विशिष्ट वक्ता डॉ. आशुतोष सिंह ने कहा कि 2001 को महिला सशक्तिकरण वर्ष घोषित किया गया था और इससे संबंधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई थी। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह और गैर-सरकारी संगठन महिलाओं के अधिकारों को मजबूत करने में सहायक रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इससे महिलाओं को निर्णय लेने की स्वतंत्रता और आत्म सम्मान प्राप्त होता है।कार्यक्रम में डॉ. निशा पांडे ने स्वागत उद्बोधन दिया और महिलाओं के आत्मसम्मान की रक्षा हेतु शपथ दिलाई। संचालन दीपांजलि ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राकेश उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर डॉ. अंजनी कुमार मिश्र, डॉ. सुशील कुमार सिंह, प्रिंस सिंह, हर्ष एवं डॉ. नितिन डॉ. नितिन चौहान उपस्थित रहे।
Saturday, 8 March 2025
महिलाएं सशक्त होंगी, तभी होगा समाज का विकास: प्रो मानस पांडेय
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर व्यावसायिक अर्थशास्त्र विभाग में "वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महिला सशक्तिकरण की दशा एवं दिशा" विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. मानस पांडेय ने कहा कि समाज का सशक्तिकरण तब तक संभव नहीं जब तक महिलाएं सशक्त न हों। उन्होंने कहा कि सरकार महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक योजनाओं के माध्यम से ऋण उपलब्ध करा रही है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने देश की कई महिलाओं का नाम लेते हुए बताया कि अपनी काबिलियत से आज भी उच्च पदों पर आसीन हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के बिना समाज और देश का विकास संभव नहीं होगा।
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