Saturday, 29 March 2025

पीयू की महिला खिलाड़ियों का राष्ट्रीय स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन

विश्वविद्यालय की टीम किक बॉक्सिंग और क्रिकेट में बनीं विजेता

स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालयमेरठ द्वारा आयोजित अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालयीय किक बॉक्सिंग महिला एवं पुरुष प्रतियोगिता 2024-25 में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की महिला टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए तृतीय स्थान प्राप्त किया।

प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय की तनीषा कव्यान ने स्वर्ण पदक (70 Kg L.K.), शशिकला मौर्य ने रजत पदक (-50 Kg PF) और प्रियंका चौहान ने कांस्य पदक (-70 Kg P.F.) जीता। इसके अतिरिक्तदिलशाद राइन ने कांस्य पदक (-57 Kg L.K.) जीतकर विश्वविद्यालय का मान बढ़ाया। विश्वविद्यालय की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने सभी विजेता खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की छात्राओं का यह प्रदर्शन आने वाले समय में और नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।

इसके अलावाकिस विश्वविद्यालयभुवनेश्वर द्वारा आयोजित अंतर विश्वविद्यालयीय क्रिकेट प्रतियोगिता 2024-25 में पूर्वांचल विश्वविद्यालय की महिला क्रिकेट टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में टीम ने हेमचंद विश्वविद्यालयदुर्ग (छत्तीसगढ़)कोलकाता विश्वविद्यालयकिट विश्वविद्यालय (भुवनेश्वर) और ललित नारायण विश्वविद्यालय (दरभंगा) को हराकर विजेता बनने का गौरव हासिल किया। शशि बालन ने इस प्रतियोगिता में सर्वाधिक रन बनाकर टीम की जीत में अहम योगदान दिया।

 

डॉ. प्रमोद कुमार कौशिक के सम्मान में किया गया विदाई समारोह

कुलसचिव, शिक्षक, कर्मचारियों ने कार्यशैली की प्रशंसा की

 वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल  विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार कौशिक के अवकाश ग्रहण सम्मान में एक भव्य विदाई समारोह शनिवार को आयोजित किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनके उत्कृष्ट योगदान को सराहा और भावभीनी विदाई दी। कर्मचारियों और शिक्षकों और प्रबंधकों ने अपने अपने ढंग से भेंट देकर उन्हें शुभकामनाएं दिए।

कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा, "डॉ. प्रमोद कुमार कौशिक ने अपनी कार्यशैली और निष्ठा से विश्वविद्यालय स्टोर के प्रशासन को सुचारु रूप से संचालित किया। उनकी कार्यकुशलता और समर्पण की जितनी प्रशंसा की जाए, कम है।"

परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा, "डॉ. कौशिक न केवल एक योग्य प्रशासनिक अधिकारी थे बल्कि उनके व्यवहार में भी विनम्रता और सहयोग की भावना थी। हम उनकी कमी महसूस करेंगे।"

समारोह में प्रो. मानस पांडेय ने उनके कार्यशैली की प्रशंसा की। कहा कि कौशिक ने हमेशा लोगों का सम्मान के साथ काम किया है। प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने उनके व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि हमने भी उनसे ड्रेस सेंस के बारे में सीखा है। संचालन डॉ. राजेश सिंह ने किया।

समारोह में डॉ. विजय सिंह, डॉ. राहुल सिंह, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. रवि प्रकाश, प्रो. राकेश यादव, डॉ. राजबहादुर यादव, उप कुलसचिव अमृतलाल, अजीत सिंह, कर्मचारी संघ अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह, महामंत्री रमेश यादव, स्वतंत्र कुमार, श्यामजी त्रिपाठी, राजनारायण सिंह, डॉ. लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, राधेश्याम सिंह मुन्ना, आनंद सिंह, रजनीश सिंह, सुशील प्रजापति, दिग्विजय सिंह, नीना गुप्ता, श्याम श्रीवास्तव, अरूण सिंह, ऋषि सिंह, सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने डॉ. कौशिक के कार्यकाल की सराहना की और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

Friday, 28 March 2025

मोजो से बनाएं समाजोपयोगी कंटेंटः कुलपति


मोबाइल टेक्नोलॉजी ने बदला पत्रकारिता का चेहरा: प्रो. राघवेन्द्र मिश्र

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में आयोजित मोबाइल जर्नलिज्म (मोजो) मीडिया लेखन एवं फोटोग्राफी विषयक पांच दिवसीय कार्यशाला में शुक्रवार को समापन सत्र में विद्यार्थियों को मोजो के विविध पहलुओं के बारे में विस्तार से पावर प्वाइंट प्रदर्शन कर समझाया। इस कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग और पंजाब नेशनल बैंक के द्वारा किया गया। प्रतिभागियों को कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने प्रमाणपत्र वितरित किया।


समापन समारोह में कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि जो विद्यार्थी पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रख रहे हैं,  उन्हें हमेशा सत्य और निष्पक्षता बनाए रखनी चाहिए। मोजो से समाजोपयोगी कंटेंट को बनाएं और शेयर करें। उन्होंने कहा कि सच की ताकत ही पत्रकारिता को लोकतंत्र में एक मजबूत  स्तंभ  बनाती  है। पत्रकारिता वह है जो सत्ता और समाज के बीच सेतु का कार्य करती है। साथ ही समय- समय पर मार्गदर्शन भी करती रही है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति केंद्रीय विश्वविद्यालय अमरकंटक मध्य प्रदेश के पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राघवेंद्र मिश्रा ने मीडिया लेखन और मोजो पर प्रभावी चर्चा की। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति ने पत्रकारिता को नया आयाम दिया है। मोबाइल टेक्नोलॉजी ने न केवल पत्रकारिता को रि-डिफाइन किया है, बल्कि इसके काम करने के तरीकों को भी पूरी तरह बदल दिया है।
प्रो. मिश्रा ने कहा कि टेक्नोलॉजी ने सभी को स्मार्ट बना दिया है, जिससे खबरों की प्रस्तुति और प्रसार की प्रक्रिया पूरी तरह बदल गई है। पहले जहां समाचार केवल प्रिंट मीडिया,  रेडियो और टीवी तक सीमित था, वहीं आज हर व्यक्ति मोबाइल के माध्यम से एक पत्रकार की भूमिका निभा सकता है। प्रो. मिश्रा ने कहा कि आज पत्रकारिता मशीनरी टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में प्रवेश कर चुकी है। उन्होंने कहा कि पहले खबरों को प्रकाशित करने से पहले गेटकीपिंग यानी खबरों की जांच-परख की प्रक्रिया होती थी, लेकिन सोशल मीडिया ने इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया है।
प्रो. मिश्रा ने कहा कि भविष्य की पत्रकारिता डिजिटल तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित होगी। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. मनोज मिश्र ने मुख्य अतिथि का स्वागत भाषण एवं धन्यवाद ज्ञापन किया। प्रथम सत्र का संचालन डॉ. सुनील कुमार और द्वितीय सत्र का संचालन डॉ. चंदन सिंह ने किया, धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अमित मिश्र ने किया। इस अवसर पर डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, अर्पित यादव, डॉ. सुरेंद्र कुमार, राहुल गुप्ता आदि उपस्थित थे।

Thursday, 27 March 2025

मोबाइल ब्लॉगिंग कंटेंट क्रिएटर्स के लिए बन गया है नया ट्रेंड. डॉ. कायनात काजी


दर्शकों पर प्रभाव डालने के लिए कैमरा एंगल  महत्वपूर्ण - डॉ. रवि सूर्यवंशी

पीयू के पांच दिवसीय कार्यशाला का चौथा दिन 


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में आयोजित मोबाइल जर्नलिज्म (मोजो) मीडिया लेखन एवं फोटोग्राफी विषयक  पांच दिवसीय कार्यशाला में गुरुवार को विद्यार्थियों को विषय के विविध आयामों से परिचित कराया । इस कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग द्वारा किया गया। इसमें कई विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए और विद्यार्थियों ने संवाद किया. प्रख्यात ब्लॉगर, फोटोग्राफी एवं यात्रा लेखिका डॉ. कायनात काजी ने कहा कि आज मोबाइल ने ब्लॉगिंग की दुनिया को बदल दिया है ।  मोबाइल ब्लॉग के कंटेंट मुख्यधारा की मीडिया में भी चर्चा का विषय बन रहे है । 

