Thursday, 31 May 2018
Wednesday, 30 May 2018
पीयू ने घोषित किया सत्र 2017 - 18 का परीक्षा फल
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के सत्र 2017 - 18 के कला, वाणिज्य, विज्ञान एवं कृषि पाठ्यक्रम के स्नातक एवं स्नातकोत्तर की समस्त कक्षाओं का वार्षिक परीक्षा फल बुधवार को एक साथ घोषित कर दिया गया है। इसी के साथ प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में पूर्वांचल विश्वविद्यालय वार्षिक परीक्षाओं का सम्पूर्ण परीक्षाफल एक साथ घोषित करने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है। वित्त अधिकारी एमके सिंह ,कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल एवं परीक्षा नियंत्रक संजीव सिंह ने कंप्यूटर की बोर्ड को क्लिक करके बीए ,बीएससी, बीकॉम,बीपीई ,बीएससी एजी ,एम ए ,एमकॉम ,एमएससी ,एमएससी एजी का परीक्षाफल घोषित किया।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ राजाराम यादव ने नियत समय से भी पहले परीक्षाफल घोषित करने के लिए विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों ,अधिकारियों, पत्रकार बंधुओं एवं परीक्षा तथा मूल्यांकन से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी है ।
परीक्षा नियंत्रक संजीव सिंह ने बताया कि इस वर्ष चार लाख निन्यानबे हजार चार सौ चौदह विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। सभी महाविद्यालय के प्राचार्यगण तथा शिक्षक गण ,विश्वविद्यालय के शिक्षक बंधुओं , समस्त कर्मचारी बंधुओं एवं मीडिया के सहयोग से विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी परीक्षार्थियों की कापियों का मूल्याङ्कन कराकर परीक्षाफल घोषित कर दिया है। परीक्षाफल विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इससे विद्यार्थियों को बीटीसी एवं अन्य सेवाओं के आवेदन पत्रों को समय पर जमा करने एवं अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने में सुविधा होगी।
इस अवसर पर निगरानी समिति के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर मानस पांडेय ,प्रोफ़ेसर अविनाश पाथर्डीकर ,डॉ मनोज मिश्र ,डॉ सुरजीत यादव ,डाटा प्रोसैसिंग समिति के संयोजक डॉ अमित वत्स ,एमएम भट्ट,डॉ संजय श्रीवास्तव, नितिन चौहान , रामबाबू सिंह एवं अमरजीत सिंह सहित लोग उपस्थित रहे।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में हिंदी पत्रकारिता और अंतरजाल विषयक परिचर्चा का आयोजन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। हिंदी पत्रकारिता और अंतरजाल विषयक परिचर्चा में वक्ताओं ने विभिन्न आयामों पर अपनी बात रखी।
जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर मनोज मिश्र ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता ने हमारे देश के आम आदमी को सदैव केंद्र बिंदु में रखा है। आज इंटरनेट ने हिंदी पत्रकारिता को एक नया आयाम दिया है। देश ही नहीं विदेशों में भी हिंदी के समाचार पत्र और न्यूज़ पोर्टल ऑनलाइन सहज उपलब्ध है। उनकी प्रसार और पाठक संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि भारत में क्षेत्रीय वेब हिंदी पत्रकारिता का नया दौर चल रहा है। कम खर्च में बहुत सारे कर्मठ पत्रकार आम आदमी के मुद्दों को वैश्विक स्तर पर पहुंचा रहे हैं यह लोकतंत्र के लिए बहुत ही आवश्यक और सुखद है।
जनसंचार विभाग के शिक्षक डॉ अवध बिहारी सिंह ने कहा कि 30 मई 1826 को प्रकाशित हुआ पहला हिंदी का समाचार पत्र उदंत मार्तंड आज भी हिंदी के पत्रकारों के लिए ऊर्जा का स्रोत बना हुआ है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट ने हिंदी पत्रकारिता को मजबूती दी है वहीं रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध कराएं है।
प्रो राम नारायण ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता ने सदैव समाज की समस्याओं, जरूरतों को ध्यान में रखा है। आज लोगों के हाथों में मोबाइल है सोशल मीडिया है जिस पर नागरिक पत्रकारिता बड़े पैमाने पर की जा रही है।
शिक्षक डॉ मनोज पांडेय ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता का ही असर है कि आज देश ही नहीं दुनिया में भी हिंदी भाषा के प्रति लोगों का नज़रिया बदला है।
