Tuesday 1 October 2019

श्री राम कथा अमृत वर्षा का तीसरा दिन



आज मनुष्य  दूसरे के सुख से दुखी है- आचार्य शांतनु


जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महंत अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में मंगलवार को श्री राम कथा अमृत वर्षा के तीसरे दिन आचार्य श्री शांतनु महाराज जी ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के जन्म लेते ही सभी मनोरथ पूरे हो गए।अयोध्या में जैसे था वैसे ही दौड़ पड़ा । यहीं भगवान के दर्शन की आचार संहिता है। उन्होंने कहा कि भगवान को पाने के लिए काम, क्रोध,मोह,लोभ को छोड़ने के लिए आप सद्मार्ग पर चलिए ये व्यसन  खुद ही आपको छोड़कर चला जाएगा । कामकाज को रामकाज बनाइए यहीं सूत्र वाक्य है।
उन्होंने कहा कि आज मनुष्य अपने दुख से दुखी नहीं है बल्कि दूसरे के सुख से दुखी है। वह दूसरों की  खुशी देखकर अवसाद में चला जा रहा है जो कि बड़ा दुर्भाग्य है.  राम राज्य में लोग  दूसरों के दुख में दुखी होते थे और दूसरों के सुख में सुखी।
व्यासपीठ पूजन में कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव, वित्त  अधिकारी एमके सिंह,प्रो बी बी तिवारी,प्रो अजय प्रताप सिंह, समन्यवक राकेश यादव, डॉ अनुराग मिश्र, नन्हकू सिंह, डॉ सुधांशु शेखर यादव, डॉ अजीत प्रकाश यादव, डॉ मिथिलेश दुबे, डॉ आशीष जायसवाल, रविंद्र तिवारी ने पूजन किया। संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र  ने किया। इस अवसर पर प्रो अविनाश पाथीडेकर, डॉ प्रमोद यादव, डॉ संदीप सिंह,डॉ नृपेंद्र सिंह, डॉ सुधीर उपाध्याय, प्रमेन्द्र सिंह, जगदम्बा मिश्र, रविंद्र तिवारी समेत तमाम लोग मौजूद रहे. 

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