उन्होंने कहा कि ट्रेवल ब्लॉगरों ने मोबाइल के माध्यम से डिजिटल मंच पर एक अलग पहचान बना ली है ।  मोबाइल से ब्लॉगिंग कंटेंट क्रिएटर्स के लिए नया ट्रेंड बन गया है ।   इसके साथ ही बहुत सारे लोग अपने घरों से ही मोबाइल के माध्यम से वीडियो ब्लॉगिंग कर स्टार बन गए है. फोटोग्राफी और कंटेंट लेखन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रभावी लेखन के लिए पुराने साहित्य का अध्ययन आवश्यक है। इससे भाषा की समझ विकसित होती है और लेखन में गहराई आती है। साथ ही साथ वाक्य का फ्लो भी बना रहता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कंटेंट लेखन केवल जानकारी देने का माध्यम नहीं है, बल्कि इसे रोचक और पठनीय बनाना भी जरूरी है। डॉ. काजी के अनुसार, कंटेंट लेखन में भाषा की शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में कई लेखक केवल अपने सब्सक्राइबर बढ़ाने के लिए काम करते है  कंटेंट पर ध्यान नहीं  केंद्रित करते. उन्होंने कहा कि अच्छे कंटेंट की फोटो, वीडियो और टेक्स्ट का सामन्जस्य और टाइमिंग जरूरी है। फोटोग्राफी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यात्रा लेखन के लिए अच्छी तस्वीर लेना भी आवश्यक है, क्योंकि लेख को अधिक प्रभावशाली और आकर्षक बनाती हैं। दृश्य सामग्री के माध्यम से पाठक विषय से बेहतर तरीके से जुड़ सकते हैं। डॉ. कायनात काजी ने विद्यार्थियों को सलाहदी कि वे न केवल नियमित रूप से पढ़ें, बल्कि अपने लेखन कौशल को भी निखारते रहें, जिससे वे अपने पाठकों तक प्रभावी ढंग से पहुंच सकें। उन्होंने डिजिटल युग में ब्लॉगिंग, कंटेंट राइटिंग और सोशल मीडिया की बढ़ती भूमिका पर भी प्रकाश डाला और छात्रों को इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के शिक्षक डॉ. रवि सूर्यवंशी ने मोबाइल पत्रकारिता में उपयोग हो रही तकनीक पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने गिंबल, ट्राइपॉड, माइक और मोबाइल मूवमेंट पर प्रकाश डाला.  कहा कि आज मोबाइल के माध्यम से टेलीविजन, वेब, समाचार पत्रों और रेडियो में सामग्रियों का संकलन हो रहा है।उन्होंने कहा कहा कि दर्शकों पर प्रभाव डालने के लिए कैमरा एंगल बहुत महत्वपूर्णहै। शोले फिल्म का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि गब्बर को लो एंगल  से अधिक पावरफुल होने के लिए दिखाया जाता था । जयपुर के वरिष्ठ पत्रकार संतोष पांडेय ने  मोजो के लिए मोबाइल, माइक, ट्राइपॉड, लाइट(एमएमटीएल) पर चर्चा की  । कहा कि इन चारों से मोजो संभव है। उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्टिंग के लिए हैशटैग के महत्व पर विचार से चर्चा की। कहा कि संबंधित हैशटैग के प्रयोग से अपने कंटेंट की अधिक व्यूवरशिप बनाई जा सकती है। उन्होंने वीडियो बनाने, एडिटिंग करने, अपलोडकरने और उसे शेयर करने की विधि पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. कायनात क़ाज़ी ने प्रो.मनोज मिश्र को अपनी पुस्तक बोधगया के बिहार भेंट की.  कार्यशाला में अतिथियों का स्वागत विभागाध्यक्ष प्रो. मनोज मिश्र, संचालन डॉ.दिग्विजय सिंह राठौर एवं  धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर सुनील कुमार ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह, प्रोफेसर प्रदीप कुमार, डॉ. चंदन सिंह, सुधाकर शुक्ला, डॉ. अमित मिश्रा, डॉ सुरेंद्र कुमार, अर्पित यादव समेत विभाग के विद्यार्थी मौजूद रहे।

Tuesday, 25 March 2025

आधुनिक युग की मांग है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सुनील दत्त


कॉर्पोरेट जगत में अवसरों की कमी नहीं: रंजीव कपूर
विश्वविद्यालय आयोजित हुआ कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव
विशेषज्ञों ने कॉर्पोरेट परिदृश्य में उभरते रुझान पर की चर्चा


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में मंगलवार को महंत अवेद्यनाथ नाथ संगोष्ठी भवन में कॉर्पोरेट परिदृश्य में उभरते रुझान विषयक  कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव 2025 के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य वक्ता रिलायंस जिओ इंफ़ोकॉम के अध्यक्ष सुनील दत्त ने आनलाइन उद्बोधन में कहा कि कॉर्पोरेट जगत में हो रहे परिवर्तनों को ध्यान में रखकर विद्यार्थियों को जीवन में सदैव सीखते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सम्पूर्ण विश्व एआई के बारे में चर्चा कर रहा है। एआई एक मशीन है जो मानव बुद्धिमत्ता का अनुकरण करके तीव्र गति से डेटा प्रोसेस कर मानव की मदद कर रही है। यह आधुनिक युग की मांग है। इसने उद्योग एवं अन्य क्षेत्र में  मानव जीवन को सरल बनाया है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को जीवन में अपना लक्ष्य निर्धारित कर उसे प्राप्ति के लिए मेहनत करते रहना चाहिए। एआई के आने के बाद भी कॉर्पोरेट सेक्टर में काम की भरमार है।
विशिष्ट अतिथि टाटा मोटर्स, कॉनकॉर्ड मोटर्स इंडिया के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी रंजीव कपूर ने कहा कि जिस संस्थान में काम करें उसके अन्य विभागों के लोगों से भी सीखे। उन्होंने कहा कि उच्च पद पर वही व्यक्ति पहुंचता है जो नीचे के पदों पर सफलतापूर्वक कार्य किया हो। उन्होंने जीवन में उम्र के अलग- अलग पड़ावों पर प्रगति के सूत्र को बताया। कहा कि कॉर्पोरेट जगत में विकास और अवसरों की कमी नहीं है।  
सम्मानित अतिथि अपटेक लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अतुल जैन ने उद्योग के लिए विद्यार्थियों के कौशल पर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आप जहा काम कर रहे है उसके लिए कुछ मौलिक नैतिकता बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि संस्था के प्रति कटिबद्ध, वफादार और विश्वसनीय लोगों की मांग सदैव बनी रहती है। पहले की तुलना में आज अवसरों में वृद्धि हुई है। जॉब के अनुरूप अपने कौशल को विकसित करना चाहिए। कार्य के दौरान परिस्थितियाँ सदैव समान नहीं रहती है नई चुनौती के अनुरूप काम करें।
कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को कॉर्पोरेट जगत के नए परिदृश्य से परिचित कराने के लिए कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है। विश्वविद्यालय का प्रयास है कि कॉर्पोरेट जगत में हो रहे परिवर्तन के अनुरूप विद्यार्थी तैयार हों। कॉरपोरेट कॉन्क्लेव के संयोजक प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर ने संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन किया।

इसी क्रम में आयोजित प्लेनरी सत्र में पूर्व डीजीएम, सैमसंग, विनीत सिंह ने कहा कि कॉर्पोरेट में मेहनत करने वालों के लिए आगे का स्कोप अच्छा रहता है अगर आपको अपने ऊपर विश्वास है तो नौकरियां और प्रोन्नति सदैव मिलती रहती है। शेल पेट्रोल के पूर्व ग्लोबल प्रबंधक, संदीप खन्ना ने ट्रेंड्स पर चर्चा करते हुए कहा कि कॉर्पोरेट में नेटवर्क ज्यादा जरुरी हो गया है. आज के समय में मार्केटिंग प्लेटफार्म बदल गए है। ऑनलाइन मार्केटिंग हमारे आइकॉन बन गए है। जॉइंट प्रेसिडेंट और हेड स्टाफिंग, हिंडाल्को मुंबई के भास्कर भट्टाचार्य ने कहा कि भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया विजन के बाद अब हम बहुत से क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
वॉइस प्रेसिडेंट लीगल हाइडेलबर्ग सीमेंट शशांक शेखर ने कहा कि शिक्षा विद्वता है, काम बुद्धिमता है। जब आप वर्कर की स्टाइल में काम करेंगे तभी सफल मैनेजर बन सकेंगे जितनी लगन से कोई काम करेंगे उतना ही बेहतर उसका रिजल्ट आएगा। व्यक्ति को बड़े पद पर रहने के बाद भी लर्निंग टेंडेंसी होनी चाहिए। काम के लिए शिक्षा पहली सीढ़ी है। अतिथियों का स्वागत प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. संदीप, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. राजकुमार ने बुके देकर किया। इस अवसर पर सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी और विद्यार्थी मौजूद थे।




