Thursday 28 May 2020

सेमिनार में बायोफीड बैक और रिअटैच थेरेपी पर हुई चर्चा

अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन सेमिनार में मानसिक स्वास्थ्य पर वक्ताओं ने रखी बात

विश्वविद्यालय  के व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग द्वारा " उन्नत मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य: मनोचिकित्सा के क्षेत्र में नवीन प्रगति" विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार के दूसरे दिन मनोवैज्ञानिकों ने विस्तार से विषय पर चर्चा की।
गुरुवार को आयोजित सत्र में भारतीय काउंसलिंग साइकोलॉजी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आशुतोष श्रीवास्तव ने रिअटैच थिरेपी पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह थिरेपी मानसिक स्वास्थ्य समस्या में विकासात्मक समस्याओं और आत्मकेंद्रिता में मदद करता है। आज लोगों के जीवन में नीरसता देखने को मिलती है और उनका जुड़ाव कम होने लगता है इस थिरेपी से पुनः जुड़ाव आ जाता है।
उन्होंने कहा कि यह थिरेपी मानसिक रोगियों के अतिरिक्त ऐसे लोगों पर भी कारगर है जो तनावग्रस्त हैं।
इसी क्रम में समाधान केंद्र मेरठ की निदेशक नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉक्टर सीमा शर्मा ने कहा कि मनुष्य के सोचने के तरीके को बायोफीड बैक के इस्तेमाल से ठीक किया जा सकता है।इससे तनाव व घबराहट को भी दूर किया जा सकता है।
 संचालन सेमिनार की संयोजक व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर अन्नू त्यागी एवं तकनीकी सहयोग नैदानिक मनोवैज्ञानिक ज्योत्सना गुलाटी ने दिया| सेमिनार में  शिक्षक, विद्यार्थी, शोधार्थी एवं मनोवैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया।


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