Monday 4 April 2016

विज्ञान का सार्थक एवं वास्तविक प्रयोग जन सामान्य के कल्याण के लिए हो


 विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय भवन के कान्फ्रेंस हाल में शनिवार को एक विशेष व्याख्यान का आयोजन भौतिकी विभाग इंजीनियरिंग संकाय द्वारा किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य वक्ता सुप्रसिद्ध भौतिकी शास्त्री एवं सामाजिक चिंतक प्रो. विपिन कुमार त्रिपाठी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली ने कहा कि विज्ञान का सार्थक एवं वास्तविक प्रयोग वहीं है जो जन सामान्य के कल्याण अथवा कष्ट निवारण के लिए हो। विज्ञान का अध्ययन एवं उसका प्रयोग सदैव विवेक से होना चाहिए।
उन्होंने न्यूटन के नियमों की व्याख्या करते हुए वैज्ञानिकों के सोचने के ढंग की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि जब तक हम पढ़े तो पूरी तन्मयता से पढ़े क्योंकि जब तक हम अपना सम्पूर्ण ध्यान नहीं लगायेंगे तब तक विज्ञान को समझना मुश्किल होगा। प्रो. त्रिपाठी जी ने छात्रों का आह्वान किया कि हम वैज्ञानिक होने के साथ-साथ एक सामाजिक प्राणी भी हैं इसलिए हमें अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों के प्रति भी प्रतिबद्ध रहना होगा।
उन्होंने कहा कि हम लोगों को वैज्ञानिक धारणाओं को समाज में फैलाना चाहिए जिससे कि कल का भारत कलाम के सपनों का भारत बन सके। प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि आज भी समाज में कई रुढ़िवादी सोचें हैं जिनका अंत वैज्ञानिक विचारों से करने के लिए हम सभी को आगे आना होगा। इस अवसर पर डा. अशोक कुमार श्रीवास्तव, डा. राजकुमार, सुमैला इकबाल, मिर्जा दावर बेग, नितिन चौहान, प्रकाश राज ओझा, अजय यादव, अंजली गुप्ता, श्रेया सिंह, पूजा, शीलनिधि सिंह, स्वाती सिंह सहित कई लोग मौजूद रहे। संचालन संयोजक डा. संतोष कुमार ने किया।

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