Tuesday 6 October 2015

नाटक प्रतियोगिता


विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अन्तर्गत झंकार प्रतियोगिता के छठें दिन सोमवार को संगोष्ठी भवन में नाटक प्रतियोगिताएं हुई। प्रतिभागियों ने नाटक के माध्यम से हंसाया, रूलाया और वहीं दूसरी ओर बहुत सारे सामाजिक मुद्दों पर सोचने को विवश भी कर दिया।

बतौर मुख्य अतिथि वित्त अधिकारी एमके सिंह ने कहा कि नाटक, साहित्य और समाज से जुड़ा व्यक्ति ही सफल हो सकता है। ऐसी विधाओं से जुड़े लोगों में जो प्रतिभा होती है वह उन्हें अन्य से अलग पंक्ति में खड़ा करती है। आज विद्यार्थियों ने जिस तरीके से नाटकों की प्रस्तुति कर मुद्दे उठाये है वह मर्मस्पर्शी है। नाटकों में आज के समाज की सच्ची तस्वीर दिखती है। 
जनसंचार विभाग के प्राध्यापक डा. मनोज मिश्र ने कहा कि नाटक भारतीय परम्परा में लम्बे समय से जीवित है। नाटक अभी भी जनसंवाद के दृष्टिकोण से आम लोगों में बहुत लोकप्रिय माध्यम है। रामलीला रासलीलाएं नाटक के सशक्त स्वरूप है जो समाज में आज भी विद्यमान है। 

संगोष्ठी भवन में नाटक, मूक अभिव्यक्ति, हांस्य नाटिका की कुल 13 प्रस्तुतियां हुई। बाॅयोटेक्नोलाॅजी 
विभाग के विद्यार्थियों द्वारा एक कदम स्वच्छता की ओर नाटक में स्वच्छता के विभिन्न मुद्दों को उठाया गया। ‘मेरी पहचान’ नाटक में उड़ान ग्रुप ने महिला करें सपना साकार का संदेश दिया। ‘उफ! ये टेक्नोलाॅजी’ नाटक में मोबाइल के बढ़ते प्रयोग से परिवार में बढ़ते तनाव को बड़े रोचक ढंग से प्रस्तुत किया। इसमें वाचक की भूमिका एहसान हाश्मी ने निभायी। यह दोनों नाटक जनसंचार विभाग के विद्यार्थी शायली मौर्य, मूलचन्द्र द्वारा लिखित थे। बाॅयोकमेस्ट्री के विद्यार्थियों ने ‘पानी रे पानी तेरा रंग कैसा’ नाटक में समाज के विविध रंगों को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। एमबीए के विद्यार्थियों ने भारतीय फौजी, एमबीई ने दहेज प्रथा, माइक्रोबाॅयोलाॅजी ने सर्व शिक्षा अभियान, मैनेजमेंट ने मास्टर जी के मास्टर माइंड, बाॅयोकमेस्ट्री के सब्सट्रैक्ट ग्रुप ने एंजाइम, एमएपी ग्रुप ने कन्या भ्रूण हत्या व सौतेली मां नाटक का मंचन हुआ। वहीं सेवन स्टार ग्रुप ने मूक अभिव्यक्ति के माध्यम से ट्रिब्यूट टू सोल्जर की प्रस्तुति की। एक हास्य नाटिका की भी प्रस्तुति हुई। 

प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में डा. एसपी तिवारी, डा. सुनील कुमार व डा. रजनीश भाष्कर रहे। प्रतियोगिता का संचालन डा. अवध बिहारी सिंह ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. एचसी पुरोहित ने किया। 
इस अवसर पर डा. आशुतोष सिंह, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, आलोक गुप्ता, रविप्रकाश, डा. रूश्दा आजमी, ऋषि श्रीवास्तव, सुबोध पाण्डेय, पंकज सिंह समेत विद्यार्थी उपस्थित रहे। 
नोट: सांस्कृतिक सचिव डा. एचसी पुरोहित ने बताया कि झंकार 2015 में हुई प्रतियोगिताओं का परिणाम निर्णायक मंडल से प्राप्त हो चुका है और स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को छह अक्टूबर को पुरस्कृत किया जाएगा।

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