Thursday, 29 May 2025

पीयू परिसर की सेमेस्टर परीक्षा 2025 का मूल्यांकन शुरू

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में संचालित पाठ्यक्रमों की सम सेमेस्टर/वार्षिक परीक्षा 2025 की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन बाबा साहब देवरस केंद्रीय मूल्यांकन भवन में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० वंदना सिंह ने मंगलवार को  विधिवत पूजन के उपरांत प्रारंभ कराया.

उन्होंने डा. संजीव गंगवार, श्रीमती जया शुक्ला, डॉ. अजय मौर्या, डॉ. अनीष, डॉ. पंकज को मूल्यांकन हेतु उत्तर पुस्तिकाओं का आवंटन किया. उन्होंने कहा कि  उत्तर पुस्तिकाओं का समय पर सुचितापूर्ण मूल्यांकन करें.

परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर विनोद कुमार सिंह ने राजभवन एवं उत्तर प्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश के क्रम में समर्थ पोर्टल का उपयोग करते हुए यथाशीघ्र परीक्षा परिणाम घोषित करने हेतु समन्वयक मूल्यांकन डॉ. अमरेंद्र कुमार सिंह एवं मूल्यांकन समिति डॉ० धर्मेन्द्र सिंह, डॉ० प्रवीण कुमार सिंह, अशोक कुमार यादव एवं सत्यम उपाध्याय को आवश्यक दिशा- निर्देश दिया.

उपकुलसचिव अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में संचालित समस्त पाठ्यक्रमों की सम सेमेस्टर की परीक्षाएं प्रारंभ है और मई  के द्वितीय सप्ताह तक संचालित होनी है. जिन विषयों की परीक्षाएं संपन्न होती जा रही हैं उन पाठ्यक्रमों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य भी होता रहेगा जिससे परीक्षा समाप्त होने के उपरांत समय से परीक्षा परिणाम घोषित किया जा सके.

परीक्षा मूल्यांकन के उद्घाटन अवसर पर प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. देवराज, प्रो. प्रमोद कुमार यादव, , डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. श्याम कन्हैया सिंह,  श्याम त्रिपाठी, लाल बहादुर, जय सिंह, मनु मिश्रा आदि उपस्थित रहे. 


Friday, 23 May 2025

विद्यार्थियों की प्रतिभा निखारने पर ज़ोर दें शिक्षकः प्रो. वंदना सिंह


नए सत्र में विश्वविद्यालय की दिशा पर हुआ मंथन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में शुक्रवार को संकाय एवं विभागाध्यक्षों की बैठक विश्वविद्यालय की दिशा को नए आयाम देने के संबंध में हुई। कुलपति प्रो. वंदना सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में शिक्षण गुणवत्ता, छात्र सहभागिता, अनुसंधान और प्लेसमेंट जैसे अहम मुद्दों पर विंदुवार विस्तार से चर्चा की गई।

कुलपति ने कहा कि “हम चाहते हैं कि कक्षा का वातावरण ऐसा हो, जहां छात्र केवल उपस्थिति दर्ज न कराएं, बल्कि ज्ञान की गंगा में गोते लगाएं,” । उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे केवल पाठ्यक्रम न पढ़ाएं,  बल्कि पठन-पाठन को आनंदमयी यात्रा बनाएं। बैठक में यह तय किया गया कि शिक्षकों को क्लासरूम एवं प्रैक्टिकल कक्षाओं में बच्चों के साथ अधिक सक्रिय रूप से जुड़ना होगा। क्विज़, चर्चा,  केस स्टडी और अन्य संवादात्मक तरीकों से छात्रों की पर्सनालिटी को संवारा जाएगा।“प्रतिभा को पहचानिए, मंच दीजिए और सराहना की परंपरा को संस्कृति बनाइए,” यह विचार बैठक का सार बनकर उभरा। एक्स्ट्रा करिकुलर गतिविधियों को नया जीवन देने की बात हुई। खेल,  संगीत,  नृत्य, थिएटर जैसे क्षेत्रों में छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए नियमित अभ्यास की व्यवस्था और परिसर स्तर पर स्पर्धाओं की योजना बनाने पर भी चर्चा की गई। पेपर पब्लिकेशन की गुणवत्ता और प्रोजेक्ट लाने पर भी जोर दिया गया। उच्च इम्पैक्ट फैक्टर वाले शोध-पत्रों के प्रकाशकों को सम्मानित किया जाएगा ताकि शोध की गुणवत्ता और प्रेरणा दोनों बढ़े।