विद्यार्थियों के लिए समानांतर सत्रों का हुआ  आयोजन 

जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कॉर्पोरेट परिदृश्य में उभरते रुझान विषयक कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव २०२५ के अंतर्गत विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों केलिए समानांतर सत्रों का आयोजन भी किया गया. आर्यभट सभागारमें प्रबंधन स्नातकों के लिए रोजगार कौशल को बढ़ाने के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग हमारेआइकॉन बन गए है. जॉइंट प्रेसिडेंट और हेड स्टाफिंग, हिंडाल्को मुंबई के भास्कर भट्टाचार्य और पूर्व डीजीएम, सैमसंग,विनीत सिंह ने विचार रखे. संकायाध्यक्ष प्रो. अजय द्विवेदी ने अध्यक्षता एवं सञ्चालन डॉ आशुतोष सिंह ने किया. अवेद्यनाथ नाथ संगोष्ठी में आयोजित तकनीकी सत्र में इंजीनियरिंग स्नातकों के लिए भविष्य का कौशल विषय पर तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया. इसमें सीनियर ग्रुप मैनेजर एटीएम माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड ग्रेटर नोएडा के  अमित मिश्र ने नवाचार, रोजगार, स्टार्टअप और नए उत्पाद विकास पर चर्चा की.इसी क्रम में टाटा मोटर्स, कॉनकॉर्ड मोटर्स इंडिया के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी रंजीव कपूर ने व्याख्यान दिया. इन्क्यूबेशन सेंटर में सामाजिक विज्ञान और मानविकी स्नातकों के लिए कौशल विकास पर अपटेक लिमिटेड के  पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अतुल जैन और वोइस प्रेसिडेंट लीगल हाइडेलबर्ग सीमेंट शशांक शेखर ने सॉफ्ट स्किल पर चर्चा की. प्रो. देवराज सिंह  ने अध्यक्षता एवं संचालन प्रो. अजय प्रताप  सिंह ने किया. विज्ञान स्नातकों के लिए रोजगार और करियर की संभावनाएं विषयक सत्र का आयोजन विश्वेश्वरैया सभागार में किया गया. बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्रीय केंद्र,नोएडा के सहयोगी निदेशक और प्रशासनिक नियंत्रक, डॉ. सुदीप भर एवं अम्बिका स्टील्स लिमिटेड, नई दिल्ली के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी विकास पूरी ने विद्यार्थियों से संवाद किया.  प्रो. राजेश शर्मा  ने अध्यक्षता एवं संचालन प्रो. प्रदीप कुमार  ने किया.कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव में आयोजित विभिन्न सत्रों में प्रो. मानस पाण्डेय,  प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. रजनीश भास्कर, डॉ.रसिकेश, डॉ. सुशील कुमार, डॉ. वनिता सिंह,  डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. सुनील कुमार समेत अन्य उपस्थित रहे. 

कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव से विद्यार्थियों को मिली नई ऊर्जा- कुलपति
पीयू के विद्यार्थियों की प्लेसमेंट की राह होगी आसान
कॉन्क्लेव में विशेषज्ञों से विद्यार्थियों ने पूछे सवाल

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने कहा कि कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव में देश के विभिन्न भागों से उद्योग जगत से जुड़े विशेषज्ञों से विद्यार्थियों ने सीधा संवाद किया है । विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को कॉरपोरेट जगत की मांग के अनुरूप तैयार करने के लिए कटिबद्ध है। इसी क्रम में इस कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव में आए विशेषज्ञों से विस्तार से चर्चा की और आज की कारपोरेट जगत और उद्योग में जो  नई मांग बढ़ी, विद्यार्थियों को उसके अनुरूप कैसे तैयार किया जाए इसको सूचीबद्ध कराया । जल्दी ट्रेंनिंग प्लेसमेंट सेल के माध्यम से इस पर काम किया जाएगा। उन्होंने कंपनियों में परिसर पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों के लिए ट्रेंनिंग प्लेसमेंट के लिए भी प्रस्ताव रखा जिस पर विशेषज्ञों ने पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया है।
कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों का उत्साह निश्चित तौर पर इस बात का द्योतक है कि उनमें बहुत कुछ करने की और जानने की चाह है। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय के अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में और ऑनलाइन आर्यभट्ट सभागार में एक साथ बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने उद्घाटन और प्लेनरी सत्रों में प्रतिभाग किया । विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों के लिए समानांतर छात्रों का आयोजन किया गया जिसमें विशेषज्ञों ने उनके सवालों का समाधान किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इस तरह की गतिविधियों से विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार कर रहा है। उद्योग जगत और शैक्षणिक संस्थाओं के मध्य जब बेहतर रिश्ते होंगे तभी हम अच्छे प्रोफेशनल्स तैयार कर पाएंगे ।

विद्यार्थियों को मिला सफलता का मंत्र

कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव में प्रतिभाग किये विद्यार्थियों ने कहा कि उन्हें उद्योग जगत के विशेषज्ञों से मिलकर सफलता का मंत्र मिला है. छात्रा अर्पिता शुक्ला ने कहा कि "कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव 2025 कॉर्पोरेट परिदृश्य में उभरते रुझानों का पता लगाने के लिए एक बेहतरीन मंच था। इसमें व्यावहारिक चर्चाएँ, नेटवर्किंग के अवसर और उद्योग जगत के नेताओं के साथ मूल्यवान बातचीत शामिल रही । वर्तमान और भविष्य की कॉर्पोरेट रणनीतियों के बारे में गहन जानकारी मिली है । छात्रा पौखी खत्री ने कहा कि इसमें बहुत कुछ सीखने को मिला अगर आप कुछ नया व्यवसाय या नौकरी कर रहे हैं तो अनुभवी लोगो और  सहयोगियों के  अनुभव को अपने जीवन में उतारे. शिवम अस्थाना ने कहा कि यह बड़ी सीख है कि  अपने माता – पिता के पैसे को नए व्यवसाय में  इन्वेस्ट  नहीं  चाहिए क्योंकि व्यवसाय में रिटर्न आने में काफी लम्बा समय लगता है.

प्रश्नोत्तरी सत्रों में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर किया प्रतिभाग़

कहां-कहां हैं रोजगार के अवसर, सीवी कैसे बनाएं कंपनियां क्या चाहती हैं, इंटरव्यू की कैसे करें तैयारी ? सोशल मीडिया प्रोफाइल क्या मायने रखता है, जैसे सवाल विद्यार्थियों ने कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव में आए विशेषज्ञों से पूछे और उसका उन्हें जवाब मिला। विद्यार्थियों में कॉर्पोरेट कांक्लेव में प्रतिभा करने को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला। पूरा हाल भरा  रहा और खड़े होकर विद्यार्थियों ने विशेषज्ञों के व्याख्यान सुने ।

अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में कॉन्क्लेव का हुआ समापन

कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव का मंगलवार की देर शाम विद्यार्थियों से सीधे संवाद के बाद समापन हुआ । समापन सत्र में पूर्व डीजीएम, सैमसंग, विनीत सिंह ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय में पूर्व छात्र सम्मेलन और मेंटरशिप प्रोग्राम वर्ष मे एक बार एक साथ होना चाहिए ताकि छात्रों को प्रेरणा और ज्ञान प्राप्त हो सके।
अम्बिका स्टील दिल्ली के सीएचआरओ विकास पुरी ने इस कॉर्पोरेट सम्मेलन की सराहना करते हुए विद्यार्थियों से कहा कि सोच बदलने से जिंदगी बदल जाती हैं। आपका जीवन के प्रति जैसा व्यवहार रहेगा आपका भविष्य उसी प्रकार का होगा।
बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्रीय केंद्र, नोएडा के  सुदीप भर ने बताया कि यदि आप अपने जूनून के पीछे भागेंगे तो पैसा एक दिन आपके पीछे भागेगा। इसलिए हमें अपने लक्ष्य के अनुसार काम करना चाहिए। हमारी अर्थव्यवस्था को लगभग दस प्रतिशत की दर से प्रति वर्ष  जी डी पी मे वृद्धि करने की आवश्यकता है, जिससे हम अपने प्रतिस्पर्धी देशों से आगे बढ़ सके। उन्होंने यह भी कहा कि हमे देश में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।
एसटीएम माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स के अतुल मिश्रा ने कहा कि यह सम्मेलन उद्योग जगत और विद्यार्थियों के बीच मे मुख्य कड़ी का काम करेगी। उन्होंने आगे बोला कि आज का युवा एक हीरे का समान हैं, जिसे शिक्षक जितना घिसेगा वह उतना ही उभर कर आएगा। छात्र उस बीज के समान है जिसका पूरा विकास शिक्षा और शिक्षक पर आधारित हैं। छात्रों को अपने जीवन में दूरदर्शी और सफल होना चाहिए।
डॉ.  आशुतोष सिंह ने समापन समारोह का सञ्चालन किया.  उन्होंने सभी उद्योग जगत के सम्मानित लोगो से विश्वविद्यालय और वहा के छात्रों के बारे मे प्रतिक्रिया लिया। सत्र के अंत मे प्रो. मानस पांडेय ने धन्यवाद ज्ञापन  किया.
कॉरपोरेट कॉनक्लेव में आए ये विशेषज्ञ
कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव में सुनील दत्त, अध्यक्ष, रिलायंस जिओ इंफ़ोकोम ऑनलाइन जुड़े। इसके साथ ही रंजीव कपूर,  पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी, कॉनकॉर्डे मोटर्स इंडिया, संदीप खन्ना, पूर्व वैश्विक प्रबंधक, शेल पेट्रोल एवं विमान विशेषज्ञ, अतुल जैन, पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एप्टेक लिमिटेड, भास्कर भट्टाचार्य, जॉइंट प्रेसिडेंट और हेड स्टाफ हिंडाल्को मुंबई, विनीत सिंह, संस्थापक विनीत सिंह और एसोसिएट्स, पूर्व निदेशक सामान्य प्रबंधक, सैमसंग, इंडिया, डॉ. सुदीप भर ,सहयोगी निदेशक और प्रशासनिक नियंत्रक, बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्रीय केंद्र, नोएडा, विकास पूरी ,मुख्य मानव संसाधन अधिकारी अंबिका स्टील्स लिमिटेड, नई दिल्ली, अमित मिश्रा, सीनियर ग्रुप मैनेजर एसटीएम माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड ग्रेटर नोएडा, शशांक शेखर,  उपाध्यक्ष कानूनी हाइडेलबर्ग सीमेंट और जुआरी सीमेंट ने विद्यार्थियों से संवाद किया । विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों के लिए समानांतर सत्रों का आयोजन भी किया गया.




