Saturday 3 October 2015

झंकार 2015



सांस्कृतिक प्रतियोगिता झंकार 2015 के चौथे दिन प्रतिभागियों ने एकल व समूह गायन में सुरों की महफिल सजा दी। दर्द भरे नगमों के साथ ही साथ जोश भरने वाले देश भक्ति गीतों की प्रतिभागियों ने जोरदार प्रस्तुति की।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बाॅयोटेक्नोलाॅजी विभाग की शिक्षिका डा. वंदना राय ने कहा कि प्रतिभागियों के सुरों की कला देखकर अत्यंत आनंद व संतोष का अनुभव हुआ है। मंच पर प्रस्तुति करने से विद्यार्थियों में आत्म विश्वास की वृद्धि होती है जो उन्हें अन्य स्थितियों में भी मददगार साबित होती है। इस प्रतियोगिता में स्थान प्राप्त करना उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना अपनी बेहतर प्रस्तुति करना। सांस्कृतिक सचिव डा. एचसी पुरोहित ने कहा कि पिछले कई सालों से झंकार सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं आयोजित कर परिसर के विद्यार्थियों में सृजनधर्मिता का विकास करना हमारा उद्देश्य है।
चैथे दिन एकल व समूह गायन प्रतियोगिताएं आयोजित हुई जिसमें कुल 33 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। छात्रा अनम जेहरा रिजवी ने अपने सैय्यद वसीम द्वारा आतंकवाद के खिलाफ रचित कविता आतंकी हवाओं को हम हरगिज न देश में बहने न देंगे... की प्रस्तुति कर सबमें जोश भर दिया। प्रीति यादव ने ऐ मेरे वतन के लोगों, श्वेता अस्थाना ने सारे जहां के मालिक, लाल बहादुर ने ऐ मेरे प्यारे वतन, ममता ने भोजपुरी लोकगीत यही देशवा के एतना बड़ाई.., अमित कुमार ने प्रभु आपकी कृपा से..., दिव्या सेठी ने पंजाबी लोकगीत वेखो लाडला वतन मेरा गावे... एवं प्रियंका मिश्रा ने अमृत के धार केहू केतनो पिआयी... गीत प्रस्तुत कर सबको भाव विभोर कर दिया। त्रिमूर्ति ग्रुप की निवेदिता, दिव्या, स्वाती ने तेरी है जमीं, तेरा है आसमां... गीत प्रस्तुत कर ईश्वर में लीन कर दिया। 
इनके अतिरिक्त अन्य प्रतिभागियों ने भी अपनी प्रस्तुति दी। आज की प्रतियोगिताओं के निर्णायक मंडल में डा. एसपी तिवारी, शुभा मल्ल, अनामिका मिश्रा शामिल रहे। संचालन डा. राजेश शर्मा एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. दिग्विजय सिंह राठौर ने किया। इस अवसर पर डा. प्रदीप कुमार, डा. अवध विहारी सिंह, डा. रूश्दा आजमी, डा. झांसी मिश्रा, सुधीर उपाध्याय समेत शिक्षक, छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
झंकार में 04 अक्टूबर को प्रबंध अध्ययन संकाय में पर्यावरण प्रौद्योगिकी एवं ऊर्जा संरक्षण पर पोस्टर प्रतियोगिता होगी। वहीं 5 अक्टूबर को संकाय भवन में नाटक, हास्य नाटिका व मूक अभिव्यक्ति की प्रतियोगिताएं है। प्रतिभागी अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं। 
  

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