बैठक में प्रो. मानस पांडे द्वारा प्रस्तुत 9 सूत्रीय प्रस्ताव पर सभी सदस्यों ने विचार विमर्श किया। बोर्ड ऑफ स्टडी में इंडस्ट्री एक्सपर्ट, पूर्व छात्र और सीनियर छात्रों की सलाह लेकर पाठ्यक्रम को अधिक व्यावसायिक और व्यावहारिक बनाया जाएगा। उनकी सलाह को अध्ययन परिषद के पाठ्यक्रम की डिजाइन में शामिल किया जाएगा। एनसीसी, एनएसएस और छात्र सुविधा केंद्र को और अधिक क्रियाशील बनाने पर भी सहमति बनी।कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा, “हम सीमित संसाधनों में भी असीम संभावनाएं तलाशेंगे। आने वाला सत्र ऐसा होगा, जहां छात्र कहेंगे — हां, हमने सही संस्थान चुना है।”उन्होंने पिछले सत्र की उपलब्धियों के लिए शिक्षकों को बधाई दी और नए सत्र के लिए प्रेरणास्पद शुभकामनाएं भी दीं। विश्वविद्यालय की प्रगति को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय ज्ञान, शोध और नवाचार की त्रिवेणी बनकर उभर रहा है। इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. प्रमोद कुमार यादव, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. गिरधर मिश्रा, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. मुराद अली. प्रो. मिथिलेश सिंह, प्रो. संतोष कुमार, प्रो. नूपुर गोयल,  उप कुलसचिव अजीत प्रताप सिंह, डॉ. मनीष कुमार गुप्ता, डॉ रसिकेश, डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. नृपेंद्र सिंह, डॉ धीरेंद्र चौधरी डॉ वनिता सिंह समेत सभी संकायाध्यक्ष और विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

विश्वविद्यालय स्तर पर ग्रामीण जल समस्याओं के समाधान हेतु नई पहल

जल से जुड़ी समस्याओं पर शोध को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आज विश्वविद्यालय में वाटर रिसर्च ग्रुप की बैठक का आयोजन किया गया। कुलपति प्रो. वंदना सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में विश्वविद्यालय स्तर पर गठित जल अनुसंधान समिति के सदस्यों ने भाग लिया।

बैठक में भूमिगत जल मूल्यांकन (ग्राउंडवॉटर असेसमेंट), जल जनित बीमारियों और जल में मौजूद अशुद्धियों की पहचान पर विस्तृत चर्चा किया गया। प्रथम चरण में  विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांवों के जल स्रोतों की वैज्ञानिक जांच करेगी। साथ ही, पानी में मौजूद अशुद्धियों का विश्लेषण कर नैनो टेक्नोलॉजी के माध्यम से शुद्धिकरण की दिशा में कार्य किया जाएगा।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि "हमारा शोध केवल शोध पत्रों के प्रकाशन तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि उसका सीधा लाभ समाज को मिलना चाहिए। इसी सोच के साथ इस अनुसंधान समिति का गठन किया गया है।" उन्होंने आगे कहा कि समिति द्वारा ब्लॉक स्तरीय जल अध्ययन भी किया जाएगा जिससे व्यापक स्तर पर समाधान की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकें।
बैठक में समिति सदस्य प्रो. गिरिधर मिश्र, डॉ. काजल, डॉ. धीरेंद्र चौधरी, डॉ. श्याम कन्हैया, डॉ. एस.पी. तिवारी एवं डॉ. रामनरेश यादव  रहे।

Thursday, 22 May 2025

डॉ. आलोक गुप्ता को भूटान में मिला 'बेस्ट अकादेमी अवार्ड'

