Monday, 28 March 2022

भाषा के संरक्षण के लिए बढ़ाने होंगे कदम - प्रो. निर्मला एस. मौर्य

भारतीय भाषा पाठ्यक्रम संरचना एवं अनुवाद प्रक्रिया पर कार्यशाला का हुआ आयोजन 

 विश्वविद्यालय में  भारतीय भाषा के पाठ्यक्रमों को शुरू करने की तैयारी 


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के सभागार में सोमवार को भारतीय भाषा पाठ्यक्रम संरचना एवं अनुवाद प्रक्रिया पर  एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में किया गया। इसका आयोजन सेंटर आफ एक्सीलेंस- अनुवाद जनसंचार विभाग की ओर से हुआ। कार्यशाला में मराठी ,बांग्ला, तेलुगु, प्राकृत, संस्कृत,तमिल, भोजपुरी,  प्रयोजनमूलक हिंदी एवं  नेपाली विषय के  पाठ्यक्रम की  संरचना की गई. 

उद्घाटन सत्र में कुलपति  प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि भाषा के संरक्षण के लिए कदम बढ़ाने होंगे. भाषा और अनुवाद के पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को सरलता से  रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएँगे. विश्वविद्यालय भाषा के सर्टिफिकेट और डिप्लोमा पाठ्यक्रम अगले सत्र से शुरू करेगा. प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में भी भाषा के पाठ्यक्रम  यहीं से क्रियान्वित  होंगे. प्रदेश सरकार ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय को नोडल केंद्र बनाते हुए जिम्मेदारी दी है. उन्होंने कहा कि देश- विदेश  में द्विभाषिया की बहुत मांग है. हमें त्रिभाषा सूत्र पर काम करना होगा.विविध भाषा के विद्वान आज एक साथ यहाँ मंथन के लिए आये है जिसका दूरगामी परिणाम होगा.  उन्होंने कहा कि दक्षिण और उत्तर के बीच भाषा ही सांस्कृतिक एकता का कार्य कर सकती है. 

बतौर विशिष्ट  अतिथि केंद्रीय भाषा संस्थान, मैसूर के शोध अधिकारी डॉ. पंकज द्विवेदी ने कहा कि  उनका संस्थान लुप्तप्राय और संकटग्रस्त भाषाओं के संवर्धन के लिए  विशेष कार्य कर रहा है. भारतीय भाषाओं के उन्नयन के भी हम निरंतर सक्रिय  है. उन्होंने कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग से केंद्रीय भाषा संस्थान शीघ्र ही एमओयू  करेगा. 

कार्यशाला में  बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के मराठी विभाग के अध्यक्ष,प्रो प्रमोद पाडवाल, बांग्ला विभाग के अध्यक्ष  प्रो पी.के.मैती,तेलगू विभाग के अध्यक्ष प्रो बुदाती वेंकटेश्वरलू,नेपाली भाषा विभाग के प्रो दिवाकर प्रधान,हिंदी विभाग के डॉ सत्य प्रकाश पाल,तमिल विभाग के डॉ जगदीशन टी,संस्कृत विभाग एवं भोजपुरी अध्ययन केंद्र के डॉ राजेश सरकार, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय,वाराणसी के प्राकृत एवं जैनागम विभाग के प्रो हरिशंकर पाण्डेय, संस्कृत विद्या विभाग के डॉ रविशंकर पाण्डेय विशेषज्ञ के रूप में शामिल  हुए. कार्यशाला की रूपरेखा आईक्यूएसी सेल के समन्वयक प्रो मानस पाण्डेय प्रस्तुत की. कार्यशाला का संचालन सेंटर आफ एक्सीलेंस- अनुवाद के समन्वयक डॉ. मनोज मिश्र एवं धन्यवाद कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया. 

इस अवसर पर प्रो. ए. के श्रीवास्तव, प्रो वंदना राय, प्रो. राम नारायण,  प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, डॉ रजनीश भास्कर, डॉ संतोष कुमार, डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ सुनील कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर,डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ चंदन सिंह,डॉ सुशील सिंह, डॉ पुनीत धवन,  डॉ मंगला प्रसाद, डॉ प्रियंका कुमारी,डॉ अनुराग मिश्र, डॉ रामान्शु समेत  अन्य शिक्षक उपस्थित रहे. 

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