Monday, 24 March 2025

तीन दिवसीय तिरंगा साइकिल यात्रा को कुलपति ने किया रवाना

शहीद और  ऐतिहासिक स्थलों का किया भ्रमण


कुलधिपति एवं श्री राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के निर्देश पर एवं वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने  24 मार्च से 26 मार्च 2025 तक निकलने वाली  तीन दिवसीय साइकिल यात्रा को हरी झंडी दिखाकर परिसर से रवाना किया. कुलसचिव महेंद्र कुमार और परीक्षा नियंत्रक विनोद कुमार सिंह ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया. यह यात्रा नोडल अधिकारी प्रोफेसर राकेश कुमार यादव एवं सहायक नोडल अधिकारी डॉ अनुराग मिश्र के संयोजक तत्व में शुरू हुई.
साइकिल यात्रा वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय द्वारा गोद दिए गए गांव देवकली,कुकुड़ीपुर- मंगतपुर,जफरपुर,एवं मीरपुर पहुंची जहाँ  दहेज मुक्त भारत एवं नशा मुक्त भारत की शपथ कराई गई.  चौकिया धाम शीतला माता मंदिर में सभी साइकिल यात्रियों ने दर्शन कर  शिया कॉलेज पहुंची.कॉलेज के प्राचार्य, अध्यापकों एवं छात्रों ने स्वागत किया. साइकिल यात्रा अटाला मस्जिद एवं शाही किला पहुंची जहां छात्रों ने दोनों ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया.
यह यात्रा जनपद के तिलकधारी महाविद्यालय पहुंची जहां कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर राम आसरे सिंह, वीर बहादुर सिंह शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. राहुल सिंह, पूर्व अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार सिंह, फुपुक्टा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. हिमांशु सिंह ,शिक्षा संकाय के संकाय अध्यक्ष डॉ.  अजय कुमार दुबे, डॉ. अजय बिंद ,डॉ. प्रभाकर सिंह आदि ने साइकल यात्रियों का भव्य स्वागत किया. यहां छात्रों को प्राचार्य प्रोफेसर राम आसरे सिंह ने दहेज मुक्त भारत एवं नशा मुक्त भारत की शपथ दिलाई. इसके पश्चात साइकिल यात्रा कलेक्ट परिसर पहुंची जहां जिलाधिकारी दिनेश चंद्र सिंह एवं पुलिस अधीक्षक डॉक्टर कौस्तुभ ने यात्रा का स्वागत किया एवं शुभकामनाएं दीं। साइकिल यात्रा कलेक्ट्रेट से क्रांति स्तंभ पहुंची जहां क्रांति स्मारक पर साइकल यात्रियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए.
साइकिल यात्रा दीवानी तिराहा स्थित संविधान निर्माता बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करके शहीद स्तंभ हौज पर पहुंचकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया.  साइकिल यात्रा शहीद जिलाजीत यादव के गांव इजरी, सिरकोनी पहुंचकर उनके परिजनों से भेंट कर विश्वविद्यालय का मानपत्र सौंपा.  यहां से साइकिल यात्रा अपने रात्रि विश्राम स्थल जंगी महाविद्यालय असबरनपुर, जलालपुर पहुंची,जहां प्राचार्य एवं समस्त स्टाफ ने यात्रा का स्वागत किया एवं छात्रों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए .

Saturday, 22 March 2025

पीयू में सड़क सुरक्षा अभियान, हेलमेट पहनने वालों को मिला सम्मान

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर शनिवार को प्राक्टोरियल बोर्ड की ओर से सड़क सुरक्षा अभियान चलाया गया। अभियान के तहत बिना हेलमेट वाहन चलाने वालों को रोका गया और उन्हें हेलमेट पहनने के लिए जागरूक किया गया। इस दौरान हेलमेट लगाने वाले लोगों को कुलपति ने गुलाब का फूल देकर सम्मानित भी किया गया। साथ ही चार पहिया वाहन चालकों को सीट बेल्ट लगाने के लिए प्रेरित किया गया।

इस अभियान का नेतृत्व कर रहीं कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि जीवन अनमोल है और सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों से अपील की कि वे खुद भी सुरक्षा नियमों का पालन करें और दूसरों को भी जागरूक करें।कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के सभी छात्रों और कर्मचारियों को अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। हेलमेट और सीट बेल्ट जैसे यातायात नियमों का पालन करना केवल कानूनी अनिवार्यता नहीं, बल्कि जीवन रक्षा का महत्वपूर्ण उपाय है।

परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि एक छोटी सी सावधानी बढ़ी दुर्घटना को रोक सकती है। हेलमेट और सीट बेल्ट का प्रयोग सिर्फ नियमों का पालन नहीं बल्कि अपने परिवार के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है। उन्होंने विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि वे खुद भी सुरक्षा नियमों का पालन करें और दूसरों को भी प्रोत्साहित करें।

प्राक्टोरियल बोर्ड के प्राक्टर प्रो. राजकुमार ने सहायक प्राक्टर के साथ विश्वविद्यालय गेट पर प्रवेश करने वाले बिना हेलमेट लगाए लोगों को यातायात नियमों की जानकारी दी और उन्हें सुरक्षित यात्रा के लिए प्रेरित किया। कहा कि एक छोटी सी लापरवाही जीवन को खतरे में डाल सकती है। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य दुर्घटनाओं को रोकना और सुरक्षा के प्रति लोगों को संवेदनशील बनाना है।

विश्वविद्यालय प्रशासन के इस प्रयास की सराहना करते हुए छात्रों ने भी संकल्प लिया कि वे खुद भी यातायात नियमों का पालन करेंगे और अपने परिवार व दोस्तों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। इस अवसर पर प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. प्रमोद यादव, प्रो. मिथिलेश सिंह, उपकुलसचिव अमृत लाल, बबिता सिंह, अजीत सिंह, डॉ. संजीव गंगवार, डॉ. रसिकेश, डॉ. सुनील कुमार, डॉ श्याम कन्हैया, डॉ. नृपेंद्र सिंह, डॉ. प्रमेंद्र विक्रम सिंह, डॉ. मंगला प्रसाद, डॉ. दिनेश सिंह, डॉ. पूजा सक्सेना, डॉ. निमिषा यादव, डॉ. पीके कौशिक समेत कई शिक्षक और कर्मचारियों ने अभियान में सहयोग किया। 

ग्लेशियर के संरक्षण की आवश्यकता: प्रो.के एस पांडेय

विश्व जल दिवस के अवसर पर पूर्वांचल विश्वविद्यालय में हुई संगोष्ठी

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा विश्व जल दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन भारत सरकार के मिशन लाइफ के तत्वावधान में शनिवार को किया गया।इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं समाजसेवी प्रो. के .एस. पाण्डेय ने जल के महत्व को रेखांकित करते हुये कहा कि वर्ष 2025, ग्लेशियरों के संरक्षण और उनके सतत प्रबंधन पर केंद्रित है। उन्होंने भारत की स्थिति का जिक्र करते हुए बताया कि भारत में जल संसाधनों की स्थिति में बहुत ही असमानता है जिसमें देश के 36% क्षेत्रफल में 71% जल संसाधन सिमटे हुए हैं, जबकि शेष 64% क्षेत्र में केवल 29% ही उपलब्ध है। इस अवसर पर विज्ञान संकाय के पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो.रामनारायण ने पुनर्नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग पर बल दिया। अध्यक्षता कर रहे संकायाध्यक्ष  प्रो. राजेश शर्मा ने ग्लेशियर संरक्षण के लिए वैश्विक प्रयास करने पर बल दिया और बताया कि ग्लेशियर के संरक्षण के लिए हमें कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने की जरूरत है।

