Sunday 16 November 2014

यूपी हिस्ट्री कांग्रेस का दो दिवसीय अधिवेशन सम्पन्न




वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में चल रहे दो दिवसीय यूपी हिस्ट्री कांग्रेस का रविवार को समापन हुआ। इसमें तकनीकी सत्रों में इतिहासकारों ने क्षेत्रीय इतिहास लेखन मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा की।
जेएनयू दिल्ली के वरिष्ठ प्रोफेसर यूपी अरोड़ा ने कहा कि कई ऐसे इतिहास के नायक है जिन्हें समय की प्रवृत्तियों ने दर किनार कर दिया। रूहेलखण्ड विवि बरेली के प्रो. अतुल सिन्हा ने इतिहास शोध के नए आयामों पर प्रकाश डाला। डाॅ. गामा यादव ने इतिहास निर्माण में स्थानीय सिक्कों की भूमिका पर बड़े रोचक तरीके से अपनी बात रखी। डाॅ. श्याम बिहारी लाल ने ‘ब्रह्मा की मूर्ति’ विषयक शोध पत्र प्रस्तुत किया।
डाॅ. सुधाकर श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आधुनिक इतिहास के विभिन्न क्षेत्रों पर चर्चा हुई। इसमें महिला सशक्तिकरण, दलित विमर्श, नमक सत्याग्रह में महिलाओं की भूमिका पर विशेष मंथन हुआ। ‘जौनपुर’ पर केन्द्रित शोध पत्र जनसंचार विभाग के प्राध्यापक डाॅ. मनोज मिश्र ने प्रस्तुत किया जिसे लोगों ने खूब सराहा।
सचिव प्रो. एसएनआर फारूकी ने कांग्रेस से जुड़े कई पहलुओं पर विचार रखा। आयोजन सचिव प्रवीण प्रकाश ने वक्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया। विभिन्न गतिविधियों में मुख्य रूप से प्रो. वीके सिंह, प्रो. एमपी सिंह, डाॅ. एके श्रीवास्तव, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. एसएनआर रिजवी, डाॅ. अविनाश पाथर्डिकर, डाॅ. रामविलास, डाॅ. राजकुमार सोनी, डाॅ. नुपुर तिवारी, डाॅ. संतोष कुमार, डाॅ. रजनीश भाष्कर, डाॅ. अमरेंद्र सिंह, डाॅ. सरिता सिंह, श्याम त्रिपाठी, आकांक्षा श्रीवास्तव समेत तमाम शिक्षक एवं शोधार्थी मौजूद रहे।




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