
इस कार्यक्रम में इन विकासखंडों
के पुलिस अधिकारी, खन्ड विकास अधिकारी, बाल संरक्ष्ण समिति के सदस्यों ने मुख्य
रूप से सहभागिता की। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जौनपुर के जिलाधिकारी श्री
भानुप्रसाद गोस्वामी ने की। इस अवसर पर उन्हौने बालश्रम के विभिन्न पहलुओं
पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बालश्रम के मामलों में बच्चे के परिवार की काउंसिलिन्ग का
अत्यधिक महत्व होता है। उन्होंने कहा प्रत्येक जिम्मेदार अधिकारी को ऐसे मामलों में
कार्यवाही करते वक्त ये जरूर याद रखना चाहिए कि हम भी कभी बच्चे थे ।
इन बच्चों को
वे सभी अधिकार प्राप्त है जो हम सभी को हैं, हमारा संविधान हमें किसी भी बच्चे से
काम लेने का अधिकार नहीं देता। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि जनपद के पुलिस अधीक्षक
श्री बी.पी. श्रीवस्तव ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आज के दौर
में अत्यधिक प्रासंगिकता हो गई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अच्छे बचपन से ही एक
अच्छे राष्ट्र का निर्माण संभव है उन्होंने आशा व्यक्त की इस प्रकल्प में पुलिस विभाग
अपनी सक्रिय और सकारात्मक भूमिका अवश्य निभाएगा
अन्यथा पुलिस विभाग पर इसका सामाजिक दोष लगेगा। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप
प्रज्ज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की
निदेशिका और एच.आर.डी. विभाग की अध्यक्षा डॉ. संगीता साहू ने इस प्रक्ल्प की विगत
दो माह से चल रही गतिविधियों की प्रगति आख्या प्रस्तुत की और बताया कि पांच विकास
खंडों मे कुल 9338 लोगों को 338
प्रशिक्षण कार्यक्रमों के द्वारा प्रशिक्षित किया गया। उन्होंने जोर दिया कि समस्त
कार्यक्रमों में पुरुष की भागीदारी काफी महत्वपूर्ण है क्यूकि भारतीय परिवारों में
बालश्रम या बाल विवाह के निर्णय मे परिवार का मुखिया जो कि सामान्यत: पुरुष होता है, निर्णय लेता है ।
इस प्रशिक्षण
कार्यक्रम में यूनीसेफ, लखनऊ से श्री सुधीर राय, राज्य आई.सी.पी.एस. समन्वयक श्री
साबिर इकबाल, राज्य प्रोग्राम कम्यूनिकेशन कन्सल्टेंट सुश्री
अपूर्वा, और शिवा, आली संस्था, लखनऊ एवं श्री जावेद अंसारी,
जिला समन्वयक ने मुख्य प्रशिक्षकों की भुमिका निभाई। इस अवसर पर एच.आर.डी विभाग के
पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. अविनाश पाथर्डीकर ने समस्त अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर जौनपुर जनपद के जिला विकास अधिकारी श्री तेज प्रताप
मिश्र, जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री अनिल सोनकर, श्री संजय उपाध्याय, अध्यक्ष, जिला
बाल कल्याण समिति, डॉ.एच.सी. पुरोहित, समेत कई गणमान्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन
डॉ अविनाश पाथर्डीकर ने किया।