इस अवसर पर सूक्ष्मजीविकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एस पी तिवारी ने कहा कि वर्षा जल संरक्षण से भूजल स्तर को बढ़ाया जाय पानी का पुनः उपयोग किया जाय। इस अवसर पर जैव रसायन विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ मनीष कुमार गुप्ता ने कहा कि विश्व जल दिवस 2025 पर हमें ग्लेशियर संरक्षण के साथ साथ जल संसाधनों  के सतत प्रबंधन और संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराना चाहिए, ताकि भविष्य की पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित जल सुनिश्चित किया जा सके।

इस अवसर  पर मिशन लाइफ के नोडल अधिकारी पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विवेक कुमार पाण्डेय द्वारा अतिथियों का स्वागत करते हुए विषय प्रवर्तन किया गया . इस अवसर पर  डॉ. अभय कुमार गुप्ता, डॉ ईशानी, डॉ सिपाही लाल, डॉ दिनेश कुमार, डॉ संजीव मौर्य डॉ.अवधेश मौर्य, डॉ. प्रतिमा डॉ श्वेता शोध छात्र चंद्र भूषण आदि मौजूद रहे. 

Thursday, 20 March 2025

कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव 2025 के पोस्टर को कुलपति ने किया जारी


उद्योगों के  विशेषज्ञ भविष्य की संभावनाओं पर विद्यार्थियों से करेंगे चर्चा
25 मार्च को विश्वविद्यालय में आयोजित होगा कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव

वीर बहादुर सिंह  पूर्वांचल विश्वविद्यालय में गुरुवार को कुलपति प्रो.वंदना सिंह ने 25 मार्च को आयोजित होने वाले कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव 2025 “इमर्जिंग ट्रेंड्स इन कॉर्पोरेट लैंडस्केप” के पोस्टर को  जारी किया. विश्वविद्यालय के सेंट्रल ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के द्वारा इंस्टिट्यूट इंडस्ट्री इंटरफ़ेस कार्यक्रम के अंतर्गत कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है. इस कॉन्क्लेव में विभिन्न उद्योगों के अनुभवी विशेषज्ञ अपने अनुभव, ज्ञान और भविष्य की संभावनाओं पर विद्यार्थियों से चर्चा करेंगे. विश्वविद्यालय इस कार्यक्रम की तैयारियों में जुटा हुआ है. इसमें 
भारत के अलग- अलग उद्योग जगत के उच्च पदस्थ उद्योग अधिकारी सम्मिलित होंगे.
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि छात्रों को कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखकर आयोजित किया जा रहा है. विद्यार्थियों के मन में अध्ययन के दौरान कॉर्पोरेट सेक्टर के बहुत से प्रश्न होते है जिसका भी उन्हें यहाँ समाधान मिलेगा. यह उनके करियर निर्माण में सहायक होगा और आने वाले समय में इंटर्नशिप व प्लेसमेंट के नए रास्ते मिलेंगे. उन्होंने कहा कि कॉन्क्लेव के दौरान होने वाले व्याख्यान और पैनल चर्चा विद्यार्थियों को किताबों से परे वास्तविक व्यावसायिक समस्याओं के प्रति दृष्टिकोण विकसित करने में निश्चित तौर पर मदद करेगा.कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव के माध्यम से विश्वविद्यालयों और उद्योग के मध्य एक सम्बन्ध विकसित होते है जो भविष्य में संयुक्त शोध और औद्योगिक प्रशिक्षण की संभावनाओं को बढ़ाते है. कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कॉन्क्लेव की तैयारियों के लिए समिति के सदस्यों से विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि यह कॉन्क्लेव विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों में एक नई ऊर्जा का संचार करेगा. उन्होंने विद्यार्थियों के सक्रिय सहभागिता पर जोर दिया. 
सेंट्रल ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के समन्वयक प्रो. अविनाश डी. पाथर्डीकर ने बताया कि एक दिवसीय कार्यक्रम कुल दो चरणों में होगा। प्रथम चरण में उद्घाटन सत्र के बाद एक प्लेनरी सेशन होगा जिसमें सभी छात्र- छात्राएं शामिल होंगे। दूसरे चरण में चार प्लेनरी सेशन जो समानांतर रूप से संगोष्ठी भवन, आर्यभट्ट सभागार, विश्वेश्वरैया सभागार तथा इन्क्यूबेशन केंद्र में विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों के लिए आयोजित किया जाएगा. इस अवसर पर वित्त अधिकारी पूर्णेंदु शुक्ल, परीक्षा नियंत्रक  विनोद कुमार सिंह प्रो. मानस पाण्डेय, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. गिरधर मिश्र,  डॉ. सुशील कुमार उपस्थित रहे. 

Wednesday, 19 March 2025

तिरंगा यात्रा में शामिल विद्यार्थियों को कुलपति ने किया सम्मानित

विद्यार्थियों ने की थी 150 किलोमीटर की तिरंगा साइकिल यात्रा

 
कुलाधिपति एवं राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदी पटेल के निर्देश पर  वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की 24 मार्च से 26 मार्च 2025 तक आयोजित तीन दिवसीय तिरंगा साइकिल यात्रा में शामिल विद्यार्थियों और सहयोग करने वालों को कुलपति सभागार में शनिवार को कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने प्रशस्ति पत्र देकर उत्साहवर्धन किया.
 
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों ने तिरंगा साइकिल यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा कर देश भक्ति, एकता और आत्मबल का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है. यह यात्रा आपके जीवन में राष्ट्र प्रेम की भावना को और प्रबल करेंगी. उन्होंने कहा कि जीवन में देश के तिरंगे से ऊर्जा लेते रहे.
परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह एवं प्रो. मानस पांडे ने विद्यार्थियों को संबोधित किया।सफलतापूर्वक 150 किलोमीटर की साइकिल यात्रा पूर्ण करने पर यात्रा के नोडल अधिकारी प्रो. राकेश कुमार यादव ने यात्रा के विविध पक्षों पर प्रकाश डाला. सहायक नोडल अधिकारी डॉ. अनुराग मिश्र ने अतिथियों का स्वागत किया एवं साइकिल यात्रा दल में सम्मिलित छात्रों को बधाई दी.साइकिल यात्रा में 30 विद्यार्थियों ने भाग लिया था. इस दौरान जनपद के विभिन्न महाविद्यालयों से होते हुए शहीद स्थलों पर पहुंचकर उन्हें नमन किया था. इसके साथ ही शहीदों के परिजनों से मिलकर उन्हें विश्वविद्यालय का मान-पत्र, अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंट किया था. इस यात्रा में शामिल विद्यार्थियों ने समाज को नशा मुक्ति और दहेज मुक्ति के लिए संदेश दिया. विद्यार्थियों ने यात्रा के दौरान अपने अनुभवों को भी साझा किया.
इस अवसर पर  प्रो. सुरेश कुमार पाठक, शिक्षक संघ के महामंत्री डॉ. शैलेन्द्र यादव,डॉ. मीताराम पाल, डॉ. पूनम यादव, अजय कुमार, डॉ. हेमंत यादव, डॉ. पुनीत सिंह, राजपाल यादव, सत्यलाल यादव, डॉ। अंजनी कुमार मिश्र, समेत यात्रा में शामिल विद्यार्थी उपस्थित रहे.

पूर्वांचल विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी का होगा ऑटोमेशन

जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय में पुस्तकालय समिति की बैठक कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई. विश्वविद्यालय परिसर में  संचालित नए पाठ्यक्रमों एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के कारण संशोधित पाठ्यक्रम के अनुरूप पुस्तकों के क्रय की प्रक्रिया के लिए  लिए समिति का गठन होगा. लाइब्रेरी का ऑटोमेशन किया जाएगा जिससे विद्यार्थियों को ऑनलाइन पाठ्यक्रम की पुस्तकों की जानकारी मिलेगी और आने वाले समय में  पुस्तकों की सुरक्षा के लिए चिप लगाये जाएंगे.

कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि विद्यार्थी पुस्तकों से जुड़े रहे इसके लिए उन्हें निरंतर प्रेरित करते रहे. बैठक का संचालन करते हुए मानद पुस्तकालय अध्यक्ष प्रोफेसर राज कुमार ने पुस्तकालय में पुस्तकों की अद्यतन स्थिति के बारे में प्रकाश डाला. उन्होंने बताया  कि पुस्तकालय के नए भवन में शिक्षकों तथा शोध छात्रों के लिए बने रिसर्च कैरल्स में इंटरनेट कनेक्टिविटी कराए जाने, उच्च स्तर के बौद्धिक संसाधन को बढ़ाने एवं नवीन तकनीकों के माध्यम से संसाधनों के अधिकतम उपयोग करने पर सहमति बनी.

