी तिवारी, डा. सुनील कुमार व डा. रजनीश भाष्कर रहे। प्रतियोगिता का संचालन डा. अवध बिहारी सिंह ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. एचसी पुरोहित ने किया। 
इस अवसर पर डा. आशुतोष सिंह, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, आलोक गुप्ता, रविप्रकाश, डा. रूश्दा आजमी, ऋषि श्रीवास्तव, सुबोध पाण्डेय, पंकज सिंह समेत विद्यार्थी उपस्थित रहे। 
नोट: सांस्कृतिक सचिव डा. एचसी पुरोहित ने बताया कि झंकार 2015 में हुई प्रतियोगिताओं का परिणाम निर्णायक मंडल से प्राप्त हो चुका है और स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को छह अक्टूबर को पुरस्कृत किया जाएगा।

Sunday 4 October 2015

झंकार -पोस्टर प्रतियोगिता

झंकार प्रतियोगिता के पांचवे दिन पर्यावरण संरक्षण प्रौध्योगिकी व ऊर्जा संरक्षण पर केंद्रित रही पोस्टर प्रतियोगिता

विश्वविद्यालय स्थापना समारोह सप्ताह के क्रम में पांचवे दिन प्रबंध अध्ययन संकाय में पर्यावरण संरक्षण, प्रौध्योगिकी व ऊर्जा संरक्षण विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित हुई। प्रतियोगिता का उद्घाटन एच.आर.डी. विभाग के डॉ. अविनाश पाथर्डीकर ने किया। इस अवसर पर डॉ पाथर्डीकर ने कहा कि चित्रों के माध्यम से हम किसी भी संदेश को प्रभावी एवं सरलता से पहुंचा सकते हैं। चित्रकारी न सिर्फ़ संदेश वाहक का कार्य करती है बल्कि हमारे व्यक्तित्व को भी परिलक्षित करती है । चित्रकारी में भरे गए रंग और उसकी आकृति अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम हो सकती है। बिना शब्दों के भी किसी आकृति में छिपे संदेश को हम समझ सकते हैं और रंगों से उसकी परिभाषा एवं छात्र की कल्पना शक्ति को जान सकते हैं । प्रतियोगिता के दिशा निर्देशन व संयोजन डॉ. रुश्दा आजमी ने किया । डॉ रुश्दा आज़मी ने कहा कि पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन छात्रों की सृजन शक्ति को विकसित करने मे सहायक सिद्ध होगा और उनकी छिपी हुई प्रतिभा निखरेगी । प्रबंध संकायाध्यक्ष डॉ. एच सी पुरोहित ने कहा कि कुलपति प्रोफेसर पीयूष रंजन अग्रवाल का सदैव प्रयास रहता है कि छात्रों में बहु आयामी गुणों का समावेश हो। उनके निर्द्देश के क्रम में ही स्थापना दिवस सप्ताह समारोह की प्रतियोगिता में पर्यावरण संरक्षण, प्रौध्योगिकी व ऊर्जा संरक्षण विषय पर यह प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है । निर्णायक मंडल डॉ प्रदीक कुमार एवं डॉ आशुतोष सिंह ने निर्धारित मापदंडों पर कृतियों को परखा। चार्ट प्रतियोगिता में विभिन्न विभागों के 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया । प्रतियोगिता मुख्यत: ग्रीन एनर्जी, सौर्य ऊर्जा, ग्लोबल वार्मिंग, धरती बचाओ, औध्योगिक-प्रदूषण, जल-प्रदूषण आदि विषयों पर केंद्रित रही । अंत में डॉ अनुपम कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया । इस अवसर पर सांस्कृतिक परिषद के सदस्य व समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

