चौताल सम्राट वंशराज सिंह को कुलपति ने किया सम्मानित
जौनपुर.वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विश्वविद्यालय के रजत जयंती वर्ष के अंतर्गत गुमनामी के दौर में जी रहे लोक कलाकारों को सम्मानित करने की शुरुआत सोमवार को चौताल सम्राट वंशराज सिंह को कुलपति प्रो सुंदर लाल ने सम्मानित करके की . कुलपति प्रो सुन्दरलाल ने स्वयं श्री सिंह के पैत्रिक आवास जनपद के ग्राम पंचायत अर्धपुर, बक्शा जाकर लोक संगीत के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान के लिए विश्वविद्यालय की तरफ से सम्मान पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया .
श्री सिंह को सम्मानित करते हुए कुलपति प्रो सुंदरलाल ने कहा कि लोक संगीत में महारत हासिल करने के बाद भी जो लोक कलाकार आज गुमनामी के दौर में जी रहे हैं उनको सम्मानित करना विश्वविद्यालय की तरफ से नई
पहल हैं. वंशराज सिंह ने हमारी लोककला को वाद यंत्रों के माध्यम से जिस तरीके से लम्बे समय तक लोकप्रिय बनाये रखा उसको भुलाया नहीं जा सकता हैं.ऐसे अद्वितीय कलाकारों को आगे भी सम्मानित कर विश्वविद्यालय उनके साथ अपनी भी पहचान देगा. उन्होंने कहा कि हमारे समाज में लोककला का एक लम्बा इतिहास रहा हैं. मनोरंजन के साथ ही साथ हमें इनसे उर्जा भी मिलती रही हैं.
पहल हैं. वंशराज सिंह ने हमारी लोककला को वाद यंत्रों के माध्यम से जिस तरीके से लम्बे समय तक लोकप्रिय बनाये रखा उसको भुलाया नहीं जा सकता हैं.ऐसे अद्वितीय कलाकारों को आगे भी सम्मानित कर विश्वविद्यालय उनके साथ अपनी भी पहचान देगा. उन्होंने कहा कि हमारे समाज में लोककला का एक लम्बा इतिहास रहा हैं. मनोरंजन के साथ ही साथ हमें इनसे उर्जा भी मिलती रही हैं.
उन्होंने कहा कि कलाकार अपनी कला के माध्यम से भगवान से जुड़ता है.संगीत और कला की विधाओं में रमने के बाद हम अपने आप को भूल जाते हैं. उन्होंने कहा कि संकलन के अभाव में लुप्तप्राय हो चले आंचलिक लोकगीतों को विश्वविद्यालय इसी रजत जयंती वर्ष में स्थापित होने वाले अपने सामुदायिक रेडियो के जरिये लोकप्रिय बनाएगा .