भारतीय समृद्धि के लिए स्वदेशी तकनीक का विकास जरूरीः प्रो. वंदना सिंह
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक पर हुई संगोष्ठी
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर बुधवार को सेमिनार का आयोजन किया गया। इसका थीम " विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक " था। यह थीम सामाजिक कल्याण के लिए घरेलू तकनीकी समाधानों को बढ़ावा देने की देश की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि भारतीय समृद्धि के लिए स्वदेशी तकनीकी विकास अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वदेशी तकनीकी उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देकर हम अपनी आत्मनिर्भरता को मजबूत कर सकते हैं। स्वदेशी तकनीकी उत्पादन विशेष रूप से अर्थव्यवस्था को मजबूत और स्थिर बनाने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि आज विज्ञान के बिना हमारी जिंदगी में कुछ नहीं है। साथ ही विकसित भारत का सपना पूरा करने में विज्ञान और तकनीक का महत्वपूर्ण योगदान है। रमन प्रभाव दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है जो भारत के महान भौतिक वैज्ञानिक, सर चंद्रशेखर वेंकट रमन की जयंती के साथ-साथ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इंजीनियरिंग संस्थान के पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो. बीबी तिवारी ने कहा कि रमन प्रभाव समाज के लिए बहुत ही लाभकारी रहा है। उन्होंने सिग्नल के प्रभाव को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि हमें नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश और अनुसंधान को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, ताकि हम स्वदेशी तकनीकी विकास के क्षेत्र में मजबूत हो सकें। इस अवसर पर साउथ अफ्रीका के डॉ. सुनील चंद्रा ने कहा कि आदित्य एल-1 और एक्सपोजिट ब्रह्मांड को समझने में मदद करेंगे। इससे हमारी तकनीक का विकास होगा।
इस अवसर पर साउथ कोरिया के डॉ. विवेक शुक्ला ने कहा कि हाइड्रोजन एनर्जी पर विस्तार से प्रकाश डाला कहा कि भविष्य में प्रदूषण रहित ऊर्जा का यह मुख्य स्रोत होगा।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय में रंगोली, क्विज, क्रिएटिव पोस्टर, निबंध समेत कई प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर निबंध में स्मिथ यादव, क्रिएटिव पोस्टर में साइना अफरोज और आशुतोष सिंह, क्विज में निपुण प्रजापति और वैष्णवी सिंह, एक्सटेम्पोर में रश्मि मौर्या, रंगोली में सत्यम साहु, तनिष्क साहु, अमिषा सिंह, आराध्या सिंह प्रथम स्थान पर रहे। स्वागत रज्जू भैय्या संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद यादव और संचालन डॉ. रामांशु प्रभाकर सिंह और विषय प्रवर्तन डॉ. काजल डे ने और धन्यवाद ज्ञापन ड़ॉ. धीरेंद्र चौधरी ने किया। इस अवसर पर प्रो. देवराज सिंह, प्रो. मिथिलेश सिंह, प्रो. गिरधर मिश्रा, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. आलोक कुमार वर्मा, डॉ. पुनीत धवन, डॉ. नीरज अवस्थी, डॉ. सुजीत चौरसिया, डॉ. मिथिलेश यादव, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अनु त्यागी आदि उपस्थित थीं।
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