Saturday 3 October 2015

झंकार 2015



सांस्कृतिक प्रतियोगिता झंकार 2015 के चौथे दिन प्रतिभागियों ने एकल व समूह गायन में सुरों की महफिल सजा दी। दर्द भरे नगमों के साथ ही साथ जोश भरने वाले देश भक्ति गीतों की प्रतिभागियों ने जोरदार प्रस्तुति की।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बाॅयोटेक्नोलाॅजी विभाग की शिक्षिका डा. वंदना राय ने कहा कि प्रतिभागियों के सुरों की कला देखकर अत्यंत आनंद व संतोष का अनुभव हुआ है। मंच पर प्रस्तुति करने से विद्यार्थियों में आत्म विश्वास की वृद्धि होती है जो उन्हें अन्य स्थितियों में भी मददगार साबित होती है। इस प्रतियोगिता में स्थान प्राप्त करना उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना अपनी बेहतर प्रस्तुति करना। सांस्कृतिक सचिव डा. एचसी पुरोहित ने कहा कि पिछले कई सालों से झंकार सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं आयोजित कर परिसर के विद्यार्थियों में सृजनधर्मिता का विकास करना हमारा उद्देश्य है।
चैथे दिन एकल व समूह गायन प्रतियोगिताएं आयोजित हुई जिसमें कुल 33 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। छात्रा अनम जेहरा रिजवी ने अपने सैय्यद वसीम द्वारा आतंकवाद के खिलाफ रचित कविता आतंकी हवाओं को हम हरगिज न देश में बहने न देंगे... की प्रस्तुति कर सबमें जोश भर दिया। प्रीति यादव ने ऐ मेरे वतन के लोगों, श्वेता अस्थाना ने सारे जहां के मालिक, लाल बहादुर ने ऐ मेरे प्यारे वतन, ममता ने भोजपुरी लोकगीत यही देशवा के एतना बड़ाई.., अमित कुमार ने प्रभु आपकी कृपा से..., दिव्या सेठी ने पंजाबी लोकगीत वेखो लाडला वतन मेरा गावे... एवं प्रियंका मिश्रा ने अमृत के धार केहू केतनो पिआयी... गीत प्रस्तुत कर सबको भाव विभोर कर दिया। त्रिमूर्ति ग्रुप की निवेदिता, दिव्या, स्वाती ने तेरी है जमीं, तेरा है आसमां... गीत प्रस्तुत कर ईश्वर में लीन कर दिया। 
इनके अतिरिक्त अन्य प्रतिभागियों ने भी अपनी प्रस्तुति दी। आज की प्रतियोगिताओं के निर्णायक मंडल में डा. एसपी तिवारी, शुभा मल्ल, अनामिका मिश्रा शामिल रहे। संचालन डा. राजेश शर्मा एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. दिग्विजय सिंह राठौर ने किया। इस अवसर पर डा. प्रदीप कुमार, डा. अवध विहारी सिंह, डा. रूश्दा आजमी, डा. झांसी मिश्रा, सुधीर उपाध्याय समेत शिक्षक, छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
झंकार में 04 अक्टूबर को प्रबंध अध्ययन संकाय में पर्यावरण प्रौद्योगिकी एवं ऊर्जा संरक्षण पर पोस्टर प्रतियोगिता होगी। वहीं 5 अक्टूबर को संकाय भवन में नाटक, हास्य नाटिका व मूक अभिव्यक्ति की प्रतियोगिताएं है। प्रतिभागी अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं। 
  

Friday 2 October 2015

महात्मा गांधी जी की जयंती के साथ धूम धाम से मना विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस


जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय  में 2 अक्टूबर को विश्वविद्यालय स्थापना दिवस समारोह धूम धाम से मनाया गया। इस अवसर पर गांधी वाटिका में विश्वविद्यालय के सदस्यों ने महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी को नमन किया। विदित हो कि आज के पावन दिन  2 अक्टूबर 1987 को ही विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। प्रारम्भ में बारह जनपदों के कुल 68 महाविद्यालयों को इससे सम्बद्ध किया गया था। आज पूर्वांचल के पांच जनपदों में 562 महाविद्यालयों को समेटे हुए यह विश्वविद्यालय प्रगति के पथ पर अग्रसर है।

