दत्तोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान में मनाया गया परिनिर्वाण दिवस
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित दत्तोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान में भारत रत्न डॉ.भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर "डॉ भीमराव अंबेडकर: व्यक्तित्व एवं कृतित्व" विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभाग के निदेशक प्रोफेसर देवराज सिंह ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का व्यक्तित्व बहुत विराट था समाज की मुख्य धारा से कटे हुए दलित समाज के लोगों के लिए वह प्रेरणा स्रोत रहे हैं आर्थिक विपन्नता के बावजूद अपनी लगन एवं दृढ़ निष्ठा के बल पर डॉ आंबेडकर अमेरिका और लंदन से उच्च शिक्षा प्राप्त की। भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ भीमराव अंबेडकर ने आजाद भारत की एक ऐसी कल्पना की जिसमें सभी समाज के लोगों के अधिकारों की रक्षा हो सके और समाज के अंतिम व्यक्ति को न्याय कैसे मिलेगा यह उनके चिंतन के केंद्र बिंदु में था। विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.वनिता सिंह ने कहा कि बाबा साहब ने रूढ़ियों और परंपराओं पर चोट करते हुए समाज को वैज्ञानिकता और तर्कवाद की कसौटी पर खड़ा करने का प्रयास किया। बाबा साहब द्वारा दलित उत्पीड़न के विरोध में किए गए कार्य, वर्ण एवं जाति पर उनके विचार ,सामाजिक न्याय और दलित संघर्ष पर किए गए प्रयत्नों को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। इसके पूर्व विभागीय शिक्षकों व छात्रों ने 11बजे दिन में अंबेडकर जी की प्रतिमा पर कुलसचिव महेंद्र कुमार के साथ माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किया।विचार गोष्ठी में डॉ अनुराग मिश्र, मंगला प्रसाद यादव, डॉ प्रियंका कुमारी,श्री प्रकाश यादव, डॉ.राजित राम सोनकर आदि उपस्थित रहे।
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