Wednesday, 12 November 2025

वीबीएसपीयू : स्नातक प्रथम सेमेस्टर परीक्षा फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू


जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सभी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय परिसर के स्नातक पाठ्यक्रमों बी.ए., बी.एस-सी., बी.कॉम., बी.बी.ए. एवं बी.सी.ए.प्रथम सेमेस्टर सत्र 2025-26 की परीक्षाओं हेतु कोर्स चयन एवं परीक्षा फार्म भरने की प्रक्रिया समर्थ पोर्टल पर 12 नवम्बर 2025 से प्रारम्भ हो गई है।

विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, समर्थ पोर्टल पर यह प्रक्रिया 20 नवम्बर 2025 तक चलेगी। सभी छात्र-छात्राओं को निर्धारित तिथि के भीतर परीक्षा फार्म भरने और परीक्षा शुल्क जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।

विश्वविद्यालय ने सभी सम्बद्ध महाविद्यालयों को यह भी निर्देशित किया है कि केवल उन्हीं पाठ्यक्रमों या विषयों में परीक्षा फार्म भरें जिनकी मान्यता सत्र 2025-26 हेतु प्राप्त है। किसी भी प्रकार की त्रुटि या विचलन की स्थिति में संबंधित महाविद्यालय स्वयं उत्तरदायी होगा।

परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से परीक्षा फार्म भरने की प्रक्रिया का फ्लो चार्ट भी जारी किया गया है ताकि छात्र-छात्राएं एवं महाविद्यालयों को फार्म भरने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।

आधुनिक युग में ज्ञान नहीं, कौशल है असली पूंजी: प्रो. प्रदीप कुमार


पीयू में कैरियर निर्माण पर प्रेरणादायक व्याख्यान
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के सेंट्रल ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के तत्वावधान में बुधवार, 12 नवम्बर 2025 को बिल्डिंग कैरियर रेडी ग्रेजुएट स्टील फार द मार्डन वर्क फोर्स  विषय पर एक प्रेरणादायक व्याख्यान का सफल आयोजन किया गया।  
मुख्य वक्ता सेंट्रल ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के निदेशक प्रो. प्रदीप कुमार ने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धी दौर में केवल डिग्री या प्रमाणपत्र सफलता की गारंटी नहीं हैं। कंपनियाँ ऐसे युवाओं की तलाश में हैं जो तकनीकी दक्षता, संवाद कौशल, टीमवर्क और नेतृत्व क्षमता से लैस हों। उन्होंने विद्यार्थियों को सुझाव दिया कि समय प्रबंधन, समस्या समाधान और सतत सीखते रहने की प्रवृत्ति ही किसी भी करियर में सफलता की कुंजी है।  
प्रो. कुमार ने बताया कि सेंट्रल ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है। उद्देश्य केवल रोजगार उपलब्ध कराना नहीं, बल्कि छात्रों को “रोजगार देने योग्य” बनाना है। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे आत्मविश्वास के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना करें और हर अवसर का सदुपयोग करें। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक प्रश्न पूछे जिनका उत्तर प्रो. कुमार ने व्यावहारिक उदाहरणों सहित दिया। इस संवाद से छात्रों को उद्योग की वास्तविक आवश्यकताओं को समझने में मदद मिली।  इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार के अनेक शिक्षकगण, प्रशिक्षण समन्वयक एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। कार्यालय प्रभारी श्याम त्रिपाठी व छात्र सदस्य दिव्यांशु संजय, रुद्रांश चतुर्वेदी, हरि ओम साहू, शिवांश श्रीवास्तव, श्रेया मिश्रा समेत अनेक छात्र आयोजन में सक्रिय रूप से जुड़े रहे। कार्यक्रम का संचालन सेंट्रल ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल की टीम ने किया।

