गंगा के मैदानी भाग के जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित होगा शोध कार्य
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार से मिली 30 लाख की ग्रांट
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान के भू एवं ग्रहीय विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. श्याम कन्हैया को गंगा नदी पर शोध हेतु 30 लाख का अनुदान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त हुआ है. डा० श्याम कन्हैया को यह शोध परियोजना राज्य विश्वविद्यालय उत्कृष्टता अनुदान के अंतर्गत प्राप्त हुई है जिसमें देश भर के समस्त राज्य विश्वविद्यालयों से प्रस्ताव भेजे गये थे.
इस अवसर पर कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने डॉ. श्याम कन्हैया को बधाई दी. उन्होंने कहा कि गत वर्षों में विश्वविद्यालय ने शोध के क्षेत्र में नित नये कीर्तिमान स्थापित करने के साथ ही भारत सरकार, उ. प्र. सरकार एवं अन्य सभी शोध परियोजनाओं में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहा है.
इस शोध परियोजना के अंतर्गत गंगा नदी परिक्षेत्र की जलवायु परिवर्तन एवं उसकी वजह से नदी तंत्र एवं मिट्टी सहित विभिन्न भू आकृतियों के निर्माण एवं क्षरण की जटिल प्रक्रियाओं पर केंद्रित शोध कार्य होगा. डॉ. श्याम कन्हैया ने बताया कि जलवायु परिवर्तन का असर समस्त जीवों सहित हमारी प्रकृति जैसे नदी, मिट्टी एवं पेड़ पौधों पर भी होता है. इस प्रकार अनुकूल जलवायु उनके सतत विकास एवं प्रतिकूल जलवायु विनाश का कारक होती है. इस शोध कार्य परियोजना के अंतर्गत गंगा नदी के कगार क्षेत्रों से मिट्टी, कंकड़ एवं अन्य नमूने एकत्र किए जाएंगे तत्पश्चात उनकी आयु गणना एवं स्थिर समस्थानिकों मुख्य रूप से कार्बन एवं ऑक्सीजन का वैज्ञानिक विधियों से विश्लेषण किया जाएगा. इस शोध कार्य से गंगा नदी के मैदानी भाग में विभिन्न कॉल अवधियों में कार्बन एवं ऑक्सीजन का विश्लेषण किया जाएगा जिससे उस समय के पर्यावरण व पारिस्थितिकी का आसानी से पता लगाया जा सकेगा. इस शोध परियोजना में मध्य गंगा क्षेत्र जो कि कानपुर से लेकर बक्सर तक है पर केंद्रित कार्य होगा | वर्तमान में जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों को समझने में यह शोध कार्य अत्यंत प्रभावी होगा.
रज्जू भइया संस्थान के निदेशक प्रो० देवराज सिंह सहित विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दी.
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