विश्वविद्यालय के गांधी वाटिका  में महात्मा गांधी जी  की मूर्ति व लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र पर पुष्प अर्पित करने के पश्चात विश्वविद्यालय परिवार द्वारा राम धुन का सस्वर पाठ किया गया। विश्वविद्यालय के जगदम्बा प्रसाद मिश्र,राजनारायण सिंह,रविशंकर शुक्ला,सुशील प्रजापति,रजनीश सिंह , रमेश पाल एवं साथियों द्वारा रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम  के गायन से पूरा परिसर गुंजायमान हो उठा।
  इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो0 पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि देश,समाज एवं विश्वविद्यालय के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। महात्मा गांधी व शास्त्री जी का नाम लेते ही सिर श्रद्धा से झुक जाता है।महात्मा गांधी ने देश की सेवा श्रीमद्भागवत गीता के सिद्धान्तो पर की। गांधी  के इस देश में गांधीवाद को अपनाकर आधुनिक समस्याओं से निजात पाया जा सकता है। 
   शास्त्री जी को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि सादगी व शान्ति के बीच वह बहुत दृढ़विश्वासी थे। व्यक्तिगत स्वार्थों से उपर उठकर देश के बारे मे सोचने की प्रेरणा हमें उनसे मिलती है।  जय जवान-जय किसान के नारे ने देश को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दी।
इस अवसर पर कुलसचिव डा बी0के0 पाण्डेय प्रो0डी0डी0 दूबे, प्रो0 वी0के0 सिंह,डा एच0सी0 पुरोहित,डा अजय प्रताप सिंह,डा अजय द्विवेदी,डा मनोज मिश्र,डा रजनीश भाष्कर,डा प्रदीप कुमार,डा दिग्विजय सिंह,डा अवध विहारी सिंह,डा सुनील कुमार,डा के0एस0तोमर,राम जी सिंह,श्याम त्रिपाठी ,सुबोध पाण्डेय,अमलदार यादव,अनिल श्रीवास्तव,राजेश सिंह,राजेश जैन,पंकज सिंह सहित समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारी मौजूद रहे। संचालन अशोक सिंह ने किया।
  
                                                                                  

झंकार २०१५ के तीसरे दिन एकल एवं समूह नृत्य प्रतियोगिताएं आयोजित हुई


विश्वविद्यालय  में स्थापना दिवस के अवसर पर चल रहे साप्ताहिक सांस्कृतिक कार्यक्रम झंकार 2015 के अन्तर्गत शुक्रवार  को संगोष्ठी भवन में नृत्य प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों ने देश भक्ति गीतों पर नृत्य प्रस्तुत कर समा बांधा।झंकार २०१५ के तीसरे दिन एकल एवं समूह नृत्य प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थी.प्रतिभागियों ने अपने कला को प्रदर्शित कर दर्शकों से खूब तालियां बटोरी।

प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि विज्ञान संकायाध्यक्ष  प्रो डी डी दुबे ने कहा कि प्रतिभागियों ने जिस लगन के साथ  यहाँ प्रस्तुति की है उससे उनका व्यक्तित्व अलग तरीके से सामने उभर कर आया है.इस तरह के कार्यक्रम अध्ययन के दौरान नई ऊर्जा का संचार करते है.एकल नृत्य में कुल ८ प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।शिप्रा ने मेरा देश रंगीला , स्नेहलता ने चक दे इंडिया, बसंत लाल ने माँ शेरावाली, स्वाति ने ढोला रे ढोला, गोविन्द मिश्रा ने जलवा तेरा जलवा, निखिल व प्रज्ज्वल ने धुन पर नृत्य किये। 

समूह नृत्य में  ५ टीमों ने अपनी प्रस्तुति दी. ऋतू टीम ने सर पर हिमालय का ताज है... देश भक्ति गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर सबको भाव विभोर कर दिया। साईं ग्रुप ने राधा कृष्ण , कोमल ग्रुप ने देश रंगीला, गोविन्द ग्रुप ने कट्टो गिलहरी, बफर ग्रुप ने सुनो सुनो मेरी आवाज गीत पर नृत्य की प्रस्तुति दी.  कार्यक्रम के संयोजक डॉ दिग्विजय सिंह राठौर एवं निर्णायक मंडल में प्रो वी के सिंह, डॉ अविनाश पर्थिडेकर और आलोक दास रहे.कार्यक्रम का संचालन सांस्कृतिक सचिव डॉ एच सी पुरोहित ने एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ आशुतोष सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉ वी डी शर्मा,डॉ एस पी तिवारी  डॉ मनोज मिश्रा, डॉ रजनीश भाष्कर, डॉ अमरेंद्र सिंह,डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ सुनील कुमार समेत विश्वविद्यालय के शिक्षक,कर्मचारी व विद्यार्थी मौजूद रहे.

