Saturday, 10 May 2025

नशरा फ़ातिमा का ASRI 2025 राष्ट्रीय इंटर्नशिप हेतु चयन


देश भर से हर वर्ष केवल 40-50 छात्रों का चयन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालयजौनपुर की बी.ए. (S.P.J.) द्वितीय वर्षचतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा नशरा फ़ातिमा को प्रतिष्ठित Abhijit Sen Rural Internship Programme (ASRI) 2025 के लिए चुना गया है। यह चयन न केवल विश्वविद्यालय बल्कि पूरे पूर्वांचल क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है।
ASRI 2025: देश की ग्रामीण समझ के लिए एक राष्ट्रीय मंच
National Foundation for India (NFI) द्वारा संचालित यह इंटर्नशिप प्रोग्राम देशभर के चुनिंदा युवाओं को ग्रामीण भारत की सामाजिकआर्थिकऔर नीतिगत संरचना को नजदीक से समझने का अवसर देता है। आमतौर पर इस प्रोग्राम के लिए देशभर के सैकड़ों छात्र आवेदन करते हैंलेकिन हर वर्ष केवल 40-50 छात्रों का चयन किया जाता है। इसका चयन बेहद प्रतिस्पर्धात्मक होता है और इसमें चयनित होना उच्च शैक्षणिक और सामाजिक समझ का प्रतीक माना जाता है।
इंटरव्यू का चरण और चयन प्रक्रिया
नशरा फ़ातिमा को पहले चरण में शॉर्टलिस्ट किया गया था और उन्हें 22 मार्च2025 को नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया (NFI), नई दिल्ली में पैनल इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। इंटरव्यू का स्थान था: National Foundation for India, Upper Ground Floor, Core 4A, India Habitat Centre, Lodi Road, New Delhi-110003। यह साक्षात्कार चयन प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा थाजहां देशभर से चुनिंदा छात्रों ने भाग लिया।

Saturday, 3 May 2025

भारतीय ज्ञान परंपरा का वैज्ञानिक अध्ययन करेगा पूर्वांचल विश्वविद्यालय


भारतीय परंपराओं की वैज्ञानिक पुनर्परिभाषित की ओर एक ठोस कदम

-अध्ययन के लिए कुलपति ने किया समिति का गठन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में पुनः स्थापित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल की है। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय शोध समिति का गठन किया गया हैजिसका उद्देश्य भारत की प्राचीन सांस्कृतिक और बौद्धिक धरोहर को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विश्लेषित कर उसे जनमानस के समक्ष प्रस्तुत करना है।

भारत का इतिहास वेदउपनिषदआयुर्वेदयोगनाट्यशास्त्रज्योतिषवास्तु शास्त्रऔर दर्शन जैसे ज्ञान के विविध क्षेत्रों से समृद्ध रहा है। यह परंपराएं न केवल आध्यात्मिकता की प्रतीक रही हैंबल्कि इनके पीछे वैज्ञानिक तर्कअनुभव और प्रयोग आधारित आधार भी मौजूद हैं। किंतु आधुनिक काल में इन विषयों को प्रायः केवल आस्था या पौराणिक संदर्भों से जोड़कर देखा गयाजिससे इनकी वैज्ञानिकता जनसामान्य की दृष्टि से ओझल हो गई।

कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि “भारतीय ज्ञान परंपरा सिर्फ संस्कृति का हिस्सा नहीं हैबल्कि यह हमारे जीवन का वैज्ञानिक मार्गदर्शन भी करती है। हमारा प्रयास है कि हम इन परंपराओं की वैज्ञानिक बुनियाद को पुनः खोजेंउसका विश्लेषण करेंऔर शोध आधारित प्रमाणों के साथ उसे शैक्षणिक व सामाजिक पटल पर प्रस्तुत करें।”