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रबंध अध्ययन संकाय के वित्तीय अध्ययन विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक गुप्ता को भूटान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में ‘बेस्ट अकादेमी अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें 10-13 मई 2025 के बीच रॉयल यूनिवर्सिटी ऑफ भूटान के नार्बुलिंग रिग्टर कॉलेज, पारो में आयोजित सम्मेलन में प्रदान किया गया।डॉ. गुप्ता को यह सम्मान कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान एवं  “ रोल आफ एआई एंड सोशल मीडिया इन सोशल ट्रांसफारमेशन”  विषय पर प्रस्तुत शोधपत्र के लिए दिया गया। संगोष्ठी में वे "सतत और न्यायसंगत भविष्य की ओर: विज्ञान, प्रौद्योगिकी, राजनीति एवं अर्थशास्त्र की भूमिका" विषयक तकनीकी सत्र के अध्यक्ष भी रहे। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न देशों के शिक्षकों एवं शोधकर्ताओं को संबोधित करते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता की सामाजिक परिवर्तन में भूमिका और इसके नए शोध क्षेत्रों पर प्रकाश डाला।डॉ. गुप्ता ने एआई  के बढ़ते प्रभाव, संभावनाओं एवं चुनौतियों पर बल देते हुए इसे अनुसंधान और नवाचार का नया मंच बताया। उनके इस सम्मान पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने उन्हें बधाई दी।इसके अतिरिक्त जय नारायण मिश्रा पीजी कॉलेज, लखनऊ के पूर्व प्राचार्य प्रो. सुनील दत्त शर्मा, संकायाध्यक्ष प्रो. अजय द्विवेदी, विभाग के प्राध्यापक सुशील कुमार, डॉ. अबू सालेह, मनोज त्रिपाठी, यशी सिंह सहित छात्रों ने भी उन्हें बधाई दी। 

पीयू इलेक्ट्रॉनिक्स के विद्यार्थियों का वेरिएबल एनर्जी साइक्लोट्रॉन सेंटर में चयन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर पर एक और उपलब्धि अर्जित की है। विभाग के तीन प्रतिभावान छात्र — अक्ष चौबे, अनुभवी जायसवाल और मुकुल — का चयन भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन कार्यरत प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थान वेरिएबल एनर्जी साइक्लोट्रॉन सेंटर (VECC), कोलकाता में प्रशिक्षण हेतु हुआ है।

इस प्रशिक्षण के अंतर्गत छात्र उच्चस्तरीय प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिक अनुसंधान, परमाणु ऊर्जा यंत्रों की कार्यप्रणाली और उन्नत सिग्नल प्रोसेसिंग जैसे तकनीकी क्षेत्रों में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करेंगे। यह चयन विभाग की मजबूत शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुसंधान उन्मुख वातावरण और विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत का प्रमाण है।

प्रशिक्षण हेतु हुए चयन का श्रेय विभागाध्यक्ष प्रो. रवि प्रकाश के कुशल मार्गदर्शन को भी जाता है। साथ ही, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विक्रांत भटेजा ने तकनीकी तैयारी में विशेष भूमिका निभाई। विभाग के सभी शिक्षकों — डॉ. प्रवीण सिंह, डॉ. रीतेश बरनवाल, डॉ. अजय मौर्य, डॉ. विशाल यादव, डॉ. अनीश अंसारी, डॉ. पी.सी. यादव, डॉ. पारुल त्रिवेदी और सुश्री प्रीति शर्मा — ने छात्रों को शुभकामनाएं दीं।

कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने इस उपलब्धि को विश्वविद्यालय की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और नवाचार प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया। विभाग के कुछ अन्य छात्रों का चयन इसरो और डीआरडीओ जैसे संस्थानों में भी हुआ है। यह सफलता भावी विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा है और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग को तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक बनाती है।

Tuesday, 20 May 2025

चिकित्सा, स्वचालित वाहन के क्षेत्र में नई तकनीक होगी विकसितः डॉ. सविनय नागेन्द्र

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग में कंप्यूटर दृष्टि के क्षेत्र पर व्याख्यान का आयोजन