पुस्तकालय के दो हाल में वातानुकूलन की सुविधा प्रदान करने तथा क्रमबद्ध तरीके से पुरे पुस्तकालय को वातानुकूलित करने  पर भी सहमति बनी और  भविष्य में पुस्तकालय को ऑटोमेशन की ओर बढ़ाये जाने का सुझाव दिया गया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय पुस्तकालय  दिन में 12 घंटे खुला रहता है, स्टाफ तथा छात्र- छात्राओं की सुविधा के दृष्टिगत पुस्तकालय के अंदर एक कैफे कॉर्नर की सुविधा प्रदान कराई जाएगी. लाइब्रेरी में इंटर्नशिप करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ाई जाएगी.

धन्यवाद ज्ञापन डॉ० मनीष कुमार गुप्ता ने किया.  बैठक में समिति सदस्य के रूप में कुल सचिव महेंद्र कुमार, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. श्रीश कुमार सिंह, प्रो. बिजय कुमार उपाध्याय, प्रो. सत्य प्रकाश, प्रो. अजय कुमार दुबे, प्रो. राघवेन्द्र कुमार पांडेय, डॉ० नृपेन्द्र सिंह, पुस्तकालय प्रभारी डॉक्टर इंद्रेश कुमार तथा सहायक अवधेश प्रसाद उपस्थिति रहे.  

Tuesday, 18 March 2025

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में आगामी सत्र से शुरू होंगे नए पाठ्यक्रम

भारतीय ज्ञान परंपरा, इंटीग्रेटेड एमसीए और एमएससी फूड टेक्नोलॉजी से जुड़े पाठ्यक्रमों की होगी पढ़ाई

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को  कुलपति सभागार में विद्या परिषद की बैठक आहूत की गई। बैठक में विश्वविद्यालय परिसर में नए पाठ्यक्रमों को शुरू करने समेत अन्य निर्णय लिए गए। विश्वविद्यालय परिसर में ऐसे पाठ्यक्रमों को शुरू करने की तैयारी है जिससे विद्यार्थियों को बेहतर रोजगार मिल सके और उन्हें पढ़ने के लिए बाहर न जाना पड़े।
एमसीए के चार वर्षीय इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम को परिसर में प्रारंभ करने के लिए विचार किया गया। इस पाठ्यक्रम में 12 वीं के बाद विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे। वैश्विक सॉफ्टवेयर उद्योग को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों में विशेष कौशल को विकसित करने के लिए इस पाठ्यक्रम की शुरुआत की जा रही है। 
इसके साथी फूड टेक्नोलॉजी विषय में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ करने पर सहमति दी। भारतीय ज्ञान विज्ञान को विद्यार्थियों से परिचित कराने के लिए भारतीय ज्ञान परंपरा पाठ्यक्रम के अंतर्गत एक वर्षीय वैदिक ज्योतिष डिप्लोमा पाठ्यक्रम, एक वर्षीय वैदिक कर्मकांड डिप्लोमा पाठ्यक्रम एवं एक वर्षीय वैदिक वास्तु शास्त्र डिप्लोमा पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय परिसर में संचालन करने हेतु अध्ययन परिषद ने  सहमति दी है।
उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश के दिशा निर्देशों के क्रम में विश्वविद्यालय और उनसे संबद्ध महाविद्यालय में स्वयं पोर्टल पर उपलब्ध कोर्सेज को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने हेतु अध्ययन परिषद के संयोजकों द्वारा स्वयं पाठ्यक्रम पर चर्चा की गई।इसके साथ ही शोध निदेशक बनाए जाने हेतु गठित समिति की संस्तुतियों पर विभिन्न विषयों के 84 शोध निर्देशक बनाए जाने पर सहमति दी गई।
बैठक का संचालन कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया। इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, प्रो. मानस पांडे, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो.राजेश सिंह,प्रो.सौरभ पाल,प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. श्रीश कुमार सिंह, प्रो. संदीप सिंह, प्रो.अविनाश पाथर्डीकर, उप कुलसचिव बबीता सिंह समेत अन्य सदस्य उपस्थित रहे.

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में आगामी सत्र से शुरू होंगे नए पाठ्यक्रम

 भारतीय ज्ञान परंपरा, इंटीग्रेटेड एमसीए और एमएससी फूड टेक्नोलॉजी से जुड़े पाठ्यक्रमों की होगी पढ़ाई


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को  कुलपति सभागार में विद्या परिषद की बैठक आहूत की गई। बैठक में विश्वविद्यालय परिसर में नए पाठ्यक्रमों को शुरू करने समेत अन्य निर्णय लिए गए। विश्वविद्यालय परिसर में ऐसे पाठ्यक्रमों को शुरू करने की तैयारी है जिससे विद्यार्थियों को बेहतर रोजगार मिल सके और उन्हें पढ़ने के लिए बाहर न जाना पड़े।

एमसीए के चार वर्षीय इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम को परिसर में प्रारंभ करने के लिए विचार किया गया। इस पाठ्यक्रम में 12 वीं के बाद विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे। वैश्विक सॉफ्टवेयर उद्योग को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों में विशेष कौशल को विकसित करने के लिए इस पाठ्यक्रम की शुरुआत की जा रही है।

इसके साथी फूड टेक्नोलॉजी विषय में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ करने पर सहमति दी। भारतीय ज्ञान विज्ञान को विद्यार्थियों से परिचित कराने के लिए भारतीय ज्ञान परंपरा पाठ्यक्रम के अंतर्गत एक वर्षीय वैदिक ज्योतिष डिप्लोमा पाठ्यक्रम, एक वर्षीय वैदिक कर्मकांड डिप्लोमा पाठ्यक्रम एवं एक वर्षीय वैदिक वास्तु शास्त्र डिप्लोमा पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय परिसर में संचालन करने हेतु अध्ययन परिषद ने  सहमति दी है।

उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश के दिशा निर्देशों के क्रम में विश्वविद्यालय और उनसे संबद्ध महाविद्यालय में स्वयं पोर्टल पर उपलब्ध कोर्सेज को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने हेतु अध्ययन परिषद के संयोजकों द्वारा स्वयं पाठ्यक्रम पर चर्चा की गई।इसके साथ ही शोध निदेशक बनाए जाने हेतु गठित समिति की संस्तुतियों पर विभिन्न विषयों के 84 शोध निर्देशक बनाए जाने पर सहमति दी गई।


बैठक का संचालन कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया। इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, प्रो. मानस पांडे, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो.राजेश सिंह,प्रो.सौरभ पाल,प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. श्रीश कुमार सिंह, प्रो. संदीप सिंह, प्रो.अविनाश पाथर्डीकर, उप कुलसचिव बबीता सिंह समेत अन्य सदस्य उपस्थित रहे.

Monday, 17 March 2025

पूर्वांचल विश्वविद्यालय को भारत में नेचर इंडेक्स रैंकिंग में उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में दूसरा स्थान

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने नेचर इंडेक्स रैंकिंग 2024 में उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में दूसरा स्थान प्राप्त किया है । इसके साथ ही भारत में 125 वां स्थान है ।

विश्वविद्यालय का काउंट 2 और शेयर 0.74 दर्ज किया गया है, जो इसके शोध और अकादमिक उत्कृष्टता को दर्शाता है। बताते चले कि विश्वविद्यालय द्वारा उच्च श्रेणी के रिसर्च जर्नल्स में प्रकाशन के फलस्वरूप यह उपलब्धि हासिल हुई है।  जो विश्वविद्यालय की वैज्ञानिक शोध क्षमता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा में बढ़ती प्रतिष्ठा को प्रमाणित करती है।

नेचर इंडेक्स एक प्रतिष्ठित वैश्विक मानक है, जो शोध पत्रों की गुणवत्ता और प्रभाव को मापता है। यह सूचकांक शिक्षण संस्थानों और शोध केंद्रों के शोध कार्यों का आकलन करता है, जिससे उनकी वैश्विक शोध प्रतिष्ठा को आँका जाता है।इसमें दो प्रमुख मैट्रिक्स का उपयोग किया जाता है। काउंट किसी संस्थान द्वारा प्रकाशित कुल शोध पत्रों की संख्या, किसी शोध पत्र में संस्थान के योगदान का अनुपात, विशेष रूप से जब शोध में कई संस्थान शामिल होते हैं । नेचर इंडेक्स नीति-निर्माताओं, शोधकर्ताओं और उद्योग जगत के लिए एक महत्वपूर्ण मानक है, जिससे वे उन्नत शोध और नवाचार के लिए संस्थानों की गुणवत्ता का मूल्यांकन कर सकें।