अनुशासन और समर्पण से बनेगी नई पहचानः कुलपति

पीयू में पहली बार एनसीसी प्रशिक्षण का आगाज़ 
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में विश्वविद्यालय के स्थापना के लगभग 38 वर्ष बाद पहली बार एनसीसी कैडेट्स के प्रथम वर्ष का प्रशिक्षण विश्वविद्यालय परिसर में प्रारंभ हुआ। प्रशिक्षण के प्रथम दिन आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम में कुलपति प्रो. वंदना सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।
उन्होंने नवप्रवेशित कैडेट्स को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सभी विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली एनसीसी बैच के सदस्य हैं, जो सदैव स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेगा। अनुशासन, समर्पण और निष्ठा का भाव जीवन के हर क्षेत्र में पढ़ाई, रोजगार और सामाजिक जिम्मेदारी में आपको आगे बढ़ाएगा।
विशिष्ट अतिथि प्रो. प्रमोद यादव, अधिष्ठाता छात्र कल्याण, ने कहा कि एनसीसी प्रशिक्षण प्राप्त करना बड़ी उपलब्धि है, जो छात्रों को विश्वविद्यालय में विशिष्ट पहचान दिलाएगा। उन्होंने कहा कि अनुशासनप्रिय यह छात्र समूह भविष्य में परिसर का मान बढ़ाएगा।
एनसीसी प्रभारी डॉ. मनोज कुमार पाण्डेय ने अतिथियों और यूपी 98 बटालियन एनसीसी के ट्रेनिंग ऑफिसर का स्वागत करते हुए कहा कि यह कार्यशाला कैडेट्स के जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ सिद्ध होगी, जिससे उनकी दिशा और दशा दोनों बदलेगी।
उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय की नवस्थापित एनसीसी इकाई यूपी 98 बटालियन, जौनपुर के कमांडिंग ऑफिसर आलोक सिंह धर्मराज और उनकी टीम के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण कार्य संचालित कर रही है।

पीयू बनेगा मौसम का प्रहरी, स्थापित होगा ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन


 किसानों को मिलेगा सटीक पूर्वानुमान, श्याम कन्हैया को मिली जिम्मेदारी
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय अब मौसम की सटीक जानकारी देने के आधुनिक युग में कदम रखने जा रहा है। परिसर में जल्द ही अत्याधुनिक ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन स्थापित होगा, जो हर पल के मौसम बदलावों पर वैज्ञानिक निगाह रखेगा।
कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह के प्रयासों से शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट जौनपुर और आसपास के जिलों के लिए एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि साबित होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्टेशन की स्थापना के लिए भूमि चिन्हांकन, तकनीकी परीक्षण और औपचारिकताएँ पूरी कर ली हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग की टीम द्वारा स्थल सर्वे भी संपन्न हो चुका है।
यह अत्याधुनिक स्टेशन तापमान, वर्षा, आर्द्रता, वायुदाब, हवा की दिशा और गति जैसी तमाम जानकारी स्वचालित रूप से एकत्र करेगा और सीधे केंद्रीय सर्वर पर भेजेगा। इसके माध्यम से मौसम पूर्वानुमान अधिक सटीक और वास्तविक समय पर उपलब्ध हो सकेगा।
कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह का कहना है कि “यह विश्वविद्यालय के ‘विज्ञान से समाज तक’ के विज़न को साकार करने वाला कदम है। इससे न केवल शोधार्थियों को उपयोगी डेटा मिलेगा बल्कि किसानों और आम नागरिकों को भी मौसम की तत्काल जानकारी प्राप्त होगी।”
विश्वविद्यालय की ओर से इस परियोजना की जिम्मेदारी देख रहे डॉ. श्याम कन्हैया सिंह ने बताया कि स्टेशन पूरी तरह स्वचालित होगा, जो बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के कार्य करेगा। नेटवर्क बाधित होने पर भी यह सुरक्षित डेटा संग्रहीत रखेगा और सौर ऊर्जा से संचालित रहेगा।
यह परियोजना कृषि, पर्यावरण, आपदा प्रबंधन और वैज्ञानिक शोध के सभी क्षेत्रों में उपयोगी सिद्ध होगी। सबसे अधिक लाभ किसान समुदाय को मिलेगा, जो अब वर्षा, तूफान या तापमान में बदलाव की सही जानकारी से अपनी फसलों की समयबद्ध योजना बना सकेंगे। जलवायु परिवर्तन के इस दौर में पूर्वांचल विश्वविद्यालय का यह कदम न केवल क्षेत्र की वैज्ञानिक प्रगति को नई दिशा देगा बल्कि किसानों की उम्मीदों को भी नई उड़ान देगा।