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग द्वारा कंप्यूटर दृष्टि (कंप्यूटर विज़न) के क्षेत्र में एक उच्च स्तरीय आमंत्रित व्याख्यान का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया गया। इस व्याख्यान का विषय " डाउनस्ट्रीम कार्यों के लिए बड़े आधारभूत विजन मॉडल्स की शून्य-प्रशिक्षण विभाजन क्षमताओं का कुशलतापूर्वक उपयोग विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए" था। इस अवसर पर प्रमुख वक्ता के रूप में डॉ. सविनय नागेन्द्र, अनुसंधान वैज्ञानिक, मेटा, कैलिफोर्निया, अमेरिका से आमंत्रित थे।डॉ. नागेन्द्र ने कहा कि कैसे बड़े विजन मॉडल्स बिना किसी विशेष प्रशिक्षण आँकड़ों के नई छवियों को समझने और उनका विभाजन करने में सक्षम होते हैं। उन्होंने इन क्षमताओं के प्रभावी उपयोग पर भी विस्तार से प्रकाश डाला, जैसे चिकित्सा छवि विश्लेषण, स्मार्ट निगरानी प्रणालियाँ और स्वचालित वाहन आदि क्षेत्रों में इनका अनुप्रयोग। उन्होंने यह भी समझाया कि शून्य-प्रयास तकनीकें भविष्य में मशीन दृष्टि प्रणाली को अधिक लचीला और कुशल बना सकती हैं।इस कार्यक्रम के संयोजक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रो. रवि प्रकाश रहे, जबकि संचालन डॉ. ज्योति प्रशांत सिंह ने किया। कार्यक्रम में कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विक्रांत भटेजा सहित इलेक्ट्रॉनिक्स तथा कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभागों के समस्त शिक्षकगण एवं विद्यार्थीगण ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित रहे।यह व्याख्यान तकनीकी ज्ञान के अद्यतन और शोध के नए आयामों को समझने हेतु अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ।

Friday, 16 May 2025

उत्साह और सहभागिता के साथ आयोजित होंगे योग के कार्यक्रम- कुलपति

पीयू में योग पर कार्यक्रमों  को लेकर तैयारी

राज भवन के निर्देश पर जून में होंगे विविध कार्यक्रम

'एक पृथ्वीएक स्वास्थ्य के लिए योग’ थीम पर होंगे कार्यक्रम 


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने राजभवन के आदेश के क्रम में जून माह में होने वाले 10 योग कार्यक्रमों के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए शुक्रवार को कुलपति कार्यालय में आयोजन समिति के साथ बैठक की. बैठक में 'एक पृथ्वीएक स्वास्थ्य के लिए योग’ थीम पर कार्य योजना तैयार की गई.

कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक उत्सव की तरह है. इससे जुड़े सभी १० कार्यक्रम पुरे उत्साह और सहभागिता के साथ आयोजित किये जाए.

प्रदेश की राज्यपाल एवं  कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल  द्वारा विश्वविद्यालयों में आगामी अंतर्राष्ट्रीय  योग दिवस को अधिक प्रभावी एवं आकर्षक बनाने के लिए 10 प्रकार के कार्यक्रम करने हेतु सुझाव दिए गए है. यह कार्यक्रम 1 जून से 21 जून तक होंगे.

इसमें विरासत से विकास, योग की भूमिका पर परिचर्चा, एक साथ योगः संकल्प और सामूहिकता का प्रतीक के अंतर्गत भव्य योग प्रदर्शन का आयोजन किया जायेगा.  इसके साथ ही ज्ञान और अनुभव का संगम विषय पर अंतर्राष्ट्रीय योग संगोष्ठी, विश्वविद्यालय में एक योग पार्क विकसित किया जाएगा जहाँ विद्यार्थी एवं शिक्षक शांत वातावरण में योगाभ्यास कर सकें. योग पर पुस्तक का भी प्रकाशन होगा. योग स्वस्थ समाज की ओर बढ़ते कदम सोच के साथ  मैराथन का आयोजन होगा. विश्वविद्यालय में अमृत सरोवर के पास एक चंदन वाटिका बनाई जाएगी.

