Monday, 15 August 2022

स्वतंत्रता दिवस समारोह

                  विश्वविद्यालय में 100 फीट के ध्वज का हुआ लोकार्पण

                                        




वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने ध्वजारोहण किया। इस बार विश्वविद्यालय में 100 फीट के ध्वज का लोकार्पण किया गया। इसके पूर्व कुलपति ने महात्मा गांधी,  वीर बहादुर सिंह,  सरदार वल्लभभाई पटेल समेत अन्य महापुरुषों की मूर्तियों पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ के अमृत महोत्सव के अवसर पर कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को नमन करते हुए कहा कि आज इनकी वजह से हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। आजादी का अमृत महोत्सव का पूरे देश में जश्न मनाया जा रहा है ताकि देश के हर नागरिकों तक बलिदानों की गौरव गाथा पहुंचाई जा सके। उन्होंने शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थियों से कहा कि आपको जो काम मिला है उसे निष्ठापूर्वक करना ही असली देशभक्ति है। उन्होंने इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार के शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।

कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि आजादी का असली मतलब आत्मनिर्णय का अधिकार होता है। सैकड़ों साल की गुलामी के बाद हमें ये अधिकार मिला है। हमें इस जश्न को धूमधाम और सबकी सहभागिता से मनाना होगा। इसके पूर्व सरस्वती सदन से एकलव्य स्टेडियम तक प्रभातफेरी निकाली गई। पूरा परिसर देशभक्ति के नारे से गूंज उठा। इसके बाद महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी हाल में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।    ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रगान हुआ। विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्डों ने कुलपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। समारोह का संचालन राजनारायन सिंह ने किया। इस अवसर पर आभार हर घर तिरंगा के नोडल अधिकारी डा. मनोज मिश्र ने किया। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षक और कर्मचारियों को प्रशस्तिपत्र और अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय राय, कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, सहायक कुलसचिव अमृत लाल, अजीत सिंह, बबिता सिंह, दीपक सिंह चीफ प्रॉक्टर, चीफ वार्डन, समस्त संकायाध्यक्ष, समस्त विभागाध्यक्ष समेत शिक्षक, कर्मचारी और छात्र मौजूद थे।









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