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह द्वारा शोध की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिसके फलस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में, पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, सामाजिक विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।  साथ ही साथ विज्ञान, पर्यावरण, चिकित्सा, कंप्यूटर विज्ञान और कृषि विज्ञान  के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध कार्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ शोध सहयोग से शोध कार्य चल रहे है। पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने शोध को बढ़ावा देने के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, शोध अनुदान, और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जैसे कई कदम उठाए हैं। उच्च गुणवत्ता वाले शोध के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस प्रयोगशालाएं, राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ अकादमिक सहयोग,  इंडस्ट्री- शोध को उद्योगों से जोड़कर व्यावहारिक समाधान विकसित किया जा रहा है । विश्वविद्यालय को (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) द्वारा A+ की उच्च रैंकिंग प्राप्त हुई है । विश्वविद्यालय को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा डीएसटी-पर्स योजना के अंतर्गत 07 करोड़ 13 लाख रुपये का अनुदान भी  प्राप्त हुआ है । विश्वविद्यालय की यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश और भारत के उच्च शिक्षा परिदृश्य में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। विश्वविद्यालय अब अंतरराष्ट्रीय शोध मानकों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि "पूर्वांचल विश्वविद्यालय का मुख्य लक्ष्य शोध कार्यों को प्रोत्साहित करना और वैज्ञानिक नवाचारों में विश्वविद्यालय की भागीदारी बढ़ाना है। शिक्षकों और शोधार्थियों की मेहनत का परिणाम है कि आज पूर्वांचल विश्वविद्यालय इस सम्मानजनक स्थान पर पहुंचा है। इस वर्ष विश्वविद्यालय नेचर इंडेक्सिंग में प्रथम बार आया है, विश्वविद्यालय उच्च श्रेणी के शोध कार्यों को बढ़ावा दे है जिससे हमें आशा ही पूर्ण विश्वास है कि आने वाले वर्षों में रैंकिंग में और सुधार हो सकेगा।"

Monday, 10 March 2025

विद्यार्थी कॉरपोरेट की गतिविधियों से होंगे परिचित- प्रो. वंदना सिंह

कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव की तैयारियों को लेकर कुलपति ने की बैठक

विश्वविद्यालय में 25 मार्च को होगा कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में सोमवार को  कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह की अध्यक्षता में कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव की तैयारी को लेकर विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं  अधिकारियों की बैठक आहूत की गई.

बैठक में कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने कहा कि  कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव में देश के कारपोरेट सेक्टर के  विशेषज्ञ विद्यार्थियों से सीधा संवाद करेंगे.  इससे जहां एक तरफ विश्वविद्यालय के विद्यार्थी कॉरपोरेट सेक्टर में हो रही गतिविधियों से सीधे परिचित होंगे.  विश्वविद्यालय अपनी गतिविधियों को कॉरपोरेट सेक्टर को परिचित करा सकेगा.कॉरपोरेट कॉन्क्लेव के लिए उन्होंने गठित समिति के सदस्यों से विचार विमर्श किया.

कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाला कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव विद्यार्थियों के  बहुत हितकर है. उन्होंने विभागाध्यक्षों से विद्यार्थियों के बड़ी संख्या में सहभागिता लिये चर्चा की.

कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव के प्रोफेसर अविनाश ने कहा कि कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव का आयोजन 25 मार्च को विश्वविद्यालय में होगा जिसमें एक दर्जन से अधिक कॉरपोरेट सेक्टर के उच्च पदों पर कार्यरत लोग जुड़ेंगे. विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों के लिए समानांतर सत्रों का आयोजन भी किया जायेगा. उन्होंने कहा कि आज कॉर्पोरेट सेक्टर में तेजी से प्रगति और परिवर्तन हो रहे है, विद्यार्थी उसके लिए अपने को तैयार कर सके यह बहुत जरूरी है.  

इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. गिरिधर मिश्र, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. मुराद अली, डॉ. राजकुमार सोनी, डॉ. आशुतोष सिंह, उप कुलसचिव अमृत लाल, डॉ. रसिकेश, डॉ. अमरेन्द्र सिंह, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. वनिता सिंह, डॉ. नृपेन्द्र सिंह समेत अन्य शिक्षक उपस्थित रहे. 

Saturday, 8 March 2025

महिलाएं सशक्त होंगी, तभी होगा समाज का विकास: प्रो मानस पांडेय

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में  अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर व्यावसायिक अर्थशास्त्र विभाग में "वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महिला सशक्तिकरण की दशा एवं दिशा" विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. मानस पांडेय ने  कहा कि समाज का सशक्तिकरण तब तक संभव नहीं जब तक महिलाएं सशक्त न हों। उन्होंने कहा कि सरकार महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक योजनाओं के माध्यम से ऋण उपलब्ध करा रही है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने देश की कई महिलाओं का नाम लेते हुए बताया कि अपनी काबिलियत से आज भी उच्च पदों पर आसीन हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के बिना समाज और देश का विकास संभव नहीं होगा।

विशिष्ट वक्ता डॉ. आशुतोष सिंह ने कहा कि 2001 को महिला सशक्तिकरण वर्ष घोषित किया गया था और इससे संबंधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई थी। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह और गैर-सरकारी संगठन महिलाओं के अधिकारों को मजबूत करने में सहायक रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इससे महिलाओं को निर्णय लेने की स्वतंत्रता और आत्म सम्मान प्राप्त होता है।कार्यक्रम में डॉ. निशा पांडे ने स्वागत उद्बोधन दिया और महिलाओं के आत्मसम्मान की रक्षा हेतु शपथ दिलाई। संचालन दीपांजलि ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राकेश उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर डॉ. अंजनी कुमार मिश्र, डॉ. सुशील कुमार सिंह, प्रिंस सिंह, हर्ष एवं डॉ. नितिन डॉ. नितिन चौहान उपस्थित रहे।

Friday, 7 March 2025

किताबों को अपने जीवन से जोड़े रखे- प्रो. वंदना सिंह



"पढ़े विश्वविद्यालय,बढ़े विश्वविद्यालय एवं पढ़े महाविद्यालय, बढ़े महाविद्यालय" कार्यक्रम का हुआ आयोजन

दहेज मुक्त एवं नशा मुक्त भारत के लिए  दिलाई गई  प्रतिज्ञा

जौनपुर. कुलाधिपति एवं श्री राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदीबेन पटेल के निर्देश के क्रम में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गाँव में शुक्रवार को "पढ़े विश्वविद्यालय,बढ़े विश्वविद्यालय एवं पढ़े महाविद्यालय, बढ़े महाविद्यालय" कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इसके साथ ही विश्वविद्यालय के मुक्तांगन में  दहेज मुक्त एवं नशा मुक्त भारत के लिए कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों को प्रतिज्ञा दिलाई.
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि किताबें न केवल शिक्षा का एक स्रोत हैं, बल्कि  हमारे मानसिक विकास, सोचने की क्षमता और व्यक्तित्व निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. उन्होंने कहा कि इन्टरनेट के इस दौर में भी किताबों का अपना एक अलग महत्व है. किताबों से हमें ज्ञान मिलता है और नए विचार और दृष्टिकोण से परिचित भी होते है.  किताबों को अपने जीवन से जोड़े रखे.
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कुलपति सभागार में अधिकारियों  और कर्मचारियों के साथ समय किताब पढ़ी. इसी क्रम में विश्वविद्यालय के विज्ञान, अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान संकाय, प्रबंध अध्ययन संकाय, फार्मेसी, विधि संकाय  और इंजिनीयरिंग संकाय के  विभागों में दिन में  11बजे से 12 बजे  तक शिक्षकों और विद्यार्थियों ने किताब पढ़ी. विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के भी विभिन्न  विभागों में कर्मचारियों ने किताब पढ़ी.
कार्यक्रम की संयोजक डॉ जान्हवी श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार विद्यार्थियों को आकृतियों में भी बैठा कर किताबें पढ़ाई गई. प्रबंध अध्ययन संकाय में संकाय के नाम की आकृति, संकाय भवन में डीएनए, रज्जू भईया संसथान में पुस्तक, मुक्तांगन में भारत माता एवं फार्मेसी संस्था में ओम लिखी आकृति में भी विद्यार्थियों को किताब पढ़ने के लिए बैठाया गया था. विभिन्न गतिविधियों का संयोजन डॉ. अनुराग मिश्र एवं डॉ. शशिकांत ने किया.
विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम की विविध गतिविधियों में कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ.  विनोद कुमार सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो राम नारायण, प्रो. राजेश सिंह., प्रो. वीडी शर्मा, डॉ. माया सिंह,  डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. आलोक गुप्त, डॉ. ऋषिकेश, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. चन्दन सिंह, मनोज पाण्डेय, डॉ.नितेश जायसवाल, डॉ. प्रमेन्द्र विक्रम सिंह, डॉ. प्रियंका सिंह समेत शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी शामिल रहे.
विश्वविद्यालय ने कार्यक्रम को सकुशल संपन्न कराने के लिए पर्यवेक्षकों को भी नियुक्त किया था. इसमें प्रो. मानस पाण्डेय, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रो.  अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. रवि प्रकाश, उप कुलसचिव बबिता सिंह, श्री अमृत लाल को जिम्मेदारी दी  गई थी. गाजीपुर पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो.राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय को गाजीपुर का समन्वयक बनाया गया था.