ऊर्जा और एकाग्रता का अनुभव के लिए सामूहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन किया जाएगाजिससे विद्यार्थियों में ऊर्जा का संचार हो और एकाग्रता में वृद्धि हो. विभिन्न रोगों पर योग के सकारात्मक प्रभावों पर वैज्ञानिक शोध और शोध पत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा.

इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, प्रो. गिरिधर मिश्र, प्रो. राम नारायण, डॉ. राज बहादुर यादव, डीआर अजीत प्रताप सिंह, डॉ.  जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. धीरेन्द्र , डॉ. मनोज पाण्डेय, जय सिंह उपस्थित रहे.

Saturday, 10 May 2025

पीयू में प्रो. वंदना राय और डॉ. विद्युत को दी गई विदाई


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान में सेवानिवृत्त होने पर बायोटेक विभाग की प्रोफेसर वंदना  राय एवं विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय प्रभारी  रहे डॉ. विद्युत कुमार मल्ल के विदाई समारोह का आयोजन किया गया. शिक्षकों और कर्मचारियों ने 25 वर्षों की सेवा की यादों को साझा किया और अंगवस्त्रम, स्मृति चिन्ह देकर उन्हें सम्मानित किया गया.विदाई समारोह को संबोधित करते हुए प्रो. मानस पाण्डेय ने कहा कि प्रोफेसर वंदना राय ने अपने शिक्षण एवं शोध कार्य से दुनिया के दो प्रतिशत साइंटिस्ट सूची में शामिल होकर  विश्वविद्यालय का मान बढ़ाया। साथ ही साथ डॉ. विद्युत कुमार मल्ल ने पुस्तकालय के विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया है. शोध गंगा की सफलता और पुस्भीतकालय को सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस तक ले जाने के लिए उन्हें बधाई दी.प्रो. वंदना राय ने कहा कि आज विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति कर रहा है और सुविधाओं का भी विस्तार हुआ है. आने वाले समय में और भी ऊंचाई हासिल करेगा ऐसी पूरी उम्मीद है. उन्होंने अपने अनुभवों को साझा किया. डॉ. विद्युत कुमार मल्ल ने कहा कि दुसरे प्रदेश के होने बाद भी यहाँ के लोगों ने अपना बना लिया और अब वह बंगाली भाषा के साथ साथ भोजपुरी भी बोल लेते है. उन्होंने छात्रों के लिए सन्देश दिया कि जब भी समय मिले पुस्तकालय जरुर जाये. कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर ने किया।इस अवसर पर प्रो. देवराज, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. प्रमोद यादव, प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. मुराद अली, प्रो. रवि प्रकाश, प्रो. संतोष कुमार, डॉ. श्याम कन्हैया सिंह, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. वनिता सिंह, कर्मचारी संघ ने महामंत्री रमेश यादव समेत विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे.

नशरा फ़ातिमा का ASRI 2025 राष्ट्रीय इंटर्नशिप हेतु चयन


देश भर से हर वर्ष केवल 40-50 छात्रों का चयन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालयजौनपुर की बी.ए. (S.P.J.) द्वितीय वर्षचतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा नशरा फ़ातिमा को प्रतिष्ठित Abhijit Sen Rural Internship Programme (ASRI) 2025 के लिए चुना गया है। यह चयन न केवल विश्वविद्यालय बल्कि पूरे पूर्वांचल क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है।
ASRI 2025: देश की ग्रामीण समझ के लिए एक राष्ट्रीय मंच
National Foundation for India (NFI) द्वारा संचालित यह इंटर्नशिप प्रोग्राम देशभर के चुनिंदा युवाओं को ग्रामीण भारत की सामाजिकआर्थिकऔर नीतिगत संरचना को नजदीक से समझने का अवसर देता है। आमतौर पर इस प्रोग्राम के लिए देशभर के सैकड़ों छात्र आवेदन करते हैंलेकिन हर वर्ष केवल 40-50 छात्रों का चयन किया जाता है। इसका चयन बेहद प्रतिस्पर्धात्मक होता है और इसमें चयनित होना उच्च शैक्षणिक और सामाजिक समझ का प्रतीक माना जाता है।
इंटरव्यू का चरण और चयन प्रक्रिया
नशरा फ़ातिमा को पहले चरण में शॉर्टलिस्ट किया गया था और उन्हें 22 मार्च2025 को नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया (NFI), नई दिल्ली में पैनल इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। इंटरव्यू का स्थान था: National Foundation for India, Upper Ground Floor, Core 4A, India Habitat Centre, Lodi Road, New Delhi-110003। यह साक्षात्कार चयन प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा थाजहां देशभर से चुनिंदा छात्रों ने भाग लिया।

