योग हमारी भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग- कुलपति
मन को नियंत्रित करने के लिए योग करें- जय सिंह
- भारतीय संस्कृति और योग एवं लोक कलाओं का संरक्षण सत्रों का हुआ आयोजन
योग एवं भारतीय संस्कृति सत्र में संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि योग हमारी भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है. विद्यार्थी अपनी दिनचर्या में इसे शामिल कर तन और मन को शुद्ध रख सकते है. उन्होंने कहा कि भारत के ऋषियों ने भी योग के महत्व को बखूबी समझा है. योगाचार्य जय सिंह ने प्रतिभागियों को योग, ध्यान और प्राणायाम कराया. उन्होंने कहा कि मन को नियंत्रित करने के लिए योग करें. अवधूत भगवान राम पीजी कॉलेज अनपरा सोनभद्र के प्राचार्य डॉ अजय विक्रम सिंह ने युवाओं को भारत के महापुरुषों के बारे में बताया. जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो मनोज मिश्र ने विविध लोक कलाओं पर विस्तार से अपनी बात रखी और लोकगीतों को भी सुनाया. उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी लोकगीतों की मिठास को समझे. कार्यशाला के संयोजक डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने अतिथियों का स्वागत एवं आयोजन सचिव डॉ. सुनील कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस अवसर पर डॉ. राज कुमार सोनी, डॉ सुधाकर शुक्ल, डॉ. अवध बिहारी सिंह, डॉ. चन्दन सिंह, डॉ. सुरेन्द्र यादव, सोनम विश्वकर्मा, अमित मिश्रा समेत तमाम लोग उपस्थित रहे.
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