ट्यूबलाइट और सीएफएल मानव स्वास्थ्य पर डालते हैं बुरा प्रभाव- डॉ ढोबले
हाईड्रोजन एक स्वच्छ उर्जा ईधन का स्रोत- प्रो0 नीरज खरे
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर में अत्याधुनिक तकनीक के लिए अल्ट्रासोनिक एवं पदार्थ विज्ञान विषयक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन रविवार को वक्ताओं ने आने वाले समय में तकनीकी के विविध पहलुओं पर चर्चा की। रविवार को सम्मलेन में 06 समानांतर स्तरों में 20 विशेष व्याख्यान ,03 प्लेनरी टाक एवं प्रतिभागियों द्वारा 40 शोध पत्र प्रस्तुत किये गए। यह सम्मेलन रज्जू भइया भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान पूर्वांचल विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला अल्ट्रासोनिक सोसाइटी आफ इंडिया, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हो रहा है।
ऊर्जा बचत के लिए जागरूकता जरूरी
आने वाला समय क्वांटम कंप्यूटर का है
भारतीय तकनीकी संस्थान कानपुर के प्रो० अन्जन कुमार गुप्ता ने स्कैनिंग एवं ट्रांसमिशन माइक्रोस्कोप के द्वारा ग्रैफीन की इलेक्ट्रॉनिक विषमताओं के अध्ययन पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कंप्यूटर का आकार एवं प्रकार पूरी तरह बदल जाएगा जिसे क्वांटम कंप्यूटर कहेंगे। इस कंप्यूटर के उपयोग से आने वाली मेमोरी डिवाइस इलेक्ट्रॉन एवं प्रोटॉन की इलेक्ट्रॉनिक अवस्थाओं से निर्धारित होगी। यह कंप्यूटर में अत्यधिक स्मृति भंडार रहेगा और उसकी गति भी बहुत तीव्र होगी।
कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया। सम्मेलन के चेयरमैन प्रो बी. बी. तिवारी ने गतिविधियों का समन्वय किया।
रज्जू भइया भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान में आयोजित सत्रों में प्रो. निको डिक्लिरिक, प्रो.नीरज खरे,डॉ. पी पलनिचामी, डॉ. डी के पांडेय, डॉ एन एन पांडेय, प्रो. वैशाली,प्रो. देवेश कुमार ने अध्यक्षता की। सम्मेलन में प्रो विक्रम कुमार,प्रो विलास तभाने,डॉ अर्चना ,कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल , डॉ प्रमोद यादव, संयोजक डॉ गिरिधर मिश्र, डॉ पुनीत धवन, डॉ देवराज सिंह, डॉ मनोज मिश्र,डॉ दिग्विजय सिंह राठौर,डॉ सुनील कुमार , राकेश यादव ,डॉ अनिल यादव, डॉ मनीष गुप्ता, डॉ श्याम कन्हैया समेत तमाम लोग उपस्थित रहे।
32 प्रतिभागियों ने पोस्टर के माध्यम से दी प्रस्तुति