Saturday, 29 January 2022

आदर्श व्यक्तित्व और चिंतन के धनी थे रज्जू भैया: प्रो. निर्मला एस.मौर्य

सेवा, समरसता एवं वैचारिक सामंजस्य के पुरोधा थे रज्जू भैया: प्रो. राकेश उपाध्याय

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान के द्वारा प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया): व्यक्तित्व एवं चिंतन विषय पर एक तृतीय स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया।  प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) की जन्म जयंती पर आयोजित स्मृति व्याख्यान को संबोधित करते हुए पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला मौर्य ने कहा कि रज्जू भैया एक आदर्श व्यक्तित्व के धनी थे। उनका चिंतन हमेशा समाज के हित के लिए होता था। अपने शैक्षणिक जीवन के साथ-साथ उन्होंने अपने सामाजिक उत्तरदायित्व का भी  बखूबी निर्वहन किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. निर्मला मौर्य, प्रो. देवराज सिंह, डॉ नितेश जायसवाल व अन्य शिक्षकों ने रज्जू भैया के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि प्रो. राकेश उपाध्याय ने रज्जू भैया के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला । प्रो. उपाध्याय ने कहा कि रज्जू भैया की भौतिकी विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिभा अभूतपूर्व थी, जिसके कारण देश के कई प्रसिद्ध वैज्ञानिकों ने उन्हें अपने साथ काम करने के लिए आमंत्रित किए किंतु सामाजिक जीवन में रुचि होने के कारण रज्जू भैया ने सामाजिक कार्यों को ही चुना। कालांतर में रज्जू भैया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चतुर्थ सरसंघचालक भी हुए। रज्जू भैया राष्ट्र निर्माण के प्रति एक समर्पित नागरिक के रूप में जीवन के अंतिम समय तक कार्य करते रहे। देश की राजनीतिक दिशा दशा तय करने में भी रज्जू भैया की महत्वपूर्ण भूमिका का उन्होंने उल्लेख किया। प्रो उपाध्याय रज्जू भैया के ऊपर एक पुस्तक का भी संपादन कर चुके हैं।

इस मौके पर अतिथियों का स्वागत रज्जू भैया संस्थान के निदेशक प्रो देवराज सिंह ने किया। प्रो. देवराज ने कहा की  रज्जू भैया की स्मृति में उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा 2018 में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में प्रो. राजेंद्र सिंह रज्जू भैया भौतिकी विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान की स्थापना की गई। कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक डॉ. नितेश जायसवाल ने किया। विश्वविद्यालय की छात्रा सुप्रिया ने कुल गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर विश्वविद्यालय के शिक्षक प्रो. मानस पांडेय, प्रोफेसर राम नारायण, प्रो. अविनाश, प्रो अजय द्विवेदी, डॉ रसिकेश, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. प्रमोद कुमार यादव, डॉ. जगदेव, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ मिथिलेश यादव, डॉ अजीत सिंह डॉ गिरिधर मिश्रा, डॉ पुनीत कुमार धवन तथा अन्य शिक्षक  तथा बड़ी संख्या में छात्र छात्रा उपस्थित रहे।

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