Monday, 3 March 2025

ड्रोन के इस्तेमाल के लिए कौशल जरूरी – प्रो. वंदना सिंह


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में ड्रोन जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन
  
जौनपुर.  फोर इंस्टीट्यूट ऑफ ड्रोन टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च , गुरुग्राम, हरियाणा द्वारा संस्थान-उद्योग इंटरफेस के तहत वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में ड्रोन जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । यह कार्यक्रम केंद्रीय प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ के सहयोग से संपन्न हुआ । 

उद्घाटन एवं अभिमुखीकरण सत्र में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि आज तकनीकी के इस युग में ड्रोन का उपयोग बढ़ता जा रहा है. इसके बेहतर इस्तेमाल के लिए नए  कौशल की आवश्यकता है. इसमें रोजगार के अवसर भी बढे है. 
प्रथम सत्र का प्रशिक्षण श्री विजय तांबे द्वारा प्रदान किया गया। उन्होंने ड्रोन टेक्नोलॉजी की बढ़ती मांग, इसके अनुप्रयोगों तथा उद्योग जगत में इसके बढ़ते प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में  विद्यार्थियों को ड्रोन संचालन, निर्माण, मेंटेनेंस, एविएशन नियमों तथा औद्योगिक उपयोग से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी । प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को थ्योरी के साथ-साथ प्रायोगिक सत्रों में भी भाग लेने का अवसर मिला । उन्होंने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी आज विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, रक्षा, आपदा प्रबंधन, सर्वेक्षण, लॉजिस्टिक्स, और सिनेमैटोग्राफी में तेजी से अपनी जगह बना रही है। इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को इन संभावनाओं से अवगत कराते हुए करियर के नए आयाम खोलने का प्रयास किया जा रहा है ।
कार्यक्रम की रूपरेखा एवं उद्देश्यों पर केंद्रीय प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो.  अविनाश डी. पाथर्डिकर ने प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नितेश जायसवाल ने किया.
कार्यक्रम में  प्रो. मानस पांडे, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, प्रो. सौरभ पाल, डॉ आलोक दास , श्याम त्रिपाठी एवं मुख्य छात्र सदस्य आदित्य पांडेय, दिव्यांशु संजय, रुद्रांश चतुर्वेदी, शिवांश श्रीवास्तव, हरी ओम साहू, आर्यन पाण्डेय, आयुष गुप्ता समेत कई छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

गुणवत्तापूर्ण शोध से समाज को होगा लाभः प्रो. वंदना सिंह



पर्स प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन ग्रुप के सदस्यों को कुलपति ने किया सम्मानित

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा "प्रमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक एक्सीलेंस" (पर्स) अनुदान से सम्मानित किया जाना न केवल विश्वविद्यालय बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गर्व की बात है। इस प्रतिष्ठित उपलब्धि से विश्वविद्यालय में शोध और नवाचार को एक नई दिशा मिलेगी, जिससे समाज को भी व्यापक लाभ होगा।

कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि को एक ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि यह सम्मान शिक्षा और शोध के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की पहचान को और सशक्त करेगा। इस परियोजना से जुड़े शोध न केवल अकादमिक क्षेत्र को समृद्ध करेंगे, बल्कि उद्योग और समाज के लिए भी उपयोगी साबित होंगे। इससे विद्यार्थियों को उच्चस्तरीय शोध के अवसर मिलेंगे, जिससे वे नवाचार और उद्यमिता की ओर अग्रसर हो सकेंगे। उन्होंने पर्स प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन ग्रुप के सदस्यों को सम्मानित किया, जिसमें डॉ. धीरेन्द्र चौधरी, डॉ. काजल डे, डॉ. सुजीत चौरसिया, डॉ. पुनीत धवन, डॉ. आलोक वर्मा, डॉ. रामांशु सिंह, डॉ. मिथिलेश सिंह, डॉ. दिनेश वर्मा एवं प्रो. गिरिधर मिश्र शामिल रहे। उन्होंने पर्स टीम को यह भी निर्देश दिया कि वे प्रोजेक्ट के प्रस्तावित कार्यों को समयबद्ध रूप से पूरा करें और शोध में प्राप्त परिणामों को उच्च गुणवत्ता वाले जर्नल्स में प्रकाशित करें तथा पेटेंट फाइल करें।

 कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि हमें सरकार की हर परियोजनाओं पर पैनी नजर रखनी होगी। हमारे विश्वविद्यालय के अन्य विभाग के लोग भी अपने से संबंधित परियोजनाओं पर अनुदान ले आए ताकि विश्वविद्यालय के उच्च शिक्षा और शोध की गुणवत्ता में सुधार हो ।

परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद सिंह ने कहा इस परियोजना के अंतर्गत उच्च श्रेणी के नैनो-मटेरियल्स विकसित किए जाएंगे, जिनका उपयोग सोलर सेल, बैटरी, थर्मोइलेक्ट्रिक डिवाइस एवं हाइड्रोजन एनर्जी डिवाइस बनाने में किया जाएगा। इसके साथ ही, एस.एस.आर. कार्यक्रम के माध्यम से अन्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शोधार्थियों को भी सहयोग प्रदान किया जाएगा।कार्यक्रम का संचालन पर्स ग्रुप के सह-समन्वयक डॉ. काजल डे ने किया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के आचार्यों ने विभिन्न सुझाव प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. वीडी शर्मा, प्रो. अविनाश पाथर्डिकर, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. प्रमोद यादव, उपकुलसचिव अजीत सिंह सहित अन्य शिक्षक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।

Saturday, 1 March 2025

यह सम्मान उत्तर प्रदेश के लिए है गर्व की बात – कुलपति प्रो. वंदना सिंह

नई दिल्ली में  आयोजित   राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह  में विश्वविद्यालय को मिला प्रतिष्ठित सम्मान


जौनपुर. नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह 2025 के अवसर पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति समेत  डीएसटी पर्स टीम को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सम्मानित किया. कुलपति प्रो. वंदना सिंह को  मिले सम्मान को विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. गिरिधर ने प्रतिनिधि के तौर पर प्राप्त किया.
विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में प्राप्त अवार्ड को प्रो. गिरिधर मिश्र एवं पर्स टीम ने कुलपति प्रो. वंदना सिंह को सौंपा. विश्वविद्यालय से पर्स की टीम के  प्रो. गिरिधर मिश्र, डॉ. धीरेन्द्र चौधरी एवं डॉ. काजल डे ने कार्यक्रम में  प्रतिभाग किया.

सम्मान समारोह में भारत  सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. ए. के. सूद,  राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष प्रो. आशुतोष शर्मा, सचिव–आयुष श्री वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव–डी.बी.टी. डॉ. राजेश एस. गोखले, सीएसआईआर की महानिदेशक डॉ. एन. कालासेलवी, तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. अभय कारंडीकर सहित देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति व आचार्य उपस्थित रहे.
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश से वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ही एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जिसे इस वर्ष यह प्रतिष्ठित अनुदान और सम्मान प्राप्त  हुआ है। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने विश्वविद्यालय को "प्रमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक एक्सीलेंस" अनुदान प्रदान किया है.
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने पर्स टीम सहित पूरे विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह अनुदान विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं शोध में उत्कृष्ट योगदान का प्रमाण है, जो न केवल संस्थान बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है. इस परियोजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा, हाइड्रोजन ऊर्जा, और उन्नत बैटरी प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शोध को नई ऊर्जा मिलेगी.
इस अवसर पर योग गुरु जय सिंह ने शिक्षकों एवं अधिकारियों को मन केन्द्रित करने के लिए  ध्यान का अभ्यास कराया.
इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, प्रो. मानस पाण्डेय, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. मनोज मिश्र,  प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. रवि प्रकाश, प्रो. ए. के. श्रीवास्तव, प्रो. प्रमोद यादव, डॉ. राज बहादुर यादव,  डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. श्याम कन्हैया सिंह, डॉ. सुनील कुमार डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. शशिकांत, उपकुलसचिव अजीत प्रताप सिंह, अमृत लाल, बबिता सिंह समेत लोग  उपस्थित रहे.