Thursday, 8 February 2024

मिसाइल तकनीकी में पॉलीमर नैनो कंपोजिट की भूमिका महत्वपूर्ण: डॉ मयंक द्विवेदी




वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान तथा एशियन पॉलीमर एसोसिएश, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में  फंक्शनल मैटेरियल पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन गुरुवार को किया गया। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि रक्षा सामग्री एंव भण्डार अनुसंधान तथा विकास स्थापना (डीएमएसआरडीई), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, (डीआरडीओ) कानपुर के डॉ. मयंक द्विवेदी ने कहा कि फंक्शनल पदार्थ का उपयोग करके युद्ध क्षेत्र में सैनिकों की रक्षा हेतु बुलेट प्रूफ जैकेट का निर्माण किया जा रहा है। फंक्शनल पदार्थ और पॉलीमर से बने बुलेट प्रूफ जैकेट वजन में हल्के होने के कारण सैनिकों हेतु सुविधाजनक होते हैं। उन्होंने कहा कि इस समय डीआरडीओ के द्वारा फंक्शन पदार्थ का प्रयोग करके वजन में विश्व में सबसे हल्के लेवल सिक्स बुलेट प्रूफ जैकेट का निर्माण किया जा रहा है जो की 6 स्नाइपर बुलेट व एलएमजी बुलेट का प्रतिरोध करने में सक्षम है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. राजाराम यादव ने फंक्शनल पदार्थ के आर्थिक महत्वों पर विस्तार से चर्चा किया । उन्होंने कहा कि किस प्रकार फंक्शनल पदार्थ पर शोध व पेटेंट कर हम विश्वविद्यालय को आर्थिक रूप से सशक्त बना सकते हैं । उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए विभिन्न प्रकार के फंक्शनल पदार्थ के विभिन्न प्रकार के उपयोग पर विस्तृत चर्चा किया । सम्मेलन के संरक्षक और आईआईटी दिल्ली के  प्रोफेसर व एशियन पॉलीमर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो. भुवनेश गुप्ता ने पॉलीमर की विभिन्न आयामों पर चर्चा किया तथा उन्होंने छात्रों को पॉलीमर के क्षेत्र में शोध से जुड़ने हेतु प्रेरित किया। प्रो गुप्ता ने एशियान पॉलीमर एसोसिएशन के स्थापना के संबंध में संबंध में कहा कि हमारा संगठन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पॉलीमर के विकास के क्षेत्र मे कार्य कर रहा है।उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहीं व सम्मेलन की मुख्य संरक्षक वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि फंक्शनल पदार्थ वर्तमान समय में विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग किये जा रहे हैं। पॉलीमर नैनो कंपोजिट का प्रयोग रक्षा क्षेत्र, संपोषणीय पर्यावरण विकास, उर्जा क्षेत्र, उत्प्रेरक आदि में किया जा रहा है। प्रो वंदना सिंह ने कहा कि फंक्शनल पदार्थ के क्षेत्र में यह सम्मेलन विज्ञान के क्षेत्र में विश्वविद्यालय को आगे ले जाएगा। प्रो.सिंह ने आयोजन समिति को शानदार सम्मेलन आयोजित करने के लिए बधाई व शुभकामनाएं दी।रज्जू भैया संस्थान के निदेशक व सम्मेलन के संयोजक डॉ. प्रमोद कुमार यादव ने अतिथियों का स्वागत किया। डॉ यादव ने बताया कि विभिन्न राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है । उद्घाटन सत्र का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन  आयोजन सचिव डॉ. नितेश जायसवाल ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्तअधिकारी संजय कुमार राय, प्रो. वंदना राय, प्रो अशोक श्रीवास्तव, प्रो अविनाश,  प्रो. देवराज सिंह, प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. मिथिलेश सिंह, डॉ.गिरधर मिश्रा, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ मिथिलेश यादव डॉ. पुनीत धवन, डॉ.दिनेश वर्मा, डॉ. अजीत सिंह, डॉ. श्याम कन्हैया सिंह डॉ.शशिकांत यादव, डॉ.नीरज अवस्थी, डॉ. सुजीत कुमार चौरसिया, डॉ. काजल कुमार डे, डॉ. धीरेंद्र चौधरी व बड़ी संख्या में प्रतिभागी उपस्थित रहे।

सर्ब, डीबीटी,  डीआरडीओ व सीएसआईआर कर रही है प्रायोजित

यह तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय,  साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (सर्ब),  विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, रक्षा एवं विकास अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ), रक्षा मंत्रालय, तथा वैज्ञानिक एवं औद्योगिक की अनुसंधान परिषद  (सीएसआईआर) के द्वारा प्रायोजित है।


 



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