हैप्पी हारमोंस ने दूर कर सकते हैं तनावः प्रो. वंदना राय
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय के संकाय भवन के संगोष्ठी हाल में गुरुवार को सबस्टैंस ड्रग एब्यूज एंड एडीकशनः एक्शन टूवार्डस एडीक्शन टू डीडीकेशन विषय पर चर्चा की गई। यह कार्यक्रम व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग और छात्र अधिष्ठाता कल्याण कार्यालय के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। कुलपति ने इससे छुटकारा दिलाने के विश्वविद्यालय में ड्रग एडिक्शन एंड रिहैबिलाइटेशन केंद्र बनाने की बात कहीं। बतौर कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि समाज में अमन, चैन और खुशहाली के लिए मद्य निषेध की आवश्यकता है। नशा की प्रवृत्ति के चलते आज परिवार और समाज टूट रहे हैं। लोगों के क्रियात्मक व वैचारिक सोच में कमी आ रही है इसलिए युवा खासतौर से जीवन से प्रेम करें ताकि उनके परिवार के हर सदस्य के आंखों में उनका इंतजार और प्यार बना रहे। इस अवसर पर बायोटेक्नालाजी विभाग की प्रो. वंदना राय ने कहा कि खुशी सबसे महत्वपूर्ण चीज है अगर आप खुश रहे तो बहुत सी समस्या अपने आप भाग जाएगी। नशा का कारण जेनिटिक भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि नशा के कारण शरीर में हैप्पी हारमोंस भी रिलीज होते हैं, मगर यह खुशी कुछ समय के लिए होती है, यह शरीर के लिए हानिकारक भी है। इस पर विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हैप्पी हारमोंस को बड़ाकर हम तनाव को दूर कर सकते हैं। छात्र उद्देश्य सिंह ने समाज में नशा की बढ़ती प्रवृत्ति को विस्तार से समझाया। संगोष्ठी का संचालन डा. मनोज पांडेय और धन्यवाद ज्ञापन डा. अनु त्यागी ने किया। इस अवसर पर डा. जाह्नवी श्रीवास्तव, डा. सुनील कुमार, डा. मंगला प्रसाद, डा. दिनेश कुमार सिंह, डा. राजित राम सोनकर, डा. इंद्रजीत सिंह, डा. राहुल राय, सुमित सिंह आदि थे।
No comments:
Post a Comment