विश्व ओजोन दिवस के उपलक्ष्य में पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित रज्जू भइया संस्थान के भू एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग द्वारा 'जीवन के लिए ओजोन' विषय पर एक दिवसीय वेबीनार का आयोजन किया गया।
इस वेबीनार में अध्यक्षीय उद्बोधन पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य द्वारा किया गया जिसमें उन्होंने बताया कि ओजोन परत किस तरह से हमारी सुरक्षा करती है
एवं इसके ना होने से क्या नुकसान हो सकते हैं। वेबिनार के मुख्य वक्ता काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के आचार्य प्रो.अभय कुमार सिंह थे जिन्होंने वेबीनार के विषय 'जीवन के लिए ओजोन' पर विस्तृत चर्चा की एवं बताया कि किस तरह से पृथ्वी के वायुमंडल की संरचना एवं ओजोन लेयर का निर्माण होता है और कैसे ओजोन लेयर को वायु प्रदूषक नुकसान कर रहे हैं एवं किस तरह से कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान ओजोन लेयर में सुधार हुआ।
एवं इसके ना होने से क्या नुकसान हो सकते हैं। वेबिनार के मुख्य वक्ता काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के आचार्य प्रो.अभय कुमार सिंह थे जिन्होंने वेबीनार के विषय 'जीवन के लिए ओजोन' पर विस्तृत चर्चा की एवं बताया कि किस तरह से पृथ्वी के वायुमंडल की संरचना एवं ओजोन लेयर का निर्माण होता है और कैसे ओजोन लेयर को वायु प्रदूषक नुकसान कर रहे हैं एवं किस तरह से कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान ओजोन लेयर में सुधार हुआ।
वेबीनार का संचालन संयोजक डॉ. श्रवण कुमार द्वारा किया गया। डॉ श्रवण कुमार ने बताया कि हम विश्व ओजोन दिवस इसलिए मनाते हैं क्योंकि आज ही के दिन 16 सितंबर 1987 को संयुक्त राष्ट्र संघ के देशों द्वारा ओजोन परत को नष्ट करने वाले प्रदूषकों की रोकथाम हेतु मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए थे। विश्व ओजोन दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य जनमानस को इस जीवनदायिनी ओजोन परत के प्रति जागरूक करना एवं इसके संरक्षण के लिए प्रयास करना है।
अतिथियों का स्वागत रज्जू भइया संस्थान के निदेशक प्रोफेसर देवराज सिंह ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन श्री शशिकांत यादव द्वारा किया गया। इस वेबीनार में देश के लगभग 10 राज्यों से भारी संख्या में शिक्षकों, शोधार्थियों एवं छात्रों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर वेबिनार में डॉ. प्रमोद यादव, डॉ. राजकुमार, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ मिथिलेश यादव, डॉ. श्याम कन्हैया, डॉ. नीरज अवस्थी, डॉ. नितेश जायसवाल, डॉ. अजीत सिंह, डॉ आशीष वर्मा, श्री दीपक कुमार मौर्य, श्री दिनेश वर्मा, डॉ.धीरेन्द्र चौधरी, श्री संदीप वर्मा, डॉ. सुजीत चौरसिया सहित पूर्वांचल विश्वविद्यालय एवं अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षक तथा छात्र उपस्थित रहे।
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