चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ऊर्दू अरबी फारसी विश्वविद्यालय लखनऊ के वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० एहतेशाम अहमद ने चौथे औघोगिक क्रांति में शिक्षकों की चुनौतियों के बारे में बताया । सूचना प्रौद्योगिकी युग में शिक्षकों को अपने शिक्षण कला को नवीनीकृत करने की जरूरत है। इसके साथ शिक्षण संस्थानों की अपने अकादमिक योजना को बदलते हुए प्रौद्योगिकी के अनुकूल विकसित करना चाहिए।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डॉ०मुराद अली ने चार दिवस प्रशिक्षण कार्यक्रम का विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत किया। इस दैरान 58 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें संकाय अध्यक्ष, विभागाध्यक्ष एवं महाविद्यालयों के प्रचार्य शामिल रहे । प्रतिभागीयों ने प्रशिक्षण के दौरान अपना अनुभव व्यक्त किया।
इससे पहले सत्र में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ऊर्दू अरबी फारसी विश्वविद्यालय लखनऊ के डॉ० नीरज शुक्ल ने भारतीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय परिवेश में उच्च शिक्षण संस्थानों के बारे में जानकारी दी। संचालन डॉ० मुराद अली,स्वागत अमित सिंह वत्स एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ० सुशील सिंह ने किया।इस अवसर पर प्रो० ए०के० श्रीवास्तव, डॉ० राजकुमार सोनी, डॉ० प्रमोद कुमार यादव, डॉ० वन्दना दूबे, डॉ० सोनाली बिसोय, डॉ० प्रदीप कुमार सोनकर आदि उपस्थित रहे।