जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में विष्वविद्यालय के इण्डस्ट्री इन्स्टीच्यूट इंटरफेस एवं एचआरडी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को एचआर काॅन्क्लेव-15 का आयोजन किया गया। इसका विषय ट्रांसफार्मेषनल एचआर फार सस्टेनबिलिटी रहा। काॅन्क्लेव में मानव संसाधन विकास के दिग्गजों ने नये दौर में आ रही चुनौतियों एवं रणनीतियों पर चर्चा की। काॅन्क्लेव में विष्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने विषेषज्ञों से सीधा संवाद स्थापित किया।
हिण्डालको के पूर्व महाप्रबंधक एमएन खान ने स्वयं को विकसित करने का माॅडल सुझाया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को यह जानना चाहिए कि मैं कौन हूं, कहां जा रहा हूं, मुझे क्या होना चाहिए, मैं जीवन में क्या बनना चाहता हूं, इसका आत्म निरीक्षण करना आवष्यक है। जिस व्यक्ति को अपने लक्ष्य और क्षमताओं की परख नहीं होती। वह व्यक्ति सही दिषा में नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि बिना लक्ष्य पहचाने इंसान का कोई वजूद नहीं है। उन्होंने साक्षात्कार में सफल होने के गुर सिखाये।
आईआईटी रूड़की के प्रबंध अध्ययन के प्रो. संतोष रागनेकर ने नेतृत्व विकास के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाष डाला। उन्होंने कहा कि सृजन भक्ति, मानवता, नेटवर्किंग, मानवीय मूल्य तथा अंतरंगता किसी भी नेतृत्व विकास के लिए आवष्यक है। इसके लिए अभिप्रेरक, संवादकला, अनुषासन, ज्ञान, कौषल की आवष्यकता है। यह तभी संभव है जब लोग प्रषिक्षण कार्यक्रम में भाग ले। बदलते परिवेष में तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ कौषल विकास के प्रबंधन के गुणों को विकसित किया जाना आवष्यक है, तभी आप उपाधि प्राप्त करने के बाद भी अपने को दूसरों से अलग सिद्ध कर सकते है।
प्रबंध संकाय के अध्यक्ष एचसी पुरोहित ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस काॅन्क्लेव से विष्वविद्यालय के विद्यार्थी ही नहीं पूरा विष्वविद्यालय समुदाय लाभान्वित होगा। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन की भूमिका मात्र संस्था प्रबंधन तक ही सीमित नहीं है। इसके लिए उपभोक्ता संतुष्टि, उत्पादकता एवं राजस्व बढ़ोत्तरी का काम भी महत्वपूर्ण है। कर्मचारियों की सकारात्मक धारणा इसमें मददगार होती है।
भारतीय प्रशिक्षण एवं विकास संस्था के चेयरमैन प्रमोद चतुर्वेदी ने कार्पोरेट जगत में प्रषिक्षण के फायदे और आईएसटीडी द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की विस्तार से प्रस्तुति दी। विष्वविद्यालय इण्डस्ट्री इंटरफेस के समन्वयक डा. संदीप कुमार सिंह ने कहा कि छात्रों को प्रबंधन की कला और कौषल को विकसित करना होगा। ताकि व्यवसाय प्रबंधन में मददगार हो सके।
काॅन्क्लेव में कुलसचिव डा. वीके पाण्डेय, वित्त अधिकारी अमरचंद्र, प्रो. डीडी दूबे ने अतिथियों को अंगवस्त्रम्, स्मृति चिन्ह एवं बुके भेंट कर सम्मानित किया। इसके पूर्व जनसंचार विभाग द्वारा मानव संसाधन विकास विभाग पर डा. दिग्विजय सिंह राठौर द्वारा निर्मित डाक्यूमेंट्री प्रदर्षित की गयी। समारोह का संचालन आयोजन सचिव डा. अविनाष डी. पाथर्डिकर ने किया।
इस अवसर पर प्रो. आरएस सिंह, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. रामजी लाल, प्रो. वीके सिंह, डा. अजय प्रताप सिंह, डा. मानस पाण्डेय, डा. रामनारायण, डा. एके श्रीवास्तव, डा. वीडी शर्मा, डा. वंदना राय, डा. एसपी तिवारी, डा. प्रदीप कुमार, डा. सुनील कुमार, डा. राजकुमार, डा. आषुतोष सिंह, डा. अमरेंद्र सिंह, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. रूष्दा आजमी, अंषुमान, डा. सुषील सिंह समेत विष्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के षिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।

No comments:
Post a Comment