-पूर्वी उत्तर
प्रदेश के
ग्राहकों के
लिए इलेक्ट्रॉनिक
बैंकिंग जागरूकता
प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
- आरबीआई एवं भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के संयुक्त तत्वावधान में हुआ आयोजन
- आरबीआई एवं भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के संयुक्त तत्वावधान में हुआ आयोजन
उनका
मानना है
कि आज
कोई भी
व्यक्ति देश
के किसी
भी कोने
में या
गॉव
में नौकरी या व्यवसाय के
लिए जाता
है तो
उसे कभी
भी आर्थिक
समस्या से
जूझना पड़
सकता है
ऐसे में
ऑनलाइन बैंकिंग
सेवा उनके
लिए मददगार
साबित होगी।
श्री तिवारी
मंगलवार को
आरबीआई एवं
भारतीय राष्ट्रीय
भुगतान निगम
के संयुक्त
तत्वावधान में वीर बहादुर
सिंह पूर्वांचल
विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में
आयोजित इलेक्ट्रॉनिक
बैंकिंग जागरूकता
प्रशिंक्षण कार्यक्रम में बतौर मुख्य
अतिथि बोल
रहे थे.
उन्होंने कहा कि
आज गाव
में हर
सौ व्यक्ति
पर ९०
के पास
मोबाइल है
इसी को
ध्यान में
रखते हुए
इस सेवा
का शुभारम्भ
किया गया
है. आज
हम घर
बैठे मोबाइल
के माध्यम
से प्रतिदिन
५० हजार
का लेन
देन कर
सकते है.
विशिष्ट अतिथि एमडी एनपीसीआई
ए पी
होता ने
ऑनलाइन बैंकिंग
के विभिन्न
आयामों पर
विस्तृत रूप
से चर्चा
की उन्होंने
ग्राहकों से
अपील की
कि आधुनिक
मोबाइल बैंकिंग
का प्रयोग
कर जोखिम
से बचे.
भारतीय रिज़र्व
बैंक की
क्षेत्रीय निदेशक सुप्रिया पटनायक ने
ऑनलाइन बैंकिंग
के बारे
में बताते
हुए कहा
कि आरबी
आई का
सपना है
कि २०१६
तक देश
की तक़रीबन
सवा अरब
लोग इलेक्ट्रॉनिक
बैंक सिस्टम
से जुड़े
और उसका
लाभ उठा
सके.
नाबार्ड के मुख्य
प्रबंधक के
के गुप्ता
ने कहा
कि आज
ग्रामीण क्षेत्रों
में यूबीआई
के सहयोग
से बनी
काशी ग्रामीण
गोमती संयुत बैंक ने भी
इ बैंकिंग
सेवा शुरू
कर दी
है.
यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया
वाराणसी के
महाप्रबंधक एस के बेहरा ने
स्वागत एवं
धन्यवाद डॉ
एच सी
पुरोहित ने
किया। कार्यक्रम
का सञ्चालन
सुनील त्यागी
ने किया।
इस अवसर
पर किसान
एवं समाज
सेवियों को
सम्मानित भी
किया गया.
इस अवसर
पर मुख्य
रूप से दिनेश
टंडन, डॉ
परमेन्द्र सिंह, डॉ प्रदीप कुमार,
डॉ वदंना
राय,डॉ
अविनाश, डॉ
दिग्विजय सिंह
राठौर, डॉ
सुनील कुमार,
डॉ के
एस तोमर
समेत तमाम
बैंक के
अधिकारी, ग्राहक
आदि मौजूद
रहे.
No comments:
Post a Comment