इस अवसर विज्ञान संकाय की प्रोफेसर वंदना राय ने कहा कि हमें आवश्यकताओं को पूरा करते हुए प्रकृति संरक्षण पर ध्यान देने की जरूरत हैl हमें अनावश्यक रुप से संचयन की आदत से बचना चाहिए अगर ऐसा करते हैं तो हम दूसरे का हक मार रहे हैं ऐसी स्थिति में भारतीय संस्कृति के द्वारा दिए गए वसुधैव कुटुंबकम का ध्येय पूरा नहीं होता है और पूरे विश्व में वस्तुओं का अधिकाधिक संकलन क्लाइमेट चेंज एवं पर्यावरण के लिए घातक साबित हो रहा है l
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो राजेश शर्मा ने छात्र एवं छात्राओं को संदेश देते हुए कहा कि जब हम प्रकृति पर अनाधिकृत रूप से कब्जा जमाते हैं तो प्रकृति उसको स्वतः बैलेंस करती है अतः सस्टेनेबल डेवलपमेंट एवं एनवायरमेंटल डेवलपमेंट की तरफ ध्यान देने की जरूरत है। इस अवसर पर आचार्य डॉ प्रदीप कुमार ने कहा कि जैव विविधता हमेशा प्रदूषण से नष्ट होती है जिससे और संतुलन स्थापित होता है अगर हम पौध संरक्षण करते हैं तो पारिस्थितिक का संतुलन बना रहेगा। कार्यक्रम का संचालन डॉ विवेक कुमार पाण्डेय ने एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुधीर कुमार उपाध्याय ने किया l इस अवसर पर डॉ एस पी तिवारी, डॉ. दिनेश कुमार, डॉ अवधेश कुमार मौर्य, डॉक्टर प्रभाकर सिंह, डॉ ऋषि श्रीवास्तव आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
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