इस नवगठित समिति में विविध विषयों के विशेषज्ञों को शामिल किया गया हैजिसमें प्रो. गिरिधर मिश्रप्रो. अविनाश पाथर्डीकरप्रो. प्रताप मिश्रा डॉ. धीरेंद्र चौधरी और डॉ. पवन कुमार पाण्डेय हैं। समिति की अध्यक्ष  कुलपति प्रो. वंदना सिंह है  जिससे प्रगति की सम्यक निगरानी की जा सके ।

समिति न केवल भारतीय ज्ञान परंपरा के वैज्ञानिक विश्लेषण पर कार्य करेगीबल्कि विश्वविद्यालय स्तर पर नवाचारशोध परियोजनाओंशोधार्थियों के प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम विकास में भी योगदान देगी। इसके अतिरिक्त समिति का उद्देश्य विभिन्न भारतीय और अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित कर अनुसंधान सहयोग  को बढ़ावा देना है।

ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय योगआयुर्वेद एवं भारतीय जीवनशैली के वैज्ञानिक प्रभावों पर शोध प्रारंभ कर रहा है और इस दिशा में कई राष्ट्रीय संस्थानों से एमओयू भी किए जा रहे हैं। इस प्रयास के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को भारतीय ज्ञान परंपरा के अनुरूप शोध प्रोजेक्ट्सइंटर्नशिप और सेमिनार में सहभागिता का अवसर भी प्रदान किया जाएगा।

Friday, 2 May 2025

पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में समर्थ पोर्टल के माध्यम से होंगे प्रवेश

पीयूकैट-2025 के प्रवेश लिए कुलपति ने लांच किया पोर्टल


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल  विश्वविद्यालय परिसर में संचालित कोर्सों में सत्र 2025-26 में समर्थ पोर्टल के माध्यम से प्रवेश हेतु पंजीकरण प्रारंभ हो गया है.  कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में शुक्रवार को कुलपति प्रो.  वंदना सिंह ने परिसर में चल रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के लिए “समर्थ पोर्टल” पर आवेदन फॉर्म लॉन्च किया. विश्वविद्यालय में पहली बार समर्थ पोर्टल से प्रवेश होंगे. पाठ्यक्रमों की उपलब्ध सीटों के सापेक्ष इच्छुक अभ्यर्थी विश्वविद्यालय के पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते है.

विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर के 20, परास्नातक स्तर  के 26 एवं डिप्लोमा के 5 पाठ्यक्रमों में पीयू कैट 2025 के माध्यम से प्रवेश होंगे. इस वर्ष 9 नए आधुनिक पाठ्यक्रम भी प्रारंभ हो रहे हैं, जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) हैं, वास्तु शास्त्र में डिप्लोमा, वैदिक ज्योतिष शास्त्र डिप्लोमा, वैदिक कर्मकांड डिप्लोमा, एल.एल. एम., एम.सी.ए इन्टीग्रेटेड जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं. ऑनलाइन आवेदन 10 जून तक स्वीकार किए जाएंगे.

समर्थ पोर्टल के माध्यम से छात्र ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, फीस भुगतान, दस्तावेज अपलोड, मेरिट सूची एवं सीट आवंटन जैसी सभी प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी रूप से पूरा कर सकेंगे. छात्र हेल्प डेस्क  के माध्यम से ऑनलाइन सहायता भी प्राप्त कर सकते हैं.

उक्त से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी,संचालित विषयों का विवरण एवं उपलब्ध सीटों की  विस्तृत जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट  vbspu.ac.in पर उपलब्ध है.

ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के लिए शुभारम्भ अवसर पर रजिस्ट्रार महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद सिंह, पीयूकैट के अध्यक्ष प्रो. रजनीश भास्कर, समन्वयक प्रो. मिथिलेश सिंह,प्रो. अरुण कुमार सिंह, प्रो. प्रमोद यादव, प्रो. गिरिधर मिश्र, नोडल अधिकारी डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. धीरेन्द्र चौधरी, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डी.आर. बबीता सिंह, अमृत लाल सहित अन्य शिक्षक उपस्थित रहे.