Tuesday, 11 November 2025

शरीर, मन और आत्मा का सामंजस्य है जरूरी –कुलपति


संतुलित जीवन शैली और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाये- डॉ. दिलीप 
मनोवैज्ञानिक प्राथमिक उपचार विशेष 6 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला की हुई शुरुआत

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अनुप्रयुक्त मनोविज्ञान विभाग एवं वेलनेस सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में मनोवैज्ञानिक प्राथमिक उपचार पर  छह दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ मंगलवार को हुआ। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 15 नवंबर 2025 तक विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किया जा रहा है। 
मंगलवार को रज्जू भैया भौतिक विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान में प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने कहा कि हमें जीवन में केवल खुशी पाने की इच्छा नहीं रखनी चाहिए, बल्कि जो काम हम कर रहे हैं उसे खुशी के साथ करना चाहिए। उन्होंने बताया कि जब हम पढ़ाई या ज्ञान प्राप्ति जैसे कार्यों को आनंदपूर्वक करते हैं, तो उसकी उत्पादकता स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी लाइफस्टाइल ऐसी होनी चाहिए, जिससे हमारा शरीर, मस्तिष्क और आत्मा तीनों प्रसन्न और समन्वित रहें। 
इस कार्यक्रम में  जौनपुर जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम के विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थ्य के विविध पहलुओं पर चर्चा की । मनोचिकित्सक डॉ. दिलीप कुमार चौरसिया ने कहा कि मानसिक रोगों का एक प्रमुख कारण जीवन में अनावश्यक तनाव लेना है। हमें प्रसन्न रहने के लिए संतुलित जीवन शैली और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिये।
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट राम प्रकाश पाल ने कहा कि जैसे शारीरिक बीमारियों का इलाज जरूरी है, वैसे ही मानसिक बीमारियों के लिए भी समाज को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा ‘स्टिग्मा’ (कलंक) तोड़ना जरूरी है। 
सामाजिक कार्यकर्ता मनोज वैज्ञानिक विकास सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित अभियान चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि परिवार का मानसिक स्वास्थ्य में बड़ा योगदान होता है। उन्होंने झाड़-फूंक जैसी पारंपरिक गलत धारणाओं से बचने की सलाह दी और ‘टेली-मानस’ कार्यक्रम की जानकारी दी, जिसके माध्यम से लोग फोन पर मानसिक स्वास्थ्य परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।
कार्यक्रम का उद्घाटन सत्र सोमवार की शाम विश्वविद्यालय परिसर स्थित द्रौपदी महिला छात्रावास में आयोजित किया गया था ।  समन्वयक प्रो. अजय प्रताप सिंह ने विषय प्रवर्तन किया । डॉ. आयोजन सचिव डॉ.अन्नू त्यागी ने मनोवैज्ञानिक प्राथमिक उपचार के सिद्धांत लुक, लिसन, लिंक को विस्तार पूर्वक बताया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मनोज पाण्डेय ने किया । इस अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. प्रमोद यादव, डॉ. शशिकांत यादव समेत विभिन्न संकायों के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

सकारात्मक सोच और जागरूकता से ही संभव है मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा: प्रो. वंदना सिंह


मनोवैज्ञानिक प्राथमिक उपचार (Psychological First Aid) विशेष 6 दिवसीय कार्यशाला हुई शुरुआत

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अनुप्रयुक्त मनोविज्ञान विभाग एवं वेलनेस सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में “Psychological First Aid (PFA) Training)” नामक छह दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। यह प्रशिक्षण 10 से 15 नवंबर 2025 तक विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किया जा रहा है।