 दूसरी ओर स्थापना दिवस के अवसर पर विश्वविद्याल के छात्रावासों में भी कार्टूनिंग, कोलाज, पोस्टर, एकल नृत्य एवं गान प्रतियोगिताएँ आयोजित हुई.झंकार प्रतियोगिता में ३ ऑक्टूबर को एकल एवं समूह गान प्रतियोगिताएँ एवं चार ऑक्टूबरको प्रबंध अध्ययन संकाय में पर्यावरण, प्रौद्योगिकी एवं ऊर्जा संरक्षण विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता होगी। 

Thursday 1 October 2015

झंकार 2015 के दूसरे दिन हुई वाद-विवाद, रंगोली, फेस पेटिंग प्रतियोगिता

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में स्थापना दिवस के अवसर पर चल रहे साप्ताहिक सांस्कृतिक कार्यक्रम झंकार 2015 के अन्तर्गत गुरूवार को आईबीएम भवन में वाद-विवाद, रंगोली, फेस पेटिंग, मेंहदी व कोलाज प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों के बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

प्रतियोगिता में विद्यार्थियों के सृजन का अवलोकन करने पहुंचे कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने उनकी कला की प्रसंशा  की और विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास एवं सृजनषीलता को विकसित करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा। सांस्कृतिक सचिव डा. एचसी पुरोहित ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। 
आईबीएम भवन के कांफ्रेस हाल में आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में 44 प्रतिभागियों ने ‘क्या डिजिटल इण्डिया अभियान से देश  के आर्थिक विकास को बल मिलेगा’ विषय पर अपने विचार रखें। प्रतिभागियों ने डिजिटल इंडिया अभियान को देष के लिए नई ऊंचाईयों पर ले जाने वाला अभियान बताया। प्रतिभागियों ने अपनी सहमति दी कि इस अभियान से देश का समग्र आर्थिक विकास होगा और आम आदमी मजबूत होगा।

सतरंगी रंगों के माध्यम से बनी रंगोलियों ने बड़े संदेष दिए। शिल्पा ने डिजिटल इंडिया, सुमन ने रेप, दीपा निगम ने भ्रूण हत्या, विषाखा ने विकलांगों को सबल बनाए, अनुराधा ने वृक्ष बचाओ, रूकैय्या ने सेव गर्ल विषय पर रंगोली बनायी। रंगोली प्रतियोगिता ने कुल 15 टीमों ने भाग लिया। फेस पेटिंग प्रतियोगिता ने प्रतिभागियों ने फेस पर पेटिंग उकेरे।
शायली ने सत्यम श्रीवास्तव के चेहरे पर पृथ्वी रक्षा, सूर्यप्रताप ने राजेष कुमार के चेहरे पर महिला रक्षा अभिनव ने रजत के चेहरे पर नारी दषा दिवाकर ने राहुल शर्मा के चेहरे पर पृथ्वी रक्षा व सौरभ ने अनवर के चेहरे पर प्रकृति की रक्षा का संदेष बड़े ही आकर्षक ढ़ंग से दिया। वही कोलाॅज प्रतियोगिता में अपराजिता, शशिकला और दीपक व मेंहदी में 13 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिताओं में निर्णायक मंडल में डा. अजय प्रताप सिंह, डा. अविनाष पाथर्डीकर, डा. मनोज मिश्र, डा. एसपी तिवारी, डा. सुषील सिंह, डा. सुधीर उपाध्याय, डा. अंषुमान, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. आलोक सिहं, डा. विनय वर्मा, डा. सरिता सिंह, डा. कार्तिकेय शुक्ला समेत आदि ने अपना योगदान दिया।