Wednesday, 7 May 2025

कुलपति ने परीक्षा केंद्रों का किया औचक निरीक्षण

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों की चल रही सेमेस्टर परीक्षाओं के केन्द्रों का बुधवार को कुलपति प्रो वंदना सिंह ने औचक  निरीक्षण किया. उन्होंने परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी,  बिजली और विद्यार्थियों के लिए पेयजल सुविधा को भी देखा. कहा कि पारदर्शी तरीके से परीक्षाओं को संपन्न कराये. उन्होंने कक्ष निरीक्षकों को निर्देशित किया कि विद्यार्थियों द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं में भरी जाने वाली सूचनाओं का मिलान अवश्य करे.  
जौनपुर जनपद के परीक्षा केंद्रों पर निरीक्षण के दौरान कुलपति ने परीक्षा व्यवस्था का बारीकी से अवलोकन किया साथ ही विद्यार्थियों से परीक्षा के बारे में भी जानकारी ली. कुलपति के साथ निरीक्षण में परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह भी मौजूद रहे.
परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि केडीएस पीजी कॉलेज जौनपुर, कौशिल्या महाविद्यालय पर प्रकाश व्यवस्था के लिए निर्देश दिए गए है, बिजली न होने की स्थिति में परीक्षा के दौरान जनरेटर चलाया जाये. इसके साथ ही मड़ियाहूं पीजी कॉलेज की परीक्षा का भी  निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि सभी परीक्षा केंद्रों पर बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था कार्यरत होनी चाहिए.

Saturday, 3 May 2025

भारतीय ज्ञान परंपरा का वैज्ञानिक अध्ययन करेगा पूर्वांचल विश्वविद्यालय


भारतीय परंपराओं की वैज्ञानिक पुनर्परिभाषित की ओर एक ठोस कदम

-अध्ययन के लिए कुलपति ने किया समिति का गठन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में पुनः स्थापित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल की है। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय शोध समिति का गठन किया गया हैजिसका उद्देश्य भारत की प्राचीन सांस्कृतिक और बौद्धिक धरोहर को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विश्लेषित कर उसे जनमानस के समक्ष प्रस्तुत करना है।

भारत का इतिहास वेदउपनिषदआयुर्वेदयोगनाट्यशास्त्रज्योतिषवास्तु शास्त्रऔर दर्शन जैसे ज्ञान के विविध क्षेत्रों से समृद्ध रहा है। यह परंपराएं न केवल आध्यात्मिकता की प्रतीक रही हैंबल्कि इनके पीछे वैज्ञानिक तर्कअनुभव और प्रयोग आधारित आधार भी मौजूद हैं। किंतु आधुनिक काल में इन विषयों को प्रायः केवल आस्था या पौराणिक संदर्भों से जोड़कर देखा गयाजिससे इनकी वैज्ञानिकता जनसामान्य की दृष्टि से ओझल हो गई।

कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि “भारतीय ज्ञान परंपरा सिर्फ संस्कृति का हिस्सा नहीं हैबल्कि यह हमारे जीवन का वैज्ञानिक मार्गदर्शन भी करती है। हमारा प्रयास है कि हम इन परंपराओं की वैज्ञानिक बुनियाद को पुनः खोजेंउसका विश्लेषण करेंऔर शोध आधारित प्रमाणों के साथ उसे शैक्षणिक व सामाजिक पटल पर प्रस्तुत करें।”