इस प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रतिभागियों को मानसिक स्वास्थ्य संकट की स्थिति में त्वरित सहायता प्रदान करने की तकनीकों से परिचित कराना है, ताकि वे स्वयं एवं समाज के प्रति अधिक सजग और सहयोगी बन सकें।

कार्यक्रम का उद्घाटन सत्र विश्वविद्यालय परिसर स्थित द्रौपदी महिला छात्रावास में आयोजित किया गया। 
इस अवसर पर कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि मानसिक समस्याओं को पहचानना और उनसे निपटने के लिए जागरूक होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को किसी मानसिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो उसे अपने करीबी लोगों से साझा करने में हिचकिचाना नहीं चाहिए। प्रो. सिंह ने कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए सकारात्मक सोच और निरंतर प्रयास सबसे महत्वपूर्ण तत्व हैं। हमें अपने साथ-साथ अपने आसपास के लोगों को भी खुश रखना चाहिए। यह हम सभी के मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।
चीफ वार्डन प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, समन्वयक प्रो. अजय प्रताप सिंह, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव विषय से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए। आयोजन सचिव डॉ.अन्नू त्यागी ने मनोवैज्ञानिक प्राथमिक उपचार के सिद्धांत
“Look, Listen, Link”  को विस्तार पूर्वक बताया।
इस अवसर पर डॉ.झांसी मिश्रा, डॉ.निमिषा यादव,जया शुक्ला समेत तीनों महिला छात्रावास की छात्राएं उपस्थित रहीं।

Saturday, 1 November 2025

आई ट्रिपल ई स्थापना सप्ताह में छात्रों ने दिखाई तकनीकी प्रतिभा

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय में शनिवार को आई ट्रिपल ई (IEEE) स्टूडेंट ब्रांच द्वारा आई ट्रिपल ई स्थापना सप्ताह के अंतर्गत टेक क्वेस्ट (Technical Quiz Competition) का आयोजन किया गया। इस वर्ष के लिए आई ट्रिपल ई दिवस की थीम “प्रौद्योगिकी की सहायता से बेहतर भविष्य की कल्पना” (Imagining a Better Future with Technology) निर्धारित की गई है।

इसी थीम के तहत आयोजित टेक क्वेस्ट प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने अपनी रचनात्मकता, तकनीकी ज्ञान और समस्या समाधान क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता में तकनीकी विषयों पर नए और चुनौतीपूर्ण प्रश्न पूछे गए, जिनके प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक उत्तर दिए। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में तकनीकी नवाचार के प्रति रुचि और जागरूकता बढ़ाना था।

आई ट्रिपल ई स्टूडेंट ब्रांच विश्वविद्यालय में संकायाध्यक्ष प्रो. सौरभ पाल और कंप्यूटर साइंस विभागाध्यक्ष डॉ. विक्रांत भटेजा के मार्गदर्शन में सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। फैकल्टी कोऑर्डिनेटर श्री दिलीप यादव ने कहा कि “विश्वविद्यालय के छात्र तकनीकी कौशल के माध्यम से मानव जीवन को सरल बनाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए नवाचार की दिशा में कार्य कर रहे हैं।”

कार्यक्रम में निर्णायक मंडल में श्रीमती दीप्ति पांडे, श्री कृष्ण कुमार यादव और श्री प्रवीण पांडे उपस्थित रहे।
इस अवसर पर आई ट्रिपल ई स्टूडेंट ब्रांच के सदस्य अनुराग पाल, निहार, इप्सिता, आद्रीका, ऋचा, युगांत्रा, सृजन, अमन, शिवांश, सागर, हिमानी, अदिति, पवन, आंचल, विवेक सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन टीम के सदस्यों ने संयोजित ढंग से किया और समापन पर विजेताओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पूरे विश्वविद्यालय परिसर में तकनीकी नवाचार और उत्साह का माहौल देखने को मिला।