आज की पीढ़ी में ज्ञान की वृद्धि हुई है लेकिन विवेक की कमी हो गई है. पढाई के दबाव में सामाजिक सरोकार में कमी आई है जिसके कारण पारिवारिक जीवन भी बिखरा है.
कुलपति प्रो पीयूष रंजन अग्रवाल
उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते मुख्य अतिथि प्रो वाई पी दुबे
पुस्तकों का अवलोकन करते कुलपति प्रो पीयूष रंजन अग्रवाल एवं मुख्य अतिथि प्रो वाई पी दुबे
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