समाज को एकता के सूत्र में पिरोती है समरसता: कुलपति
बाबा साहेब के परिनिर्वाण दिवस पर पीयू में हुई संगोष्ठी
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में सोमवार को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका विषय सामाजिक समरसता एवं सद्भाव था।
इस अवसर पर संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि बाबा साहेब का संघर्ष ही भारती संविधान में उतारा गया है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान सामाजिक समरसता एवं सद्भाव को ध्यान में रखकर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि समरसता हमारी संस्कृति का मूल आधार है यह सभी धर्मों, विचारों और समाज को एकता के सूत्र में पिरोती है।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री घनश्याम शाही ने कहा कि हम जिस क्षेत्र में भी रहे वहां समरसता का भाव स्थापित करें। उन्होंने कहा कि भेदभाव अंधेरे के समान है। इसे ज्ञानरूपी दीया जलाकर ही दूर किया जा सकता। यह काम विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी ही कर सकते हैं।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डॉक्टर अविनाश पाथर्डीकर ने कहा कि समाज और समरसता एक दूसरे से जुड़े हैं। हम जब एक दूसरे समाज के महापुरुषों को नहीं जानेंगे तो बताएंगे कैसे? उन्होंने कहा कि देश के विकास और अखंडता के लिए सामाजिक समरसता बहुत जरूरी है।
संगोष्ठी का संचालन उद्देश्य सिंह और धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक डॉ मनोज पांडेय ने किया।
इस अवसर पर प्रो. मानस पांडेय, प्रो.वंदना राय, प्रो. रामनारायण, प्रो.अजय द्विवेदी, प्रो.बीडी शर्मा, प्रो. देवराज सिंह, डॉ.प्रदीप कुमार, डा.मनीष गुप्ता, डॉ रसिकेश. गिरधर मिश्र, डॉ आशुतोष सिंह, डॉ.सुशील कुमार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अमित वत्स, डॉ.जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ.अमरेंद्र सिंह, डॉ.नीतेश जायसवाल, डॉ.अनुराग मिश्र, डॉ.राजीव कुमार, डॉ. आलोक दास आदि लोग उपस्थित थे।
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