Tuesday 13 March 2018

पाठ्यक्रम में समाहित हो संस्था का विजन मिशन


समाज की आवश्यकता के अनुरूप हो पाठ्यक्रम
इंजीनियरिंग संस्थान में चल रही कार्यशाला का हुआ समापन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के उमानाथ सिंह  इंजीनियरिंग संस्थान में तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रम के अंतर्गत चल रहे दो दिवसीय कार्यशाला का मंगलवार को समापन हुआ। सुखद परिणाम आधारित शिक्षा एवं केंद्रीय प्रत्यायन परिषद की आकांक्षाएं विषयक कार्यशाला में दूसरे दिन पीपुल्स एजुकेशन कॉलेज ऑफ़ इंजिनियरिंग मांड्या, कर्नाटक से आये विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर सुरेश प्रभु ने कहा कि पाठ्यक्रम में संस्था का विजन और मिशन समाहित होना चाहिए। पाठ्यक्रम निर्माण के समय छात्रों व समाज की आवश्यकता, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखना चाहिए। इसके साथ ही पाठ्यक्रम का संशोधन नियमित समय अंतराल पर होते रहना चाहिए।
कार्यशाला में  प्रोफेसर एच डी  रविंद्र, प्रोफेसर वी दिनेश प्रभु, प्रोफेसर बी आर देवदत्त, प्रोफेसर के रवि, प्रोफेसर एन एल मुरली कृष्णा शिक्षकों से रूबरू हुए। विषय विशेषज्ञों ने आउटकम बेस्ड एजुकेशन पर हैंड्स ऑन  अभ्यास कराया गया। इसमें शिक्षकों को समूहों में बांट कर उन्हें अपने विषयों को बेहतर तरीके से पढ़ाने के लिए टिप्स दिए गए। विशेषज्ञों ने कहा कि छात्र  विषयों का पूर्ण ज्ञान प्राप्त कर सके  इसके लिए शिक्षक को निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। शिक्षकों का यह दायित्व बनता है कि नए उद्योगों की क्या मांग है और  उसके अनुरूप  वह अपने विद्यार्थियों को  तैयार करे। 
एसपीआईयू की  विशेषज्ञ श्वेता भटनागर ने कार्यशाला के दूसरे दिन शिक्षकों से प्रतिपुष्टि एवं उपस्थिति के अभिलेख प्राप्त किए।
तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रम के समन्वयक प्रो बीबी तिवारी ने अतिथियों के साथ टेकिप की योजनाओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की एवं धन्यवाद् ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर रजनीश भास्कर ने किया।
इस अवसर पर इंजीनियरिंग संकाय के अध्यक्ष प्रोफेसर एके श्रीवास्तव, डॉ संतोष कुमार, डॉक्टर राजकुमार, डॉ अमरेंद्र सिंह, डॉ प्रवीण कुमार सिंह, सत्यम उपाध्याय, ज्योति सिंह, डॉ उदय राज, डॉ जेपी लाल, ज्ञानेंद्र पाल समेत  शिक्षक मौजूद रहे।

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