Tuesday, 13 December 2022

पौधों की बीमारियों के पहचान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लाभकारी

वीर बहादुर पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संकाय भवन के कांफ्रेंस हाल में मंगलवार को एकीकृत कीट प्रबंधन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नैनो टेक्नोलॉजी के उपयोग पर विस्तार से चर्चा की गई. बतौर आमंत्रित वक्ता  गुरु नानक कॉलेज, चेन्नई के डॉक्टर प्रेम एम. मारन ने  कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  एक रचनात्मक उपाय है जो मशीनों मुख्य रूप से कंप्यूटर सिस्टम, रोबोटिक्स, डिजिटल उपकरण द्वारा मानवबुद्धि और क्षमताओं का अनुकरण करता है. उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग पौधों की बीमारियों  की तेजी से पहचान करके और एग्रोकेमिकल को कुशलता से लागू करके फसल प्रबंधन और उत्पादकता को अधिकतम करने के लिए संज्ञानात्मक कंप्यूटिंग के उपयोग किया जा रहा है. 

उन्होंने कहा कि विश्व स्तर बड़ी मात्रा में फसल  रोग और कीटों के कारण नष्ट हो रही है, हालांकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  ठीक करने में मदद कर रहा है। इसमें एक विशेष रूप तैयार किया गया ड्रोन  खेत में उड़ान भरता है उच्च गुणवत्ता के कैमरे  से ही पौधे की बीमारियों को पकड़ाता है और केमिकल्स द्वारा दूर करता है। साथ ही पर्यावरण के अनुकूल तरीकों  से तैयार किए गए  नैनो मटेरियल  के लाभों के बारे में भी बताया. 
वक्ता का स्वागत कार्यक्रम समन्वयक प्रो वंदना राय ने किया.  संचालन छात्रा  शरीयत फात्मा एवं  धन्यवाद प्रस्ताव प्रो. प्रदीप कुमार ने किया। इस अवसर पर प्रो प्रदीप कुमार, प्रो राजेश शर्मा, डॉ एस पी तिवारी, डॉ मनीष गुप्ता, डॉ विवेक, अमृता , श्वेता समेत विद्यार्थी उपस्थित रहे. 

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