वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में 2 अक्टूबर को विश्वविद्यालय स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर गांधी वाटिका में विश्वविद्यालय के सदस्यों ने महात्मा गांधी की मूर्ति एवं लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। 2 अक्टूबर 1987 को विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी।पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने 29 वर्षों की यात्रा पूरी कर ली है.
इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो0 पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि महात्मा गाँधी सबसे पहले मानव की गरीबी से जुड़े फिर देश के संस्थानों से और फिर राष्ट्र के मुद्दों से जुड़े। गाँधी जी का मानवीय दृष्टिकोण सर्वोपरि था.गाँधी ने देशवासियों में राष्ट्रवाद की भावना पैदा करने के लिए सतत प्रयास किया। आज उनके आदर्श ही हमें शांति दे सकते है. भारत ही नहीं विश्व में गाँधी को आत्मसात करने वाले बड़ी संख्या में हैं. शास्त्री जी को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि शास्त्री जी ग़ांधी के मार्ग पर चले और पूरा जीवन सादगी में बिताया। गाँधी जी सत्य अहिंसा के प्रवर्तक थे और उनकी इस मशाल को शास्त्री जी ने आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय दिनों दिन नए प्रतिमान स्थापित करें इसके लिए सभी को मिलकर कार्य करने की जरुरत है. विश्वविद्यालय परिवार द्वारा राम धुन का सस्वर पाठ किया गया। विश्वविद्यालय के जगदम्बा प्रसाद मिश्र,राजनारायण सिंह, रमेश पाल एवं साथियों द्वारा रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम के गायन से पूरा परिसर गुंजायमान हो उठा।
इस अवसर पर प्रो0डी0डी0 दूबे,डॉ बी बी तिवारी, कुलसचिव डा देवराज,उप कुलसचिव संजीव सिंह, डा रजनीश भाष्कर,डॉ सुरजीत यादव, डा दिग्विजय सिंह,डा अवध विहारी सिंह,डॉ सुनील कुमार, डा के0एस0तोमर,विनोद तिवारी, राम जी सिंह,श्याम त्रिपाठी ,सुबोध पाण्डेय,अमलदार यादव,अनिल श्रीवास्तव,राजेश सिंह,राजेश जैन,पंकज सिंह सहित समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारी मौजूद रहे। संचालन अशोक सिंह ने किया।
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