शिक्षिका डॉ जान्हवी श्रीवास्तव ने कहा कि इंटरनेट के विस्तार ने आज के दौर में पाठक और दर्शकों को हिंदी के समाचार पत्रों से जोड़ें रखा है। हिंदी पत्रकारिता के माध्यम से लोगों की भावाभिव्यक्ति सरलता से व्यापक क्षेत्रों तक पहुंच रही है।
शिक्षिका अन्नू त्यागी ने कहा कि तकनीकी के ज्ञान के बिना आज के समय में पत्रकारिता संभव नहीं है। खुशी की बात है कि आज तकनीकी को सभी स्वीकार कर रहे हैं। बहुत सारे पत्रकार ऐसे हैं जो दैनिक जीवन में भारी दबाव में काम करते हैं। ऐसे में उन्हें बीच -बीच में विश्राम की जरूरतों पर भी संस्थान को सोचना चाहिए।
शिक्षक डॉ ऋषि श्रीवास्तव ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत बड़े अभाव के साथ हुई थी। बदलते वक्त के साथ आज हिंदी समाचार पत्रों के पत्रकार हर तकनीकी से लैस है।
परिचर्चा का संचालन शिक्षक डॉ अवध बिहारी सिंह ने किया।
Saturday, 26 May 2018
मनोविज्ञान के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर विषय पर एक दिवसीय गोष्ठी का हुआ आयोजन
तनाव भरी जीवन शैली दे रही कई मानसिक समस्याओं को जन्म --प्रो रामजीलाल
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग में शनिवार को मनोविज्ञान के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर विषयक एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए विश्वविद्यालय के पूर्व संकायाध्यक्ष प्रोफ़ेसर रामजी लाल ने कहा कि तनाव भरी जीवन शैली आज कई मानसिक समस्याओं को जन्म दे रही हैं। देश में मनो चिकित्सकों तक आम लोगों की पहुंच नहीं है। ऐसे में युवाओं को रोजगार परक विषय के रूप में मनोविज्ञान का चयन करना चाहिए। यह रोजगार के साथ समाज सेवा का भी अवसर प्रदान करता है। गोष्ठी को बतौर विशिष्ट अतिथि संबोधित करते हुए दून विश्वविद्यालय में प्रबंध शास्त्र के संकायाध्यक्ष प्रो. एस सी पुरोहित ने कहा कि छात्रों को आज के बदलते शैक्षिक एवं आर्थिक परिवेश के अनुरूप कार्य करने की जरूरत है। वर्तमान समय मे स्वरोजगार की दिशा में युवाओं को अग्रसर होने के लिए माकूल वातावरण उपलब्ध है। भारत सरकार की योजना मुद्रा बैंक के माध्यम से वे नए रोजगार स्थापित कर सकते हैं। युवा यदि रोजगार सृजन उद्यमिता के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो वर्तमान समय उनके लिए काफी सकारात्मक परिणाम दे सकता है। पूर्वांचल विश्वविद्यालय में संचालित व्यावसायिक एवं अन्य पेशेवर पाठ्यक्रमो की गुणवत्ता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में समर्पित शिक्षकों की एक मजबूत टीम काफी वर्षों से कार्यरत है। जिससे ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को पेशेवर शिक्षा की दिशा में अपना कैरियर संवारने के अवसर मिल रहे हैं। यही कारण है कि आज हमारे विद्यार्थी देश और दुनिया के विभिन्न संस्थानों में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में कैम्पस प्लेसमेंट में भारी संख्या में चयनित हुए विद्यार्थी हम सबकी शिक्षा और कुलपति जी के विजन को सार्थक कर रहे हैं। उन्होंने व्यावहारिक मनोविज्ञान के विद्यार्थियों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए राष्ट्र निर्माण में अपनी सार्थक भूमिका निर्वहन करने की अपील की। स्वागत प्रोफ़ेसर मानस पांडेय,सञ्चालन प्रो अजय प्रताप सिंह द्वारा एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रोफ़ेसर अविनाश पाथर्डिकर ने किया। इस अवसर पर संकायाध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ,डॉ अमित वत्स,डॉ जान्हवी श्रीवास्तव ,अन्नू त्यागी, शोध छात्रा गुलशन सहित विभाग के विद्यार्थी मौजूद रहे।
पूर्व रजिस्ट्रार डॉ देवराज का निधन-शोक में डूबा परिसर
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव डॉ देवराज (59) का शनिवार अपराह्न २ बजे वाराणसी के एक निजी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ चल रहे थे। विश्वविद्यालय में वे लम्बे समय तक डिप्टी रजिस्ट्रार एवं रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत रहे । प्रतापगढ़ जनपद के मूल निवासी रहे डॉ देवराज विश्वविद्यालय परिवार में अपनी सरलता और विनम्रता के लिए बहुत लोकप्रिय थे। । डॉ देवराज परिवार में पत्नी, बेटे और तीन बेटियों को छोड़ गए हैं।