इस नवगठित समिति में विविध विषयों के विशेषज्ञों को शामिल किया गया हैजिसमें प्रो. गिरिधर मिश्रप्रो. अविनाश पाथर्डीकरप्रो. प्रताप मिश्रा डॉ. धीरेंद्र चौधरी और डॉ. पवन कुमार पाण्डेय हैं। समिति की अध्यक्ष  कुलपति प्रो. वंदना सिंह है  जिससे प्रगति की सम्यक निगरानी की जा सके ।

समिति न केवल भारतीय ज्ञान परंपरा के वैज्ञानिक विश्लेषण पर कार्य करेगीबल्कि विश्वविद्यालय स्तर पर नवाचारशोध परियोजनाओंशोधार्थियों के प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम विकास में भी योगदान देगी। इसके अतिरिक्त समिति का उद्देश्य विभिन्न भारतीय और अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित कर अनुसंधान सहयोग  को बढ़ावा देना है।

ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय योगआयुर्वेद एवं भारतीय जीवनशैली के वैज्ञानिक प्रभावों पर शोध प्रारंभ कर रहा है और इस दिशा में कई राष्ट्रीय संस्थानों से एमओयू भी किए जा रहे हैं। इस प्रयास के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को भारतीय ज्ञान परंपरा के अनुरूप शोध प्रोजेक्ट्सइंटर्नशिप और सेमिनार में सहभागिता का अवसर भी प्रदान किया जाएगा।

Friday, 2 May 2025

पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में समर्थ पोर्टल के माध्यम से होंगे प्रवेश

पीयूकैट-2025 के प्रवेश लिए कुलपति ने लांच किया पोर्टल


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल  विश्वविद्यालय परिसर में संचालित कोर्सों में सत्र 2025-26 में समर्थ पोर्टल के माध्यम से प्रवेश हेतु पंजीकरण प्रारंभ हो गया है.  कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में शुक्रवार को कुलपति प्रो.  वंदना सिंह ने परिसर में चल रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के लिए “समर्थ पोर्टल” पर आवेदन फॉर्म लॉन्च किया. विश्वविद्यालय में पहली बार समर्थ पोर्टल से प्रवेश होंगे. पाठ्यक्रमों की उपलब्ध सीटों के सापेक्ष इच्छुक अभ्यर्थी विश्वविद्यालय के पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते है.

विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर के 20, परास्नातक स्तर  के 26 एवं डिप्लोमा के 5 पाठ्यक्रमों में पीयू कैट 2025 के माध्यम से प्रवेश होंगे. इस वर्ष 9 नए आधुनिक पाठ्यक्रम भी प्रारंभ हो रहे हैं, जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) हैं, वास्तु शास्त्र में डिप्लोमा, वैदिक ज्योतिष शास्त्र डिप्लोमा, वैदिक कर्मकांड डिप्लोमा, एल.एल. एम., एम.सी.ए इन्टीग्रेटेड जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं. ऑनलाइन आवेदन 10 जून तक स्वीकार किए जाएंगे.

समर्थ पोर्टल के माध्यम से छात्र ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, फीस भुगतान, दस्तावेज अपलोड, मेरिट सूची एवं सीट आवंटन जैसी सभी प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी रूप से पूरा कर सकेंगे. छात्र हेल्प डेस्क  के माध्यम से ऑनलाइन सहायता भी प्राप्त कर सकते हैं.

उक्त से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी,संचालित विषयों का विवरण एवं उपलब्ध सीटों की  विस्तृत जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट  vbspu.ac.in पर उपलब्ध है.

ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के लिए शुभारम्भ अवसर पर रजिस्ट्रार महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद सिंह, पीयूकैट के अध्यक्ष प्रो. रजनीश भास्कर, समन्वयक प्रो. मिथिलेश सिंह,प्रो. अरुण कुमार सिंह, प्रो. प्रमोद यादव, प्रो. गिरिधर मिश्र, नोडल अधिकारी डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. धीरेन्द्र चौधरी, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डी.आर. बबीता सिंह, अमृत लाल सहित अन्य शिक्षक उपस्थित रहे.