Friday 29 May 2020

मनोवैज्ञानिक समस्याओं के समाधान की नवीन तकनीकी पर हुई चर्चा


तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन सेमिनार का हुआ समापन

विश्वविद्यालय के व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग द्वारा " उन्नत मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य: मनोचिकित्सा के क्षेत्र में नवीन प्रगति" विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार का समापन हुआ। 

मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय आगरा के वरिष्ठ नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ राकेश जैन द्वारा आज अंतरराष्ट्रीय बेविनार के तीसरे दिन कॉग्निटिव ड्रिल थेरेपी पर अपना व्याख्यान दिया|  डॉ राकेश जैन द्वारा इसे स्वयं विकसित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस चिकित्सा पद्धति में रोगी को अपने संवेगों को शब्दों के रूप में अभिव्यक्त करना होता है जिसके द्वारा उसके संज्ञानात्मक क्षमता को परखा जाता है। रोगी जब शब्दों को बार-बार दोहराता है तो वह अपने भय का सामना करने के लिए अपने आपको तैयार पाता है। कहा कि संज्ञानात्मक ड्रिल थेरेपी   से फोबिया, मनोग्रस्तता बाध्यता के रोगियों को ठीक किया जा रहा है।

सेमिनार में गौतम बुद्धा विश्वविद्यालय नोएडा के मनोविज्ञान एवं मानसिक स्वास्थ्य विभाग के डॉ आनंद प्रताप सिंह ने न्यूरोफीडबैक थेरेपी के लाभों पर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यह चिकित्सा पद्धति बिना किसी साइड इफेक्ट के मरीजों में घबराहट की बीमारी को दूर करने में कारगर साबित हो रही है। घबराहट की बीमारी को दूर करने के लिए दवाइयों का सेवन या अन्य चिकित्सा पद्धति में साइड इफेक्ट का खतरा रहता है और समय भी अधिक लगता है जबकि न्यूरोफीडबैक थेरेपी कम समय में मरीज को पूरी तरह ठीक कर रही है।

एमिटी विश्वविद्यालय, दुबई की डॉ अनुमेहा रॉय ने वर्तमान परिवेश में तनाव प्रबंधन की युक्तियों पर चर्चा की| डॉ राय  ने बताया कि हम हास्य को एक चिकित्सा पद्धति की तरह प्रयोग कर सकते हैं| कहा कि तनाव प्रबंधन की बहुत सारी मनोवैज्ञानिक युक्तियां हैं जो मनोविज्ञान के सिद्धांतों पर आधारित हैं। इनमें मुख्य रूप से डिसोसिएशन  तकनीक, ध्यान एवं योग, योग निद्रा, समय प्रबंधन आदि प्रमुख हैं कोई भी व्यक्ति इन तकनीकों का प्रयोग करके अपने तनाव का बेहतर तरीके से समाधान कर सकता है|

सेमिनार की संयोजक व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर अन्नू त्यागी ने संचालन एवं ज्योत्सना गुलाटी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। सेमिनार के आयोजन समिति में डॉ मनोज मिश्र, प्रो अजय प्रताप सिंह, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव,डॉ मनोज पांडे शामिल रहे।

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