डॉ देवराज के निधन पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ राजाराम यादव ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि डॉ देवराज के असामयिक निधन से उन्हें बहुत दुःख हुआ है। कुलपति ने दिवंगत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की । उन्होंने अपने सन्देश में कहा कि इस दुखद घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ समूचा विश्वविद्यालय खड़ा है। कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल ने अपनी श्रद्धांजलि में डॉ देवराज के निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए ईश्वर से उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने की कामना की। आयोजित शोक सभा में प्रो बीडी शर्मा , डॉ संतोष कुमार , डॉ राजकुमार, डॉ केएस तोमर ,रहमतुल्लाह,लक्ष्मी प्रसाद मौर्य ,श्याम श्रीवास्तव सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं कर्मचारी बंधुओं ने अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित किया।
Saturday, 19 May 2018
सभी समान और सभी है महान -स्वामी रामदेव
-मेडिकल साइंस सत्य है योग परासत्य
-कुलपति ने किया स्वामी रामदेव का अभिनन्दन
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में आशीर्वचन समारोह का हुआ आयोजन
उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन में मति, भक्ति और कृति तीन चीजों का सामंजस्य हो जाए तो उसे महान बनने से कोई रोक नहीं सकता।
कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने स्वामी रामदेव को अभिनंदन पत्र, अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया। कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल ने पतंजलि योग समिति के प्रभारी शशि भूषण को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक डॉ मानस पांडे द्वारा किया गया। विश्व विद्यालय के विद्यार्थियों ने कुल गीत एवं राष्ट्र गीत प्रस्तुत किया। संचालन डॉ मनोज मिश्र ने किया।
इस अवसर पर डॉ आर बी त्रिपाठी, डॉ राकेश, संतोष दास, सुरेंद्र, वित्त अधिकारी एम के सिंह, प्रोफेसर बी डी शर्मा, प्रोफेसर बीबी तिवारी, प्रो अजय द्विवेदी, प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर,प्रो ए के श्रीवास्तव, प्रो रामनारायण, प्रो राजेश शर्मा, प्रो अजय प्रताप सिंह, डॉ राघवेंद्र पांडे, डॉ रसिकेश, डॉ संतोष कुमार, डॉ राजकुमार सोनी, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ राकेश यादव,डॉ आशुतोष सिंह, डॉ सुनील कुमार, डॉ अवध बिहारी सिंह , डॉ पुनीत धवन, डॉ के एस तोमर, संजय श्रीवास्तव, समेत तमाम क्षेत्रवासी विश्वविद्यालय के कर्मचारी शिक्षक व विद्यार्थी मौजूद रहे।
Saturday, 5 May 2018
Thursday, 3 May 2018
स्वामी रामदेव के आगमन को लेकर बैठक

Wednesday, 2 May 2018
Tuesday, 1 May 2018
कुलपति ने जताया शोक
कुटीर पीजी कॉलेज चक्के के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर सूर्य प्रकाश मिश्र के असामयिक निधन पर मंगलवार को प्रातः विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर राजाराम यादव ने उनके आवास न्यू भगवती कॉलोनी पहुंचकर परिवारजनों को सांत्वना दी।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ है। डॉक्टर मिश्र बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे उनका निधन हम सब को झकझोर गया है। शिक्षक संघ के डॉ राजीव प्रकाश सिंह, डॉ समर बहादुर सिंह, डॉ विजय सिंह, डॉ विजय प्रताप तिवारी, डॉ हरि ओम त्रिपाठी, डॉ के एस तोमर, संजय श्रीवास्तव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
मंगलवार को विश्वविद्यालय के संकाय भवन के जनसंचार विभाग में विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं मूल्यांकन करने आए विभिन्न महाविद्यालयों के शिक्षकों ने शोक सभा आयोजित कर डॉ मिश्र को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि सभा में डॉ मनोज मिश्र, डॉ सुरेंद्र उपाध्याय, डॉ अशोक कुमार सिंह, डॉ राजकुमार गुप्ता, डॉ अवनीश सिंह तमाम शिक्षक मौजूद रहे।
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