वर्कशॉप आन लाइफ स्किल्स के वितरित किये गये प्रमाण पत्र
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में वर्कशाप आन लाइफ स्किल्स के प्रमाण पत्र वितरण का कार्यक्रम शनिवार को हुआ। समारोह की अध्यक्षता कर रहीं कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि छात्रों को सफल जीवन जीने के लिए आत्मविश्लेषण करने की आवश्यकता है। हमें जीवन को खुशहाल तरीके से जीने के लिए अपने अंदर सकारात्मक मानसिकता को विकसित करना चाहिए और छात्रों के लिए ये कार्यशाला उनके जीवन को सफल बनाने व हर तरफ खुशी का संचार करने मे मददगार होगी। छात्रों को जीवन की मांगों एवं चुनौतियों को प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम बनाने हेतु छात्रों में अनुकूल एवं सकारात्मक व्यवहार विकसित करने के लिए वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय परिसर में संचालित बी.एससी बायो व बी काम (आनर्स) के छात्रों के लिए 10-10 दिनों की दो लाइफ स्किल्स कार्यशालाओ (30 घंटे प्रति कार्यशाला) का आयोजन 25 से 29 अक्टूबर और 15 से 22 नवंबर और 23 नवंबर से 2 दिसंबर तक किया गया। इसमें बी.एससी (बायो) के 24 छात्र-छात्राओं ने व बी कॉम (आनर्स) के 42 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
सभी सत्र संकाय भवन स्थित सेमिनार हाल में कराये गए स कार्यक्रम में आईक्यूएसी समन्वयक मानस पांडेय ने कहा कि विश्वविध्यालय में ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन प्रत्येक महीने होते रहना चाहिए जिससे निरंतरता बनी रहती है तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी इस पर जोर दिया गया है। कार्यक्रम की संयोजक प्रो. वंदना राय ने स्वागत भाषण में कहा कि डबल्यूएचओ ने भी विध्यार्थियो के लिए 10 जीवन कौशल कि बात कही है जिसे अब सभी शिक्षण संस्थाओं में लागू किया जा रहा है। कार्यशाला की रूप-रेखा व रिपोर्ट आयोजन सचिव डा. प्रदीप कुमार ने प्रस्तुत की व धन्यवाद ज्ञापन डा. आशुतोष सिंह ने किया।संचालन पवनदीप व जेया फातिमा ने किया। इस अवसर पर सहायक कुलसचिव श्रीमती बबीता, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. देवराज सिंह, डा. संतोष कुमार, डा. रजनीश भास्कर, डा. प्रमोद यादव, डा. प्रमोद यादव, डा. गिरिधर मिश्रा, डा. सुशील कुमार, डा. मनोज पांडेय, डा. अमरेन्द्र, डा. श्याम कन्हैया, डा. आलोक वर्मा, डा. पुनीत धवन, डा. धीरेंद्र चौधरी, डा. सुजीत चौरसिया, डा. आलोक दास, डा. प्रभाकर सिंह, डा. ऋषि श्रीवास्तव, डा. राकेश उपाध्याय, डा. नेहा विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहे।
No comments:
Post a Comment