

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व न्यायाधीश ए.बी. श्रीवास्तव ने कहा कि हम सभी को मिलकर ऐसा काम करना है जिससे विश्वविद्यालय निरंतर तरक्की करे। विश्वविद्यालय सिर्फ युवकों को डिग्री बांटने का काम न करें, बल्कि उन्हें अच्छे इंसान के रूप में तैयार करें। शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक उन्नयन की दिशा में गंभीर प्रयास होने चाहिए। विश्वविद्यालय की गरिमा बेहतर पठन पाठन से बढ़ेगी।
उत्तर-प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री ओ.पी. श्रीवास्तव ने कहा कि विश्वविद्यालय आज शिक्षा के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुका है। इसकी साख को और चार चांद लगाने की जरूरत है।उन्होंने विश्वविद्यालयों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त रखने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि किसी के अधीन न रहने पर विश्वविद्यालयों में बेहतर तरीके से काम काज हो सकता है।
चिंतक शिव स्वारथ सिंह ने कहा कि गांधी जी के विचारों की उपयोगिता आज और अधिक बढ़ गई है। उनके आंदोलन की झलक जय प्रकाश नारायण व अन्ना हजारे के संघर्ष में दिखी है।
कुलसचिव डा. बीएल आर्य जी ने विश्वविद्यालय की प्रगति पर विस्तार से प्रकाश डाला।रजत जयंती समारोह में ही अंतरविश्वविद्यालयीय युवा महोत्सव के लिए छात्रों का चयन किया गया।चयनित छात्र महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी में 15 से शुरू हो रहे युवा महोत्सव में हिस्सा लेंगे। युवा महोत्सव के संयोजक डा. अविनाश पार्थिडकर ने बताया कि युवा महोत्सव के लिए विश्वविद्यालय टीम का चयन किया गया है। सुगम संगीत के लिए सुबोध कुमार का चयन किया गया। समूह गान केलिए दीपक यादव व अन्य, डिवेट केलिए नितिन कुशवाहा, काव्य पाठ के लिए प्रतीक शुक्ल, फाइन आर्ट केलिए प्रतीक्षा सिंह, कोलाज के लिए जंग बहादुर शुक्ल, पोस्टर मेकिंग के लिए विनोद कुमार, रंगोली के लिए ऋचा पाल का चयन किया गया है ।रजत जयंती समारोह के मद्देनजर संगोष्ठी भवन को बड़े ही आकर्षक ढंग से सजाया गया था । समारोह के पूर्व में मुख्य अतिथि और अन्य सम्मानित अथितियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया गया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक गण, प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारीगण उपस्थित थे. संचालन डा.पंकज सिंह व आभार ज्ञापन डा.अविनाश पार्थिडकर ने किया।
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