गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने कहा कि सृष्टि के प्रथम पत्रकार महर्षि नारद के आदर्शों पर चलकर ही हम पत्रकारिता की खामियों को दूर कर सकते हैं। उन्होंने महर्षि नारद के उदबोधन नारायण -नारायण के शाब्दिक और पत्रकारिता के दृष्टिकोण से व्याख्या की और शब्द संचार के अर्थ को बताया। उन्होंने कहा कि सकारात्मक पत्रकारिता के माध्यम से हम समाज और राष्ट्र चरित्र का निर्माण कर सकते हैं। जिसकी आज देश को बहुत जरूरत है।

इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने मंचासीन अतिथियों का स्वागत करते हुए हिंदी पत्रकारिता के विकास यात्रा का संक्षिप्त परिचय कराया। उन्होंने हिंदी साहित्य के कवियों की लेखनी को संदर्भित करते हुए हिंदी पत्रकारिता के इतिहास को रेखांकित किया। विषय प्रवर्तन करते हुए विशेष कार्याधिकारी डॉ के एस. तोमर ने कहा कि सच्ची और उपयोगी खबरें जनता तक पहुचना ही पत्रकारिता का उद्देश्य है ।उन्होंने कहा कि देश की प्रगति में हिंदी पत्रकारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।इसके पहले विभागाध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र और डॉ दिग्विजय सिंह राठौर ने मुख्य अतिथि तथा विश्व विद्यालय के कुलपति को अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया । संगोष्ठी का संचालन डॉ अवध बिहारी सिंह और धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुनील कुमार ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर बीबी तिवारी, वित्त अधिकारी एमके सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ राजीव कुमार, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो बीडी शर्मा, प्रो.अशोक श्रीवास्तव,प्रो. वंदना राय, प्रो. अजय प्रताप सिंह,प्रो. राम नारायणडा. प्रमोद कुमार यादव, एन एस एस समन्वयक राकेश कुमार यादव , डा. प्रदीप कुमार, डॉ राजकुमार , डॉ मनीष कुमार गुप्ता, डॉ आशुतोष कुमार सिंह , डॉ मुराद अली, डॉ नूपुर तिवारी ,डॉ जान्हवी श्रीवास्तव ,डॉ नृपेन्द्र सिंह ,डॉ सुधीर उपाध्याय ,डॉ परमेन्द्र विक्रम सिंह , लक्ष्मी प्रसाद मौर्य सहित तमाम लोग उपस्थित रहे ।
No comments:
Post a Comment