Tuesday 4 August 2015

सभी के साथ समान व्यवहार करती है प्रकृति: कुलपति

                                 एक छात्र एक पेड़ अभियान अन्तर्गत विश्वविद्यालय परिसर में हुआ पौधरोपण

विश्वविद्यालय परिसर में मंगलवार को एक छात्र एक पेड़ अभियान की शुरूआत कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने पौधरोपण कर की। नये सत्र में पर्यावरण संरक्षण के लिए विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारियों ने छात्रों के साथ पौधरोपण कर प्रकृति के प्रति जुड़ने का संकल्प दिलाया।
अभियान की शुरूआत करते हुए कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि प्रकृति सभी मानवों के साथ एक प्रकार का व्यवहार करती है। हमें जीवन के लिए पानी, हवा प्रकृति द्वारा ही प्राप्त होती है। प्रकृति उदार और ईमानदार है जो सहज सबके लिए उपलब्ध है। हमने अपने दैनिक जीवन में प्रकृति से बहुत कुछ लिया है। हमारा नैतिक दायित्व होता है कि प्रकृति को हम कुछ लौटायें। पौधरोपण कर हम इस नेक कार्य को हम कर सकते है। उन्होंने पौधरोपण करने वाले छात्रों से अपील की कि आज रोपित किये जाने वाले पौधों को गोद लेकर अपना नाम जोड़े और उसकी सेवा करते रहे।
कुलसचिव डा. बीके पाण्डेय ने कहा कि इस अभियान में जिन विद्यार्थियों ने पौधरोपण किया है उन्होंने एक पुनीत कार्य किया है। अब उनकी जिम्मेदारी है कि अगली पीढ़ी को हरा भरा पौधा सौंपकर जाय। वित्त अधिकारी एमके सिंह ने कहा कि वृक्षों के बिना जीवन संभव नहीं है। मानव को तपती गर्मी में वृक्ष की छांव ही राहत देती है। 

एक छात्र एक पेड़ अभियान के समन्वयक प्रो. बीबी तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय में पिछले वर्ष इस अभियान की शुरूआत हुई थी। इस वर्ष विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने इस सोच को पूरे देश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को अपने यहां संचालित करने के लिए कहा है। 
पौधरोपण अभियान के अन्तर्गत चरक छात्रावास, डा. सीवी रमन छात्रावास एवं विश्वकर्मा छात्रावास के समीप 350 पौधे लगाये गये। इनमें आम, जामुन, आंवला, अमरूद, ढिठोर, मौलश्री, नीम, कटहल आदि के पौधे शामिल थे। 

कार्यक्रम का संयोजन सुरजीत यादव, संचालन डा. एचसी पुरोहित एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. मानस पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर डा. अविनाश पार्थडिकर, डा. बीडी शर्मा, डा. मनोज मिश्रा, डा. आशुतोष सिंह, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. केएस तोमर, डा. सुनील कुमार, सुशील कुमार प्रजापति, डा. धर्मेंद्र सिंह, डा. विनय वर्मा, सुबोध पाण्डेय सहित विभिन्न संकायों के विद्यार्थी मौजूद रहे।


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