Saturday 1 June 2019

अंतर्राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर जन जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन



दुग्ध उत्पादन से ग्रामीण आर्थिक रूप से होंगे संपन्न - कुलपति 

विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान के रिसर्च एवं इनोवेशन सेंटर में स्वयंक्षीर प्रोडक्शन कंपनी के संयुक्त तत्वावधान में   शनिवार को शुद्ध दूध के उत्पादन एवं खपत के लिए विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन  गया।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने कहा कि दूध ही नहीं प्रत्येक चीज में मिलावट एक गंभीर समस्या है उन्होंने कहा कि दूध का इस्तेमाल हर घर में होता है कोई भी घर इससे अछूता नहीं है । ऐसे में इसकी शुद्धता और इसमें मिलावट रोकने के प्रति हर व्यक्ति को सचेत रहना चाहिए। उन्होंने कहा यह हमारा देश गौ सेवा करने वालों का देश है. गौ सेवा करने वाले की हर कामना पूरी होती है इसलिए गाय को कामधेनु कहा गया। उन्होंने कहा कि  दूध के उत्पादन से ग्रामीण आर्थिक रूप से संपन्न होंगे और समाज को शुद्ध दूध मिल सकेगा। 

विशिष्ट अतिथि कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल ने कहा कि वर्ष २०१९ के दुग्ध दिवस की थीम ड्रिंक मिल्क टुडे एंड एवरी डे  है। इस थीम को सुनने और विचार करने के बाद मन में कई तरह के सवाल उठने लगते है। आज बाजार में दूध की भरमार है , लेकिन मिलावटी और  केमिकलयुक्त दूध का बहुत बड़ा काला बाजार है जिसे रोकने की जरुरत है. 
विशिष्ट अतिथि जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष  डॉ मनोज मिश्र ने कहा कि आयुर्वेद में तरह-तरह के जानवरों के दूध से रोगों का इलाज होता है उन्होंने महाकवि घाघ ने 12 महीने के खानपान का चित्रण करते हुए कहा कि जो नित्य शुद्ध गाय के दूध का सेवन करता है उसे  चिकित्सक  की कम जरुरत पड़ती है. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के संयुक्त स्वयंक्षीर  प्रोडूसर कंपनी के प्रबंध निदेशक राजारत्नम  ने कहा कि हमारी संस्था महिलाओं को गाय पालने के लिए देती है क्योंकि महिलाओं की भावना पशुओं से जुड़ी होती हैं और वह उनका सेवा भाव से पालन करती है। उन्होंने कहा कि हमारी सोच है कि जौनपुर में भी दूध का  उत्पादन बढ़ाया जाये।  इसके बाद ग्रामीण इलाकों से आये  पशुपालक प्रेरकों को कुलपति जी के द्वारा स्मृति चिह्न दिया गया। विषय प्रवर्तन डॉ विनय वर्मा ने किया।  संचालन डॉ दिग्विजय सिंह राठौर धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुनील कुमार ने किया। इस अवसर पर डॉ प्रमोद यादव, डॉ राजकुमार, डॉ विवेक कुमार पांडे, डॉ  नृपेंद्र सिंह, डॉ राजीव कुमार, आशुतोष सिंह  समेत आसपास के पशुपालक उपस्थित थे।

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