Tuesday 1 November 2011

बापू के आदर्शों की आज समाज को जरूरत

३०अक्टूबर को  चौधरी चरण सिंह किसान महाविद्यालय जखनिया गाजीपुर में विश्वविद्यालय के   राष्ट्रीय सेवा योजना  द्वारा आयोजित  बापू बाज़ार में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सुन्दर लाल ने कहा कि बापू के विचारो को अपने व्यक्तित्व में समाहित करें.. बापू के आदर्शों की आज समाज को जरूरत हैं. बापू ने दरिद्रनारायण की बात की थी . हमें भी अपना काम करते समय इनका  ध्यान रखना चाहिए.कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए  उन्होंने कहा कि हमें समाज के साथ जुड़ना होगा. हम दूसरों की अगर मदत करते हैं , सहायता करते हैं तो उसमें   सम्मान के भाव को समाहित करना होगा.
बापू बाजार में बतौर मुख्य अतिथि गलगोटिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो के एम त्रिपाठी ने  कहा कि आज उन्होंने कहा कि समय किसी का इंतजार नहीं करता. बापू बाज़ार में जो उत्साह दिख रहा हैं वो समय के साथ कभी कम नहीं होना चाहिए.बापू बाज़ार के माध्यम से पढ़ने वाले बच्चे जिस तरीके से समाज से सीधे जुड़ रहे हैं आज के समय में यह बहुत ख़ुशी की बात हैं.जो कुछ मैनें देखा  देखा वह  भाव विभोर कर देने वाला दृश्य  है. यह बापू बाज़ार महायज्ञ है इसमें हम सभी  मिल कर आहुति दे. यह बीज जो बोया गया हैं उसे मिलकर बड़ा करे. 
राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य संपर्क अधिकारी डॉ सत्येन्द्र बहादुर सिंह ने कहा कि एन एस एस से जुड़ने के  बाद यह हमारा कर्तव्य बनता हैं कि हम खुद भी जागरूक बने और दूसरों को भी जागरूक करे.श्री सिंह ने बहुत मार्मिक ढंग से नेत्रदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारियों से अपील की.
 चौधरी चरण सिंह किसान महाविद्यालय जखनिया गाजीपुर के प्रबंधक हरिनारायण यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा बापू बाज़ार लगाने का मुझे जो सौभाग्य प्राप्त हुआ हैं वह मेरे लिए गर्व की बात है.राष्ट्रीय सेवा योजना के डॉ हितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि आज बापू बाज़ार में जिन लोगों ने भी अपना योगदान दिया हैं उन्हें गरीबों की दुआएं मिलेगी. उन्होंने कहा कि बापू बाज़ार अब तक हजारों गरीबों को आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करा चुका हैं.बापू बाजार में ५० महाविद्यालयों  के  राष्ट्रीय सेवा योजना के  स्वयंसेवक   द्वारा जुटाये गए सामान को २-१० रुपए के प्रतीकात्मक मूल्य पर दिया गया. अपने मनपसंद के कपड़ो को लेने के लिए बूढ़े, बच्चे, महिलाएं एवं अन्य काफी उत्साहित दिखे. बच्चों को मुफ्त में खिलौने,कापी व किताब दिए गए.कोई बच्चा गुडिया पाकर खुश था तो कोई खिलौना  कार.बाजार से वापस जाते समय उनके चेहरे पर विजय भरी मुस्कान थी. 








1 comment:

  1. सार्थक होता एक विचार,बहुत बधाई.

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