पूर्वांचल विश्वविद्यालय का नानजिंग विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय के साथ हस्ताक्षरित होगा आईएमओयू
कुलपति ने अपने अनुभवों को किया साझा

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव चीन के ख्यातिलब्ध नानजिंग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में एक सप्ताह तक विभिन्न अकादमिक गतिविधियों में भाग लेकर भारत लौटे। प्रो राजाराम यादव का यह दौरा पूर्वांचल विश्वविद्यालय के लिए लाभकारी रहा। पूर्वांचल विश्वविद्यालय का नानजिंग विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय के साथ शीघ्र ही आईएमओयू ( इंटनेशनल मेमोरंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग ) हस्ताक्षरित होगा। जिससे पूर्वांचल विश्वविद्यालय की विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में वैश्विक छवि बनेगी।
चीन में कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव ने अल्ट्रासोनिक्स इन नैनोसाइंस एंड टेक्नोलॉजी एवं अल्ट्रसोनिक्स फॉर एडवांस टेक्नोलॉजी विषय पर विशेष व्याख्यान दिया। प्रोफ़ेसर यादव ने 8 से 15 जून तक नानजिंग विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय में वैज्ञानिकों, शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के साथ अल्ट्रासॉनिक्स और नैनो टेक्नोलॉजी के विभिन्न आयामों पर मंथन किया। उन्होंने बताया कि अल्ट्रासोनिक तकनीकी के द्वारा 08 से 10 नैनोमीटर तक पार्टिकल का आकार बताया जा सकता है। नानजिंग विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय के ऑप्टिकल टेक्नोलॉजी के शोध निदेशक प्रो ल्यू से ऑप्टिकल तकनीकी पर विस्तार पूर्वक चर्चा की. उन्होंने बताया कि चीन द्वारा निर्मित ऑप्टिकल सूक्ष्मदर्शी काफी सफल और सस्ती है। विश्वविद्यालय में हो रहे शोध और प्रयुक्त तकनीकी का भी अवलोकन किया।
प्रो डॉ राजाराम यादव ने बताया कि आज अल्ट्रासोनिक तकनीकी का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। विश्वविद्यालय में भी इस क्षेत्र में शोध हो इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि चीन विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में काफी आगे है। विकास के साथ साथ चीन ने पर्यावरण का भी ध्यान रखा है और उस दिशा में निरंतर प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि चीन में निज भाषा पर जोर है और यही कारण है कि पूरा देश एक सूत्र में बधा हुआ है। प्रो यादव ने नानजिंग विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और शिक्षकों को भारत की संस्कृति से भी रूबरू कराया।
गौरतलब है कि प्रोफ़ेसर यादव अल्ट्रासोनिक के जाने माने विशेषज्ञ हैं उन्हें नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑप्टिकल और थर्मल प्रॉपर्टीज में विशेषज्ञता हासिल है। वे अल्ट्रासोनिक सोसाइटी ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष हैं एवं दुनिया के कई संस्थानों के फेलो रह चुके हैं।
उन्होंने पूर्व में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, कनाडा जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, आस्ट्रिया, बेल्जियम, स्वीडन, जापान, फिनलैंड, नेपाल एवं सिंगापुर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में बतौर अध्यक्ष , मुख्य वक्ता एवं विभिन्न सत्रों में अपनी सशक्त भागीदारी दर्ज कराई है।
प्रोफेसर यादव को देश की विभिन्न वैज्ञानिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा दर्जनों पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है ।प्रोफ़ेसर यादव के 125 से अधिक शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं ।