प्रबंधन में सामाजिक दायित्व का भी निर्वहन होना चाहिए: कुलपति
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के रज्जू भैया संस्थान के आर्यभट्ट सभागार में गुरुवार को विन स्ट्रेटजी फॉर इफेक्टिव लीडरशिप विषय पर राष्ट्रीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया है।इस अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता आयकर विभाग के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर गिरीश नारायण पांडेय ने कहा कि पीड़ा, वेदना, उपहार हैं ईश्वर के वेदना से संवेदना पनपती है।
संवेदना का विस्तार करने से सकारात्मक ऊर्जा आती है। उन्होंने कहा कि रणनीति बनाते समय आंखें और मस्तिष्क खुला होना चाहिए। रणनीति सत्य पर आधारित होनी चाहिए।
इस अवसर पर कुलपति प्रो.निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि प्रभावी रणनीति , सफल नेतृत्व वह है जो सब को संवेदना से जोड़ दें। कुर्सी के साथ न्याय होना चाहिए शिक्षा के साथ समझौता नहीं होगा ! सरल रास्ते पर चलने वाले जीवन में सफल नहीं होते ! संतों का प्रबंधन सीखे। ईश्वर को आभार दें । उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में प्रबंधकों को कंपनी की सफलता के अलावा अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करना चाहिए। प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए व्यवसाय प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर मुराद अली ने कहा कि विभाग ऐसे कार्यशाला कराने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे विद्यार्थियों को व्यवहारिक प्रबंधन कौशल की गुणवत्ता की जानकारी हो।
विशिष्ट अतिथि पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक छत्तीसगढ़ अरुण कुमार द्विवेदी ने कहा कि व्यवसायिक निगमों को अपनी रणनीति बनाते समय यह ध्यान देना चाहिए कि पर्यावरण को कुछ नुकसान न हो।कार्यशाला का संचालन डॉ. मुराद अली ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुशील कुमार सिंह ने किया।इस अवसर पर प्रो.मानस पांडेय, प्रो. राम नारायण, प्रो.राजेश शर्मा, प्रो. देवराज सिंह, डॉ नूपुर तिवारी, प्रमोद यादव, डॉक्टर रसिकेश, डॉ संदीप सिंह , अमित वत्स आदि उपस्थित रहे।
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