| कुलाधिपति महामहिम श्री बी एल जोशी |
वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विश्वविद्यालय के पंचदश दीक्षांत समारोह में शनिवार को बतौर कुलाधिपति अध्यक्षता करते हुए महामहिम राज्यपाल श्री बी .एल .जोशी ने कहा कि आजादी के बाद से हमने उच्च शिक्षा के विस्तार पर तो ध्यान दिया ताकि जनसंख्या के अनुरूप समाज का हर व्यक्ति इसका लाभ उठा सके लेकिन अब हमें शैक्षिक गुणवत्ता पर बल देना होगा। गुणवत्ता न सिर्फ पठन-पाठन व शोध बल्कि चारित्रिक निर्माण में भी होनी चाहिए।श्री राज्यपाल ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के दौर में बाजार की भूमिका
निर्णायक होती जा रही है। ऐसे में विश्वविद्यालयों में शिक्षित-प्रशिक्षित प्रतिभाएं धनोपार्जन को ही अपना उद्देश्य मान कर नैतिक मूल्यों एवं उद्देश्यों से दूर होती जा रहीं हैं। लिहाजा शिक्षक ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था को और गति प्रदान करने की दिशा में सक्रिय योगदान दें।
| मुख्य अतिथि श्री चंडी प्रसाद भट्ट |
| कुलपति प्रो सुन्दर लाल |
कुलपति प्रो. सुंदर लाल जी ने महामहिम जी और मुख्य अतिथि जी का स्वागत करते हुए विवि की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि विवि ने आन लाइन फार्म की व्यवस्था, मूल्यांकन सुधार, कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सेमीनार के साथ विश्वविद्यालय में लम्बे समय से एक ही पटल पर जमे कर्मचारियों का स्थानांतरण ,कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सेमीनार के साथ गरीबों के लिए सम्मान सहित सहायता बापू बाजार लगवाए हैं। स्वागत भाषण में कुलपति जी ने विवि में सुधार को उठाये गये कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि मूल्यांकन में पारदर्शिता को सभी उत्तर पुस्तिकाओं की कोडिंग कराई गयी। नियमों के विपरीत आचरण करने पर 88 महाविद्यालयों, शिक्षकों व कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गयी। इससे पहले कार्य परिषद और विद्या परिषद के सदस्यों ने शोभायात्रा निकाली। शोभायात्रा की अगवानी कुलसचिव डा. बीएल आर्य ने की। इस दौरान परीक्षा नियंत्रक आरएस यादव समेत सभी सदस्य मौजूद थे. इससे पूर्व श्री राज्यपाल, मुख्य अतिथि जी व कुलपति जी ने 31 मेधावियों को गोल्ड मेडल व 350 को पीएचडी की उपाधि प्रदान की। मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
बापू बाजार को सराहा
बापू बाजार को सराहा
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