अराइज एंड अवेक के सहयोग से लगी पोस्टर प्रदर्शनी
विश्व पर्यावरण दिवस पर हुआ पौधारोपण
मुक्तांगन में योग शिविर की हुई शुरुआत
कुलपति ने कहा कि हमारे आसपास बहुत सारे ऐसे पौधे हैं जिनके उपयोग से हमें लाभ है और जो हमारे लिए बहुउपयोगी है। आज की युवा पीढ़ी को इसके महत्व को जानने की जरूरत है। हमारे भारतीय समाज में पेड़ों के प्रति बहुत ही आस्था रही है । पेड़ों के संरक्षण का ज्ञान हमारे पूर्वजों ने हमें दिया है. आज की पीढ़ी प्रकृति के उपहारों का महत्व समझे. परीक्षा नियंत्रण डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि पेड़- पौधो के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती. आज पूरी दुनिया पर्यावरण के प्रति संवेदनशील है. हम सभी को अपने स्तर पर कोई भी ऐसा कृत्य नहीं करना चाहिए जिससे प्रकृति को कष्ट हो. इस प्रदर्शनी का संयोजन डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. श्याम कन्हैया सिंह, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. विवेक पाण्डेय एवं डॉ. अवधेश मौर्य ने किया. प्रदर्शनी में पौधों के महत्व को बखूबी दर्शाया गया. इसके साथ ही पर्यावरण विज्ञान विभाग के विद्यार्थियों द्वारा इको ब्रिक्स फॉर्मेशन फॉर प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट, बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन, वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट, पॉल्यूशन मैनेजमेंट, बायोडायवर्सिटी लॉस, ग्रीन टेक्नोलॉजी, बेनिफिट्स ऑफ़ रिन्यूएबल एनर्जी , फैक्टर ऑफ़ बायोडायवर्सिटी लॉस, ग्राउंडवाटर कंजर्वेश विषय पर पोस्टर लगाए गए. इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह के संयोजक प्रो. प्रमोद कुमार यादव, प्रो. राकेश यादव, प्रो. गिरिधर मिश्र, डॉ. राज बहादुर यादव, डॉ. धीरेन्द्र समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।
इसी क्रम में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुक्तांगन में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह एवं कुलसचिव महेंद्र कुमार ने पौधरोपण किया. ग्रीन कमेटी के संयोजक प्रो. राजकुमार एवं अन्य शिक्षक, कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय के विभिन्न स्थानों पर पौधे लगाये. मुक्तांगन में एक सप्ताह का योग शिविर प्रारंभ हुआ. कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने प्रतिभागियों के साथ योग किया. योगाचार्य जय सिंह ने जॉइंट रोटेशन, लोलक आसन, ताड़ासन, कोनआसन, तितली आसन, बुद्ध कोणासन, कपालभाति प्राणायाम, शव आसन एवं योग निद्रा मेडिटेशन कराया. इसका संयोजन नोडल अधिकारी डॉ. मनोज कुमार पाण्डेय ने किया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे.
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